आईटीआई सामान्य विज्ञान एवं ट्रेड ज्ञान (इलेक्ट्रिशियन)

  • विद्युत ऊर्जा की इकाई किलोवाट घंटा (kWh) है।
  • लेड एसिड सेल का औसत विद्युत वाहक बल (e.m.f) 2.2 वोल्ट होता है।
  • चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा दाएँ हाथ के नियम से निर्धारित की जाती है।
  • किसी बैटरी की क्षमता डिस्चार्ज की दर पर निर्भर करती है।
  • तापमान बढ़ने से पदार्थ की इलेक्ट्रिक सामर्थ्य घटती है। (क्योंकि ताप बढने पर प्रतिरोध बढता है।)
  • विद्युत बैटरी एक युक्ति है जो रासायनिक क्रिया द्वारा विद्युत वाहक बल उत्पन्न करती है।
  • 1 किलो कैलोरी 4180 जूल के बराबर होती है।
  • 1 हॉर्स पावर 746 वाट के बराबर होता है।
  • विद्युत धारा की इकाई एम्पियर होती है।
  • वह बल जो विद्युत को चलाता है e.m.f. कहलाता है।
  • आर्मेचर का कम्यूटेटर, दिष्ट धारा देने में सहायता करता है।
  • घरेलू रेफ्रिजरेटर, वाष्प के कम्प्रेसन रेफ्रिजरेशन सिस्टम के सिद्धांत पर कार्य करता है।
  • प्रतिरोध वेल्डिंग के लिए निम्न वोल्टेज की आवश्यकता होती है।
  • आल्टरनेटर, A.C. जनित करता है।
  • किसी दाब कुण्डली में धारा सप्लाई वोल्टेज के समानुपाती होती है।
  • मूविंग आयरन यंत्र आकर्षण एवं विकर्षण प्रकार के होते है।
  • वोल्टमीटर की रेंज बढ़ाने के लिए वोल्टमीटर के साथ उच्च मान का प्रतिरोध जोड़ा जाता है।
  • मूविंग कॉयल यंत्र स्थायी चुम्बक और डायनेमो मीटर प्रकार के होते है।
  • एक स्थायी चुम्बक का चुम्बकत्व रहता है। जब चुम्बकत्वीय बल हटा दिया जाता है।
  • पेपर कन्डेंसर एक प्रकार का फिक्सड कंडेसर होता है।
  • लेड-एसिड बैटरी में प्रयुक्त इलेक्ट्रोलाइट सल्फ्यूरिक एसिड होता है।
  • धारा को DC कहा जाता है जब माप समय के साथ समान ही रहता है।
  • एक फेज A.C. मोटर में कन्डेन्सर फेज को विभक्त करने के लिए प्रयुक्त होता है।
  • तापमान बढ़ने से प्रतिरोध का तापमान गुणांक बढ़ता है।
  • वह मीटर जो वोल्टेज मापता है, वोल्टामीटर कहलाता है।
  • सिंगल फेज अल्टरनेटर की तुलना में तीन फेज अल्टरनेटर का तुल्यकाल सरल होता है।
  • कार्बन आर्क वेल्डिंग में इलेक्ट्रोड ऋणात्मक विभव पर रखे जाते है।
  • नट और वोल्ट को जोड़ने के लिए प्रक्षेप वेल्डिग का प्रयोग होता है।
  • धात्विक आर्क वेल्डिंग में प्रयुक्त इलेक्ट्रोड आवरण चढे होते है।
  • घरेलू रेफ्रिजेरेटरों में कंडेंसर रेफ्रिजरेटर के पीछे लगा होता है।
  • बुश बनाने के लिए कास्ट आयरन का प्रयोग किया जाता है।
  • पूर्ण तरंग ब्रिज रेक्टीफायर में चार डायोड प्रयोग किए जाते है।
  • डायोड में पिन के पास बिन्दु कैथोड दर्शाता है।
  • LED में पी० एन० जंक्शन होता है।
  • परिणामित्र का क्रोड सिलिकॉन इस्पात का बनाया जाता है।
  • सोल्डर वायर टिन और सीसा का मिश्रण होता है।
  • DC मशीन की पाश्र्वपथ विसर्पण का प्रतिरोध लगभग 2002 होता है।
  • AC मोटर एवं DC मोटर को यूनिवर्सल मोटर कहा जाता है।
  • क्रोमियम प्लेटिंग के लिए.एनोड एन्टमीनियल सीसा का बना होता है।
  • विद्युत शक्ति को मापने वाला मीटर वाटमीटर कहलाता है।
  • विद्युत परिपथ की धारा मापने के लिए प्रयुक्त मीटर आमीटर है।
  • दो फेज सप्लाई में बाईंडिंग का विद्युतीय विस्थापन 90° होता है।
  • चालक की लम्बाई बढ़ने से प्रतिरोध बढ़ता है।
  • AC को ट्रांसफार्मर द्वारा आसानी से घटाया बढ़ाया जा सकता है।
  • M.C. यंत्रों की तुलना में M.I. यंत्र की खपत अधिक होती है।
  • इलेक्ट्रॉन वोल्ट द्वारा ऊर्जा को मापा जाता है।
  • किसी चालक का प्रतिरोध उसकी लम्बाई के अनुक्रमानुपाती होता है, अर्थात् R ~ T
  • परमाणु के नाभिक का व्यास 10-14 मीटर होता है।
  • परमाणु के मूल कण प्रोटॉन, न्यूट्रॉन तथा इलेक्ट्रॉन है।
  • प्रतिरोध का SI मात्रक ओम होता है।
  • व्हीटस्टोन सेतु का उपयोग निम्न तथा उच्च दोनों प्रकार के प्रतिरोध मापन में होता है।
  • किसी सेल अथवा बैट्री का विद्युत वाहक बल मापने के लिए वोल्टतामापी का प्रयोग किया जाता है।
  • ए० सी० परिपथ के आयाम घटक का मान 1.414 होता है।
  • किसी आल्टरनेटर की घूर्णन दिशा फ्लेमिंग के दाँयें हाथ के नियम से ज्ञात किया जाता है।
  • 1 KHz आवृत्ति की तरंगदैर्ध्य 3x105 मी० होती है।
  • स्टार संयोजन का प्रयोग विद्युत वितरण प्रणाली में किया जाता है।
  • यूनिटी पावर फैक्टर पर कोण Q का मान 0° होता है।
  • 1 बैवर 8 मैक्सवैल के बराबर होता है।
  • किसी चुम्बकीय परिपथ में चुम्बकीय फ्लक्स को गतिमान करने वाला बल चुम्बकीय वाहक बल (mmf) कहलाता है।
  • लेंज का नियम, ऊर्जा संरक्षण सिद्धान्त से सम्बंधित है।
  • विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के खोजकर्ता फैराडे थे।
  • विधुत धारिता का SI मात्रक फैराडे होता है।
  • वायु तथा निर्वात का परावैद्युत नियतांक 1 होता है।
  • यदि C धारिता मान के दो संधारित्र श्रेणी क्रम में संयोजित हो तो उनकी तुल्य धारिता C/2 होगी।
  • पॉलिस्टर संधारित्र की कार्यकारी वोल्टता 400V डीसी होती है।
  • अधिक धारिता मान प्राप्त करने के लिए संधारित्रों को समान्तर-क्रम में संयोजित करना होता है।
  • RC परिपथ के समय नियतांक की गणना करने का सूत्र T = C.R होता है।
  • 1 फैराड, 9x1011 e.s.u. के बराबर होता है।
  • शंट का उपयोग धारामापी की माप सीमा बढ़ाने के लिए होता है।
  • किसी धारामापी की कुण्डली में एक्रॉस शंट का प्रयोग करने से उसकी माप सीमा बढ़ जाती है।
  • वोल्टमापी की सुग्राहिता, ओम प्रति वोल्ट में व्यक्त की जाती है।
  • धारामापी को श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है।
  • ए०सी०-डी०सी० वोल्टता, डी० सी० एम्पियर और ओम को मल्टीमीटर से मापा जाता है।
  • प्रतिरोधक द्वारा विद्युत उष्मीय के अन्तर्गत उत्पन्न उष्मा धारा के वर्ग के अनुक्रमानुपाती होती है।
  • सामान्य प्रकार का वोल्टमापी ए सी का R.M.S. मान मापता है।
  • वैद्युतिक-अपघटन प्रक्रिया के लिए डी० सी० स्त्रोत आवश्यक है।
  • विद्युतरंजन प्रक्रिया के लिए आवश्यक विद्युत सप्लाई डी० सी० होती है।
  • वोल्टमीटर में धात्विक वस्तु ऋणद इलेक्ट्रोड से संयोजित होती है।
  • धन आवेशयुक्त कण कैटायन कहलाते हैं।
  • लेड–एसिड सैल द्वारा उत्पन्न विद्युत वाहक बल का मान 2.2 V होता है।
  • सैलो के आन्तरिक प्रतिरोध के मान को कम करने के लिए उन्हें समानान्तर क्रम में जोड़ा जाता है।
  • लैड-एसिड का सैडीमेन्टेशन दोष क्षारीय सेल में भी पाया जाता है।
  • धात्विक वस्तु की सतह से चिकनाई हटाने के लिए उसे क्षारीय विलयन में डुबोया जाता है।
  • बैट्री आवेषण कार्य के लिए शंट जनित्र उपयुक्त होता है।
  • डी सी जनित्र, यांत्रिक ऊर्जा को वैद्युतिक ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
  • बड़े जनित्र में प्रयोग किये जोन वाले ब्रश ताँबे के होते है।
  • जनित्र में अवशिष्ट चुम्बकत्व समाप्त होने का कारण ओवर हीटिंग व हैमरिंग है।
  • शंट कुण्डलन का प्रतिरोध आर्मेचर कुण्डलन से अधिक होता है।
  • डी० सी० सिरीज मोटर के प्रचालन के लिए दो-बिन्दु स्टार्टर का प्रयोग किया जाता हैं।
  • प्रारंभ में डी० सी० मोटर के विरोधी वि० वा० बल का मान शून्य होता है।
  • 1 KWh बराबर 860 कैलोरी होता है।
  • ओवर लोड क्वायल (OLC) का कार्य ओवर लोड स्थिति में मोटर को 'ऑफ' करना है।
  • वेब बाइन्डिग में समान्तर पथों (A) की संख्या दो होती है।
  • आल्टरनेटर के रोटर डी० सी० सप्लाई प्रदान करने वाली युक्ति एक्साइटर कहलाती है।
  • भारत में मान्य फेज क्रम R-Y-B है।
  • प्रकाश का वेग 3x108 मी/से० होता है।
  • आल्टरनेटर द्वारा उत्पन्न वि० वा० बल की आवृत्ति पोल्स की संख्या तथा घूर्णन गति पर निर्भर करती है।
  • आल्टरनेटर्स के सिंक्रोनाइजेशन के लिए सामान्यत: डार्क तथा ब्राइट लैम्प विधि का प्रयोग किया जाता है।
  • ट्रांसफॉर्मर की दक्षता सामान्यतः 90% से 98% होती है।
  • 3-फेज की घूर्णन दिशा परिवर्तित करने के लिए किन्ही दो फेजों का संयोजन आपस में परिवर्तित करना पर्याप्त होता है।
  • यदि 3-फेज मोटर का एक फेज ओपन-सर्किट हो तो मोटर स्टार्ट तो हो जायेगी परन्तु लोड नहीं उठायेगी।
  • रनिंग अवस्था में मोटर की धारा ‘स्यटिंग' की तुलना में कम होती है।
  • ऑटो-ट्रांसफार्मर स्टार्टर का उपयोग 10 अश्व-शक्ति से अधिक की मोटर्स के साथ होता है।
  • D.O.L. का पूर्ण रूप 'डाइरेक्ट ऑन लाईन' है।
  • विद्युत भट्टी की दक्षता 75% से 100% होती है।
  • सोल्डरिंग प्रक्रिया में फिलर धातु के रूप में लेड-टिन का मिश्रधातु उपयोग होता है।
  • विद्युत आर्कभट्टी का तापमान मापने के लिए पायरोमटर उपयोग किया जाता है।
  • प्रत्यक्ष आर्क भट्टी की दक्षता सामान्यत: 5 से 10 टन होती है।
  • वैद्युतिक कार्यों के लिए प्रयुक्त सोल्डर में लैड तथा टिन का अनुपात 40:60 होता है।
  • प्रदीप्ति पूँज का मात्रक 'ल्यूमेन' होता है।
  • मरकरी (पारा) वाष्प लैम्प की औसत आयु 3000 घंटे होती हैं।
  • निर्वात बल्ब की तुलना में गैस युक्त बल्ब की दक्षता दो गुना होती है।
  • सोडियम वेपर लैम्प पूर्णरूप से प्रकाशित होने में 10 से 15 मिनट समय लगता है।
  • वातानुकूलन उपकरण की दक्षता टन में व्यक्त की जाती है।
  • एयर कंडीशनर में कम्प्रेसर तथा ब्लोअर को दो भिन्न मोटर्स से चलाया जाता है।
  • वाटर कूलर की क्षमता 'लिटर' में व्यक्त की जाती हैं।
  • ट्रॉजिस्टर में दो PN संगम होते है।
  • इन्सुलेशन के लिए स्पार्क प्लग में पोर्सेलिन का उपयोग किया जाता है।
  • फ्यूज तार सामान्यतः टिन-सीसा के मिश्रधातु से बनाए जाते है।
  • प्रकाश का रंग तरंगदैर्ध्य पर निर्भर करता है।
  • डी० सी० (D.C) शेट रिले पतले तार के बहुत से घेरे के बने होते है।

सामान्य विज्ञान (General Science) सम्पादन

  • 20Hz से नीचे की आवृत्ति वाले ध्वनि तरंगो को अवश्रव्य तथा 20Hz से 20000Hz के बीच की आवृत्ति वाले तरंगों को श्रव्य तरंग कहा जाता है। 20Hz से 20000Hz के बीच के ध्वनि तरंगो को मानव कान सुन सकता है। कुत्ता, बिल्ली एवं चमगादड़ आदि 20000Hz से उपर की तरंगों को सुन सकते है।
  • पराश्रव्य तरंगों का प्रयोग समुद्र की गहराई, ट्यूमर का पत्ता लगाने, वायुयान तथा घड़ियों के पुर्जो को साफ करने में किया जाता है।
  • ध्वनि की तीव्रता को डेसीबल में मापा जाता है।
  • साधारण बात-चीत के लिए ध्वनि की तीव्रता 30-40 डेसीबल होता है।
  • प्रतिध्वनि सुनने के लिए श्रोता एवं परावर्तक सतह के बीच कम-से-कम 16.5 मी० की दूरी होनी चाहिए।
  • लोलक का आवर्तकाल लोलक के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता है।
  • कान पर ध्वनि का प्रभाव 1/10 सेकेण्ड़ तक बना रहता है।
  • ध्वनि के अपवर्तन के कारण ध्वनि दिन की अपेक्षा रात में अधिक दूरी तक सुनाई पड़ता है।
  • दूरी मापने की सबसे बड़ी इकाई पारसेक है।
  • संवेग दुगुना करने पर गतिज ऊर्जा चार गुनी हो जाती है।
  • भूस्थिर उपग्रह पश्चिम से पूरब की ओर घुमता है।
  • वायुमंडलीय दाबमापी (बैरोमीटर) का पाठ्यांक जब एकाएक नीचे गिरता है, तो आँधी तथा जब धीरे-धीरे नीचे गिरता है, तो वर्षा आने की संभावना होती है।
  • आपेक्षिक घनत्व को हाइड्रोमीटर से मापा जाता है।
  • लोलक की लम्बाई बढ़ने पर आवर्तकाल बढ़ जाता है।
  • ध्वनि की चाल सबसे अधिक ठोस में होता है।
  • पारा 39 °C पर जमता है।
  • ठोसों में उष्मा का संचरण, चालन विधि द्वारा ही होता है।
  • सोनोमीटर एक स्वरमापी यंत्र है।
  • मनुष्य के शरीर का सामान्य तापमान 98.4°F (36.9 °C) होता है।

वस्तुनिष्ट प्रश्न सम्पादन

सही उत्तर का चयन कीजिये :

1. एक RC दोलक निम्न को प्रयुक्त करता है -

(क) एक RC संयोजन
(ख) दो RC संयोजन
(ग) कम से कम तीन संयोजन
(घ) या तो (क) अथवा (ख)

2. किसी D.C. मोटर को जब स्टार्ट किया जाता है तो आप पाते हैम कि वह एक झटके के साथ आरम्भ होती है । इस प्रभाव के लिए क्या दोष जिम्मेदार हो सकता है?

(क) लाइन वोल्टेज बहुत अधिक है
(ख) फील्ड वाइंडिंग का शॉर्ट सर्किट होना
(ग) गर्तमय स्टार्टर संपर्क टर्मिनल
(घ) कार्बन ब्रुशों की गलत श्रेणियाँ

3. एक FET एम्पलीफायर की लब्धि (गेन) निम्न को परिवर्तित करके बदला जा सकता है -

(क) गेट प्रतिरोध
(ख) gm
(ग) Ra
(घ) इनमें से कोई नहीं

4. एक DC मोटर के घूर्णन की गति

(क) फ्लेमिंग का दाँये हाथ का नियम
(ग) एम्पेयर का दाँये हाथ के ग्रिप का नियम के द्वारा निर्धारित की जाती है।
(ख) फ्लेमिंग का बाँये हाथ का नियम
(घ) मैक्सवेल का कॉर्क स्क्रू नियम

5. एक 220 V की DC मशीन की आर्मेचर प्रतिरोधकता 0.5 ओम की है। आर्मेचर धारा 20 एम्पेयर है। मशीन निम्न के समान के समान कार्य करता है- (i) जनरेटर (ii) मोटर, तो उसका पश्च विद्युतवाहक बल क्रमशः होगी -

(क) 220V, 210v
(ख) 210V, 230V
(ग) 200V, 230V
(घ) 190V, 240V

6. D.C मोटर, इस सिद्धान्त पर कार्य करती है कि -

(क) एक अपरिवर्ती चुम्बकीय क्षेत्र में रखा गया करंट संवाहित करने वाला चालक अपने ऊपर बल का अनुभव करता है
(ख) चालक गति करता है जब एक अपरिवर्ती चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाये
(ग) चुम्बकीय क्षेत्र परिवर्तनशील करंट के द्वारा सेट की जाती है जो चालक पर बल उत्पन्न करती।
(घ) दो करंट संवाहित करने वाले चालकों के द्वारा सेट किया गया संयोजित चुम्बकीय क्षेत्र उनके बीच बल उत्पन्न करता है।

7. एक DC शंट मोटर बिना भार के चल रही है। यदि फील्ड वाइंडिंग खुल जाती है तो -

(क) मोटर रुक जाएगी।
(ख) मोटर जल जाएगी
(ग) मोटर उच्च गति पर चलेगी
(घ) मोटर शोर करेगी।

8. 220 V, 10 HP की एक शंट मोटर की 0.2 ओम की एक आर्मेचर प्रतिरोधता है। यदि उसे बिना स्टार्टर के चालू किया जाय तो आरंभिक धारा कितनी होगी?

(क) 11 एम्पीयर्स
(ख) 110 एम्पीयर्स
(ग) 1100 एम्पीयर्स
(घ) 11000 एम्पीयर्स

9. D.C. मोटर में 3 पॉइंट के स्टार्टर की आरंभिक प्रतिरोधता किसके साथ जुड़ी होती है?

(क) आर्मेचर के पार सामानान्तर में ,
(ख) आर्मेचर के साथ श्रृंखला में
(ग) फील्ड वाइंडिंग के पार सामानांतर में
(घ) फील्ड वाइंडिंग के साथ श्रृंखला में

10. आईएस 2705 (भाग-1) - 1981 के अनुसार करंट ट्रांसफार्मर के गौण करंट का नियत किया गया मानक मान हो सकता है-

(क) 5 एम्पीयर अथवा 10 एम्पीयर :
(ख) 2.5 एम्पीयर अथवा 5 एम्पीयर
(ग) 1.5 एम्पीयर अथवा 6 एम्पीयर
(घ) 1 एम्पीयर अथवा 5 एम्पीयर

11. एकल फेज़ विभव ट्रांसफार्मर की नियत की गयी द्वितीयक वोल्टेज -

(क) 240V
(ख) 230
(ग) 115V
(घ) 110V

12. ट्रांसफार्मर की क्षमता उसकी इनपुट एवं आउटपुट शक्ति के ज्ञान द्वारा निर्धारित की जा सकती है। जब सम्पूर्ण दिन की कार्यक्षमता की गणना करते है तब इनपुट एवं आउटपुट की प्रयुक्त इकाई क्या लेते हैं?

(क) KVAR
(ख) KW ,
(ग) KVA
(घ) KWh

13. एक ट्रांसफार्मर में कन्जर्वेटर का कार्य-

(क) टैंक में आर्द्रता के प्रवाह से बचाव करना
(ख) टैंक में वायु के प्रवाह से बचाव करना
(ग) तेल के विस्तारण एवं संकुचन को नियंत्रित करना
(घ) शक्ति गुणक को बेहतर करना ,

14. 415V/240, 1KVA के ट्रांसफार्मर को एक D.C. आपूर्ति (सप्लाई) के साथ जोड़ा जाय तो क्या होगा?

(क) आउटपुट 240V होगी
(ख) आउटपुट 415V होगी
(ग) ट्रांसफार्मर जल सकता है
(घ) जैसा है वैसे ही रहेगा

15. सेकेंडरी साइड में ट्रांसफार्मर के EMF (Es) का समीकरण

(क) Es = 4.44 n f Np वोल्ट
(ख) Es = 4.44 A Bm f Ns वोल्ट
(ग) Es = 4.44 p m f Ng वोल्ट
(घ) Es = 4.44 p m f वोल्ट

16. बुखोज़ रिले का उपयोग उच्च क्षमता के शक्ति ट्रांसफार्मरों के साथ होता है। बुखोल्ज़ रिले का उद्देश्य

(क) टैंक में आर्द्रता के प्रवाह को रोकना है।
(ख) जब जड़ शॉर्ट सर्किट दोष घटित् होता है, ट्रांसफार्मर को वियोजित करना है।
(ग) संरक्षक टैंक से रोधक तेल को प्रवाहित करना है ।
(घ) तेल के टैंक के स्तर को नियंत्रित करना है ।

17. एक 5 KVA, 400V/200V का ट्रांसफार्मर की सेकेंडरी में 25 एम्पीयर धारा प्रवाहित हो रही है। प्राइमरी पक्ष में धारा का मान क्या होगा?

(क) 50 एम्पीयर
(ख) 25 एम्पीयर
(ग) 17.5 एम्पीयर
(घ) 12.5 एम्पीयर

18. पूर्ण तरंग दिष्टकारी को दी जाने वाली विद्युत आपूर्ति की आवृत्ति यदि 50 Hz है, तो फ़िल्टर के आउटपुट पर किस आवृत्ति की रिपल मिलेगी?

(क) 50 Hz
(ग) 100 Hz
(ख) 0 Hz
(घ) 75 Hz

19. एक CE एम्पलीफायर सर्किट में, एमिटर तथा ग्राउण्ड के बीच AC वोल्टेज -

(क) बहुत अधिक है।
(ख) उच्च अथवा न्यून हो सकती है।
(घ) सर्किट विन्यास पर निर्भर करती है।

20. अनन्त बस-बार के लिए कौन सा पदार्थ प्रयुक्त होता है?

(क) एल्युमीनियम
(ख) ताँबा
(ग) दोनों (क) तथा (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं

21. जब कुण्डली, चुम्बकीय फ्लक्स के समकोण पर गति कर रही होती है तब प्रेरित emf कितना होगा?

(क) दोलन करने वाली
(ख) न्यूनतम
(ग) शून्य
(घ) अधिकतम

22. इनमें से कौन, वायरिंग करने की एक पद्धति है?

(क) जॉइंट बॉक्स
(ख) टी सिस्टम
(ग) लूप इन सिस्टम
(घ) ये सभी

23. शून्य डिग्री कोण पर प्रेरित emf का परिमाण Ep = BLV sin (theta) सूत्र के द्वारा दिया जाता है -

(क) प्रेरित वोल्टेज
(ख) लूप घूर्णन का वेग
(ग) चुम्बकीय फ्लक्स घनत्व का मान
(घ) चुम्बकीय रेखाओं के द्वारा कटिंग बल का वेग

24. किसके अंतर्विनिमयन के द्वारा DC शंट मोटर के घूर्णन की दिशा को उलटा किया जा सकता है?

(क) आपूर्ति टर्मिनल्स
(ख) फील्ड टर्मिनल्स
(ग) वल मॅचर टर्मिनल्स
(घ) या तो फील्ड अथवा आर्मेचर टर्मिनल्स

25. एक dc मोटर की गति में वृद्धि करने पर -

(क) पश्च emf के साथ-साथ लाइन करंट भी बढ़ जाएगी ।
(ख) पश्च emf तथा लाइन करंट घट जायेंगे।
(ग) पश्च emf बढ़ेगी किन्तु लाइन करंट घट जायेगा
(घ) पश्च emf घटेगी किन्तु लाइन करंट बढ़ जायेगा