गीता
श्लोक |
हिन्दी अनुवाद |
अंग्रेजी अनुवाद |
संजय उवाच- तं तथा कृपयाविष्टमश्रुपूर्णाकुलेक्षणम्। |
संजय बोले- |
Sanjaya said: Lord Krishna then addressed the following words to Arjuna, who was as mentioned before |
श्रीभगवानुवाच,
कुतस्त्वा कश्मलमिदं विषमे समुपस्थितम्। |
हे अर्जुन ! तुझे इस असमय में यह मोह किस हेतु से प्राप्त हुआ ? क्योंकि न तो यह श्रेष्ठ पुरुषों द्वारा आचरित है, न स्वर्ग को देने वाला है और न कीर्ति को करने वाला ही है। | Arjuna, how has this infatuation overtaken you at this odd hour ? It is shunned by noble souls; neither will it bring heaven, nor fame, to you. |