कृष्ण काव्य में माधुर्य भक्ति के कवि/कृष्णदास की रचनाएँ
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार (हिन्दी साहित्य का इतिहास :पृष्ठ १७६ ) निम्न तीन ग्रन्थ जो प्राप्य नहीं हैं :
- जुगल भान चरित्र
- भ्रमरगीत
- प्रेम तत्व-निरूपण
- स्फुट पद (वर्षोत्सव ग्रन्थों में संकलित)