हिंदू धर्म-संस्कृति सार/चौदह रत्न
समुद्र मंथन में निकले चौदह रत्न -
हलाहल (विष) - शिव जी पी गये
कामधेनु (या सुरभि गाय) - ऋषियों को यज्ञादि के लिये दे दी गयी
लक्ष्मी - लक्ष्मीजी ने विष्णु का वरन किया
मणि (कौस्तुभ एवं पद्मराग) - विष्णु के लिये
अप्सरा (रम्भा)
वारुणी (कन्या, सुरा लिये हुए) - असुरों को दी गयी
हाथी (ऐरावत) - इन्द्र को दिया गया
कल्पवृक्ष या पारिजात,
पाञ्चजन्य शंख,
चन्द्रमा,
धनुष (सारंग)
घोड़ा (उच्चैश्रवा) - राजा बालि को दिया गया
धन्वन्तरि - अमृत लेकर आये
अमृत - देवताओं एवं दैत्यों को बांटी गयी