उत्तरकण्डं

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<poem>

[७८. अट्ठसत्तरिमो संधि]


रावणेॅण मरन्तें दिण्णु सुहु $ सुरह्ũ दुक्खु वन्धव-जणहेॅ रामहेॅ कलत्तु लक्खणहेॅ $ जउ अविचलु रज्जु विहीसणहेॅ


कण्ड ५, संधि ७८, कडवक १॒


{प॰च॰७८,१.१} जससेसीहूअऍ दहवयणेॅ $ पडिवण्णऍ दिणमणि-अत्थवणेॅ {प॰च॰७८,१.२} छप्पण्ण-सएहिॅ महा-रिसिहिॅ $ तव-सूरह्ũ णासिय-भव-णिसिहिॅ {प॰च॰७८,१.३} णामेण साहु अपमेयवलु $ थिउ णन्दण-वणेॅ मेरु व अचलु {प॰च॰७८,१.४} उप्पण्णु णाणु तहेॅ मुणिवरहेॅ $ एत्तहेॅ वि परम-तित्थङ्करहेॅ {प॰च॰७८,१.५} धण-कणय-रयण-कामिणि-पउरेॅ $ अइसुन्दरेॅ सुन्दररयण-पुरेॅ {प॰च॰७८,१.६} जे वन्दणहत्तिऍ तेत्थु गय $ ते इह वि पराइय अमर-सय {प॰च॰७८,१.७} एत्तहेॅ रहु-तणउ स-साहणु वि $ एत्तहेॅ इन्दइ घणवाहणु वि {प॰च॰७८,१.८} सयलेहिॅ वि वन्दणहत्ति किय $ रयणीयर पुणु वोल्लन्त थिय

घत्ता॒

{प॰च॰७८,१.९} "तुम्हागमु उग्गमु केवलहेॅ $ अण्णु एउ देवागमणु गय-दिवसेॅ भडारा होन्तु जइ $ तो मरन्तु किं दहवयणु"


कण्ड ५, संधि ७८, कडवक २॒

{प॰च॰७८,२.१} परमेसरु केवल-णाण-णिहि $ णिसियरहँ विअक्खइ धम्म-विहि {प॰च॰७८,२.२} "विसमहेॅ दीहरहेॅ अणिट्ठियहेॅ $ तिहुयण-वम्मीय-परिट्ठियहेॅ {प॰च॰७८,२.३} को काल-भुयङ्गहेॅ उव्वरइ $ जो जगु जेॅ सव्वु उवसङ्घरइ {प॰च॰७८,२.४} तहेॅ जहिॅ जहिॅ कहि मि दिट्ठि रमइ $ तहिॅ तहिॅ णं मइयवट्टु भमइ {प॰च॰७८,२.५} केॅ वि गिलइ गिलेॅवि केॅ वि उग्गिलइ $ काहि (?) मि जम्मावसाणेॅ मिलइ {प॰च॰७८,२.६} केॅ वि णरय-विलेॅहिॅ पइसेॅवि गसइ $ काहि (?) वि अणुलग्गउ ज्जेॅ वसइ {प॰च॰७८,२.७} केॅ वि कड्ढइ सग्गहेॅ वरि चडेॅवि $ केॅ वि खयहेॅ णेइ उप्परेॅ पडेॅवि {प॰च॰७८,२.८} केॅ वि घारइ घेॅरऍ पाव-विसेॅण $ केॅ वि भक्खइ णाणाविह-मिसेॅण

घत्ता॒

{प॰च॰७८,२.९} तहेॅ को वि ण चुक्कइ भुक्खियहेॅ $ काल-भुअङ्गहेॅ दूसहहेॅ जिण-वयण-रसायणु लहु पियहेॅ $ जें अजरामरु पउ लहहेॅ


कण्ड ५, संधि ७८, कडवक ३॒


{प॰च॰७८,३.१} जइ काल-भुअग्गु ण उवडसइ $ तो किं सुरवइ सग्गहेॅ खसइ {प॰च॰७८,३.२} कहिॅ रावणु सुरवर-डमर-करु $ दस-कन्धरु दस-मुहु वीस-करु {प॰च॰७८,३.३} वहुरूविणि जसु पेसणु करइ $ जसु णामें तिहुयणु थरहरइ {प॰च॰७८,३.४} जसु चन्दु ण णहयलेॅ तवइ रवि $ जमु तलवरु वत्थइँ धुवइ हवि {प॰च॰७८,३.५} जसु पङ्गणु वोहारइ पवणु $ कोसाणुपालु जसु वइसवणु {प॰च॰७८,३.६} घण छडउ देन्ति सरसइ झुणइ $ जसु वणसइ पुप्फच्चणु कुणइ {प॰च॰७८,३.७} सा सम्पय गय कहिॅ रावणहेॅ $ कहिॅ रावणु कहिॅ सुहु परियणहेॅ

घत्ता॒

{प॰च॰७८,३.८} अम्ह वि तुम्ह वि अवरह मि (?) $ सव्वइँ एक्कहिॅ मिलियाइँ पेक्खेसह्ũ काल-भुअङ्गमेॅण $ अज्ज व कल्ल व गिलियाइँ


कण्ड ५, संधि ७८, कडवक ४॒

{प॰च॰७८,४.१} सो काल-भुअङ्गमु दुव्विसहेॅ $ अण्णु वि विसमउ परिवारु तहेॅ {प॰च॰७८,४.२} अच्छइ परिवेढिउ सप्पिणिहिॅ $ विहिॅ ओसप्पिणि-अवसप्पिणिहिॅ {प॰च॰७८,४.३} एक्केक्कहेॅ तिण्णि तिण्णि समय $ सु-दु-पढम-समुत्तर-णाम णय {प॰च॰७८,४.४} ताहँ वि उप्पण्ण सट्ठि तणय $ संवच्छर-णाम पसिद्धि गय {प॰च॰७८,४.५} एक्केक्कहेॅ विण्णि कलत्ताइँ $ अयणइँ णामेण पहुत्ताइँ {प॰च॰७८,४.६} एक्केक्कहेॅ तहिॅ छ-च्छङ्गरुह $ फग्गुण-अवसाण चेत्त-पमुह {प॰च॰७८,४.७} एक्केक्कहेॅ तहेॅ वि धवल-कसण $ उप्पण्ण पुत्त दुइ दुइ जेॅ जण {प॰च॰७८,४.८} एक्केक्कहेॅ तहिॅ वि पाण-पियउ $ पण्णारह पण्णारह तियउ

घत्ता॒

{प॰च॰७८,४.९} ऍहु परियणु काल-भुअङ्गमहेॅ $ अवरु गणेॅवि कें सक्कियउ सो तेहउ तिहुअणेॅ को वि ण वि $ जो ण वि आएं डङ्कियउ


कण्ड ५, संधि ७८, कडवक ५॒

{प॰च॰७८,५.१} तं णिसुणेॅवि करुण-रसब्भइय $ इन्दइ-घणवाहण पव्वइय {प॰च॰७८,५.२} मय-कुम्भयण्ण-मारिच्चि तिह $ अवर वि णरिन्द अमरिन्द-णिह {प॰च॰७८,५.३} सहसत्ति जाय सीलाहरण $ आयास-वास कर-पावरण {प॰च॰७८,५.४} मन्दोयरि वय-गुण-वन्तियहेॅ $ कन्तियहेॅ पासेॅ ससिकन्तियहेॅ {प॰च॰७८,५.५} णिक्खन्त समउ अन्तेउरेॅण $ साहरणोत्तारिय-णेउरेॅण {प॰च॰७८,५.६} पव्वइउ को वि पव्वइउ ण वि $ णहेॅ णाइँ णिहालउ आउ रवि {प॰च॰७८,५.७} रवि उइउ विहीसणु गयउ तहिॅ $ णन्दण-वणेॅ जणयहेॅ तणय जहिॅ {प॰च॰७८,५.८} आहरणइँ वत्थइँ ढोइयइँ $ वइदेहिऍ ताइँ ण जोइयइँ

घत्ता॒

{प॰च॰७८,५.९} "मलु केवलु आयइँ सव्वइ मि $ जइ मणेॅ मलिणु मणम्मणउ णिय-पइहेॅ मिलन्तिहेॅ कुल-वहुहेॅ $ सीलु जि होइ पसाहणउ"


कण्ड ५, संधि ७८, कडवक ६॒


{प॰च॰७८,६.१} "जइ जामि आसि परिचत्त-भय $ तो सह्ũ हणुवन्तें किण्ण गय" {प॰च॰७८,६.२} "विणु णिय-भत्तारें जन्तियहेॅ $ कुलहरु जेॅ पिसुणु कुलउत्तियहेॅ {प॰च॰७८,६.३} पुरिसह्ũ चित्तइँ आसीविसइँ $ अलहन्त वि उद्दिसन्ति मिसइँ {प॰च॰७८,६.४} वीसासु जन्ति णउ इयरहु मि $ सुय-देवर-भायर-पियरहु मि" {प॰च॰७८,६.५} तं वयणु सुणेवि महासइहेॅ $ गउ पासु विहीसणु रहुवइहेॅ {प॰च॰७८,६.६} "अहेॅ अहेॅ परमेसर दासरहि $ पच्छऍ लङ्काउरि पइसरहि {प॰च॰७८,६.७} मिलि ताव भडारा जाणइहेॅ $ तरु दुत्तर-विरह-महाणइहेॅ {प॰च॰७८,६.८} चडु तिजगविहूसण-कुम्भयलेॅ $ मय-परिमल-मेलाविय-भसलेॅ" अत्ता


{प॰च॰७८,६.९} तं णिसुणेॅवि हलहरु चक्कहरु $ सीयहेॅ पासेॅ समुच्चलिय अहिसेय-समऍ सिरि-देवयहेॅ $ दिग्गय विण्णि णाइँ मिलिय


कण्ड ५, संधि ७८, कडवक ७॒


{प॰च॰७८,७.१} वइदेहि दिट्ठ हरि-हलहरेॅहिॅ $ णं चन्दलेह विहिॅ जलहरेॅहिॅ {प॰च॰७८,७.२} णं सरय-लच्छि पङ्कय-सरेॅहिॅ $ णं पुण्णिम विहिॅ पक्खन्तरेॅहिॅ {प॰च॰७८,७.३} णं सुर-सरि हिमगिरि-सायरेॅहिॅ $ णं णह-सिरि चन्द-दिवायरेॅहिॅ {प॰च॰७८,७.४} परिपुण्ण मणोरह जाणइहेॅ $ तरइ व लायण्ण-महाणइहेॅ {प॰च॰७८,७.५} णिय-णयण-सरासणि सन्धइ व $ पिउ पगुण-गुणेहिॅ णिवन्धइ व {प॰च॰७८,७.६} जस-कद्दमेॅ णं जगु लिम्पइ व $ हरिसंसु-पवाहें सिप्पइ व {प॰च॰७८,७.७} विज्जेइ व करयल-पल्लवेॅहिॅ $ अच्चेइ व णह-कुसुमेॅहिॅ णवेॅहिॅ {प॰च॰७८,७.८} पइसरइ व हियऍ हलाउहहेॅ $ करइ व उज्जोउ दिसामुहहेॅ

घत्ता॒

{प॰च॰७८,७.९} मेहलिऍ मिलन्तहेॅ रहुवइहेॅ $ सुहु उप्पण्णउ जेत्तडउ इन्दहेॅ इन्दत्तणु पत्ताहेॅ $ होज्ज ण होज्ज व तेत्तडउ


कण्ड ५, संधि ७८, कडवक ८॒


{प॰च॰७८,८.१} स-कलत्तउ लक्खणु पणय-सिरु $ पभणइ जलहर-गम्भीर-गिरु {प॰च॰७८,८.२} "जं किउ खर-दूसण-तिसिर-वहु $ जं हंसदीवेॅ जिउ हंसरहु {प॰च॰७८,८.३} जं सत्ति पडिच्छिय समर-मुहेॅ $ जं लग्ग विसल्ल करम्वुरुहेॅ {प॰च॰७८,८.४} जं रणेॅ उप्पण्णु चक्क-रयणु $ जं णिहउ वलुद्धरु दहवयणु {प॰च॰७८,८.५} जं देवि पसाएं तउ तणेॅण $ कुलु धवलिउ जाऍ सइत्तणेॅण" {प॰च॰७८,८.६} अहिवायणु किउ लक्खणेॅण जिह $ सुग्गीव-पमुह-णरवरहिॅ तिह {प॰च॰७८,८.७} सयल वि णिय-णिय-वाहणेॅहिॅ थिय $ पर-पुर-पवेस-सामग्गि किय {प॰च॰७८,८.८} जय-मङ्गल-तूरइँ ताडियइँ $ रिउ-घरिणिहिॅ चित्तइँ पाडियइँ घत्ता॒

{प॰च॰७८,८.९} पइसन्तहँ वल-णारायणहँ $ णयरु मणोहरु आवडिउ णं सुरह्ũ धरन्त-धरन्ताह्ũ $ तुट्टेॅवि सग्ग-कण्डु पडिउ


कण्ड ५, संधि ७८, कडवक ९॒


{प॰च॰७८,९.१} पइसन्तें वल-णारायणेॅण $ चव चालिय णायरियाणणेॅण {प॰च॰७८,९.२} "ऍहु सुन्दरि सोक्खुप्पायणहेॅ $ अहिरामु रामु रामा-यणहेॅ {प॰च॰७८,९.३} ऍहु लक्खणु लक्खण-लक्ख-धरु $ जूरावण-रावण-पलय-करु {प॰च॰७८,९.४} ऍहु भामण्डलु भा-भूस-भुउ $ वइदेहि-सहोयरु जणय-सुउ {प॰च॰७८,९.५} ऍहु किक्किन्धाहिउ दुद्दरिसु $ तारावइ तारावइ-सरिसु {प॰च॰७८,९.६} ऍहु अङ्गउ जेण मणोहरिहेॅ $ केसग्गहु किउ मन्दोयरिहेॅ {प॰च॰७८,९.७} ऍहु सुरवइ-करि-कर-पवर-भुउ $ णन्दण-वण-मद्दणु पवण-सुउ {प॰च॰७८,९.८} ऍहु कुमुउ विराहिउ णीलु णलु $ ऍहु गवउ गवक्खु सङ्खु पवलु"

घत्ता॒

{प॰च॰७८,९.९} तहिॅ कालेॅ लङ्क पइसन्ताहेॅ $ परम रिद्धि जा हलहरहेॅ सो अमराउरि भुञ्जन्ताहेॅ $ होज्ज ण होज्ज पुरन्दरहेॅ


कण्ड ५, संधि ७८, कडवक १०॒


{प॰च॰७८,१०.१} पइसरइ रामु रावण-भवणु $ दक्खवइ णिवाणइँ सयलु जणु {प॰च॰७८,१०.२} "इह मेह-उलेॅहिॅ दिज्जइ छडउ $ इह सक्कु पसाहइ गय-घडउ {प॰च॰७८,१०.३} किय अच्चण एत्थु वणस्सइऍ $ इह गाय्(?)अउ गेउ सरस्सइऍ {प॰च॰७८,१०.४} इह णिक्कउ करइ आसि पवणु $ इह भण्डागारिउ वइसवणु {प॰च॰७८,१०.५} इह वत्थइँ सिहिण पडिच्छियइँ $ सुर-वन्दि-सयइँ इह अच्छियइँ {प॰च॰७८,१०.६} अणवसरु पियामह-हरि-हरहेॅ $ अत्थाणु एत्थु दसकन्धरहेॅ {प॰च॰७८,१०.७} आयरणु एत्थु जम-तलवरहेॅ $ इह मेलउ णाग-णरामरहेॅ {प॰च॰७८,१०.८} इह णव-गह दमिय दसाणणेॅण $ इह अच्छिउ सह्ũ वणियायणेॅण"

घत्ता॒

{प॰च॰७८,१०.९} पेक्खन्तु णिवाणइँ रावणहेॅ $ कहि मि ण रहुवइ रइ करइ स-कलत्तु स-भाइ स-भिच्चयणु $ सन्ति-जिणालउ पइसरइ


कण्ड ५, संधि ७८, कडवक ११॒

{प॰च॰७८,११.१} थुओ सन्ति-णाहो $ कयक्खावराहो {प॰च॰७८,११.२} हयाणङ्ग-सङ्गो $ पभा-भूसियङ्गो {प॰च॰७८,११.३} दया-मूल-धम्मो $ पणट्ठट्ठ-कम्मो {प॰च॰७८,११.४} तिलोयग्ग-गामी $ सुणासीर-सामी {प॰च॰७८,११.५} महा-देव-देवो $ पहाणूढ-सेवो {प॰च॰७८,११.६} जरा-रोग-णासो $ असामण्ण-भासो {प॰च॰७८,११.७} समुप्पण्ण-णाणो $ कयङ्गि-प्पमाणो {प॰च॰७८,११.८} ति-सेयायवत्तो $ महा-रिद्धि-पत्तो {प॰च॰७८,११.९} अणन्तो महन्तो $ अ-कन्तो अ-चिन्तो {प॰च॰७८,११.१०} अ-डाहो अवाहो $ अ-लोहो अ-मोहो {प॰च॰७८,११.११} अ-कोहो अरोहो $ अ-जोहो अ-मोहो {प॰च॰७८,११.१२} अ-दुक्खो अ-भुक्खो $ अ-माणो समाणो {प॰च॰७८,११.१३} अ-जाणो सजाणो $ अ-णाहो वि णाहो

घत्ता॒

{प॰च॰७८,११.१४} थुइ एम करेॅवि किर वीसमइ $ ताव पडिच्छिय-पेसणेॅण स-कलत्तु स-लक्खणु स-वलु वलु $ णिउ णिय-णिलउ विहीसणेॅण


कण्ड ५, संधि ७८, कडवक १२॒


{प॰च॰७८,१२.१} सु-वियड्ढ वियड्ढाएवि लहु $ वर-जुवइह्ũ दसहिॅ सएहिॅ सह्ũ {प॰च॰७८,१२.२} दहि-दोव-जलक्खय-गहिय-कर $ गय तहिॅ जहिॅ हलहर-चक्कहर {प॰च॰७८,१२.३} आसीसहिॅ सेसहिॅ पणवणेॅहिॅ $ जय-णन्द-वद्ध-वद्धावणेॅहिॅ {प॰च॰७८,१२.४} उच्छाहेॅहिॅ धवलेॅहिॅ मङ्गलेॅहिॅ $ पडु-पडहेॅहिॅ सङ्खेॅहिॅ मन्दलेॅहिॅ {प॰च॰७८,१२.५} कइ-कहऍहिॅ णड-णट्टावऍहिॅ $ गायण-वायण-फम्फावऍहिॅ {प॰च॰७८,१२.६} णर-णायर-वम्भण-घोसणेॅहिॅ $ अवरेॅहि मि चित्त-परिओसणेॅहिॅ {प॰च॰७८,१२.७} मन्दिरु पइसरइ विहीसणहेॅ $ मज्जणउ भरिउ रहु-णन्दणहेॅ {प॰च॰७८,१२.८} पुणु ण्हवणासण-परिहावणेॅहिॅ $ दसकण्ठ-कोस-दरिसावणेॅहिॅ

घत्ता॒

{प॰च॰७८,१२.९} गउ दिवसु सव्वु पाहुण्णऍण $ लब्भइ तो वि पमाणु ण वि "सुहु सुअउ सीय सह्ũ रहु-सुऍण" $ एम भणेॅवि णं ल्हिक्कु रवि


कण्ड ५, संधि ७८, कडवक १३॒


{प॰च॰७८,१३.१} तो भणइ विहीसणु "दासरहि $ अणुहुञ्जि भडारा सयल महि {प॰च॰७८,१३.२} सीय ऽग्ग-महिसि तुह्ũ रज्ज-धरु $ सोमित्ति मन्ति हũ आण-करु {प॰च॰७८,१३.३} रमणीय एह लङ्का-णयरि $ ऍहु तिजगविहूसणु पवर-करि {प॰च॰७८,१३.४} ऍहु पुप्फ-विमाणु पहाणु घरेॅ $ ऍउ चन्दहासु करवालु करेॅ {प॰च॰७८,१३.५} सिंहासण-छत्तइँ चामरइँ $ लइ उवसमन्तु रिउ-डामरइँ" {प॰च॰७८,१३.६} तं णिसुणेॅवि पभणइ दासरहि $ "अणुहुञ्जि विहीसणु तुह्ũ जेॅ महि {प॰च॰७८,१३.७} अम्हह्ũ घरेॅ भरहु जेॅ रज्ज-धरु $ जसु जणणिहेॅ ताएं दिण्णु वरु {प॰च॰७८,१३.८} तुम्हह्ũ घरेॅ तुज्झु जेॅ राय-सिय $ सइ जासु वियड्ढाएवि तिय

घत्ता॒

{प॰च॰७८,१३.९} णहेॅ सुरवर महियलेॅ मेरु-गिरि $ जाव महा-जलु मयरहरेॅ परिभमइ कित्ति जगेॅ जाव महु $ ताव विहीसण रज्जु करेॅ"


कण्ड ५, संधि ७८, कडवक १४॒


{प॰च॰७८,१४.१} अहिसेउ विहीसणेॅ आढविउ $ भामण्डलु कलसु लएवि थिउ {प॰च॰७८,१४.२} सुग्गीउ विराहिउ णीलु णलु $ दहिमुहु महिन्दु मारुइ पवलु {प॰च॰७८,१४.३} अट्ठहि मि तेहिॅ सुह-दंसणहेॅ $ पल्हत्थिय कलस विहीसणहेॅ {प॰च॰७८,१४.४} सइँ वद्धु पट्टु रहु-णन्दणेॅण $ वहु-दिवसेॅहिॅ राम-जणद्दणेॅण {प॰च॰७८,१४.५} जाउ वि माणियउ ण माणियउ $ ताउ वि तहिॅ तुरिउ पराणियउ {प॰च॰७८,१४.६} णं सुर-वहुअउ सग्गहेॅ चुअउ $ सीहोयर-वज्जयण्ण-सुअउ {प॰च॰७८,१४.७} कल्लाणमाल वणमाल तह $ जियपोम सोम जिण-पडिम जिह {प॰च॰७८,१४.८} कइपुङ्गम-दहिमुह-णन्दणिउ $ ससिवद्धण-णयणाणन्दणिउ


घत्ता॒

{प॰च॰७८,१४.९} वहु-विन्दइँ आयइँ अवरइ मि $ सव्वइँ तहिॅ जेॅ समागयइँ अच्छन्तहँ वल-णारायणहँ $ लङ्कहेॅ वरिसइँ छह गयइँ


कण्ड ५, संधि ७८, कडवक १५॒


{प॰च॰७८,१५.१} तहिॅ कालेॅ सुकोसल-राणियहेॅ $ णन्दण-विओय-विद्दाणियहेॅ {प॰च॰७८,१५.२} रत्तिन्दिहु पहु जोअन्तियहेॅ $ पन्थिय-पउत्ति-पुच्छन्तियहेॅ {प॰च॰७८,१५.३} घर-पङ्गणेॅ वायसु कुलकुलइ $ णं भणइ "माऍ रहुवइ मिलइ" {प॰च॰७८,१५.४} रिसि णारउ ताव पराइयउ $ थुउ पुच्छिउ "केत्तहेॅ आइयउ" {प॰च॰७८,१५.५} तेण वि णिय-वइयरु विमलु कउ $ "परमेसरि पुव्व-विदेहेॅ गउ {प॰च॰७८,१५.६} वन्दन्तहेॅ तेत्थु तित्थ-सयइँ $ सत्तारह वरिसइँ ववगयइँ {प॰च॰७८,१५.७} पुणु तेत्थहेॅ लङ्का-णयरि गउ $ जहिॅ लक्खण-चक्कें वइरि हउ {प॰च॰७८,१५.८} पडि पुव्व-विदेहु पराइयउ $ तेवीसह्ũ वरिसह्ũ आइयउ

घत्ता॒

{प॰च॰७८,१५.९} लक्खणु विसल्ल वइदेहि वलु $ लङ्कहिॅ रज्जु करन्ताइँ अच्छन्ति माऍ लुहि लोयणइँ $ तउ दक्खवमि जियन्ताइँ


कण्ड ५, संधि ७८, कडवक १६॒


{प॰च॰७८,१६.१} गउ लङ्क महा-रिसि मण-गमणु $ णिय-वेओहामिय-खर-पवणु {प॰च॰७८,१६.२} परिभमिर-भमर-झङ्कार-वरेॅ $ णीलुप्पल-वहु-रय-गन्ध-भरेॅ {प॰च॰७८,१६.३} तरु-तीर-लयाहरेॅ कुसुमहरेॅ $ जहिॅ अङ्गउ कीलइ कमल-सरेॅ {प॰च॰७८,१६.४} तिहुवण-परिभमिर-पियारऍण $ तहिॅ थाऍवि पुच्छिउ णारऍण {प॰च॰७८,१६.५} "किं कुसलु कुमार वियक्खणहेॅ $ वइदेहिहेॅ रामहेॅ लक्खणहेॅ" {प॰च॰७८,१६.६} तेण वि जिय-सयल-महाहवहेॅ $ पइसारिउ मन्दिरु राहवहेॅ {प॰च॰७८,१६.७} हलहरेॅण वि अब्भुत्थाणु किउ $ "आगमणु काइँ" एत्तिउ चविउ {प॰च॰७८,१६.८} तावसेॅण वुत्तु "तउ माइयहेॅ $ आयउ पासहेॅ अपराइयहेॅ {प॰च॰७८,१६.९} सा तुम्ह विओएं दुम्मणिय $ अच्छइ हरिणि व वुण्णाणणिय

घत्ता॒

{प॰च॰७८,१६.१०} सुहु एक्कु वि दिवसु ण जाणियउ $ पइँ वण-वासु पवण्णऍण अच्छइ कन्दन्ति स-वेयणिय $ णन्दिणि जिह विणु तण्णऍण"


कण्ड ५, संधि ७८, कडवक १७॒


{प॰च॰७८,१७.१} उम्माहिउ तं णिसुणेवि वलु $ वोल्लइ मउलाविय-मुह-कमलु {प॰च॰७८,१७.२} "अहेॅ मह-रिसि सुन्दरु कहिउ पइँ $ जइ अज्जु कल्लेॅ णउ दिट्ठ मइँ {प॰च॰७८,१७.३} तो दंसण-सल्ल-तिसाइयहेॅ $ उड्डन्ति पाण अपराइयहेॅ {प॰च॰७८,१७.४} णिय-जम्मभूमि जणणिऍ सहिय $ सग्गे वि होइ अइ-दुल्लहिय {प॰च॰७८,१७.५} लइ जामि विहीसण णियय-घरु $ पइँ मुऍवि अण्णु को सहइ भरु {प॰च॰७८,१७.६} छव्वरिसइँ एक्क-दिवस-समइँ $ ववगयइँ सुरिन्द-सुहोवमइँ {प॰च॰७८,१७.७} लब्भइ पमाणु सायर-जलहेॅ $ लब्भइ पमाणु वाणर-वलहेॅ {प॰च॰७८,१७.८} लब्भइ पमाणु लक्खण-सरहेॅ $ लब्भइ पमाणु दिणयर-करहेॅ

घत्ता॒

{प॰च॰७८,१७.९} लब्भइ पमाणु जिण-भासियह्ũ $ वयणह्ũ णिव्वुइ-गाराह्ũ परिमाणु विहीसण लद्धु ण वि $ णिरुवम-गुणहँ तुहाराह्ũ"


कण्ड ५, संधि ७८, कडवक १८॒


{प॰च॰७८,१८.१} तो भणइ विहीसणु पणय-सिरु $ थुइ-वयण-सहासुग्गिण्ण-गिरु {प॰च॰७८,१८.२} "जइ रहुवइ विजय-जत्त करहि $ तो सोलह वासर परिहरहि {प॰च॰७८,१८.३} हũ जाव करेमि पुणण्णविय $ उज्झाउरि सव्व सुवण्णमिय" {प॰च॰७८,१८.४} वल-लक्खण एव परिट्ठविय $ अग्गऍ वद्धावा पट्ठविय {प॰च॰७८,१८.५} पुणु पच्छऍ विज्जाहर-पवर $ णहयलु भरन्त णं अम्वुहर {प॰च॰७८,१८.६} ओवुट्ठु तेहिॅ कञ्चण-वरिसु $ किउ पुरवरु लङ्काउरि-सरिसु {प॰च॰७८,१८.७} घरेॅ घरेॅ मणिकूडागार किय $ घरेॅ घरेॅ णं णव-णिहि सङ्कमिय {प॰च॰७८,१८.८} पुरेॅ घोसण तो वि परिब्भमइ $ "सो लेउ लएवऍ जासु मइ"

घत्ता॒

{प॰च॰७८,१८.९} तं पट्टणु कञ्चण-धण-पउरु $ वहइ पुरन्दर-णयर-छवि देन्तउ जेॅ अत्थि पर सयलु जणु $ जसु दिज्जइ सो को वि ण वि


कण्ड ५, संधि ७८, कडवक १९॒


{प॰च॰७८,१९.१} गउ लङ्क विहीषणु भिच्च-वलु $ सोलहमऍ दिवसेॅ पयट्टु वलु {प॰च॰७८,१९.२} स-विमाणु स-साहणु गयण-वहेॅ $ दावन्तु णिवाणइँ पिययमहेॅ {प॰च॰७८,१९.३} "ऍहु सुन्दरि दीसइ मयरहरु $ ऍहु मलय-धराहरु सुरहि-तरु {प॰च॰७८,१९.४} किक्किन्ध-महिन्द-इन्दसइल $ इह तुलिय कुमारें कोडि-सिल {प॰च॰७८,१९.५} हũ लक्खणु एण पहेण गय $ एत्तहेॅ खर-दूसण-तिसिर हय {प॰च॰७८,१९.६} इह सम्वु-कुमारहेॅ खुडिउ सिरु $ इह फेडिउ रिसि-उवसग्गु चिरु {प॰च॰७८,१९.७} इह सो उद्देसु णियच्छियउ $ जियपोम-जणणु जहिॅ अच्छियउ {प॰च॰७८,१९.८} ऍहु देसु असेसु वि(?) चारु-चरिउ $ अइवीर-णराहिउ जहिॅ धरिउ

घत्ता॒

{प॰च॰७८,१९.९} तं सुन्दरि एउ जियन्तउरु $ जहिॅ वणमाल समावडिय लक्खिज्जइ लक्खण-पायवहेॅ $ अहिणव वेल्लि णाइँ चडिय


कण्ड ५, संधि ७८, कडवक २०॒


{प॰च॰७८,२०.१} रामउरि एह गुण-गारविय $ जा पूयण-जक्खें कारविय {प॰च॰७८,२०.२} ऍहु अरुणु गामु कविलहेॅ तणउ $ तहिॅ गलथल्लाविउ अप्पणउ {प॰च॰७८,२०.३} ऍहु दीसइ सुन्दरि विञ्झइरि $ जहिॅ वसिकिउ वालिखिल्लु वइरि {प॰च॰७८,२०.४} वइदेहि एउ कुव्वर-णयरु $ कल्लाणमाल जहिॅ जाउ णरु {प॰च॰७८,२०.५} ऍउ दसउरु जहिॅ लक्खणु भमिउ $ सीहोयर-सीहु समरेॅ दमिउ {प॰च॰७८,२०.६} ऍह सा गम्भीर समावडिय $ जहिॅ महु कर-पल्लवेॅ तुह्ũ चडिय {प॰च॰७८,२०.७} उहु दीसइ सव्वु सुवण्णमउ $ णिम्मविउ विहीसणेॅ णं णवउ {प॰च॰७८,२०.८} धूवन्त-धवल-धयवड-पउरु $ पिऍ पेक्खु अउज्झाउरि-णयरु"

घत्ता॒

{प॰च॰७८,२०.९} किर जम्म-भूमि जणणीऍ सम $ अण्णु विहूसिय जिणहरेॅहिॅ पुरि वन्दिय सिरेॅ स इँ भु व करेॅवि $ जणय-तणय-हरि-हलहरेॅहिॅ


[७९. एक्कूणासीमो संधि] ----------


सीयहेॅ रामहेॅ लक्खणहेॅ $ मुह-यन्द-णिहालउ भरहु गउ वुद्धिहेॅ ववसायहेॅ विहिहेॅ $ णं पुण्ण-णिवहु सवडम्मुहउ


कण्ड ५, संधि ७९, कडवक १॒


{प॰च॰७९,१.१} रामागमणेॅ भरहु णीसरियउ $ हय-गय-रह-णरिन्द-परियरियउ {प॰च॰७९,१.२} अण्णेत्तहेॅ सत्तुहणु स-वाहणु $ स-रहसु सालङ्कारु स-साहणु {प॰च॰७९,१.३} छत्त-विमाण-सहासइँ धरियइँ $ अम्वरेॅ रवि-किरणइँ अन्तरियइँ {प॰च॰७९,१.४} तूरइँ हयइँ कोडि-परिमाणेॅहिॅ $ दुन्दुहि दिण्ण गयणेॅ गिव्वाणेॅहिॅ {प॰च॰७९,१.५} जणवउ णिरवसेसु संखुब्भइ $ रह-गय-तुरऍहिॅ मग्गु ण लब्भइ {प॰च॰७९,१.६} णिवडिय एक्कमेक्क-भिडमाणेॅहिॅ $ पेल्लावेल्लि जाय जम्पाणेॅहिॅ {प॰च॰७९,१.७} कण्णताल-हय-महुअर-विन्दहेॅ $ भरहाहिउ उत्तरिउ गइन्दहेॅ {प॰च॰७९,१.८} हरि-वल स-महिल पुप्फ-विमाणहेॅ $ अवर वि णरवइ णिय-णिय-जाणहेॅ

घत्ता॒

{प॰च॰७९,१.९} केक्कय-सुऍण णमन्तऍण $ सिरु रहुवइ-चलणन्तरेॅ कियउ दीसइ विहिॅ रत्तुप्पलहँ $ णीलुप्पलु मज्झेॅ णाइँ थियउ


कण्ड ५, संधि ७९, कडवक २॒


{प॰च॰७९,२.१} जिह रामहेॅ तिह णमिउ कुमारहेॅ $ अन्तेउरहेॅ पघोलिर-हारहेॅ {प॰च॰७९,२.२} वलेॅण वलुद्धरेण हक्कारेॅवि $ सरहस णिय-भुव-दण्ड पसारेॅवि {प॰च॰७९,२.३} अवरुण्डिउ भायरु लहुवारउ $ मत्थऍ चुम्विउ पुणु सय-वारउ {प॰च॰७९,२.४} सय-वारउ उच्छङ्गेॅ चडाविउ $ सय-वारउ भिच्चह्ũ दरिसाविउ {प॰च॰७९,२.५} सय-वारउ दिण्णउ आसीसउ $ वरिस-सरिस-हरिसंसु-विमीसउ {प॰च॰७९,२.६} "भुञ्जि सहोयर रज्जु णिरङ्कुसु $ णन्द वद्ध जय जीव चिराउसु {प॰च॰७९,२.७} अच्छउ वीर-लच्छि भुव-दण्डऍ $ णिवसउ वसुह तुहारऍ कण्डऍ" {प॰च॰७९,२.८} एम भणेवि पगासिय-णामें $ पुप्फ-विमाणेॅ चडाविउ रामें

घत्ता॒

{प॰च॰७९,२.९} भरह-णराहिवु दासरहि $ लक्खणु वइदेहि णिविट्ठाइँ धम्मु पुण्णु ववसाउ सिय $ णं मिलेॅवि अउज्झ पइट्ठाइँ


कण्ड ५, संधि ७९, कडवक ३॒


{प॰च॰७९,३.१} तूरइँ हयइँ णिणद्दिय-ति-जयइँ $ णन्द-सुणन्द-भद्द-जय-विजयइँ {प॰च॰७९,३.२} मेह-मइन्द-समुद्द-णिघोसइँ $ णन्दिघोस-जयघोस-सुघोसइँ {प॰च॰७९,३.३} सिव-संजीवण-जीवणिणद्दइँ $ वद्धण-वद्धमाण-माहेन्दइँ {प॰च॰७९,३.४} सुन्दर-सन्ति-सोम-सङ्गीयइँ $ णन्दावत्त-कण्ण-रमणीयइँ {प॰च॰७९,३.५} गहिर-पसण्णइँ पुण्ण-पवित्तइँ $ अवराइँ वि वहुविह-वाइत्तइँ {प॰च॰७९,३.६} झल्लरि-भम्भा-भेरि-वमालइँ $ मद्दल-णन्दि-मउन्दा-तालइँ {प॰च॰७९,३.७} करडा-करडइँ(?) मũदा-ढक्कइँ $ काहल-टिविल-ढक्क-पडिढक्कइँ {प॰च॰७९,३.८} ढड्ढिय-पणव-तणव-दडि-दद्दुर $ डमरुअ-गुञ्जा-रुञ्जा वन्धुर

घत्ता॒

{प॰च॰७९,३.९} अट्ठारह अक्खोहणिउ $ रयणीयर-णयरहेॅ आणियउ अवरह्ũ तूरह्ũ तूरियह्ũ $ कइ कोडिउ किं परियाणियउ


कण्ड ५, संधि ७९, कडवक ४॒


{प॰च॰७९,४.१} जय-जय-कारु करन्तेॅहिॅ लोऍहिॅ $ मङ्गल-धवलुच्छाह-पओऍहिॅ {प॰च॰७९,४.२} अइहव-सेसासीस-सहासेॅहिॅ $ तोरण-णिवह-छडा-विण्णासेॅहिॅ {प॰च॰७९,४.३} दहि-दोवा-दप्पण-जल-कलसेॅहिॅ $ मोत्तिय-रङ्गावलि-णव-कणिसेॅहिॅ {प॰च॰७९,४.४} वम्भण-वयणुग्घोसिय-वेऍहिॅ $ कण्डिय-जजु-रिउ-सामा-भेऍहिॅ {प॰च॰७९,४.५} णड-कइ-कहय-छत्त-फम्फावेॅहिॅ $ लङ्खिय-वत्तारुहण-विहावेॅहिॅ {प॰च॰७९,४.६} भट्टेॅहिॅ वयणुच्छाह पढन्तेॅहिॅ $ वायालीस वि सर सुमरन्तेॅहिॅ {प॰च॰७९,४.७} मल्लप्फोडण-सरेॅहिॅ विचित्तेॅहिॅ $ इन्दयाल-उप्पाइय-चित्तेॅहिॅ {प॰च॰७९,४.८} मन्द-फेन्द-वन्देॅहिॅ कुद्दन्तेॅहिॅ $ डोम्वेॅहिॅ वंसारुहणु करन्तेॅहिॅ

घत्ता॒

{प॰च॰७९,४.९} पुरेॅ पइसन्तहेॅ राहवहेॅ $ ण कला-विण्णाणइँ केवलइँ दुन्दुहि ताडिय सुरेॅहिॅ णहेॅ $ अच्छरेॅहिॅ मि गीयइँ मङ्गलइँ


कण्ड ५, संधि ७९, कडवक ५॒


{प॰च॰७९,५.१} पुरेॅ पइसन्तेॅ राम-णारायणेॅ $ जाय वोल्ल वर-णायरिया-यणेॅ {प॰च॰७९,५.२} "ऍहु सो रामु जासु विहि वीयउ $ दीसइ णहेॅणावन्तु स-सीयउ {प॰च॰७९,५.३} ऍहु सो लक्खणु लक्खणवन्तउ $ जेण दसाणणु णिहउ भिडन्तउ {प॰च॰७९,५.४} ऍहु सो वहिणि विहीसण-राणउ $ सुव्वइ विणयवन्तु वहु-जाणउ {प॰च॰७९,५.५} ऍहु सो सहि सुग्गीवु सुणिज्जइ $ गिरि-किक्किन्ध-णयरु जो भुञ्जइ {प॰च॰७९,५.६} ऍहु सो विज्जाहरु भामण्डलु $ णं सुर-सामिसालु आहण्डलु {प॰च॰७९,५.७} ऍहु सो सहि णामेण विराहिउ $ दूसणु जेण महाहवेॅ साहिउ {प॰च॰७९,५.८} ऍहु सो हणुउ जेण वणु भग्गउ $ रामहेॅ दिण्णु रज्जु आवग्गउ३ {प॰च॰७९,५.९} जाम णयरु णाम-ग्गहणालउ $ तिण्णि मि ताव पइट्ठइँ राउलु

घत्ता॒

{प॰च॰७९,५.१०} वलु धवलउ हरि सामलउ $ वइदेहि सुवण्ण-वण्णु हरइ णं हिमगिरि-णव-जलहरहँ $ अब्भन्तरेॅ विज्जुल विप्फुरइ


कण्ड ५, संधि ७९, कडवक ६॒


{प॰च॰७९,६.१} तिण्णि वि गयइँ तेत्थु जहिॅ कोसल $ पण्ह-भरन्त-घण-त्थण-मण्डल {प॰च॰७९,६.२} साइउ दिण्णउ मणु साहारिय $ जिणवर-पडिम जेम जयकारिय {प॰च॰७९,६.३} ताऍ वि दिण्णासीस मणोहर $ "जाव महा-समुद्द स-महीहर {प॰च॰७९,६.४} धरइ धरत्ति जाव सयरायर $ जाव मेरु णहेॅ चन्द-दिवायर {प॰च॰७९,६.५} जाव दिसा-गइन्द गह-मण्डलु $ जाव सुरेॅहिॅ समाणु आहण्डलु {प॰च॰७९,६.६} जाव वहन्ति महाणइ-वत्तइँ $ जाव तवन्ति गयणेॅ णक्खत्तइँ {प॰च॰७९,६.७} ताव पुत्त तुह्ũ सिय अणुहुञ्जहि $ सीयाएविहेॅ पट्टु पउञ्जहि {प॰च॰७९,६.८} लक्खणु होउ ति-कण्ड-पहाणउ $ भरहु अउज्झा-मण्डलेॅ राणउ

घत्ता॒

{प॰च॰७९,६.९} कइकइ-केक्कय-सुप्पहउ $ तिण्णि वि पुणु तिहिॅ अहिणन्दियउ मेरुहेॅ जिण-पडिमाउ जिह $ सइँ इन्द-पडिन्देॅहिॅ वन्दियउ


कण्ड ५, संधि ७९, कडवक ७॒


{प॰च॰७९,७.१} हरि-हलहरेॅहिॅ तेत्थु अच्छन्तेॅहिॅ $ वहवेॅहिॅ वासरेहिॅ गच्छन्तेॅहिॅ {प॰च॰७९,७.२} भरहहेॅ राय-लच्छि माणन्तहेॅ $ तन्तावाय वे वि जाणन्तहेॅ {प॰च॰७९,७.३} तिविह-सत्ति-चउ-विज्जावन्तहेॅ $ पञ्च-पयारु मन्तु मन्तन्तहेॅ {प॰च॰७९,७.४} छग्गुण्णउ असेसु जुज्जन्तहेॅ $ तह सत्तङ्गु रज्जु भुञ्जन्तहेॅ {प॰च॰७९,७.५} वुद्धि-महागुण-अट्ठ वहन्तहेॅ $ दसमें भाएं पय पालन्तहेॅ {प॰च॰७९,७.६} वारह-मण्डल-चिन्त करन्तहेॅ $ अट्ठारह तित्थइँ रक्खन्तहेॅ {प॰च॰७९,७.७} एक्कहिॅ दिवसेॅ जाउ उम्माहउ $ कमल-सण्डु थिउ णाइँ हिमाहउ

घत्ता॒

{प॰च॰७९,७.८} "ते रह ते गय ते तुरय $ ते मिलिय स-किङ्कर भाइ-णर ताउ जणेरिउ सो जि हũ $ पर ताउ ण दीसइ एक्कु पर


कण्ड ५, संधि ७९, कडवक ८॒


{प॰च॰७९,८.१} जिह ण ताउ तिह हउ मि ण कालें $ पर वामोहिउ मोहण-जालें {प॰च॰७९,८.२} रज्जु धिगत्थु धिगत्थइँ छत्तइँ $ घरु परियणु धणु पुत्त-कलत्तइँ {प॰च॰७९,८.३} धण्णउ ताउ जेण परिहरियइँ $ दुग्गइ-गामियाइँ दुच्चरियइँ {प॰च॰७९,८.४} हũ पुणु कु-पुरिसु दुण्णय-वन्तउ $ अज्ज वि अच्छमि विसयासत्तउ {प॰च॰७९,८.५} मुणिहेॅ पासेॅ चिरु लइउ अवग्गहु $ "रामागमणेॅ होमि अ-परिग्गहु {प॰च॰७९,८.६} जहिॅ जेॅ दिवसेॅ तिण्णि वि णिद्दिट्ठइँ $ जहिॅ जेॅ दिवसेॅ णिय-णयरेॅ पइट्ठइँ {प॰च॰७९,८.७} तहिॅ जेॅ कालेॅ जं ण गउ तवोवणु $ मं वोल्लेसइ को इ अ-सज्जणु {प॰च॰७९,८.८} "दुट्ठ-सहाउ कसाएं लइयउ $ रामागमेॅ जि भरहु पव्वइयउ"

घत्ता॒

{प॰च॰७९,८.९} अग्ग-महिसि करेॅ जणय-सुय $ मन्तित्तणु देवि जणद्दणहेॅ अप्पुणु पालहि सयल महि $ हũ रहुवइ जामि तवोवणहेॅ


कण्ड ५, संधि ७९, कडवक ९॒


{प॰च॰७९,९.१} ताएं कवणु सच्चु किर जम्पिउ $ तुम्हहँ वणु महु रज्जु समप्पिउ {प॰च॰७९,९.२} तहेॅ अविणयहेॅ सुद्धि पर मरणें $ अहवइ घोर-वीर-तव-चरणें {प॰च॰७९,९.३} तेण णिवित्ति भडारा रज्जहेॅ $ एवहिॅ जामि थामि पावज्जहेॅ {प॰च॰७९,९.४} तो जिय-जाउहाण-सङ्गामें $ भरहु चवन्तु णिवारिउ रामें {प॰च॰७९,९.५} "अज्जु वि तुह्ũ जेॅ राउ ते किङ्कर $ ते गय ते तुरङ्ग ते रहवर {प॰च॰७९,९.६} ते सामन्त अम्हेॅ ते भायर $ सा समुद्द-परिअन्त-वसुन्धर {प॰च॰७९,९.७} छत्तइँ ताइँ तं जेॅ सिंहासणु $ तं चामीयर-चामर-वासणु {प॰च॰७९,९.८} भामण्डलु सुग्गीवु विहीसणु $ सयल वि तउ करन्ति घरेॅ पेसणु"

घत्ता॒

{प॰च॰७९,९.९} एव वि जं अवहेरि किय $ चल-वलय-मुहल-कल-णेउरहेॅ "जिह सक्कहेॅ तिह पडिखलहेॅ" $ आएसु दिण्णु अन्तेउरहेॅ


कण्ड ५, संधि ७९, कडवक १०॒


{प॰च॰७९,१०.१} जं आएसु दिण्णु वर-विलयह्ũ $ जाणइ-पमुहह्ũ गुण-गण-णिलयह्ũ {प॰च॰७९,१०.२} णह-मणि-किरण-करालिय-गयणह्ũ $ रमणावासावासिय-मयणह्ũ {प॰च॰७९,१०.३} थण-गयउर-पेल्लाविय-जोहह्ũ $ रूवोहामिय-सुरवहु-सोहह्ũ {प॰च॰७९,१०.४} सयल-कला-कलाव-कल-कुसलह्ũ $ मुह-मारुअ-मेलाविय-भसलह्ũ {प॰च॰७९,१०.५} भउह-सरासण-लोयण-वाणह्ũ $ केस-णिवन्धण-जिय-गिव्वाणह्ũ {प॰च॰७९,१०.६} विब्भाडिय-वम्मह-सोहग्गह्ũ $ लावण्णम्भ-भरिय-पुरि-मग्गह्ũ {प॰च॰७९,१०.७} तो कल्लाणमाल-वणमालहिॅ $ गुणवइ-गुणमहग्घ-गुणमालहिॅ {प॰च॰७९,१०.८} सल्ल-विसल्लासुन्दरि-सीयहिॅ $ वज्जयण्ण-सीहोयर-धीयहिॅ घत्ता॒

{प॰च॰७९,१०.९} वुच्चइ भरह-णराहिवइ $ "सर-मज्झेॅ तरन्त-तरन्ताइँ देवर थोडी वार वरि $ अच्छह्ũ जल-कील करन्ताइँ"


कण्ड ५, संधि ७९, कडवक ११॒

{प॰च॰७९,११.१} तं पडिवण्णु पइट्ठु महा-सरु $ जल-कीलहेॅ वि अचलु परमेसरु {प॰च॰७९,११.२} लग्गउ सुन्दरीउ चउ-पासेॅहिॅ $ गाढालिङ्गण-चुम्वण-हासेॅहिॅ {प॰च॰७९,११.३} हेला-हाव-भाव-विण्णासेॅहिॅ $ किलिकिञ्चिय-विच्छित्ति-विलासेॅहिॅ {प॰च॰७९,११.४} मोट्टाविय-कोट्टमिय-वियारेॅहिॅ $ विब्भम-वर-विव्वोक्क-पयारेॅहिॅ {प॰च॰७९,११.५} तो वि ण खुहिउ भरहु सहसुट्ठिउ $ अविचलु णं गिरि मेरु परिट्ठिउ {प॰च॰७९,११.६} अच्छइ जाव तीरेॅ सुह-दंसणु $ ताव महा-गउ तिजगविहूसणु {प॰च॰७९,११.७} णिय-आलाण-खम्भु उप्पाडेॅवि $ मन्दिर-सयइँ अणेयइँ पाडेॅवि {प॰च॰७९,११.८} परिभमन्तु गउ तं जेॅ महा-सरु $ भरहु णिएवि जाउ जाई-सरु {प॰च॰७९,११.९} "परम-मित्तु इहु अण्ण-भवन्तरेॅ $ णिवसिय सग्गेॅ वे वि वम्भोत्तरेॅ

घत्ता॒

{प॰च॰७९,११.१०} पुण्ण-पहावें सम्भविउ $ इहु णरवइ हũ पुणु मत्त-गउ" कवलु ण लेइ ण पियइ जलु $ अत्थक्कऍ थिउ लेप्पमउ


कण्ड ५, संधि ७९, कडवक १२॒


{प॰च॰७९,१२.१} करि सम्भरइ भवन्तरु जावहिॅ $ पुप्फ-विमाणु चडेप्पिणु तावहिॅ {प॰च॰७९,१२.२} लक्खण-राम पराइय भायर $ णं सञ्चारिम चन्द-दिवायर {प॰च॰७९,१२.३} णवर विसल्लासुन्दरि-वीयऍ $ भरह-णराहिवो वि सह्ũ सीयऍ {प॰च॰७९,१२.४} चडिउ महा-गऍ तिहुअणभूसणेॅ $ सुरवर-णाहु णाइँ अइरावणेॅ {प॰च॰७९,१२.५} पुरेॅ पइसन्तें जय-जय-सद्दें $ वन्दिण-वम्भण-तूर-णिणद्दें {प॰च॰७९,१२.६} तो आलाण-खम्भेॅ करेॅ आलिउ $ अविरलालि-रिञ्छोलि-वमालिउ {प॰च॰७९,१२.७} कवलु ण लेइ ण गेण्हइ पाणिउ $ कुञ्जर-चरिउ ण केण वि जाणिउ {प॰च॰७९,१२.८} कहिउ करिल्लेॅहिॅ पङ्कयणाहहेॅ $ "दुक्करु जीविउ वारण-णाहहेॅ"

घत्ता॒

{प॰च॰७९,१२.९} तं गयवर-वइयरु सुणेॅवि $ उप्पण्ण चिन्त वल-लक्खणह्ũ आयउ ताव समोसरणु $ कुलभूसण-देसविहूसणह्ũ


कण्ड ५, संधि ७९, कडवक १३॒

{प॰च॰७९,१३.१} रिसि-आगमणु सुणेॅवि परमन्तिऍ $ गउ रहु-णन्दणु वन्दणहत्तिऍ {प॰च॰७९,१३.२} गय सत्तुहण-भरह स-जणद्दण $ स-तुरङ्गम स-गइन्द स-सन्दण {प॰च॰७९,१३.३} भामण्डल-सुग्गीव-विराहिय $ गवय-गवक्ख-सङ्ख रहसाहिय {प॰च॰७९,१३.४} स-विहीसण णल-णीलङ्गङ्गय $ तार-तरङ्ग-रम्भ-पवणञ्जय {प॰च॰७९,१३.५} कोसल-कइकइ-केक्कय-सुप्पह $ सन्तेउर वइदेहि विणिग्गय {प॰च॰७९,१३.६} साहुह्ũ वन्दणहत्ति करेप्पिणु $ दस-पयारु जिण-धम्मु सुणेप्पिणु {प॰च॰७९,१३.७} पुच्छिउ जेट्ठ-महारिसि रामें $ "ऍहु करि तिजगविहूसणु णामें {प॰च॰७९,१३.८} कवलु ण लेइ ण ढुक्कइ सलिलहेॅ $ जेम महारिसिन्दु कलि-कलिलहेॅ"

घत्ता॒

{प॰च॰७९,१३.९} कुञ्जर-भरत-भवन्तरइँ $ अक्खियइँ असेसइँ मुणिवरेॅण केक्कइ-णन्दणु पव्वइउ $ सामन्त-सहासें उत्तरेॅण


कण्ड ५, संधि ७९, कडवक १४॒


{प॰च॰७९,१४.१} विक्कम-णय-विणय-पसाहिएण $ सामन्त-सहासें साहिएण {प॰च॰७९,१४.२} थिउ भरहु महारिसि-रूवु लेवि $ मणि-रयणाहरणइँ परिहरेवि {प॰च॰७९,१४.३} तहिॅ जुवइ-सऍहिॅ सह्ũ केक्कया वि $ थिय केसुप्पाडु करेवि सा वि {प॰च॰७९,१४.४} सो तिजगविहूसणु मरेॅवि णाउ $ वम्हुत्तरेॅ सग्गेॅ सुरिन्दु जाउ {प॰च॰७९,१४.५} भरहाहिवो वि उप्पण्ण-णाणु $ वहु-दिवसेॅहिॅ गउ लोगावसाणु {प॰च॰७९,१४.६} अहिसित्तु रामु विज्जाहरेहिॅ $ भामण्डल-किक्किन्धेसरेहिॅ {प॰च॰७९,१४.७} णल-णील-विहीसण-अङ्गएहिॅ $ दहिमुह-महिन्द-पवणङ्गएहिॅ {प॰च॰७९,१४.८} चन्दोयरसुय-जम्वुण्णएहिॅ $ अवरेहि मि भडेॅहिॅ सउण्णएहिॅ

घत्ता॒

{प॰च॰७९,१४.९} वद्धु पट्टु रहु-णन्दणहेॅ $ कञ्चण-कलसेॅहिॅ अहिसेउ किउ लक्खणु चक्क-रयण-सहिउ $ धर स-धर स इं भु ञ्जन्तु थिउ



[८०. असीइमो संधि] ----------


रहुवइ रज्जु करन्तु थिउ $ गउ भरहु तवोवणु दिण्ण विहञ्जेॅवि सयल महि $ सामन्तह्ũ जीवणु


कण्ड ५, संधि ८०, कडवक १॒


{प॰च॰८०,१.१} वसुमइ ति-कण्ड-मण्डिय हरिहेॅ $ पायाललङ्क चन्दोयरिहेॅ {प॰च॰८०,१.२} धण-कणय-समिद्धु पउर-पवरु $ सुग्गीवहेॅ गिरि-किक्किन्ध-पुरु {प॰च॰८०,१.३} ससि-फलिह-लिहिय-जस-सासणहेॅ $ लङ्काउरि अचल विहीसणहेॅ {प॰च॰८०,१.४} वण-भङ्गहेॅ भड-चूडामणिहेॅ $ सिरिपव्वय-मण्डलु पावणिहेॅ {प॰च॰८०,१.५} रहणेउर-पुरु भामण्डलहेॅ $ कइ-दीवु दिण्णु णीलहेॅ णलहेॅ {प॰च॰८०,१.६} माहिन्दि महिन्दहेॅ दुज्जयहेॅ $ आइच्च-णयरु पवणञ्जयहेॅ {प॰च॰८०,१.७} अवराह मि अवरइँ पट्टणइँ $ घर-सिहर-रविन्दु-विहट्टणइँ {प॰च॰८०,१.८} वलु जीवणु देइ विघोसइ वि $ "जो णरवइ हूवउ होसइ वि {प॰च॰८०,१.९} सो सयलु वि मइँ अब्भत्थियउ $ मा होउ को वि जगेॅ दुत्थियउ

घत्ता॒

{प॰च॰८०,१.१०} णाएं भाएं दसमऍण $ पय परिपालेज्जहेॅ देवहँ सवणहँ वम्भणहँ $ मं पीड करेज्जहेॅ


कण्ड ५, संधि ८०, कडवक २॒


{प॰च॰८०,२.१} पुणु पुणु अब्भत्थइ दासरहि $ "सो णरवइ जो पालेइ महि {प॰च॰८०,२.२} अणुरत्तु पयऍ णय-विणय-परु $ सो अविचलु रज्जु करेइ णरु {प॰च॰८०,२.३} जो घइँ पुणु देव-भोग हरइ $ वर-थावर-वित्ति-छेउ करइ {प॰च॰८०,२.४} सो खयहेॅ जाइ तिहिॅ वासरेॅहिॅ $ तिहिॅ मासहिॅ तिहिॅ संवच्छरेॅहिॅ {प॰च॰८०,२.५} जइ कह वि चुक्कु तहेॅ अवसरहेॅ $ तो अकुसलु अण्ण-भवन्तरहेॅ" {प॰च॰८०,२.६} सामन्त णिजन्तेॅवि राहवेॅण $ सत्तुहणु वुत्तु जीयाहवेॅण {प॰च॰८०,२.७} "ण पहुच्चइ काइँ एह पिहिमि $ सोमित्तिहेॅ तुज्झु मज्झु तिहि मि {प॰च॰८०,२.८} पयडिज्जइ तो इ मज्झेॅ जणहेॅ $ लइ मण्डलु जं भावइ मणहेॅ"

घत्ता॒

{प॰च॰८०,२.९} वुच्चइ सुप्पह-णन्दणेॅण $ "जइ महु दय किज्जइ तो वरि महुरायहेॅ तणिय $ महुराउरि दिज्जइ"


कण्ड ५, संधि ८०, कडवक ३॒


{प॰च॰८०,३.१} तो मणेॅ चिन्ताविउ दासरहि $ "दुग्गेज्झ महुर किह पइसरहि {प॰च॰८०,३.२} दुम्महु महु महु वि असज्झु रणेॅ $ अज्जु वि रावणु णउ मुउ जेॅ गणेॅ {प॰च॰८०,३.३} भय-भावि-भाणु-भा-भासुरेॅण $ जसु दिण्णु सूलु चमरासुरेॅण {प॰च॰८०,३.४} सो महुर-णराहिउ केण जिउ $ फणवइहेॅ फणामणि केण हिउ {प॰च॰८०,३.५} तुह्ũ अज्जु वि वालु कालु कवणु $ तियसहु मि भयङ्करु होइ रणु {प॰च॰८०,३.६} दुद्दम-दणु-देह-वियारणह्ũ $ किह अङ्गु समोड्डहि पहरणह्ũ" {प॰च॰८०,३.७} पणवेप्पिणु पभणइ सत्तुहणु $ "हũ देव णिरुत्तउ सत्तु-हणु {प॰च॰८०,३.८} जइ महुर-णराहिउ णउ हणमि $ तो रहुवइ पइ मि ण जय भणमि

घत्ता॒

{प॰च॰८०,३.९} पइसइ जइ वि सरणु जमहेॅ $ अहवइ जम-वप्पहेॅ जीय-महाविसु अवहरमि $ महुराहिव-सप्पहेॅ"


कण्ड ५, संधि ८०, कडवक ४॒


{प॰च॰८०,४.१} गज्जन्तु णिवारिउ सुप्पहऍ $ "किं पुत्त पइज्जा सम्पयऍ {प॰च॰८०,४.२} वोल्लिज्जइ तं जं णिव्वहइ $ भड-वोक्केॅहिॅ सुहडु ण जउ लहइ {प॰च॰८०,४.३} किं साहसु दिट्ठु ण भायरह्ũ $ किउ विहिॅ जेॅ विणासु णिसायरह्ũ {प॰च॰८०,४.४} किण्ण मुणिउ णिरुवम-गुण-भरिउ $ अणरण्णाणन्तवीर-चरिउ {प॰च॰८०,४.५} तउ दसरह-भरहहिॅ घोरु किउ $ इक्खुक्क-वंसु ऍहु एम थिउ {प॰च॰८०,४.६} तुह्ũ णवर करेसहि जम्पणउ $ तो वरि जसु रक्खिउ अप्पणउ {प॰च॰८०,४.७} जइ महु उप्पण्णु मणोरहेॅण $ जइ जणिउ जणेरें दसरहेॅण {प॰च॰८०,४.८} तो पउ वि म देहि परम्मुहउ $ पडिवक्खु जिणेसहि सम्मुहउ

घत्ता॒

{प॰च॰८०,४.९} केउ-सुमालालङ्करिय $ महु-राय-णिवासिणि पुत्त पयत्तें भुञ्जेॅ तुह्ũ $ तं महुर-विलासिणि"


कण्ड ५, संधि ८०, कडवक ५॒


{प॰च॰८०,५.१} आसीस दिण्ण जं सुप्पहाऍ $ वद्धारिय-णिय-गुण-सम्पयाऍ {प॰च॰८०,५.२} तो स-सरु सरासणु राहवेॅण $ दिज्जइ णिव्वूढ-महाहवेॅण {प॰च॰८०,५.३} लक्खणेॅण वि धणुहरु अप्पणउ $ दससिर-सिर-कमलुक्कप्पणउ {प॰च॰८०,५.४} णामेण कियन्तवत्तु पवलु $ सेणावइ दिण्णु समन्त-वलु {प॰च॰८०,५.५} सामन्तहँ लक्खें परियरिउ $ सत्तुहणु अउज्झहेॅ णीसरिउ {प॰च॰८०,५.६} सु-णिमित्तइँ हूअइँ जन्ताह्ũ $ सव्वइँ मिलन्ति सियवन्ताह्ũ {प॰च॰८०,५.७} उक्खन्धें दूरुज्झिय-सिवहेॅ $ गउ उप्परेॅ महुर-णराहिवहेॅ {प॰च॰८०,५.८} तो मन्तिहिॅ पभणिउ सत्तुहणु $ "जय णन्द वद्ध वहु-सत्तु-हणु

घत्ता॒

{प॰च॰८०,५.९} महु-मत्तहेॅ महुराहिवहेॅ $ चर-पुरिस-गविट्ठहेॅ अज्जु भडारा छ-द्दिवस $ उज्जाणु पइट्ठहेॅ


कण्ड ५, संधि ८०, कडवक ६॒


{प॰च॰८०,६.१} करेॅ लग्गइ जाव ण सूलु तहेॅ $ लइ ताव महुर महुराहिवहेॅ {प॰च॰८०,६.२} वयणेण तेण रहसुच्छलिउ $ पडिवण्णऍ अद्ध-रत्तेॅ चलिउ {प॰च॰८०,६.३} पुरेॅ वेढिऍ वारइँ रुद्धाइँ $ भय-विहलइँ संसऍ छुद्धाइँ {प॰च॰८०,६.४} किउ कलयलु तूरइँ आहयइँ $ विरसियइँ असङ्ख-सङ्ख-सयइँ {प॰च॰८०,६.५} धयरट्ठ-महागइ-गामिणिहिॅ $ परिगलिय-गब्भ-रिउ-कामिणिहिॅ {प॰च॰८०,६.६} दिढ-लोह-कवाडइँ फोडियइँ $ घर-सिहर-सहासइँ मोडियइँ {प॰च॰८०,६.७} णर-णायामर-दप्प-हरणइँ $ लइयइँ सावरणइँ पहरणइँ {प॰च॰८०,६.८} सिहि-जाला-माला-लीवियइँ $ घरेॅ घरेॅ जोऍवि मणि-दीवियइँ

घत्ता॒

{प॰च॰८०,६.९} सत्तुहणहेॅ पणमिय-सिरेॅहिॅ $ सामन्तेॅहिॅ सीसइ "पट्टणेॅ जिणवर-धम्मेॅ जिह $ महु कहि मि ण दीसइ"


कण्ड ५, संधि ८०, कडवक ७॒


{प॰च॰८०,७.१} सत्तुहणागमेॅ पवणञ्जयहेॅ $ महु-पुत्तहेॅ लवणमहण्णवहेॅ {प॰च॰८०,७.२} उप्पण्णु रोसु रहवरेॅ चडिउ $ सण्णाहु लइउ पर-वलेॅ भिडिउ {प॰च॰८०,७.३} किउ कलयलु तूर-रवब्भइउ $ सरवरेॅहिॅ कियन्तवत्तु छइउ {प॰च॰८०,७.४} तेण वि ओहामिय-सन्दणहेॅ $ धय-दण्डु छिण्णु महु-णन्दणहेॅ {प॰च॰८०,७.५} धणु ताडिउ पाडिउ आहयणेॅ $ दुव्वाएं णं मेहागमणेॅ {प॰च॰८०,७.६} तेण वि कियन्तवत्तहेॅ तणउ $ सह्ũ चिन्धें छिण्णु सरासणउ {प॰च॰८०,७.७} तें दूरु वरुज्झिय-पाण-भय $ धणुवेय-भेय-पर-पारु गय {प॰च॰८०,७.८} कण्णिय-खुरुप्प-कप्परिय-कवय(?) $ लोट्टाविय-सारहि पहय-हय

घत्ता॒

{प॰च॰८०,७.९} विहि मि परोप्परु वि-रहु किउ $ थिय वे वि गइन्देॅहिॅ साहुक्कारिय गयण-यलेॅ $ जम-धणय-सुरिन्देॅहिॅ


कण्ड ५, संधि ८०, कडवक ८॒


{प॰च॰८०,८.१} पचोइया गइन्दया $ मिलावियालि-विन्दया {प॰च॰८०,८.२} खयग्गि-पुञ्ज-दुस्सहा $ गिरि व्व तुङ्ग-विग्गहा {प॰च॰८०,८.३} वलाहय व्व गज्जिया $ जियारि सारि-सज्जया {प॰च॰८०,८.४} मइल्ल-गिल्ल-गण्डया $ धुणन्त-पुच्छ-दण्डया {प॰च॰८०,८.५} करग्गि-छित्त-अम्वरा $ कयम्वुवाह-डम्वरा {प॰च॰८०,८.६} स-ढक्क ढुक्क दुज्जया $ झणज्झणन्त-गेज्जया {प॰च॰८०,८.७} विवक्ख-तिक्ख-कण्टया $ टणट्टणन्त-घण्टया {प॰च॰८०,८.८} विसाण-भिण्ण-दिम्मुहा $ रयङ्घि-पुक्खराउहा

घत्ता॒

{प॰च॰८०,८.९} ताव कियन्तवत्त-भडेॅण $ रिउ आहउ सत्तिऍ पडणत्थवणइँ दावियइँ $ णं सूरहेॅ रत्तिऍ


कण्ड ५, संधि ८०, कडवक ९॒


{प॰च॰८०,९.१} जं लवणमहण्णउ णिहउ रणेॅ $ तं महुर-णराहिउ कुइउ मणेॅ {प॰च॰८०,९.२} आरुहिउ महा-रहेॅ जुप्पि हय $ उब्भविय-धवल-धूवन्त-धय {प॰च॰८०,९.३} दुद्दम-णरिन्द-णिद्दारणह्ũ $ रहु भरिउ अणन्तह्ũ पहरणह्ũ {प॰च॰८०,९.४} हय समर-भेरि अमरिस-चडिउ $ स-रहसु कियन्तवत्तहेॅ भिडिउ {प॰च॰८०,९.५} "महु तणउ तणउ जिह णिहउ रणेॅ $ तिह पहरु पहरु दिढु होहि मणेॅ" {प॰च॰८०,९.६} तहिॅ अवसरेॅ अन्तरेॅ थिउ स-धणु $ सइँ दसरह-णन्दणु सत्तुहणु {प॰च॰८०,९.७} ते भिडिय परोप्परु कुइय-मण $ णं वे वि पुरन्दर-दहवयण {प॰च॰८०,९.८} महि-कारणेॅ परिवड्ढन्त-कलि $ णं भरह-णराहिव-वाहुवलि

घत्ता॒

{प॰च॰८०,९.९} विहि मि णिरन्तर-वावरणेॅ $ सर-जालु पहावइ विञ्झहेॅ सञ्झहेॅ मज्झेॅ थिउ $ घण-डम्वरु णावइ


कण्ड ५, संधि ८०, कडवक १०॒


{प॰च॰८०,१०.१} अवरोप्परु वाणेॅहिॅ छाइयउ $ अवरोप्परु कह वि ण घाइयउ {प॰च॰८०,१०.२} अवरोप्परु कवयइँ ताडियइँ $ अवरोप्परु चिन्धइँ फाडियइँ {प॰च॰८०,१०.३} अवरोप्परु छत्तइँ छिण्णाइँ $ अवरोप्परु अङ्गइँ भिण्णाइँ {प॰च॰८०,१०.४} अवरोप्परु हयइँ सरासणइँ $ जल-थलइँ वि जायइँ स-व्वणइँ {प॰च॰८०,१०.५} अवरोप्परु सारहि णिट्ठविय $ स-तुरङ्गम जमउरि पट्ठविय {प॰च॰८०,१०.६} अवरोप्परु कण्डिय पवर रह $ थिय मत्त-गइन्देॅहिॅ दुव्विसह {प॰च॰८०,१०.७} ते महुर-णराहिव-सत्तुहण $ णं णहयल-लङ्घण स-घण घण {प॰च॰८०,१०.८} णं केसरि गिरि-सिहरेॅहिॅ चडिय $ णं रावण-राम समावडिय

घत्ता॒

{प॰च॰८०,१०.९} वे वि स-पहरण सामरिस $ करिवरेॅहिॅ वलग्गा मलय-महिन्द-महीहरेॅहिॅ $ णं वण-यव लग्गा


कण्ड ५, संधि ८०, कडवक ११॒


{प॰च॰८०,११.१} समुद्धाइया सिन्धुरा जुद्ध-लुद्धा $ वलुत्ताल-दुक्काल-काल व्व कुद्धा {प॰च॰८०,११.२} विमुक्कङ्कुसा उम्मुहा उद्ध-सोण्डा $ स-सिन्दूर-कुम्भत्थला गिल्ल-गण्डा {प॰च॰८०,११.३} मयम्भेहिॅ सिप्पन्त-पाय-प्पएसा $ मिलन्तालि-माला-णिरन्धी-कयासा {प॰च॰८०,११.४} विसाणप्पहा-पण्डुरिज्जन्त-देहा $ वलायावली-दिण्ण-सोह व्व मेहा {प॰च॰८०,११.५} चलन्तेहिॅ सञ्चालिओ सेस-णाओ $ भमन्तेहिॅ पब्भामिओ भूमि-भाओ {प॰च॰८०,११.६} गिरिन्दा समुद्दावलीभाव जाया $ गइन्देसु तेसुट्ठिया वे वि राया {प॰च॰८०,११.७} महा-भीसणा भू-लया-भङ्गुरच्छा $ पमुक्केक्कमेक्काउहा विज्जु-दच्छा {प॰च॰८०,११.८} करिन्देण ओहामिओ वारणिन्दो $ कुमारेण ओहामिओ माहुरिन्दो

घत्ता॒

{प॰च॰८०,११.९} महु णाराय-कडन्तरिउ $ रुहिरारुणु गयवरेॅ फग्गुणेॅ फुल्ल-पलासु जिह $ लक्खिज्जइ गिरिवरेॅ


कण्ड ५, संधि ८०, कडवक १२॒


{प॰च॰८०,१२.१} अवसाणेॅ कालु जं ढुक्कियउ $ जं रहु-सुउ जिणेॅवि ण सक्कियउ {प॰च॰८०,१२.२} जं सूलु ण दाहिण-करेॅ चडिउ $ जं पुत्तहेॅ मरणु समावडिउ {प॰च॰८०,१२.३} तं परम-विसाउ जाउ महुहेॅ $ "मइँ ण किय पुज्ज तिहुअण-पहुहेॅ {प॰च॰८०,१२.४} पञ्चेन्दिय दुद्दम दमिय ण वि $ धम्म-क्किय एक्क वि ण किय क वि {प॰च॰८०,१२.५} मइँ पावें पावासत्तऍण $ णउ वन्दिय देव जियन्तऍण {प॰च॰८०,१२.६} संजोउ सव्वु को कहेॅ तणउ $ णिप्फलु जम्मु गउ महु त्तणउ {प॰च॰८०,१२.७} वरि एवहिॅ सल्लेहणु करमि $ वय पञ्च महा-दुद्धर धरमि" {प॰च॰८०,१२.८} तो एम भणेॅवि णिग्गन्थु थिउ $ सइँ हत्थें केसुप्पाडु किउ

घत्ता॒

{प॰च॰८०,१२.९} "एक्कु जि जीउ महु त्तणउ $ सव्वहेॅ परिहारउ रणु जेॅ तवोवणु जिणु सरणु $ गयवरु सन्थारउ"


कण्ड ५, संधि ८०, कडवक १३॒


{प॰च॰८०,१३.१} जे भव्व-जणहेॅ सुह-वसुहारा $ पुणु घोसिय पञ्च णमोक्कारा {प॰च॰८०,१३.२} अरहन्तह्ũ केरा सत्त सरा $ जे सव्वहँ सोक्खहँ पढमयरा {प॰च॰८०,१३.३} पुणु सिद्धह्ũ केरा पञ्च सरा $ जे सासय-पुरवर-सिद्धियरा {प॰च॰८०,१३.४} आयरियह्ũ केरा सत्त सरा $ जे परमाचार-विचार-परा {प॰च॰८०,१३.५} सत्तोवज्झाय-णमोक्करणा $ णव साहुह्ũ भव-भय-परिहरणा {प॰च॰८०,१३.६} इय पञ्चतीस परमक्खरइँ $ सुय-पारावार-परम्परइँ {प॰च॰८०,१३.७} विस-विसम-विसय-णिद्धाडणइँ $ सिवउरि-कवाड-उग्घाडणइँ {प॰च॰८०,१३.८} "महु सुह-गइ देन्तु" भणन्तु थिउ $ कुञ्जरहेॅ जेॅ उप्परेॅ कालु किउ

घत्ता॒

{प॰च॰८०,१३.९} कुसुमइँ सुरेॅहिॅ विसज्जियइँ $ किउ साहुक्कारु महुर स इं भु ञ्जन्तु थिउ $ सत्तुहणु कुमारु



[८१. एक्कासीइलो संधि] ----------


वणु सेविउ सायरु लङ्घियउ $ णिहउ दसाणणु रत्तऍण अवसाण-कालेॅ पुणु राहवेॅण $ घल्लिय सीय विरत्तऍण


कण्ड ५, संधि ८१, कडवक १॒


{प॰च॰८१,१.१} लोयह्ũ छन्देॅण $ तेॅण तेॅण तेॅण चित्तें राहव-चन्देॅण $ तेॅण तेॅण तेॅण चित्तें पाण-पियल्लिया $ तेॅण तेॅण तेॅण चित्तें जिह वणेॅ घल्लिया $ तेॅण तेॅण तेॅण चित्तें. जंभेट्टिया {प॰च॰८१,१.२} रामहेॅ रामालिङ्गिय-गत्तहेॅ $ अमिय-रसोवम-भोगासत्तहेॅ {प॰च॰८१,१.३} एक्कहिॅ दिवसेॅ मणोहर-गारी $ पासेॅ परिट्ठिय सीय भडारी {प॰च॰८१,१.४} जाणिय-णिरवसेस-परमत्थी $ पभणइ पणय-कियञ्जलि-हत्थी {प॰च॰८१,१.५} "णाह णाह जग-मोहण-सत्तिहिॅ $ सुइणउ अज्जु दिट्ठु मइँ रत्तिहिॅ {प॰च॰८१,१.६} पुप्फ-विमाणहेॅ पडेॅवि पहिट्ठउ $ सरह-जुअलु महु वयणेॅ पइट्ठउ" {प॰च॰८१,१.७} तो सज्जण-मण-णयणाणन्दें $ हसिउ स-विब्भमु राहवचन्दें {प॰च॰८१,१.८} "दुइ होसन्ति पुत्त परमेसरि $ परणर-वरणर-वारण-केसरि {प॰च॰८१,१.९} णवर एक्कु महु हियएं चडियउ $ सुन्दरि सरह-जुअलु जं पडियउ"

घत्ता॒

{प॰च॰८१,१.१०} तो अण्णेॅहिॅ दिवसेॅहिॅ थोवऍहिॅ $ सीयङ्गइँ गुरुहाराइँ "सहि णीसरु" णं वण-देवयऍ $ पट्ठवियइँ हक्काराइँ


कण्ड ५, संधि ८१, कडवक २॒

जम्भेट्टिया

{प॰च॰८१,२.१} रहुवइ-घरिणिया $ जिह वणेॅ करिणिया मल्हण-लीलिया $ कीलण-सीलिया {प॰च॰८१,२.२} वलु वोल्लावइ णरवर-केसरि $ "को दोहलउ अक्खु परमेसरि" {प॰च॰८१,२.३} विहसिय वियसिय-पङ्कय-वयणी $ दन्त-दित्ति-उज्जोइय-गयणी {प॰च॰८१,२.४} "वल धवलामल-केवल-वाहहेॅ $ जाणमि पुज्ज रयमि जिणणाहहेॅ {प॰च॰८१,२.५} पिय-वयणेण तेण साणन्दें $ परम पुज्ज किय राहव-चन्दें {प॰च॰८१,२.६} दिव्व-महिन्द-दुमय-णन्दण-वणेॅ $ तरल-तमाल-ताल-ताली-घणेॅ {प॰च॰८१,२.७} चन्दण-वउल-तिलय-कुसुमाउलेॅ $ कल-कोइल-कुल-कलयल-सङ्कुलेॅ {प॰च॰८१,२.८} दाहिण-पवणन्दोलिय-तरुवरेॅ $ भमिर-भमर-झङ्कार-मणोहरेॅ {प॰च॰८१,२.९} धय-तोरण-विमाण-किय-मण्डवेॅ $ फेन्द-वन्द-सङ्कन्दिय-तण्डवेॅ

घत्ता॒

{प॰च॰८१,२.१०} तहिॅ तेहऍ उववणेॅ पइसरेॅवि $ जय-जय-सद्दें पुज्ज किय जिह जिणवर-धम्महेॅ जीव-दय $ जाणइ रामहेॅ पासेॅ थिय


कण्ड ५, संधि ८१, कडवक ३॒

जम्भेट्टिया

{प॰च॰८१,३.१} ताव विणीयहे $ फन्दइ सीयहे दुक्खुक्कोयणु $ दाहिणु लोयणु {प॰च॰८१,३.२} "फुरेॅवि आसि पइँ पर-दुग्गेज्झहेॅ $ तिण्णि मि णीसारियइँ अउज्झहेॅ {प॰च॰८१,३.३} थियइँ विदेसें देसु भमन्तइँ $ दुस्सह-दुक्ख-परम्पर-पत्तइँ {प॰च॰८१,३.४} रण-रक्खसेॅण गिलेॅवि उग्गिलियइँ $ कह वि कह वि णिय-गोत्तहेॅ मिलियइँ {प॰च॰८१,३.५} एवहिॅ एउ ण जाणह्ũ इक्खणु $ काइँ करेसइ फुरेॅवि अ-लक्खणु" {प॰च॰८१,३.६} तो एत्थन्तरेॅ साहुद्धारें $ आइय पय असेस कूवारें {प॰च॰८१,३.७} "अहेॅ रायाहिराय परमेसर $ णिम्मल-रहुकुल-णहयल-ससहर {प॰च॰८१,३.८} दुद्दम-दणुअ-देह-मय-मद्दण $ तिहुअण-जण-मण-णयणाणन्दण {प॰च॰८१,३.९} जइ अवराहु णाहिॅ धर-धारा $ तो पट्टणु विण्णवइ भडारा

घत्ता॒

{प॰च॰८१,३.१०} पर-पुरिसु रमेवि दुम्महिलउ $ देन्ति पडुत्तर पइ-यणहेॅ "किं रामु ण भुञ्जइ जणय-सुअ $ वरिसु वसेॅवि घरेॅ रामणहेॅ""


कण्ड ५, संधि ८१, कडवक ४॒

जम्भेट्टिया

{प॰च॰८१,४.१} पय-परिवाएणं $ मोग्गर-घाएणं णं सिरेॅ आहउ $ रहुवइ-णाहउ {प॰च॰८१,४.२} चिन्तइ मउलिय-वयण-सरोरुहु $ वसुह लिहन्तु ठन्तु हेट्ठा-मुहु {प॰च॰८१,४.३} "विणु पर-तत्तिऍ को वि ण जीवइ $ सइँ विणट्ठु अण्णइँ उद्दीवइ {प॰च॰८१,४.४} लोउ सहावें दुप्परिपालउ $ विसम-चित्तु पर-छिद्द-णिहालउ {प॰च॰८१,४.५} भीम-भुअङ्गु भुअङ्गागारउ $ पगुण-गुणुज्झिउ अवगुण-गारउ {प॰च॰८१,४.६} कइ सइ जइ णरवइ णउ भावइ $ अवसें किं पि कलङ्कउ लावइ {प॰च॰८१,४.७} होइ हुआसणो व्व अविणीयउ $ गिम्भु व सुट्ठु अणिच्छिय-सीयउ {प॰च॰८१,४.८} चन्दु व दोस-गाहि खइ ख-त्थउ $ सूरु व कर-चण्डउ दूर-त्थउ {प॰च॰८१,४.९} वाणु व लोह-फलु ग्गुण-मुक्कउ $ विन्धणसीलउ धम्महेॅ चुक्कउ

घत्ता॒

{प॰च॰८१,४.१०} जइ कह वि णिरङ्कुस होइ पय $ तो हत्थि-हडहेॅ अणुहरइ जो कवलु देइ जलु दक्खवइ $ तासु जेॅ जीविउ अवहरइ


कण्ड ५, संधि ८१, कडवक ५॒

जम्भेट्टिया

{प॰च॰८१,५.१} अह खल-महिलहे $ णइ जिह कुडिलहे को पत्तिज्जइ $ जइ वि मरिज्जइ {प॰च॰८१,५.२} अण्णु णिएइ अण्णु वोल्लावइ $ चिन्तइ अण्णु अण्णु मणेॅ भावइ {प॰च॰८१,५.३} हियवऍ णिवसइ विसु हालाहलु $ अमिउ वयणेॅ दिट्ठिहेॅ जमु केवलु {प॰च॰८१,५.४} महिलहेॅ तणउ चरिउ को जाणइ $ उभय-तडइँ जिह खणइ महा-णइ {प॰च॰८१,५.५} चन्द-कल व सव्वोवरि वङ्की $ दोस-ग्गाहिणि सइँ स-कलङ्की {प॰च॰८१,५.६} णव-विज्जुलिय व चञ्चल-देही $ गोरस-मन्थ व कारिम-णेही {प॰च॰८१,५.७} वाणिय-कल कवडङ्किय-माणी $ अडइ व गरुआसङ्का-थाणी {प॰च॰८१,५.८} णिहि व पयत्तें परिरक्खेवी $ गुलहिय-खीरि व कहेॅ वि ण देवी" {प॰च॰८१,५.९} अप्पाणेण जेॅ अप्पउ वोहिउ $ "वरि गय सीय म लोउ विरोहिउ

घत्ता॒

{प॰च॰८१,५.१०} णिय-णेह-णिवद्धउ आवडइ $ जइ वि महा-सइ महु मणहेॅ को फेडेॅवि सक्कइ लञ्छणउ $ जं घरेॅ णिवसिय रावणहेॅ"


कण्ड ५, संधि ८१, कडवक ६॒

जम्भेट्टिया

{प॰च॰८१,६.१} ताव जणद्दणु $ णाइँ हुआसणु घिऍण व सित्तउ $ झत्ति पलित्तउ {प॰च॰८१,६.२} कड्ढिउ सूरहासु करेॅ णिम्मलु $ विज्जु-विलासु जलणु जालुज्जलु {प॰च॰८१,६.३} "दुज्जण-मइयवट्टु हũ अच्छमि $ जो जम्पइ तहेॅ पलउ समिच्छमि {प॰च॰८१,६.४} जं किउ खरहेॅ महा-खल-खुद्दहेॅ $ जं किउ रणेॅ रावणहेॅ रउद्दहेॅ {प॰च॰८१,६.५} तं करेमि दुज्जणहँ हयासहँ $ कुडिल-भुअङ्ग-अङ्ग-सङ्कासहँ {प॰च॰८१,६.६} को घल्लावइ सीय महा-सइ $ णाम-ग्गहणेॅ जाहेॅ दुहु णासइ {प॰च॰८१,६.७} जा सुरवरेॅहिॅ पइव्वय वुच्चइ $ जाहेॅ पसाएं वसुमइ पच्चइ {प॰च॰८१,६.८} जाहेॅ पहावें रहु-कुलु णन्दइ $ पलयहेॅ पिसुणु जा उजो णिन्दइ {प॰च॰८१,६.९} जाहेॅ पाय-पंसु वि वन्दिज्जइ $ ताहेॅ कलङ्कु केम लाइज्जइ

घत्ता॒

{प॰च॰८१,६.१०} जो रूसइ सीय-महासइहेॅ $ सो मुहु अग्गऍ थाउ खलु तहेॅ पावहेॅ विरसु रसन्ताहेॅ $ खुडमि स-हत्थें सिर-कमलु


कण्ड ५, संधि ८१, कडवक ७॒

जम्भेट्टिया

{प॰च॰८१,७.१} धरिउ जणद्दणु $ रहुवइ-णाहेॅणं जउणा-वाहु व $ गङ्गा-वाहेॅणं {प॰च॰८१,७.२} "जइ समुद्दु णिय-समयहेॅ चुक्कइ $ तो तहेॅ को सवडम्मुहु ढुक्कइ {प॰च॰८१,७.३} जइ वि डहन्ति णिमित्तें कन्दहँ $ तो वि ण रूसइ विञ्झु पुलिन्दहँ {प॰च॰८१,७.४} चन्दणु छिज्जइ भिज्जइ घासइ $ तो इ ण णियय-गन्धु तहेॅ णासइ {प॰च॰८१,७.५} दन्तु दलिज्जइ पावइ कप्पणु $ तो वि ण मुअइ णियय-धवलत्तणु {प॰च॰८१,७.६} पय णरवइहिॅ णएण लएवी $ दुम्मुह जइ वि तो वि पालेवी" {प॰च॰८१,७.७} तो विण्णविउ कुमारें राहवु $ "अहेॅ परमेसर परम-पराहवु {प॰च॰८१,७.८} जं जणवउ णिय-णाहु ण पुच्छइ $ लद्ध-पसरु राय-उलु दुगुञ्छइ {प॰च॰८१,७.९} रहु-कउत्थ-अणरण्ण-विरामेॅहिॅ $ दसरह-भरह-णराहिव-रामेॅहिॅ

घत्ता॒

{प॰च॰८१,७.१०} इक्खुक्क-वंसेॅ उप्पण्णऍहिॅ $ सव्वेॅहिॅ पालिउ पुरु अचलु तहेॅ पय-उवयार-महद्दुमहेॅ $ लद्धु भडारा परम-फलु"


कण्ड ५, संधि ८१, कडवक ८॒

जम्भेट्टिया

{प॰च॰८१,८.१} हरि वुज्झाविउ $ केम वि रामेणं हलु वि ण भावइ $ सीयहेॅ णामेणं {प॰च॰८१,८.२} "एत्थु वच्छ अवहेरि करेवी $ जणय-तणय वणेॅ कहि मि थवेवी {प॰च॰८१,८.३} जीवउ मरउ काइँ किर तत्तिऍ $ किं दिणमणि सह्ũ णिवसइ रत्तिऍ {प॰च॰८१,८.४} मं रहु-कुलेॅ कलङ्कु उप्पज्जउ $ तिहुअणेॅ अयस-पडहु मं वज्जउ" {प॰च॰८१,८.५} जाउ णिरुत्तरु कइकइ-णन्दणु $ लहु सेणाणी ढोइउ सन्दणु {प॰च॰८१,८.६} देवि चडाविय णिय-परिएसहेॅ $ पेक्खन्तहेॅ पुरवरहेॅ असेसहेॅ {प॰च॰८१,८.७} धाहाविउ कोसलऍ सुमित्तऍ $ सुप्पहाऍ सोआउर-चित्तऍ {प॰च॰८१,८.८} णायरिया-यणेण उक्कण्ठें $ "केव विओइय दइवें दुट्ठें {प॰च॰८१,८.९} घरु विणट्ठु खल-पिसुणह्ũ छन्दें $ धि-धि अजुत्तु किउ राहवचन्दें अत्ता


{प॰च॰८१,८.१०} किं माणुस-जम्में लद्धऍण $ इट्ठ-विओय-परम्परेॅण वरि जाय णारि वणेॅ वेल्लडिय $ जा णवि मुच्चइ तरुवरेॅण"


कण्ड ५, संधि ८१, कडवक ९॒

जम्भेट्टिया

{प॰च॰८१,९.१} ताव तुरङ्गेॅहिं $ णिउ रहु तेत्तहे वियण महाडइ $ दारुण जेत्तहे {प॰च॰८१,९.२} जेत्थु सज्जज्जुणा धाइ-धव-धम्मणा $ ताल-हिन्ताल-ताली-तमालञ्जणा {प॰च॰८१,९.३} चिञ्चिणी चम्पयं चूअ-चवि-चन्दणा $ वंसु विसु वञ्जुलं वउल-वड-वन्दणा {प॰च॰८१,९.४} तिमिर-तरु तरल-तालूर-तामिच्छियं $ सिम्वली सल्लई सेल्लु सत्तच्छयं {प॰च॰८१,९.५} णाग-पुण्णाग-णारङ्ग-णोमालियं $ कुन्द-कोरण्ट-कप्पूर-कक्कोलयं {प॰च॰८१,९.६} सरल-समि-सामरी-साल-सिणि-सीसवं $ पाडली फोफली केअई वाहवं {प॰च॰८१,९.७} माहवी-मड्ड-मालूर-वहुमोक्खयं $ सिन्दि-सिन्दूर-मन्दार-महुरुक्खयं {प॰च॰८१,९.८} णिम्व-कोसम्व-जम्वीर-जम्वू वरं $ खिङ्खिणी राइणी तोरणी तुम्वरं {प॰च॰८१,९.९} णालिकेरी करीरी करञ्जालणं $ दाडिमी देवदारु-क्कयंवासणं

घत्ता॒

{प॰च॰८१,९.१०} जं जेण जेम्व कम्मउ कियउ $ तं तहेॅ तेव समावडइ किं रज्जहेॅ टालेॅवि जणय-सुअ $ दइवें णिज्जइ तं अडइ


कण्ड ५, संधि ८१, कडवक १०॒

जम्भेट्टिया

{प॰च॰८१,१०.१} सइहेॅ वि होन्तिहे $ लञ्छणु लाइउ सव्वहेॅ विलसइ $ कम्मु पुराइउ {प॰च॰८१,१०.२} जत्थ दंस-मसयं भयङ्करं $ सीह-सरहयं णङ्कु-सूयरं {प॰च॰८१,१०.३} णाय-णउलयं कायलोलुहं $ हत्थि-अजयरं दव-महीरुहं {प॰च॰८१,१०.४} दब्भ-सीर-कुस-कास-मुञ्जयं $ पवण-पडिय-तरु-पण्ण-पुञ्जयं {प॰च॰८१,१०.५} विडव-णिहस-चुण्णुग्घ-मच्छियं $ किमि-पिपीलि-उद्देहि-विच्छियं {प॰च॰८१,१०.६} हीर-खुण्ट-कण्टय-णिरन्तरं $ सिल-खडक्क-पत्थर-णिसत्थरं {प॰च॰८१,१०.७} तहिॅ महा-वणे परम-दारुणे $ सीह-पहय-गय-सोणियारुणे {प॰च॰८१,१०.८} अच्छहल्ल-पइउल्ल-भीसणे $ सिव-सियाल-अलियल्लि-भी(?णी)सणे {प॰च॰८१,१०.९} मुक्क तेत्थु सूएण जाणई $ "महु ण दोसु रहुवइ जेॅ जाणई

घत्ता॒

{प॰च॰८१,१०.१०} वरि विसु हालाहउ भक्खियउ $ वरि जम-लोउ णिहालियउ पर-पेसण-भायणु दुह-णिलउ $ सेवा-धम्मु ण पालियउ


कण्ड ५, संधि ८१, कडवक ११॒

जम्भेट्टिया

{प॰च॰८१,११.१} दुप्परिपालउ $ जीविय-संसउ आण-वडिच्छउ $ विक्किय-मंसउ {प॰च॰८१,११.२} सेवा-धम्मु होइ दुज्जाणउ $ पहु पेक्खेवउ वग्घ-समाणउ {प॰च॰८१,११.३} भोयणेॅ सयणेॅ मन्तेॅ एक्कन्तऍ $ मण्डल-जोणि-महण्णव-चिन्तऍ {प॰च॰८१,११.४} जहिॅ अत्थाणु णिवन्धइ राणउ $ तहिॅ पाइक्कु जइ वि पोराणउ {प॰च॰८१,११.५} णउ वइसणउ ण वड्डउ जीवणु $ ण करेवउ कयावि णिट्ठीवणु {प॰च॰८१,११.६} पाय-पसारणु हत्थप्फालणु $ उच्चालवणु समुच्च-णिहालणु {प॰च॰८१,११.७} हसणु भसणु पर-आसण-पेल्लणु $ गत्त-भङ्गु मुह-जम्भा-मेल्लणु {प॰च॰८१,११.८} णउ णियडऍ ण दूरेॅ वइसेवउ $ रत्त-विरत्त-चित्तु जाणेवउ {प॰च॰८१,११.९} अग्गल पच्छल परिहरिएवी $ जिह तूसइ तिह सेव करेवी घत्ता॒

{प॰च॰८१,११.१०} पणवेप्पिणु वम्फइ वड्डमिहेॅ $ सिरु विक्किणइ जिएवाहेॅ सोक्खहेॅ अणुदिणु पेसणु करेॅवि $ णवरि ण एक्कु वि सेवाहेॅ"


कण्ड ५, संधि ८१, कडवक १२॒

जम्भेट्टिया

{प॰च॰८१,१२.१} एम भणेप्पिणु $ रहु पल्लट्टिउ समुहु अउज्झहेॅ $ सूउ पयट्टिउ {प॰च॰८१,१२.२} वार-वार तहेॅ दिण्णु विसेसणु $ "जामि माऍ महु एत्तिउ पेसणु" {प॰च॰८१,१२.३} जं असहेज्जी मुक्क वणन्तरेॅ $ मुच्छउ एन्ति जन्ति तहिॅ अवसरेॅ {प॰च॰८१,१२.४} धाहाविउ उक्कण्ठुल-भावऍ $ "कम्मु रउद्दु कियउ मइँ पावऍ {प॰च॰८१,१२.५} मञ्छुडु सारस-जुअलु विओइउ $ चक्कवाय-मिहुणु व विच्छोइउ {प॰च॰८१,१२.६} जम्महँ लग्गेॅवि दुक्खहँ भायण $ हा भामण्डल हा णारायण {प॰च॰८१,१२.७} हा सत्तुहण णाहिॅ मम्भीसहि $ हा जणेरि हा जणण ण दीसहि {प॰च॰८१,१२.८} हा हय-विहि हũ काइँ विओइय $ सिव-सियाल-सद्दूलहँ ढोइय {प॰च॰८१,१२.९} हा हय-विहि तुह्ũ काइँ विरुद्धउ $ जेण रामु महु उप्परेॅ कुद्धउ

घत्ता॒

{प॰च॰८१,१२.१०} वरि तिण-सिह वरि वणेॅ वेल्लडिय $ वरि सिल लोयह्ũ पाण-पिय दूहव-दुरास-दुह-भायणिय $ णउ मइँ जेही का वि तिय


कण्ड ५, संधि ८१, कडवक १३॒

जम्भेट्टिया

{प॰च॰८१,१३.१} जलु थलु वणु तिणु $ भुवणु विचित्तउ जं जि णिहालमि $ तं जि पलित्तउ {प॰च॰८१,१३.२} भणु भणु भाणु भाणु भू-भावणु $ जइ मइँ मणेॅण समिच्छिउ रावणु {प॰च॰८१,१३.३} वणसइ तुहु मि ताव तहिॅ होन्ती $ जइयह्ũ णिय णिसियरेॅण रुवन्ती {प॰च॰८१,१३.४} णहयल तुहु मि होन्तु तहिॅ अवसरेॅ $ जइयह्ũ जिउ जडाउ सङ्गर-वरेॅ {प॰च॰८१,१३.५} जइयह्ũ रयणकेसि दलवट्टिउ $ विज्जा-छेउ करेॅवि आवट्टिउ {प॰च॰८१,१३.६} वसुमइ पइ मि दिट्ठ तरुवर-घणेॅ $ जइयह्ũ णिवसियासि णन्दणवणेॅ {प॰च॰८१,१३.७} अच्छिउ वरुणु पवणु सिहि भक्खरु $ केण वि वोल्लिउ ण वि धम्मक्खरु {प॰च॰८१,१३.८} लोयह्ũ कारणेॅ दुप्परिणामें $ हũ णिक्कारणेॅ घल्लिय रामें {प॰च॰८१,१३.९} जइ मुय कह वि सइत्तण-धारी $ तो तुम्हहँ तिय-हच्च महारी"

घत्ता॒

{प॰च॰८१,१३.१०} तं वयणु सुणेॅवि सीयहेॅ तणउ $ देव-लोउ चिन्तावियउ णं सइ-सावन्तर-भीयऍण $ वज्जजङ्घु मेलावियउ


कण्ड ५, संधि ८१, कडवक १४॒

जम्भेट्टिया

{प॰च॰८१,१४.१} ताव णरिन्देॅण $ स-सुहड-विन्देॅण गयम् आरूढेॅण $ रणेॅ णिव्वूढेॅण {प॰च॰८१,१४.२} दिट्ठ देवि रत्तुप्पल-चलणी $ णह-किरणुज्जोइय-सइ-भुवणी {प॰च॰८१,१४.३} काय-कन्ति-उण्हविय-सुरिन्दी $ लोयाणन्द-रुन्द-मुह-यन्दी {प॰च॰८१,१४.४} णयणोहामिय-वम्मह-वाणी $ पुच्छिय "कासु धीय कहेॅ राणी" {प॰च॰८१,१४.५} "हũ णिल्लक्खण णिज्जण-थामें $ लोयहेॅ छन्दें घल्लिय रामें {प॰च॰८१,१४.६} राम-णारि लक्खणु महु देवरु $ भामण्डलु एक्कोयरु भायरु {प॰च॰८१,१४.७} जणउ जणेरु विदेह जणेरी $ सुण्ह णरिन्दहेॅ दसरह-केरी" {प॰च॰८१,१४.८} पभणइ वज्जजङ्घु "महि-पाला $ लक्खण-राम माऍ महु साला {प॰च॰८१,१४.९} तुह्ũ पुणु धम्म-वहिणि हũ भायरु" $ साहुक्कारिउ सुरेॅहिॅ णरेसरु

घत्ता॒

{प॰च॰८१,१४.१०} लायण्णु णिऍवि सीयहेॅ तणउ $ तिहुअणेॅ कासु ण खुहिउ मणु गिरि धीरें सायरु गहिरिमऍ $ वज्जजङ्घु पर एक्कु जणु


कण्ड ५, संधि ८१, कडवक १५॒

जम्भेट्टिया

{प॰च॰८१,१५.१} मम्भीसेप्पिणु $ वय-गुण-थाणेॅणं णिय परमेसरि $ सिविया-जाणेॅणं {प॰च॰८१,१५.२} पुण्डरीय-पुरवरु पइसन्तें $ हट्ट-सोह णिम्मविय तुरन्तें {प॰च॰८१,१५.३} सस भणेवि पडहउ देवाविउ $ जणु आसङ्का-थाणु मुआविउ {प॰च॰८१,१५.४} तहिॅ उप्पण्ण पुत्त लवणङ्कुस $ लक्खण-लक्खङ्किय दीहाउस {प॰च॰८१,१५.५} सीयाएविहेॅ णयण-सुहङ्कर $ पुव्व-दिसिहेॅ णं चन्द-दिवायर {प॰च॰८१,१५.६} विद्धिं-गय सिक्खविय महत्थइँ $ वायरणाइ-अणेयइँ सत्थइँ {प॰च॰८१,१५.७} सयल-कला-कलाव-कवणीया $ मन्दर-मेरु णाइँ थिय वीया {प॰च॰८१,१५.८} तेहिॅ पहावें तहिॅ रिउ थम्भिय $ रहुकुल-भवण-खम्भ णं उब्भिय {प॰च॰८१,१५.९} स-रहस सावलेव स-कियत्था $ लक्खण-रामह्ũ समर-समत्था

घत्ता॒

{प॰च॰८१,१५.१०} रिउ लवणङ्गुसेॅहिॅ णिरङ्कुसेॅहिॅ $ दण्ड-सज्झु किउ णाइँ अहि चप्पेॅवि वप्पिक्की दासि जिह $ लइय स यम् भु व लेण महि



[८२. बासीमो संधि] ----------


सुरवर-डामर-डामरेॅहिॅ $ ससहर-चक्कङ्किय-णामह्ũ भिडिया आहवेॅ वे वि जण $ लवणङ्कुस लक्खण-रामह्ũ


कण्ड ५, संधि ८२, कडवक १॒


{प॰च॰८२,१.१} लवणङ्कुस णिऍवि जुवाण-भाव $ कलि-कवलण कलिय-कला-कलाव {प॰च॰८२,१.२} सयलामल-कुल-णहयल-मियङ्क $ णं अरि-करि-केसरि मुक्क-सङ्क {प॰च॰८२,१.३} रण-भर-धुर-धोरिय धीर-खन्ध $ गुण-गण-गणालि णं सेउ-वन्ध {प॰च॰८२,१.४} धर-धारण दुद्धर-धर-धरिन्द $ वन्दिय-जिणिन्द-चरणारविन्द {प॰च॰८२,१.५} परिरक्खिय-सामिय सरण-मित्त $ वन्दिग्गहेॅ गोग्गहेॅ किय-परित्त {प॰च॰८२,१.६} भू-भूसण भुवणाभरण-भाव $ दस-दिस-पसत्त-णिग्गय-पयाव {प॰च॰८२,१.७} रामाहिराम रामाणुसरिस $ जण-जाणइ-जणणहँ जणिय-हरिस {प॰च॰८२,१.८} पर-पवर-पुरञ्जय जणिय-तास $ मुह-चन्द-चन्दिमा-धवलियास

घत्ता॒

{प॰च॰८२,१.९} माणुस-वेसें अवयरेॅवि $ वे भाय णाइँ थिय कामहेॅ "किह परिणावमि जमल-मइ" $ उप्पण्ण चिन्त मणेॅ मामहेॅ


कण्ड ५, संधि ८२, कडवक २॒


{प॰च॰८२,२.१} पट्ठविय महन्ता तेण तासु $ पिहिमी-पुरवरेॅ पिहु-पहुहेॅ पासु {प॰च॰८२,२.२} "दे देहि अमयमइ-तणिय वाल $ कमणीय-किसोयरि कणयमाल" {प॰च॰८२,२.३} दूयहेॅ वयणें दूमिउ णरिन्दु $ णं फुरिय-फणा-मणि थिउ फणिन्दु {प॰च॰८२,२.४} "कुल-सील-कित्ति-परिवज्जियाहँ $ को कण्णउ देइ अलज्जियाहँ {प॰च॰८२,२.५} गउ दूउ दुरक्खर-दूमियङ्गु $ णं दण्ड-घाय-घाइउ भुअङ्गु {प॰च॰८२,२.६} लवणङ्कुस-मामहेॅ कहिउ तेव $ "पिहु-राएं दुहिय ण दिण्ण" जेव {प॰च॰८२,२.७} तं वयणु सुणेप्पिणु लइय खेरि $ देवाविय लहु सण्णाह-भेरि {प॰च॰८२,२.८} उक्खन्धें उप्परि चलिउ तासु $ पिहिमी-पुरवर-परमेसरासु

घत्ता॒

{प॰च॰८२,२.९} ताव णराहिउ वग्घरहु $ पिहु-पक्खिउ रण-महि मण्डेॅवि जलहर खीलेॅवि सुक्कु जिह $ थिउ अग्गऍ जुज्झु समोड्डेॅवि


कण्ड ५, संधि ८२, कडवक ३॒


{प॰च॰८२,३.१} ते वग्घमहारह-वज्जजङ्घ $ अब्भिट्ट परोप्परु रणेॅ अलङ्घ {प॰च॰८२,३.२} वहु दिवस करेप्पिणु संपहारु $ परियाणेॅवि पर-वल-परम-सारु {प॰च॰८२,३.३} तो पुण्डरीय-पुर-पत्थिवेण $ सद्दूल-महारहु धरिउ तेण {प॰च॰८२,३.४} तहिॅ कालेॅ कुइउ पिहु पिहुल-काउ $ सामन्त-सयइँ मेलवेॅवि आउ {प॰च॰८२,३.५} एत्तहेॅ वि कुमारेॅहिॅ दुज्जएहिॅ $ जयकारिय सीय रणुज्जएहिॅ {प॰च॰८२,३.६} लवणङ्कुस-णाम-पगासणेहिॅ $ हत्थ-त्थिय-ससर-सरासणेहिॅ {प॰च॰८२,३.७} रण-रामालिङ्गिय-विग्गहेहिॅ $ पहरण-पडहत्थ-महारहेहिॅ {प॰च॰८२,३.८} "वेढिज्जइ माऍ ण मामु जाव $ जाएवउ अम्हहिॅ तेत्थु ताव"

घत्ता॒

{प॰च॰८२,३.९} तो वोलाविय वे वि जण $ जणणिऍ हरिसंसु-विमीसऍ "स-गिरि स-सायर सयल महि $ भुञ्जेज्जहु महु आसीसऍ"


कण्ड ५, संधि ८२, कडवक ४॒


{प॰च॰८२,४.१} आसीस लऍवि विन्नि वि पयट्ट $ अलमल-वल-मयगल-मइयवट्ट {प॰च॰८२,४.२} गय तेत्तहेॅ जेत्तहेॅ रणु अलङ्घु $ जयकारिउ णरवइ वज्जजङ्घु {प॰च॰८२,४.३} "अम्हेॅहिॅ जीवन्तेॅहिॅ दुक्खु कवणु $ जहिॅ अङ्कुसु हुअवहु लवणु पवणु {प॰च॰८२,४.४} का गणण तेत्थु विहि-पत्थिवेण $ अवरेण वि पवर-णराहिवेण" {प॰च॰८२,४.५} पहु धीरेॅवि भड-कडमद्दणेहिॅ $ दससन्दण-णन्दण-णन्दणेहिॅ {प॰च॰८२,४.६} रहु वाहिउ तूरइँ वाइयाइँ $ किउ कलयलु सेण्णइँ धाइयाइँ {प॰च॰८२,४.७} अब्भिट्टइँ वलइँ वलुद्धुराइँ $ अवरोप्परु चोइय-सिन्धुराइँ {प॰च॰८२,४.८} सरवर-सङ्घाय-पवरिसिराइँ $ रय-रुहिर-महाणइ-हरिसिराइँ

घत्ता॒

{प॰च॰८२,४.९} पिहु-पत्थिउ लवणङ्कुसेॅहिॅ $ हेलऍ जेॅ परम्मुहु लग्गउ णावइ झत्ति झडप्पियउ $ विहिॅ सीहहिॅ मत्त-महागउ


कण्ड ५, संधि ८२, कडवक ५॒


{प॰च॰८२,५.१} तहिॅ अवसरेॅ समर-णिरङ्कुसेहिॅ $ पच्चारिउ पिहु लवणङ्कुसेहिॅ {प॰च॰८२,५.२} "कुल-सील-विहूणह्ũ ल्हसिय केम $ वलु वलु दूवागमेॅ चविउ जेम" {प॰च॰८२,५.३} पिहु-पत्थिउ चलणेॅहिॅ पडिउ ताहँ $ "रूसेवउ णउ अम्हारिसाहँ {प॰च॰८२,५.४} लइ लवण तुहारी कणयमाल $ मयणङ्कुस तुहु मि तरङ्गमाल" {प॰च॰८२,५.५} पइसारेॅवि पुरवरेॅ किउ विवाहु $ थिउ वज्जजङ्घु जय-सिरि-सणाहु {प॰च॰८२,५.६} तेण वि वत्तीस तणुब्भवाउ $ णिय-कण्णउ दिण्ण स-विब्भमाउ {प॰च॰८२,५.७} सयलालङ्कारालङ्कियाउ $ हल-कमल-कुलिस-कलसङ्कियाउ {प॰च॰८२,५.८} सामन्तहँ मिलिय अणेय लक्ख $ पाइक्कहँ वुज्झिय केण सङ्ख

घत्ता॒

{प॰च॰८२,५.९} जे अलमल-वल पवल-वल $ हरि-वल-वलेॅहिॅ ण साहिय ते णरवइ लवणङ्कुसेॅहिॅ $ सवसिकरेप्पिणु देस पसाहिय


कण्ड ५, संधि ८२, कडवक ६॒


{प॰च॰८२,६.१} खस-सव्वर-वव्वर-टक्क-कीर $ कउवेर-कुरव-सोवीर धीर {प॰च॰८२,६.२} तुङ्गङ्ग-वङ्ग-कम्भोज्ज-भोट्ट $ जालन्धर-जवणा-जाण-जट्ट {प॰च॰८२,६.३} कम्भीरोसीणर-कामरूव $ ताइय-पारस-काहार-सूव {प॰च॰८२,६.४} णेपाल-वट्टि-हिण्डिव-तिसिर $ केरल-कोहल-कइलास-वसिर {प॰च॰८२,६.५} गन्धार-मगह-मद्दाहिवा वि $ सक-सूरसेण-मरु-पत्थिवा वि {प॰च॰८२,६.६} एय वि अवर वि किय वस-विहेय $ पल्लट्ट पडीवा मेहिलेय {प॰च॰८२,६.७} तं पुण्डरीय-पुरवरु पइट्ठ $ थुउ वज्जजङ्घु वइदेहि दिट्ठ {प॰च॰८२,६.८} तहिॅ कालेॅ अकलि-कलियारएण $ पोमाइय वेण्णि वि णारएण

घत्ता॒

{प॰च॰८२,६.९} "मड्ड लएप्पिणु सयल महि $ किय दासि व पेसण-गारी पर जीवन्तेॅहिॅ हरि-वलेॅहिॅ $ णउ तुम्हहँ सिय वड्डारी"


कण्ड ५, संधि ८२, कडवक ७॒


{प॰च॰८२,७.१} तं वयणु सुणेॅवि लवणङ्कुसेण $ वोल्लिज्जइ परम-महाउसेण {प॰च॰८२,७.२} "कहि कहि को हरि-वल एउ कवणु" $ तो कहइ कुमारहेॅ गयण-गमणु {प॰च॰८२,७.३} "णामेण अत्थि इक्खाय-वंसु $ तहिॅ दसरहु उत्तम-रायहंसु {प॰च॰८२,७.४} तहेॅ णन्दण लक्खण-राम वे वि $ वण-वासहेॅ घल्लिय तेण ते वि {प॰च॰८२,७.५} गय दण्डारण्णु पइट्ठ जाव $ अवहरिय सीय रावणेण ताव {प॰च॰८२,७.६} तेहि मि मेलाविउ पमय-सेण्णु $ हय भेरि पयाणउ णवर दिण्णु {प॰च॰८२,७.७} वेढिय लङ्काउरि हउ दसासु $ पडिवलेॅवि अउज्झहिॅ किउ णिवासु {प॰च॰८२,७.८} जण-वय-वसेण सइ सुद्ध-चित्त $ णिक्कारणेॅ काणणेॅ णेवि घित्त

घत्ता॒

{प॰च॰८२,७.९} वज्जजङ्घु तहिॅ कहि मि गउ $ तें दिट्ठ रुवन्ति वराइय सस भणेवि सङ्गहिय घरेॅ $ लवणङ्कुस पुत्त वियाइय"


कण्ड ५, संधि ८२, कडवक ८॒


{प॰च॰८२,८.१} तं णिसुणेॅवि भणइ अणङ्गलवणु $ "अम्हाण समाणु कुलीणु कवणु {प॰च॰८२,८.२} किउ जेण णवर जणणिहेॅ मलित्तु $ तह्ũ हũ दवग्गि डहणेक्क-चित्तु {प॰च॰८२,८.३} वट्टइ जाणिज्जइ तहिॅ जेॅ कालेॅ $ दुद्दरिसणेॅ भीसणेॅ भड-वमालेॅ {प॰च॰८२,८.४} जिम लक्खण-रामह्ũ पलउ जाउ $ जिम अम्हहँ विहि मि विणासु आउ {प॰च॰८२,८.५} कहेॅ तणउ वप्पु कहेॅ तणउ पुत्तु $ जो हणइ सो जिवइ रिउ णिरुत्तु {प॰च॰८२,८.६} जाणेॅवि कुमार-विक्कमु अलङ्घु $ सुट्ठेरिउ रोसिउ वज्जजङ्घु {प॰च॰८२,८.७} "जो तुम्हहँ तिहि मि अणिट्ठु पाउ $ सो महु मि ण भावइ पिसुण-भाउ" {प॰च॰८२,८.८} परिपुच्छिउ णारउ परम-जोइ $ "एत्थहेॅ अउज्झ किं दूर होइ"

घत्ता॒

{प॰च॰८२,८.९} कहइ महा-रिसि गयण-गइ $ तहेॅ लवणहेॅ समरेॅ समत्थहेॅ "सउ सट्ठुत्तरु जोयणहँ $ साकेय-महापुरि एत्थहेॅ"


कण्ड ५, संधि ८२, कडवक ९॒


{प॰च॰८२,९.१} वइदेहि णिवारइ दर रुवन्ति $ "ते दुज्जय लक्खण-राम होन्ति {प॰च॰८२,९.२} हणुवन्तु जाहँ घरेॅ करइ सेव $ आरुट्ठहेॅ जसु देव वि अ-देव {प॰च॰८२,९.३} सुग्गीउ विहीसणु भिच्च जाहँ $ को रणेॅ धुर धरेॅवि समत्थु ताहँ {प॰च॰८२,९.४} दसकन्धरु दुद्धरु णिहउ जेहिॅ $ को पहरेॅवि सक्कइ समउ तेहिॅ" {प॰च॰८२,९.५} तं णिसुणेॅवि लवणङ्कुस पलित्त $ णं विण्णि हुआसण घिऍण सित्त {प॰च॰८२,९.६} "किं अम्हहँ वलेॅ सामन्त णत्थि $ किं अम्हहँ ण-वि रह-तुरय-हत्थि {प॰च॰८२,९.७} किं अम्हहँ दिढइँ ण वारणाइँ $ किं अम्हहँ करेॅहिॅ ण पहरणाइँ {प॰च॰८२,९.८} किं अम्हहँ तणउ ण होइ घाउ $ सामण्ण-मरणेॅ को भयहेॅ थाउ"

घत्ता॒

{प॰च॰८२,९.९} तो वुच्चइ मयणङ्कुसेॅण $ "एत्तडउ ताव दरिसावमि जेण रुवाविय माय महु $ तहेॅ तणिय माय रोवावमि"


कण्ड ५, संधि ८२, कडवक १०॒


{प॰च॰८२,१०.१} हय भेरि पयाणउ दिण्णु तेहिॅ $ रण-रस-भरियहिॅ लवणङ्कुसेहिॅ {प॰च॰८२,१०.२} अग्गऍ दस सय कुट्ठारियाहँ $ दस दारुण कुद्दल-धारियाहँ {प॰च॰८२,१०.३} पण्णारह खेवणि-करयलाहँ $ झसियहँ चउवीस महा-वलाहँ {प॰च॰८२,१०.४} छव्वीसइँ कुसिय-विसोहियाहँ $ वत्तीस सहासइँ चक्कियाहँ {प॰च॰८२,१०.५} दस लक्ख गयह्ũ मय-णिब्भराह्ũ $ दस रहह्ũ अट्ठारह हयवराह्ũ {प॰च॰८२,१०.६} वत्तीस लक्ख फारक्कियाह्ũ $ चउसट्ठि पवर धाणुक्कियाह्ũ {प॰च॰८२,१०.७} रण-रसियहँ रहसाऊरियाह्ũ $ अक्खोहणि साहणेॅ तूरियाह्ũ {प॰च॰८२,१०.८} णरवइहिॅ कोडि दस किङ्कराहँ $ सावरणहँ वर-पहरण-कराहँ

घत्ता॒

{प॰च॰८२,१०.९} स-रहसु लवणङ्कुसहँ वलु $ पहेॅ उप्पहेॅ कह वि ण माइयउ णं खय-कालेॅ समुद्द-जलु $ रेल्लन्तु अउज्झ पराइयउ


कण्ड ५, संधि ८२, कडवक ११॒


{प॰च॰८२,११.१} तो दप्पुद्धरेॅहिॅ णिरङ्कुसेहिॅ $ पट्ठविउ दूउ लवणङ्कुसेहिॅ {प॰च॰८२,११.२} गउ झत्ति अउज्झाउरि पइट्ठु $ स-जणद्दणु सीया-दइउ दिट्ठु {प॰च॰८२,११.३} "अहेॅ रहुवइ अहेॅ लक्खण-कुमार $ वोल्लिज्जइ केत्तिउ वार-वार {प॰च॰८२,११.४} पर-णारी-हरण-दयावणेण $ तुम्हइँ हेवाइय रावणेण {प॰च॰८२,११.५} इहु घइँ पुणु णरवइ वज्जजङ्घु $ उवहि व अ-खोहु मेरु व अ-लङ्घु {प॰च॰८२,११.६} परमुत्तम-सत्तु महाणुभावु $ सुर-भुवणन्तर-णिग्गय-पयावु {प॰च॰८२,११.७} रण-रामालिङ्गण-रस-पसत्तु $ जसु तिण-समु पर-धणु पर-कलत्तु {प॰च॰८२,११.८} लवणङ्कुस-मामु महा-पचण्डु $ सो तुम्हहँ आइउ काल-दण्डु

घत्ता॒

{प॰च॰८२,११.९} तें सह्ũ काइँ महाहवेॅण $ णिय-कोसु असेसु वि देप्पिणु सुहु जीवहेॅ उज्झाउरिहेॅ $ लवणङ्कुस-केर करेप्पिणु"


कण्ड ५, संधि ८२, कडवक १२॒


{प॰च॰८२,१२.१} आसीविस-विसहर-विसम-चित्तु $ णारायणु हुअवहु जिह पलित्तु {प॰च॰८२,१२.२} "जा जाहि दूअ किं गज्जिएण $ जलएण व जल-परिवज्जिएण {प॰च॰८२,१२.३} को वज्जजङ्घु को ऽणङ्गलवणु $ को अङ्कुसु तासु पयावु कवणु {प॰च॰८२,१२.४} जिह सक्कहेॅ तिह उत्थरहेॅ तुम्हेॅ $ गहियाउह थिय सण्णहेॅवि अम्हेॅ" {प॰च॰८२,१२.५} गउ दूउ तुरन्तु वहन्तु खेरि $ हय हरि-वल-वलेॅ सण्णाह-भेरि {प॰च॰८२,१२.६} सण्णद्धु रामु रामाहिरामु $ तइलोक्कब्भन्तरेॅ भमिउ णामु {प॰च॰८२,१२.७} सण्णद्धु पलय-कालाणुकारि $ लक्खणु सुह-लक्खण-लक्ख-धारि {प॰च॰८२,१२.८} सण्णद्ध णराहिव णिरवसेस $ वीसम्भर-गोयर खेयरेस

घत्ता॒

{प॰च॰८२,१२.९} हय-तूरइँ किय-कलयलइँ $ दारुण-रणभूमि-पयट्टइँ लवणङ्कुस-हरि-वल-वलइँ $ स-रहसइँ वे वि अब्भिट्टइँ


कण्ड ५, संधि ८२, कडवक १३॒


{प॰च॰८२,१३.१} अब्भिट्टइँ हरिस-पसाहणाइँ $ लवणङ्कुस-हरि-वल-साहणाइँ {प॰च॰८२,१३.२} दुव्वार-वइरि-विणिवारणाइँ $ धाइय-उद्धङ्कुस-वारणाइँ {प॰च॰८२,१३.३} दुद्धर-पर-णर-दप्प-हरणाइँ $ अवरोप्परु पेसिय-पहरणाइँ {प॰च॰८२,१३.४} जस-लुद्धइँ वड्ढिय-विग्गहाइँ $ रण-रामालिङ्गिय-विग्गहाइँ {प॰च॰८२,१३.५} हरि-खुर-खय-रय-कय-धूसराइँ $ आयामिय-भामिय-असिवराइँ {प॰च॰८२,१३.६} असि-किरण-करालिय-णहयलाइँ $ गय-मय-कद्दमिय-महीयलाइँ {प॰च॰८२,१३.७} रुहिर-णइ-पूर-पूरिय-पहाइँ $ खुर-खोणी-खुत्त-महारहाइँ {प॰च॰८२,१३.८} पय-भर-भारिय-वीसम्भराइँ $ पहरन्ति परोप्परु णिब्भराइँ

घत्ता॒

{प॰च॰८२,१३.९} वज्जजङ्घ-रहुवइ-वलइँ $ दिट्ठइँ सुरपुर-परिपालें रण-भोयणु भुञ्जन्तऍण $ वे मुहइँ कियइँ णं कालें


कण्ड ५, संधि ८२, कडवक १४॒


{प॰च॰८२,१४.१} कहिं जि धाइया भडा $ मइन्द-विक्कमुब्भडा {प॰च॰८२,१४.२} स-रोस-वावरन्तया $ परोप्परु हणन्तया {प॰च॰८२,१४.३} कहिं जि आगया गया $ पहार-संगया गया {प॰च॰८२,१४.४} कहिं जेॅ वाण-जज्जरा $ भमन्त मत्त कुञ्जरा {प॰च॰८२,१४.५} कहिं जेॅ दन्ति दन्तया $ रसन्ति भग्ग-दन्तया {प॰च॰८२,१४.६} कहिं जेॅ ते सु-लोहिया $ गिरि व्व धाउ-लोहिया {प॰च॰८२,१४.७} कहिं जेॅ आहया हया $ पडन्ति चिन्धया धया {प॰च॰८२,१४.८} कहिं जेॅ उद्ध-कण्डयं $ पणच्चियं कवन्धयं {प॰च॰८२,१४.९} तओ तहिं महा-रणे $ भडेक्कमेक्क-दारुणे {प॰च॰८२,१४.१०} गलन्त-सोणियारुणे $ विमुक्क-हक्क-दारुणे {प॰च॰८२,१४.११} पिसाय-णाय-भीसणे $ अणेय-तूर-णीसणे {प॰च॰८२,१४.१२} मिलन्त-ठन्त-वायसे $ सिवा-णियन्त-फोप्फसे

घत्ता॒

{प॰च॰८२,१४.१३} ताव वलुद्धुरु वइरि-वलु $ जगडन्तु मज्झेॅ संगामहेॅ धाइउ अङ्कुसु लक्खणहेॅ $ अब्भिट्टु लवणु रणेॅ रामहेॅ


कण्ड ५, संधि ८२, कडवक १५॒


{प॰च॰८२,१५.१} अब्भिट्ट परोप्परु लवण-राम $ णं दइवें णिम्मिय विण्णि काम {प॰च॰८२,१५.२} विण्णि वि भूगोयर-सार-भूय $ थिय विण्णि वि णाइँ कियन्त-दूय {प॰च॰८२,१५.३} णं सग्गहेॅ इन्द-पडिन्द पडिय $ विण्णि वि णिय-णिय-रहवरेॅहिॅ चडिय {प॰च॰८२,१५.४} विण्णि वि अप्फालिय-चण्ड-चाव $ विण्णि वि अवरोप्परु पलय-भाव {प॰च॰८२,१५.५} विण्णि वि दप्पुद्धर वद्ध-रोस $ विण्णि वि सुरसुन्दरि-जणिय-तोस {प॰च॰८२,१५.६} विण्णि वि रण-रामालिङ्गियङ्ग $ विण्णि वि दूरुज्झिय-पिसुण-सङ्ग {प॰च॰८२,१५.७} विण्णि वि अवहत्थिय-मरण-सङ्क $ विण्णि वि पक्खालिय-पाव-पङ्क

घत्ता॒

{प॰च॰८२,१५.८} ताव रणङ्गणेॅ राहवहेॅ $ आयामेॅवि विक्कम-सारें सह्ũ धय-धवल-महद्धऍण $ धणु पाडिउ लवण-कुमारें


कण्ड ५, संधि ८२, कडवक १६॒


{प॰च॰८२,१६.१} रहु-णन्दण-णन्दण-णन्दणेण $ धणु अवरु लइउ रिउ-मद्दणेण {प॰च॰८२,१६.२} जं पलय-वालवमुहाणुकरणु $ जं विडसुग्गीवहेॅ पाण-हरणु {प॰च॰८२,१६.३} सुग्गीवहेॅ जेण सु-दिण्ण तार $ जें रावणु भग्गु अणेय-वार {प॰च॰८२,१६.४} तं पवरु सरासणु स-सरु लेवि $ किर विन्धइ आलक्खिउ करेवि {प॰च॰८२,१६.५} रहु कण्डिउ सीय-सुएण ताव $ परिओसिय सुर समरेक्क-भाव {प॰च॰८२,१६.६} हउ सारहि आहय वर तुरङ्ग $ णं पारावारहेॅ हिय तरङ्ग {प॰च॰८२,१६.७} पभणिउ अणङ्गलवणेण रामु $ "तुह्ũ जइ उववासेॅण हुयउ खामु {प॰च॰८२,१६.८} तो वावरु सव्व-परक्कमेण $ जिय णिसियर एण जि विक्कमेण"

घत्ता॒

{प॰च॰८२,१६.९} वलेॅण विलक्खीहूयऍण $ सर-धोरणि मुक्क कुमारहेॅ वलेॅवि पडीवी लग्ग करेॅ $ णं कुल-वहु णिय-भत्तारहेॅ


कण्ड ५, संधि ८२, कडवक १७॒


{प॰च॰८२,१७.१} जिह मुक्कु ण ढुक्कइ कोइ वाणु $ तिह हलु तिह मोग्गरु तिह किवाणु {प॰च॰८२,१७.२} तिह मुसलु गयासणि तिह रहङ्गु $ तिह अवरु वि पहरणु रणेॅ अहङ्गु {प॰च॰८२,१७.३} लक्खणु वि ताव मयणङ्कुसेण $ णं रुद्धु महा-गउ अङ्कुसेण {प॰च॰८२,१७.४} आमेल्लइ पहरणु जं जेॅ जं जेॅ $ लवणाणुउ छिन्दइ तं जेॅ तं जेॅ {प॰च॰८२,१७.५} धणु पाडिउ पाडिउ आयवत्तु $ हय हयवर सारहि धरणि-पत्तु {प॰च॰८२,१७.६} गयणङ्गणेॅ तो वोल्लन्ति देव $ "जिय वालेॅहिॅ लक्खण-राम केव" {प॰च॰८२,१७.७} हासं गउ सुरवर-पउर-विन्दु $ "हउ अण्णें केण वि णिसियरिन्दु {प॰च॰८२,१७.८} खर-दूसणु सम्वुकुमारु जो वि $ अण्णेण जि केण वि णिहउ सो वि"

घत्ता॒

{प॰च॰८२,१७.९} जगु जेॅ विरत्तउ हरि-वलहँ $ सिसु-साहस-पवणुद्धूअउ णहु महियलु पायालयलु $ सयलु वि लवणङ्कुसिहूअउ


कण्ड ५, संधि ८२, कडवक १८॒


{प॰च॰८२,१८.१} खरदूसण-रावण-घायणेण $ तो लइउ चक्कु णारायणेण {प॰च॰८२,१८.२} सय-सूर-समप्पहु णिसिय-धारु $ दसकन्धर-दारणु दससयारु {प॰च॰८२,१८.३} खय-जलण-जाल-माला-रउद्दु $ कुण्डलेॅवि णाइँ थिउ विसहरिन्दु {प॰च॰८२,१८.४} धवलुज्जलु हरि-करयलेॅ विहाइ $ वर-कमलहेॅ उप्परि कमलु णाइँ {प॰च॰८२,१८.५} आयामेॅवि मेल्लिउ लक्खणेण $ गउ फरहरन्तु णहेॅ तक्खणेण {प॰च॰८२,१८.६} आसङ्किय सुर णर जे ऽणुरत्त $ "लइ एवहिॅ सीया-सुय समत्त" {प॰च॰८२,१८.७} ति-पयाहिण णवरङ्कुसहेॅ देवि $ थिउ हरिहेॅ पडीवउ करेॅ चडेवि {प॰च॰८२,१८.८} पडिवारउ घत्तिउ लक्खणेण $ पडिवारउ आइउ तक्खणेण

घत्ता॒

{प॰च॰८२,१८.९} हरि आमेल्लइ अमरिसेॅण $ तहेॅ वालहेॅ तण्ण पहावइ वाहिर-विद्धु कलत्तु जिह $ परिभमेवि पुणु पुणु आवइ


कण्ड ५, संधि ८२, कडवक १९॒


{प॰च॰८२,१९.१} तो सयल-काल-कलिआरएण $ आणन्दु पणच्चिउ णारएण {प॰च॰८२,१९.२} "हरि-वलहेॅ एह किर कवण वुद्धि $ णिय-पुत्त वहेॅवि कहिॅ लहहेॅ सुद्धि {प॰च॰८२,१९.३} गुरु-हार वणन्तरेॅ मुक्क देवि $ उप्पण्ण तणय तहेॅ एय वे वि {प॰च॰८२,१९.४} पहिलारउ एहु अणङ्गलवणु $ कुल-मण्डणु जयसिरि-वास-भवणु {प॰च॰८२,१९.५} वीयउ मयणङ्कुसु एहु देव $ सह्ũ आयह्ũ पहरहेॅ तुम्हि केव" {प॰च॰८२,१९.६} रिसि-वयणु सुणेवि महा-वलेहिॅ $ परिचत्तइँ करणइँ हरि-वलेहिॅ {प॰च॰८२,१९.७} अवरुण्डिय चुम्विय विहिॅ वि वे वि $ कम-कमलहँ णिवडिय ताम ते वि {प॰च॰८२,१९.८} लवणङ्कुस-लक्खण-राम मिलिय $ चउ सायर एक्कहिॅ णाइँ मिलिय

घत्ता॒

{प॰च॰८२,१९.९} वज्जजङ्घु स इँ भु अ जुऍहिॅ $ अवरुण्डिउ जाणइ-कन्तेॅण वार-वार पोमाइयउ $ "महु मिलिय पुत्त पइँ होन्तेॅण"



[८३. तेआसीमो संधि] ----------


लवणङ्कुस पुरेॅ पइसारेॅवि $ जिय-रयणियर-महाहवेॅण वइदेहिहेॅ दुज्जस-भीयऍण $ दिव्वु समोड्डिउ राहवेॅण


कण्ड ५, संधि ८३, कडवक १॒


{प॰च॰८३,१.१} लवणङ्कुस-कुमार वलहद्दें $ पुरेॅ पइसारिय जय-जय-सद्दें {प॰च॰८३,१.२} झल्लरि-पडह-भेरि-दडि-सङ्खेॅहिॅ $ वज्जन्तहिॅ अवरेहिॅ अ-सङ्खेॅहिॅ {प॰च॰८३,१.३} रामु अणङ्गलवणु रहेॅ एक्कहिॅ $ लक्खणु मयणङ्कुसु अण्णेक्कहिॅ {प॰च॰८३,१.४} वज्जजङ्घु थिउ दुद्दम-वारणेॅ $ वीया-यन्दु णाइँ गयणङ्गणेॅ {प॰च॰८३,१.५} जय-जयकारिउ भड-सङ्घाएं $ "रामहेॅ सुअ मेलाविय आएं" {प॰च॰८३,१.६} जणवउ रहसें अङ्गेॅ ण माइउ $ एक्कमेक्क-चूरन्तु पधाइउ {प॰च॰८३,१.७} पेक्खेॅवि ते कुमार पइसन्ता $ णारिउ ण वि गणन्ति पइ सन्ता {प॰च॰८३,१.८} सीया-णन्दण-रूवालोयणेॅ $ लायइ का वि अलत्तउ लोयणेॅ {प॰च॰८३,१.९} का वि देइ अहरुल्लऍ कज्जलु $ काऍ वि घत्तिउ पच्छऍ अञ्चलु

घत्ता॒

{प॰च॰८३,१.१०} विवरेरउ णायरिया-यणु $ किउ लवणङ्कुस-दंसणेॅण जगेॅ कामें को वि ण वद्धउ $ स-सरें कुसुम-सरासणेॅण


कण्ड ५, संधि ८३, कडवक २॒


{प॰च॰८३,२.१} आयल्लउ करन्त तरुणी-यणेॅ $ लवणङ्कुस पइसारिय पट्टणेॅ {प॰च॰८३,२.२} तहिॅ तेहऍ पमाणेॅ विज्जाहर $ लङ्काहिव-किक्किन्ध-पुरेसर {प॰च॰८३,२.३} भामण्डल-णल-णीलङ्गङ्गय $ जणय-कणय-मरुतणय समागय {प॰च॰८३,२.४} जे पट्ठविय गाम-पुर-देसह्ũ $ गय हक्कारा ताह्ũ असेसह्ũ {प॰च॰८३,२.५} णाणा-जाण-विमाणेॅहिॅ आइय $ णं जिण-जम्मणेॅ अमर पराइय {प॰च॰८३,२.६} दिट्ठु रामु सोमित्ति महाउसु $ दिट्ठु अणङ्गलवणु मयणङ्कुसु {प॰च॰८३,२.७} सत्तुहणो वि दिट्ठु तहिॅ सुन्दर $ एक्कहिॅ मिलिय पञ्च णं मन्दर {प॰च॰८३,२.८} पुणरवि रामहेॅ किय अहिवन्दण $ "धण्णउ तुह्ũ जसु एहा णन्दण

घत्ता॒

{प॰च॰८३,२.९} एत्तडउ दोसु पर रहुवइहेॅ $ जं परमेसरि णाहिॅ घरेॅ म पमायहि लोयह्ũ छन्देॅण $ आणेॅवि का वि परिक्ख करेॅ"


कण्ड ५, संधि ८३, कडवक ३॒


{प॰च॰८३,३.१} तं णिसुणेवि चवइ रहुणन्दणु $ "जाणमि सीयहेॅ तणउ सइत्तणु {प॰च॰८३,३.२} जाणमि जिह हरि-वंसुप्पण्णी $ जाणमि जिह वय गुण-संपण्णी {प॰च॰८३,३.३} जाणमि जिह जिण-सासणेॅ भत्ती $ जाणमि जिह महु सोक्खुप्पत्ती {प॰च॰८३,३.४} जा अणु-गुण-सिक्खा-वय-धारी $ जा सम्मत्त-रयण-मणि-सारी {प॰च॰८३,३.५} जाणमि जिह सायर-गम्भीरी $ जाणमि जिह सुर-महिहर-धीरी {प॰च॰८३,३.६} जाणमि अङ्कुस-लवण-जणेरी $ जाणमि जिह सुय जणयहेॅ केरी {प॰च॰८३,३.७} जाणमि सस भामण्डल-रायहेॅ $ जाणमि सामिणि रज्जहेॅ आयहेॅ {प॰च॰८३,३.८} जाणमि जिह अन्तेउर-सारी $ जाणमि जिह महु पेसण-गारी

घत्ता॒

{प॰च॰८३,३.९} मेल्लेपिणु णायर-लोऍण $ महु घरेॅ उब्भा करेॅवि कर जो दुज्जसु उप्परेॅ घित्तउ $ एउ ण जाणहेॅ एक्कु पर"


कण्ड ५, संधि ८३, कडवक ४॒


{प॰च॰८३,४.१} तहिॅ अवसरेॅ रयणासव-जाएं $ कोक्किय तियड विहीसण-राएं {प॰च॰८३,४.२} वोल्लाविय एत्तहेॅ वि तुरन्तें $ लङ्कासुन्दरि तो हणुवन्तें {प॰च॰८३,४.३} विण्णि वि विण्णवन्ति पणमन्तिउ $ सीय-सइत्तण-गव्वु वहन्तिउ {प॰च॰८३,४.४} "देव देव जइ हुअवहु डज्झइ $ जइ मारुउ पड-पोट्टलेॅ वज्झइ {प॰च॰८३,४.५} जइ पायालेॅ णहङ्गणु लोट्टइ $ कालन्तरेॅण कालु जइ तिट्ठइ {प॰च॰८३,४.६} जइ उप्पज्जइ मरणु कियन्तहेॅ $ जइ णासइ सासणु अरहन्तहेॅ {प॰च॰८३,४.७} जइ अवरें उग्गमइ दिवायरु $ मेरु-सिहरेॅ जइ णिवसइ सायरु {प॰च॰८३,४.८} एउ असेसु वि सम्भाविज्जइ $ सीयहेॅ सीलु ण पुणु मइलिज्जइ

घत्ता॒

{प॰च॰८३,४.९} जइ एव वि णउ पत्तिज्जहि $ तो परमेसर एउ करेॅ तुल-चाउल-विस-जल-जलणहँ $ पञ्चहँ एक्कु जि दिव्वु धरेॅ"


कण्ड ५, संधि ८३, कडवक ५॒


{प॰च॰८३,५.१} तं णिसुणेॅवि रहुवइ परिओसिउ $ "एव होउ" हक्कारउ पेसिउ {प॰च॰८३,५.२} गउ सुग्गीउ विहीसणु अङ्गउ $ चन्दोयर-णन्दणु पवणङ्गउ {प॰च॰८३,५.३} पेसिउ पुप्फ-विमाणु पयट्टउ $ णं णहयल-सरेॅ कमलु विसट्टउ {प॰च॰८३,५.४} पुण्डरीय-पुरवरु सम्पाइय $ दिट्ठ देवि रहसेण ण माइय {प॰च॰८३,५.५} "णन्द वड्ढ जय होहि चिराउस $ विण्णि वि जाहेॅ पुत्त लवणङ्कुस {प॰च॰८३,५.६} लक्खण-राम जेहिॅ आयामिय $ सीहहिॅ जिह गइन्द ओहामिय {प॰च॰८३,५.७} रक्खिय णारएण समरङ्गणेॅ $ तेहि मि ते पइसारिय पट्टणेॅ {प॰च॰८३,५.८} अम्हइँ आय तुम्ह-हक्कारा $ दिअहा होन्तु मणोरह-गारा

घत्ता॒

{प॰च॰८३,५.९} चडु पुप्फ-विमाणेॅ भडारिऍ $ मिलु पुत्तहँ पइ-देवरहँ सह्ũ अच्छहिॅ मज्झेॅ परिट्ठिय $ पिहिमि जेम चउ-सायरहँ"


कण्ड ५, संधि ८३, कडवक ६॒


{प॰च॰८३,६.१} तं णिसुणेॅवि लवणङ्कुस-मायऍ $ वुत्तु विहीसणु गग्गिर-वायऍ {प॰च॰८३,६.२} "णिट्ठुर-हिययहेॅ अ-लइय-णामहेॅ $ जाणमि तत्ति ण किज्जइ रामहेॅ {प॰च॰८३,६.३} घल्लिय जेण रुवन्ति वणन्तरेॅ $ डाइणि-रक्खस-भूय-भयङ्करेॅ {प॰च॰८३,६.४} जहिॅ सद्दूल-सीह-गय-गण्डा $ वव्वर-सवर-पुलिन्द-पयण्डा {प॰च॰८३,६.५} जहिॅ वहु तच्छ-रिच्छ-रुरु-सम्वर $ स-उरग-खग-मिग-विग-सिव-सूयर {प॰च॰८३,६.६} जहिॅ माणुसु जीवन्तु वि लुच्चइ $ विहि कलि-कालु वि पाणह्ũ मुच्चइ {प॰च॰८३,६.७} तहिॅ वणेॅ घल्लाविय अण्णाणें $ एवहिॅ किं तहेॅ तणेॅण विमाणें

घत्ता॒

{प॰च॰८३,६.८} सो तेण डाहु उप्पाइयउ $ पिसुणालाव-मरीसिऍण सो दुक्करु उल्हाविज्जइ $ मेह-सएण वि वरिसिऍण


कण्ड ५, संधि ८३, कडवक ७॒


{प॰च॰८३,७.१} जइ वि ण कारणु राहव-चन्दें $ तो वि जामि लइ तुम्हहँ छन्दें" {प॰च॰८३,७.२} ẽव भणेवि देवि जय-सुन्दरि $ कम-कमलहिॅ अच्चन्ति वसुन्धरि {प॰च॰८३,७.३} पुप्फ-विमाणेॅ चडिय अणुराएं $ परिमिय विज्जाहर-सङ्घाएं {प॰च॰८३,७.४} कोसल-णयरि पराइय जावेॅहिॅ $ दिणमणि गउ अत्थवणहेॅ तावेॅहिॅ {प॰च॰८३,७.५} जेत्थहेॅ पिययमेण णिव्वासिय $ तहेॅ उववणहेॅ मज्झेॅ आवासिय {प॰च॰८३,७.६} कह वि विहाणु भाणु णहेॅ उग्गउ $ अहिमुहु सज्जण-लोउ समागउ {प॰च॰८३,७.७} दिण्णइँ तूरइँ मङ्गलु घोसिउ $ पट्टणु णिरवसेसु परिओसिउ {प॰च॰८३,७.८} सीय पविट्ठ णिविट्ठ वरासणेॅ $ सासण-देवय णं जिण-सासणेॅ

घत्ता॒

{प॰च॰८३,७.९} परमेसरि पढम-समागमेॅ $ झत्ति णिहालिय हलहरेॅण सिय-पक्खहेॅ दिवसेॅ पहिल्लऍ $ चन्दलेह णं सायरेॅण


कण्ड ५, संधि ८३, कडवक ८॒


{प॰च॰८३,८.१} कन्तहेॅ तणिय कन्ति पेक्खेप्पिणु $ पभणइ पोमणाहु विहसेप्पिणु {प॰च॰८३,८.२} "जइ वि कुलुग्गयाउ णिरवज्जउ $ महिलउ होन्ति सुट्ठु णिल्लज्जउ {प॰च॰८३,८.३} दर-दाविय-कडक्ख-विक्खेवउ $ कुडिल-मइउ वड्ढिय-अवलेवउ {प॰च॰८३,८.४} वाहिर-धिट्ठउ गुण-परिहीणउ $ किह सय-कण्ड ण जन्ति णिहीणउ {प॰च॰८३,८.५} णउ गणन्ति णिय-कुलु मइलन्तउ $ तिहुअणेॅ अयस-पडहु वज्जन्तउ {प॰च॰८३,८.६} अङ्गु समोड्डेॅवि धिद्धिक्कारहेॅ $ वयणु णिएन्ति केम भत्तारहेॅ" {प॰च॰८३,८.७} सीय ण भीय सइत्तण-गव्वें $ वलेॅवि पवोल्लिय मच्छर-गव्वें {प॰च॰८३,८.८} "पुरिस णिहीण होन्ति गुणवन्त वि $ तियहेॅ ण पत्तिज्जन्ति मरन्त वि

घत्ता॒

{प॰च॰८३,८.९} खडु लक्कडु सलिलु वहन्तियहेॅ $ पउराणियहेॅ कुलुग्गयहेॅ रयणायरु खारइँ देन्तउ $ तो वि ण थक्कइ णम्मयहेॅ


कण्ड ५, संधि ८३, कडवक ९॒


{प॰च॰८३,९.१} साणु ण केण वि जणेॅण गणिज्जइ $ गङ्गा-णइहिॅ तं जि ण्हाइज्जइ {प॰च॰८३,९.२} ससि स-कलङ्कु तहिॅ जि पह णिम्मल $ कालउ मेहु तहिॅ जेॅ तडि उज्जल {प॰च॰८३,९.३} उवलु अपुज्जु ण केण वि छिप्पइ $ तहिॅ जि पडिम चन्दणेॅण विलिप्पइ {प॰च॰८३,९.४} धुज्जइ पाउ पङ्कु जइ लग्गइ $ कमल-माल पुणु जिणहेॅ वलग्गइ {प॰च॰८३,९.५} दीवउ होइ सहावें कालउ $ वट्टि-सिहऍ मण्डिज्जइ आलउ {प॰च॰८३,९.६} णर-णारिहिॅ एवड्डउ अन्तरु $ मरणेॅ वि वेल्लि ण मेल्लइ तरुवरु {प॰च॰८३,९.७} ऍहु पइँ कवण वोल्ल पारम्भिय $ सइ-वडाय मइँ अज्जु समुब्भिय {प॰च॰८३,९.८} तुह्ũ पेक्खन्तु अच्छु वीसत्थउ $ डहउ जलणु जइ डहेॅवि समत्थउ

घत्ता॒

{प॰च॰८३,९.९} किं किज्जइ अण्णें दिव्वें $ जं ण वि सुज्झइ महु मणहेॅ जिह कणय-लोलि डाहुत्तर $ अच्छमि मज्झेॅ हुआसणहेॅ"


कण्ड ५, संधि ८३, कडवक १०॒


{प॰च॰८३,१०.१} सीयहेॅ वयणु सुणेॅवि जणु हरिसिउ $ उच्चारउ रोमञ्चु पदरिसिउ {प॰च॰८३,१०.२} महुर-णराहिव-जस-लीह-लुहणें $ हरिसिउ लक्खणु सह्ũ सत्तुहणें {प॰च॰८३,१०.३} तिण्णि वि विप्फुरन्त-मणि-कुण्डल $ हरिसिय जणय-कणय-भामण्डल {प॰च॰८३,१०.४} हरिसिय लवणङ्कुस दुस्सील वि $ हरिसिय वज्जजङ्घ-णल-णील वि {प॰च॰८३,१०.५} तार-तरङ्ग-रम्भ-विससेण वि $ दहिमुह-कुमुय-महिन्द-सुसेण वि {प॰च॰८३,१०.६} गवय-गवक्ख-सङ्ख-सक्कन्दण $ चन्दरासि-चन्दोयर-णन्दण {प॰च॰८३,१०.७} लङ्काहिव-सुग्गीवङ्गङ्गय $ जम्वव-पवणञ्जय-पवणङ्गय {प॰च॰८३,१०.८} लोयवाल-गिरि-णइउ समुद्द वि $ विसहरिन्द अमरिन्द णरिन्द वि

घत्ता॒

{प॰च॰८३,१०.९} तइलोक्कब्भन्तर-वत्तिउ $ सयलु वि जणवउ हरिसियउ पर हियवऍ कलुसु वहन्तउ $ रहुवइ एक्कु ण हरिसियउ


कण्ड ५, संधि ८३, कडवक ११॒


{प॰च॰८३,११.१} सीयऍ जं जेॅ वुत्तु अवलेवें $ तं जि समत्थिउ पुणु वलएवें {प॰च॰८३,११.२} कोक्किय खणय खणाविय खोणी $ हत्थ-सयाइँ तिण्णि चउ-कोणी {प॰च॰८३,११.३} पूरिय खड-लक्कड-विच्छड्डेॅहिॅ $ कालागुरु-चन्दण-सिरिकण्डेॅहिॅ {प॰च॰८३,११.४} देवदारु-कप्पूर-सहासेॅहिॅ $ कञ्चण-मञ्च रइय चउ-पासेॅहिॅ {प॰च॰८३,११.५} चडिय राय आया गिव्वाण वि $ इन्द-चन्द-रवि-हरि-वम्भाण वि {प॰च॰८३,११.६} इन्धण-पुञ्जेॅ चडिय परमेसरि $ णं संथिय वय-सीलहँ उप्परि {प॰च॰८३,११.७} "अहेॅ देवहेॅ महु तणउ सइत्तणु $ जोएज्जहेॅ रहुवइ-दुट्ठत्तणु {प॰च॰८३,११.८} अहेॅ वइसाणर तुहु मि डहेज्जहि $ जइ विरुआरी तो म खमेज्जहि"

घत्ता॒

{प॰च॰८३,११.९} किउ कलयलु दिण्णु हुआसणु $ महि जेॅ जाय सम-जालडिय सो णाहिॅ को वि तहिॅ अवसरेॅ $ जेण ण मुक्की धाहडिय


कण्ड ५, संधि ८३, कडवक १२॒


{प॰च॰८३,१२.१} खड-लक्कड-विच्छड्ड-पलित्तऍ $ धाहाविउ कोसलऍ सुमित्तऍ {प॰च॰८३,१२.२} धाहाविउ सोमित्ति-कुमारें $ "अज्जु माय मुअ महु अवियारें" {प॰च॰८३,१२.३} धाहाविउ भामण्डल-जणऍहिॅ $ धाहाविउ लवणङ्कुस-तणऍहिॅ {प॰च॰८३,१२.४} धाहाविउ लङ्कालङ्कारें $ धाहाविउ हणुवन्त-कुमारें {प॰च॰८३,१२.५} धाहाविउ सुग्गीव-णरिन्दें $ धाहाविउ महिन्द-माहिन्दें {प॰च॰८३,१२.६} धाहाविउ सव्वेॅहिॅ सामन्तेॅहिॅ $ रामहेॅ धिद्धिक्कारु करन्तेॅहिॅ {प॰च॰८३,१२.७} धाहाविउ वइदेहि-कएं विहिॅ $ लङ्कासुन्दरि-तियडाएविहिॅ {प॰च॰८३,१२.८} उद्ध-मुहेण पवड्ढिय-सोएं $ धाहाविउ णायरिएं लोएं

घत्ता॒

{प॰च॰८३,१२.९} "णिट्ठुरु णिरासु मायारउ $ दुक्किय-गारउ कूर-मइ णउ जाणह्ũ सीय वहेविणु $ रामु लहेसइ कवण गइ"


कण्ड ५, संधि ८३, कडवक १३॒


{प॰च॰८३,१३.१} थिउ एत्थन्तरेॅ कारणु भारिउ $ णिरवसेसु जगु धूमन्धारिउ {प॰च॰८३,१३.२} जालउ विप्फुरन्ति तहिॅ अवसरेॅ $ णं विज्जुलउ जलय-जालन्तरेॅ {प॰च॰८३,१३.३} सीय सइत्तणेण णउ कम्पिय $ "ढुक्कु ढुक्कु सिहि" एम पजम्पिय {प॰च॰८३,१३.४} "एहु देहु गुण-गहण-णिवासणु $ डहेॅ डहेॅ जइ सच्चउ जेॅ हुआसणु {प॰च॰८३,१३.५} डहेॅ डहेॅ जइ जिण-सासणु छड्डिउ $ डहेॅ डहेॅ जइ णिय-गोत्तु ण मण्डिउ {प॰च॰८३,१३.६} डहेॅ डहेॅ जइ हũ केण वि ऊणी $ डहेॅ डहेॅ जइ चारित्त-विहूणी {प॰च॰८३,१३.७} डहेॅ डहेॅ जइ भत्तारहेॅ दोही $ डहेॅ डहेॅ जइ परलोय-विरोही {प॰च॰८३,१३.८} डहेॅ डहेॅ सयल-भुवण-सन्तावणु $ जइ मइँ मणेॅण वि इच्छिउ रावणु" {प॰च॰८३,१३.९} तं एवड्डु धीरु को पावइ $ सिहि सीयलउ होइ ण पहावइ

घत्ता॒

{प॰च॰८३,१३.१०} तहिॅ अवसरेॅ मणेॅ परितुट्ठउ $ कहइ पुरन्दरु सुर-यणहेॅ "सिहि सङ्कइ डहेॅवि ण सक्कइ $ पेक्खु पहाउ सइत्तणहेॅ"


कण्ड ५, संधि ८३, कडवक १४॒


{प॰च॰८३,१४.१} ताम तरुण-तामरसेॅहिॅ छण्णउ $ सो ज्जेॅ जलणु सरवरु उप्पण्णउ {प॰च॰८३,१४.२} सारस-हंस-कोञ्च-कारण्डेॅहिॅ $ गुमुगुमन्त-छप्पय-विच्छड्डेॅहिॅ {प॰च॰८३,१४.३} जलु अत्थक्कऍ कहि मि ण माइउ $ मञ्च-सयइँ रेल्लन्तु पधाइय {प॰च॰८३,१४.४} णासइ सव्वु लोउ सह्ũ रामें $ सलिलु पवड्ढिउ सीयहेॅ णामें {प॰च॰८३,१४.५} अण्णु वि सहसवत्तु उप्पण्णउ $ दियवऍ आसणु णं अवइण्णउ {प॰च॰८३,१४.६} तासु मज्झेॅ मणि-कणय-रवण्णउ $ दिव्वासणु समुच्चु उप्पण्णउ {प॰च॰८३,१४.७} तहिॅ जाणइ जण-साहुक्कारिय $ सइँ सुरवर-वहूहिॅ वइसारिय {प॰च॰८३,१४.८} तहिॅ वेलहिॅ सोहइ परमेसरि $ णं पच्चक्ख लच्छि कमलोवरि {प॰च॰८३,१४.९} आहय दुन्दुहि सुरवर-सत्थें $ मेल्लिउ कुसुम-वासु सइँ हत्थें

घत्ता॒

{प॰च॰८३,१४.१०} जय-जय-कारु पघुट्ठउ $ सुह-वयणावण्णण-भरिउ णाणाविह-तूर-महा-रउ $ जाणइ-जसु व पवित्थरिउ


कण्ड ५, संधि ८३, कडवक १५॒


{प॰च॰८३,१५.१} तो एत्थन्तरेॅ णिरु दीहाउस $ सीयहेॅ पासु ढुक्क लवणङ्कुस {प॰च॰८३,१५.२} जिह ते तिह विण्णि वि हरि-हलहर $ तिह भामण्डल-णल-वेलन्धर {प॰च॰८३,१५.३} तिह सुग्गीव-णील-मइसायर $ तिह सुसेण-विससेण-जसायर {प॰च॰८३,१५.४} तिह स-विहीसण कुमुअङ्गङ्गय $ जणय-कणय-मारुइ-पवणञ्जय {प॰च॰८३,१५.५} तिह गय-गवय-गवक्ख-विराहिय $ वज्जजङ्घ-सत्तुहण-गुणाहिय {प॰च॰८३,१५.६} तिह महिन्द-माहिन्दि स-दहिमुह $ तार-तरङ्ग-रम्भ-पहु-दुम्मुह {प॰च॰८३,१५.७} तिह मइकन्त-वसन्त-रविप्पह $ चन्दमरीचि-हंस-पहु-दिढरह {प॰च॰८३,१५.८} चन्दरासि-सन्ताण णरेसर $ रयणकेसि-पीइङ्कर खेयर {प॰च॰८३,१५.९} तिह जम्वव-जम्ववि-इन्दाउह $ मन्दहत्थ-ससिपह-तारामुह {प॰च॰८३,१५.१०} तिह ससिवद्धण-सेय-समुद्द वि $ रइवद्धण-णन्दण-कुन्देद(?) वि {प॰च॰८३,१५.११} लच्छिभुत्ति-कोलाहल-सरल वि $ णहुस-कियन्तवत्त-चल-तरल वि

घत्ता॒

{प॰च॰८३,१५.१२} अवर वि एक्केक्क-पहाणा $ उर-रोमञ्च-समुच्छलिय अहिसेय-समऍ णं लच्छिहेॅ $ सयल-दिसा-गइन्द मिलिय


कण्ड ५, संधि ८३, कडवक १६॒


{प॰च॰८३,१६.१} तो वोल्लिज्जइ राहव-चन्दें $ "णिक्कारणेॅ खल-पिसुणहँ छन्दें {प॰च॰८३,१६.२} जं अवियप्पें मइँ अवमाणिय $ अण्णु वि दुहु एवड्डु पराणिय {प॰च॰८३,१६.३} तं परमेसरि महु मरुसेज्जहि $ एक्क-वार अवराहु खमेज्जहि {प॰च॰८३,१६.४} आउ जाह्ũ घर-वासु णिहालहि $ सयलु वि णिय-परियणु परिपालहि {प॰च॰८३,१६.५} पुप्फ-विमाणेॅ चडहि सुर-सुन्दरेॅ $ वन्दहि जिण-भवणइँ गिरि-मन्दरेॅ {प॰च॰८३,१६.६} उववण-णइउ महद्दह-सरवरेॅ $ खेत्तइँ कप्पद्दुम-कुलगिरिवरेॅ {प॰च॰८३,१६.७} णन्दणवण-काणणइँ महायर $ जणवय-वेइ-दीव-रयणायर

घत्ता॒

{प॰च॰८३,१६.८} मणेॅ धरहि एउ महु वुत्तउ $ मच्छरु सयलु वि परिहरहि सइ जिह सुरवइ-संसग्गिऍ $ णीसावण्णु रज्जु करहि"


कण्ड ५, संधि ८३, कडवक १७॒


{प॰च॰८३,१७.१} तं णिसुणेॅवि परिचत्त-सणेहिऍ $ एव पजम्पिउ पुणु वइदेहिऍ {प॰च॰८३,१७.२} "अहेॅ राहव मं जाहि विसायहेॅ $ ण वि तउ दोसु ण जण-सङ्घायहेॅ {प॰च॰८३,१७.३} भव-भव-सऍहिॅ विणासिय-धम्महेॅ $ सव्वु दोसु ऍउ दुक्किय-कम्महेॅ {प॰च॰८३,१७.४} को सक्कइ णासणहँ पुराइउ $ जं अणुलग्गउ जीवह्ũ आइउ {प॰च॰८३,१७.५} वल मइँ वहुविह-देस-णिउत्ती $ तुज्झु पसाएं वसुमइ भुत्ती {प॰च॰८३,१७.६} वहु-वारउ तम्वोलु समाणिउ $ इहलोइउ सुहु सयलु वि माणिउ {प॰च॰८३,१७.७} वहु-वारउ पयडिय-वहु-भोग्गी $ पइँ सह्ũ पुप्फ-विमाणेॅ वलग्गी {प॰च॰८३,१७.८} वहु-वारउ भवणन्तरेॅ हिण्डिउ $ अप्पउ वहु-मण्डणेॅहिॅ पमण्डिउ {प॰च॰८३,१७.९} एवहिॅ तिह करेमि पुणु रहुवइ $ जिह ण होमि पडिवारी तियमइ

घत्ता॒

{प॰च॰८३,१७.१०} महु विसय-सुहेॅहिॅ पज्जत्तउ $ छिन्दमि जाइ-जरा-मरणु णिव्विण्णी भव-संसारहेॅ $ लेमि अज्जु धुवु तव-चरणु"


कण्ड ५, संधि ८३, कडवक १८॒


{प॰च॰८३,१८.१} एम ताऍ ऍउ वयणु चवेप्पिणु $ दाहिण-करेॅण समुप्पाडेप्पिणु {प॰च॰८३,१८.२} णिय-सिर-चिहुर तिलोयाणन्दहेॅ $ पुरउ पघल्लिय राहव-चन्दहेॅ {प॰च॰८३,१८.३} केस णिएवि सो वि मुच्छंगउ $ पडिउ णाइँ तरुवरु मरु-आहउ {प॰च॰८३,१८.४} महिहिॅ णिसण्णु सुट्ठु णिच्चेयणु $ जाव कह वि किर होइ स-चेयणु {प॰च॰८३,१८.५} ताव णियन्तहँ जिण-पय-सेवहँ $ विज्जाहर-भूगोयर-देवहँ {प॰च॰८३,१८.६} सीयऍ सील-तरण्डऍ थाऍवि $ लइय दिक्ख रिसि-आसमेॅ जाऍवि {प॰च॰८३,१८.७} पासेॅ सव्वभूसण-मुणिणाहहेॅ $ णिम्मल-केवल-णाण-सणाहहेॅ {प॰च॰८३,१८.८} जाय तुरिउ तव-भूसिय-विग्गहु $ मुक्क-सव्व-पर-वत्थु-परिग्गहु

घत्ता॒

{प॰च॰८३,१८.९} एत्थन्तरेॅ वलु उम्मुच्छियउ $ जो रहु-कुल-आयास-रवि तं आसणु जाव णिहालइ $ जणय-तणय तहिॅ ताव ण वि


कण्ड ५, संधि ८३, कडवक १९॒


{प॰च॰८३,१९.१} पुणु सव्वाउ दिसाउ णियन्तउ $ उट्ठिउ "केत्तहेॅ सीय" भणन्तउ {प॰च॰८३,१९.२} केण वि स-विणएण तो सीसइ $ "पवरुज्जाणु एउ जं दीसइ {प॰च॰८३,१९.३} इह णिय सुरेॅहिॅ सुसीलालङ्किय $ मुणि-पुङ्गवहेॅ पासु दिक्खङ्किय" {प॰च॰८३,१९.४} तं णिसुणेॅवि रहु-णन्दणु कुद्धउ $ जुअ-खऍ णाइँ कियन्तु विरुद्धउ {प॰च॰८३,१९.५} रत्त-णेत्तु भउहा-भङ्गुर-मुहु $ गउ तहेॅ उज्जाणहेॅ सवडंमुहु {प॰च॰८३,१९.६} गऍ आरूढउ मच्छर-भरियउ $ वहु-विज्जाहरेहिॅ परियरियउ {प॰च॰८३,१९.७} उब्भिय-ससि-धवलायववारणु $ दाहिण-करेॅ कय-सीर-प्पहरणु {प॰च॰८३,१९.८} "जं किउ चिरु मायासुग्गीवहेॅ $ जं लक्खणेॅण समरेॅ दहगीवहेॅ {प॰च॰८३,१९.९} तं करेमि वड्ढिय-अवलेवहँ $ वासव-पमुह-असेसहँ देवहँ" {प॰च॰८३,१९.१०} सह्ũ णिय-भिच्चेॅहिॅ एव चवन्तउ $ तं महिन्द-णन्दणवणु पत्तउ {प॰च॰८३,१९.११} पेक्खेॅवि णाणुप्पण्णु मुणिन्दहेॅ $ वियलिउ मच्छरु सयलु णरिन्दहेॅ

घत्ता॒

{प॰च॰८३,१९.१२} ओयरेॅवि महा-गय-खन्धहेॅ $ पयहिण देवि स-णरवरेॅण कर मउलि करेॅवि मुणि वन्दिउ $ णय-सिरेण सिरि-हलहरेॅण


कण्ड ५, संधि ८३, कडवक २०॒


{प॰च॰८३,२०.१} जिह तें तिह वन्दिउ साणन्देॅहिॅ $ लक्खण-पमुह-असेस-णरिन्देॅहिॅ {प॰च॰८३,२०.२} दिट्ठ सीय तहिॅ राहव-चन्दें $ णं तिहुअण-सिरि परम-जिणिन्दें {प॰च॰८३,२०.३} ससि-धवलम्वर-जुवलालङ्किय $ महि-णिविट्ठ छुडु छुडु दिक्खङ्किय {प॰च॰८३,२०.४} पुणु णिय-जस-भुवण-त्तय-धवलें $ सिर-सीहरोवरि-किय-कर-कमलें {प॰च॰८३,२०.५} पुच्छिउ वलेॅण "अणङ्ग-वियारा $ परम-धम्मु वज्जरहि भडारा" {प॰च॰८३,२०.६} तेण वि कहिउ सव्वु सङ्खेवें $ भरहेसरहेॅ जेव पुरएवें {प॰च॰८३,२०.७} तव-चरित्त-वय-दंसण-णाणइँ $ पञ्च वि गइउ जीव-गुणथाणइँ {प॰च॰८३,२०.८} खम-दम-धम्माहम्म-पुराणइँ $ जग-जीवुच्छेआउ-पमाणइँ {प॰च॰८३,२०.९} समय-पल्ल-रयणायर-पुव्वइँ $ वन्ध-मोक्ख-लेसउ वर-दव्वइँ

घत्ता॒

{प॰च॰८३,२०.१०} आयइँ अवरइँ वि असेसइँ $ कहियइँ मुणि-गण-सारऍण परमागमेॅ जिह उद्दिट्ठइँ $ आसि स य म् भु-भडारऍण


{प॰च॰८३,२०.१} इय पउमचरिय-सेसे $ सयम्भुएवस्स कह वि उव्वरिऍ तिहुवण-सयम्भु-रइए $ समाणियं सीय-दीव-पव्वम् इणं {प॰च॰८३,२०.२} वन्दइआसिय-तिहुअण-सयम्भु- $ कइ-कहिय-पोमचरियस्स सेसे भुवण-पगासे $ तेआसीमो इमो सग्गो


{प॰च॰८३,२०.३} कइरायस्स विजय-सेसियस्स $ वित्थरिओ जसो भुवणे तिहुअण-सयम्भुणा $ पोमचरियसेसेण णिस्सेसो



[८४. चउरासीमो संधि] ----------


एत्थन्तरेॅ सयलविहूसणु $ पणवेॅवि वुत्तु विहीसणेॅण "कहेॅ मुणिवर सीय महासइ $ किं कज्जें हिय रावणेॅण


कण्ड ५, संधि ८४, कडवक १॒


{प॰च॰८४,१.१} अण्णु वि जिय-रयणियराहवेण $ अण्णहिॅ जम्मन्तरेॅ राहवेण {प॰च॰८४,१.२} कहेॅ गुरु किउ सुक्किउ काइँ एण $ एवड्डु पहुत्तणु पत्तु जेण {प॰च॰८४,१.३} अण्णु वि धारायर-वंस-सारु $ परमागम-जलणिहि-विगय-पारु {प॰च॰८४,१.४} दसकन्धरु तरणि व दोस-चत्तु $ किह मूढउ पेक्खेॅवि पर-कलत्तु {प॰च॰८४,१.५} जो ण वि आयामिउ सुरवरेहिॅ $ विसहर-विज्जाहर-णरवरेहिॅ {प॰च॰८४,१.६} सो दहमुहु कमल-दलक्खणेण $ किह रणेॅ विणिवाइउ लक्खणेण {प॰च॰८४,१.७} मेल्लेप्पिणु णिय-भायरु महन्तु $ हũ किह हरि-वलहँ सणेहवन्तु {प॰च॰८४,१.८} किह भामण्डलु सुग्गीउ एहु $ रामोवरि वड्ढिय-गरुअ-णेहु

घत्ता॒

{प॰च॰८४,१.९} अण्णहिॅ भवेॅ जणयहेॅ दुहिअऍ $ काइँ कियइँ गुरु-दुक्कियइँ जें जम्महेॅ लग्गेॅवि दुस्सहइँ $ पत्त महन्त-दुक्ख-सयइँ"


कण्ड ५, संधि ८४, कडवक २॒


{प॰च॰८४,२.१} तं णिसुणेप्पिणु हय-मयरद्धउ $ कहइ सयलभूसणु धम्मद्धउ {प॰च॰८४,२.२} "इह जम्वूदीवहेॅ अब्भन्तरेॅ $ भरह-खेत्तेॅ दाहिण-कउहन्तरेॅ {प॰च॰८४,२.३} खेमउरिहेॅ णयदत्तु वणीसरु $ चाव-वडाउ णाइँ कोडीसरु {प॰च॰८४,२.४} तहेॅ सुणन्द पिय पीण-पओहर $ णं धणयहेॅ धणएवि मणोहर {प॰च॰८४,२.५} तहेॅ धणदत्तु पुत्तु पहिलारउ $ पुणु वसुदत्तु वीउ दिहि-गारउ {प॰च॰८४,२.६} तहेॅ जण्णवलि-णाउ सुहि दियवरु $ सायरदत्तु अवरु पुरेॅ वणिवरु {प॰च॰८४,२.७} रयणप्पह-पिय-गेहिणि-वन्तउ $ तहेॅ गुणवइ सुअ सुउ गुणवन्तउ {प॰च॰८४,२.८} विण्णि वि णव-जोव्वण-पायडियइँ $ सुरवर इव छुडु सग्गहेॅ पडियइँ {प॰च॰८४,२.९} एक्क-दिवसेॅ परमुत्तम-सत्तें $ सायरदत्तु वुत्तु णयदत्तें

घत्ता॒ {प॰च॰८४,२.१०} "तरुणीयण-मण-धण-थेणहेॅ $ अहिणव-जोव्वण-धाराहेॅ तुह तणिय तणय धणदत्तहेॅ $ दिज्जउ सुयहेॅ महाराहेॅ"


कण्ड ५, संधि ८४, कडवक ३॒


{प॰च॰८४,३.१} तण् णिसुणेॅवि वड्ढिय-अणुराएं $ दिण्ण वाय तहेॅ गुणवइ-ताएं {प॰च॰८४,३.२} तो पुरेॅ तहिॅ जेॅ अवरु णिरु वहु-धणु $ वणि-तणुरुहु कुमारि-गेण्हण-मणु {प॰च॰८४,३.३} सिरि-कन्तु व सिरिकन्तु पसिद्धउ $ वर-सिय-सम्पय-रिद्धि-पसिद्धउ {प॰च॰८४,३.४} तासु जणणि सुय देवि समिच्छइ $ थोव-धणहेॅ चिर-वरहेॅ न इच्छइ {प॰च॰८४,३.५} एह वत्त णिसुणेॅवि वसुदत्तें $ पढम-सहोयर-अणयाणन्तें {प॰च॰८४,३.६} सुहि-जण्णवलि-दिण्ण-उवएसें $ परिहिय-णव-जलयासिय-वासें {प॰च॰८४,३.७} फुरिय-दट्ठ-ओट्ठुब्भड-वयणें $ चलिय-गण्ड-भू-भङ्गुर-णयणें {प॰च॰८४,३.८} णिरु-णीसद्द-चलण-संचारें $ सिहि-सिह-णिह-असिवर-फर-धारें {प॰च॰८४,३.९} मन्दिर-पासुज्जाणेॅ पमाइउ $ गम्पिणु रयणि-समऍ सम्भाइउ {प॰च॰८४,३.१०} आयामेॅवि आहउ असि-घाएं $ णाइँ महीहरु असणि-णिहाएं {प॰च॰८४,३.११} तेण वि दुण्णिरिक्ख-तिक्खग्गें $ ताडिउ णन्दा-णन्दणु खग्गें {प॰च॰८४,३.१२} विण्णि वि वण-विणित्त रुहिरोल्लिय $ णं फग्गुणेॅ पलास पप्फुल्लिय

घत्ता॒

{प॰च॰८४,३.१३} तो ताव एव वहु-मच्छर $ जुज्झिय उज्झिय-मरण-भय जा पाण विहि मि सम-घाऍहिॅ $ विहुरेॅ कु-भिच्च व मुऍवि गय


कण्ड ५, संधि ८४, कडवक ४॒


{प॰च॰८४,४.१} पुणु उत्तुङ्ग-विसाल-पईहरेॅ $ जाय वे वि मिग विञ्झ-महीहरेॅ {प॰च॰८४,४.२} धणदत्तु वि गुणवइ अ-लहन्तउ $ भाइहेॅ तणउ दुक्खु अ-सहन्तउ {प॰च॰८४,४.३} मुऍवि णियय-घरु सुट्ठु रमाउलु $ गउ पुरवरहेॅ देस-भमणाउलु {प॰च॰८४,४.४} वाल वि णिय-मणेॅ तहेॅ अणुरत्ती $ सयलावर-वर-वरहँ विरत्ती {प॰च॰८४,४.५} धणदत्तहेॅ गमणें विच्छाइय $ जणणें अण्ण-णिओयहेॅ लाइय {प॰च॰८४,४.६} छाइय अइ-रउद्द-परिणामें $ सिहि व पलिप्पइ साहुह्ũ णामें {प॰च॰८४,४.७} णियवि मुणिन्द-रूवु उवहासइ $ कडुयक्खर-खर-वयणइँ भासइ {प॰च॰८४,४.८} अक्कोसइ णिन्दइ णिब्भच्छइ $ जइण-धम्मु सुइणे वि ण इच्छइ त्ता


{प॰च॰८४,४.९} वहु-कालें अट्ट-झाणेण $ पुण्णाउस अवसाणेॅ मय उप्पण्ण तेत्थु पुणु काणणेॅ $ जहिॅ वसन्ति ते वे वि मय


कण्ड ५, संधि ८४, कडवक ५॒


{प॰च॰८४,५.१} मारुय-वाहण-हरिण-समाणा $ विण्णि वि मिग पुण्णाउ-पमाणा {प॰च॰८४,५.२} तहिॅ वि ताहेॅ कारणेॅण विरुज्झेॅवि $ मरणु पत्त अवरोप्परु झुज्झेॅवि {प॰च॰८४,५.३} जाय महिस जम-महिस-भयङ्कर $ पुणु वराह अण्णोण्ण-खयङ्कर {प॰च॰८४,५.४} पुणु अञ्जण-गिरि-गरुअ महागय $ कण्ण-पवण-उड्डाविय-छप्पय {प॰च॰८४,५.५} पुणु ईसाण-विसोरु-धुरन्धर $ उण्णय-कउअ थोर-थिर-कन्धर {प॰च॰८४,५.६} पुणु विसदंस घोर पुणु वाणर $ पुणु विग पुणु कसणुज्जल मिगवर {प॰च॰८४,५.७} पुणु णाणाविह अवर वि थलयर $ पुणु कमेण णहयर पुणु जलयर {प॰च॰८४,५.८} अइ-दूसह-दुक्खइँ विसहन्ता $ एक्कमेक्क-सामरिस-वहन्ता

घत्ता॒

{प॰च॰८४,५.९} भवेॅ एव भमन्ति भयङ्करेॅ $ पुव्व-वइर-सम्वन्ध-पर तें कज्जें जगेॅ रिण-वइरइँ $ जो ण कुणइ स(?) वियड्ढु पर


कण्ड ५, संधि ८४, कडवक ६॒


{प॰च॰८४,६.१} तो धणदत्तु वि सुट्ठुम्माहिउ $ मल-धूसरु तिस-भुक्खहिॅ वाहिउ {प॰च॰८४,६.२} देसें देसु असेसु भमन्तउ $ दूरागमण-परीसम-सन्तउ {प॰च॰८४,६.३} पत्तु जिणालउ रयणिमुहन्तरेॅ $ लग्गु चवेवऍ णिविसब्भन्तरेॅ {प॰च॰८४,६.४} "अहेॅ अहेॅ सुक्किय-किय पव्वइयहेॅ $ महु तिस-छुह-महवाहिं लइयहेॅ {प॰च॰८४,६.५} देह्ũ कहि मि जइ अत्थि जलोसहु $ जं कारणु महन्त-परिओसहेॅ" {प॰च॰८४,६.६} विहसेॅवि चवइ पहाण-मुणीसरु $ "सलिलु पिएवऍ को किर अवसरु {प॰च॰८४,६.७} मूढ हियत्तणेण तउ सीसइ $ जहिॅ अन्धारऍ किं पि ण दीसइ {प॰च॰८४,६.८} सूरत्थवणहेॅ लग्गेॅवि दिढ-मणु $ जहिॅ भविय-यणु ण भुञ्जइ भोयणु {प॰च॰८४,६.९} जहिॅ पर-गोयरु अत्थि पहूअहँ $ पेय-महग्गह-डाइणि-भूअहँ

घत्ता॒

{प॰च॰८४,६.१०} अइ-पीडियह मि वर-वाहिऍ $ ण लइज्जइ ओसहु वि जहिॅ इय सव्वरि-समऍ दुसञ्चरेॅ $ किह परिपिज्जइ सलिलु तहिॅ


कण्ड ५, संधि ८४, कडवक ७॒


{प॰च॰८४,७.१} णहेॅ णिऍवि सया रवि अत्थमिउ $ जो पालइ जीउ अणत्थमिउ {प॰च॰८४,७.२} सो पावइ मणहर देव-गइ $ सुहु भुञ्जइ होऍवि अमर-वइ {प॰च॰८४,७.३} अणुअत्तेॅवि उत्तमु कुलु लहइ $ पुणु अट्ठ वि कम्मइँ णिड्डहइ {प॰च॰८४,७.४} णिसि-भोज्जु ण छण्डिउ जेण पुणु $ तहेॅ भवेॅ भवेॅ दुक्खु अणन्त-गुणु {प॰च॰८४,७.५} अल्लल्ल-मंसु तें भक्खियउ $ तें पिय मइरा महु चक्खियउ {प॰च॰८४,७.६} सण-हुल्ला णिम्व-समिद्धाइँ $ तें पञ्चुम्वरइ मि खद्धाइँ {प॰च॰८४,७.७} तें वयणु असच्चउ जम्पियउ $ तें अण्णहेॅ तणउ दव्वु हियउ {प॰च॰८४,७.८} तें सुट्ठु णिरन्तर हिंस किय $ पर-णारि वि तें णिरुत्तु लइय

घत्ता॒

{प॰च॰८४,७.९} अहवइ किं वहुएं चविऍण $ एउ जेॅ मूलु सच्चु वयहँ जें होन्तें होइ समीवउ $ मोक्खु वि भव्व-जीव-सयहँ"


कण्ड ५, संधि ८४, कडवक ८॒


{प॰च॰८४,८.१} रिसि-वयणें विमुक्क-मिच्छत्तें $ लइयइँ अणुवयाइँ धणदत्तें {प॰च॰८४,८.२} गउ तेत्थहेॅ वि गएण तमालें $ भमेॅवि महीयलेॅ वहवें कालें {प॰च॰८४,८.३} समउ समाहिऍ मरणु पवण्णउ $ पुणु सोहम्मेॅ देउ उप्पण्णउ {प॰च॰८४,८.४} तहिॅ वे सायराइँ णिवसेविणु $ किं पि सेसेॅ थिऍ पुण्णेॅ चवेप्पिणु {प॰च॰८४,८.५} जाउ महा-पुर वहु-धण-जुत्तउ $ छत्तच्छाय-णरेसर-भत्तउ {प॰च॰८४,८.६} पहु-पिययम-सिरिदत्तालङ्किय $ पर-पुरवर-णर-णियरासङ्किय {प॰च॰८४,८.७} धारिणि-मेरु-वणीसहँ तणुरुहु $ णामें पङ्कयरुइ पङ्कय-मुहु {प॰च॰८४,८.८} एक्कहिॅ दिणेॅ स-तुरङ्गु पयट्टउ $ गोट्ठु पलोऍवि पडिपल्लट्टउ

घत्ता॒

{प॰च॰८४,८.९} तावग्गऍ महिहेॅ णिसण्णउ $ तुहिणगिरिन्दु व णिरु धवलु पुण्णाउसु पाणक्कन्तउ $ दीसइ एक्कु जुण्ण-धवलु


कण्ड ५, संधि ८४, कडवक ९॒


{प॰च॰८४,९.१} तं गोइन्दु णिऍवि चडुलङ्गहेॅ $ मेरु-तणउ ओयरिउ तुरङ्गहेॅ {प॰च॰८४,९.२} पासु पढुक्केॅवि तहेॅ कण्णन्तरेॅ $ दिण्ण पञ्च णमुकार खणन्तरेॅ {प॰च॰८४,९.३} तहेॅ फलेण जिण-सासण-भत्तहेॅ $ गब्भब्भन्तरेॅ तहेॅ सिरिदत्तहेॅ {प॰च॰८४,९.४} जाउ पुत्तु परिवड्ढिय-छायहेॅ $ वसहद्धउ तहेॅ छत्तच्छायहेॅ {प॰च॰८४,९.५} एक्कहिॅ दिणेॅ णन्दणवणु जन्तउ $ णिय चिरु मरण-भूमि सम्पत्तउ {प॰च॰८४,९.६} थिउ णिच्चलु जोयन्तु णिरन्तरु $ सुमरिउ सयलु वि णियय-भवन्तरु {प॰च॰८४,९.७} दिसउ णिऍवि गउ परम-विसायहेॅ $ पुणु उत्तरिउ अणोवम-णायहेॅ {प॰च॰८४,९.८} "एत्थु आसि अणडुहु हũ होन्तउ $ एत्थु पएसेॅ आसि णिवसन्तउ {प॰च॰८४,९.९} इह चरन्तु इह सलिलु पियन्तउ $ इह णिवडिउ चिरु पाणक्कन्तउ


घत्ता॒

{प॰च॰८४,९.१०} तहिॅ कालेॅ कण्णेॅ महु केरऍ $ जेण दिण्णु जवु जीव-हिउ पेक्खेमि केणोवाएण (?) " $ एम सुइरु चिन्तन्तु थिउ


कण्ड ५, संधि ८४, कडवक १०॒


{प॰च॰८४,१०.१} पुणु सहसा उत्तुङ्गु विसालउ $ तेत्थु कराविउ परम-जिणालउ {प॰च॰८४,१०.२} णियय-भवन्तरु पडेॅ वि लिहावेॅवि $ वार-पएसेॅ तासु वन्धावेॅवि {प॰च॰८४,१०.३} थवेॅवि अणेय सुहड परिरक्खणु $ गउ राउलु कुमारु वहु-लक्खणु {प॰च॰८४,१०.४} एक्कहिॅ दिणेॅ पउमरुइ महाइउ $ वन्दणहत्तिऍ जिणहरु आइउ {प॰च॰८४,१०.५} दिट्ठु ताव पडु लिहिय-कहन्तरु $ विम्भिउ जोवइ जाव णिरन्तरु {प॰च॰८४,१०.६} तावारक्खिएहिॅ दुव्वारहेॅ $ कहिउ गम्पि तहेॅ राय-कुमारहेॅ {प॰च॰८४,१०.७} सो वि इट्ठ-सङ्गम-अणुराइउ $ झत्ति परम-जिण-भवणु पराइउ {प॰च॰८४,१०.८} दिट्ठु तेण पडेॅ वित्तु णियन्तउ $ अचल-दिट्ठि वर-विम्हिय-वन्तउ

घत्ता॒

{प॰च॰८४,१०.९} पुणु वसहद्धऍण पपुच्छिउ $ णिय-सिय-वंसुद्धारणेॅण "एहु पडु णिऍवि तउ हूअउ $ कोऊहलु किं कारणेॅण"


कण्ड ५, संधि ८४, कडवक ११॒


{प॰च॰८४,११.१} तं णिसुणेॅवि अक्खइ वणि-तणुरुहु $ "एत्थु पएसेॅ एक्कु मुउ अणडुहु {प॰च॰८४,११.२} तहेॅ णवकार पञ्च मइँ दिण्णा $ जे पणतीसक्खर-सम्पुण्णा {प॰च॰८४,११.३} तं ऍउ सयलु वि णिऍवि चिराणउ $ गउ विम्हयहेॅ सरेवि कहाणउ {प॰च॰८४,११.४} तो सिरिदत्ता-सुऍण सुवीरें $ रहसाऊरिय-सयल-सरीरें {प॰च॰८४,११.५} "सो गोवइ हũ" एव चवेप्पिणु $ कर-मउलञ्जलि तुरिउ करेप्पिणु {प॰च॰८४,११.६} हार-कडय-कडिसुत्तेॅहिॅ पुज्जिउ $ गुरु व सु-सीसें कुमइ-विवज्जिउ {प॰च॰८४,११.७} "ण वि तं करइ पियरु ण वि मायरि $ ण वि कलत्तु ण वि पुत्तु ण भायरि {प॰च॰८४,११.८} ण वि सस दुहिय ण मित्त ण किङ्कर $ सहसणयण-पमुह वि ण वि सुरवर {प॰च॰८४,११.९} जं पइँ महु सुहि-इट्ठु समारिउ $ णरय-तिरिय-गइ-गमणु णिवारिउ अत्ता


{प॰च॰८४,११.१०} जं दिण्णु समाहि-रसायणु $ तेत्थु विहुरेॅ पइँ णिरुवमउ तहेॅ फलेॅण णरिन्दहेॅ णन्दणु $ पुणु एत्थु जेॅ पुरेॅ हूउ हũ


कण्ड ५, संधि ८४, कडवक १२॒


{प॰च॰८४,१२.१} जं उवलद्धउ मइँ मणुअत्तणु $ अण्णु वि ऍहु विहडउ वड्डत्तणु {प॰च॰८४,१२.२} जं थुव्वमि णरवर-सङ्घाएं $ तं सयलु वि ऍउ तुज्झु पसाएं {प॰च॰८४,१२.३} लइ णीसेसु रज्जु सिंहासणु $ हũ तउ दासु पडिच्छिय-पेसणु" {प॰च॰८४,१२.४} एवमाइ संभासेॅवि वणि-वरु $ पुणु णिउ णिय-राउलु जण-मणहरु {प॰च॰८४,१२.५} विण्णि वि जण णिविट्ठ एक्कासणेॅ $ चन्दाइच्च णाइँ गयणङ्गणेॅ {प॰च॰८४,१२.६} इन्द-पडिन्द व सुन्दर-देहा $ अवरोप्परु परिवड्ढिय-णेहा {प॰च॰८४,१२.७} विण्णि वि जण सम्मत्त-णिउत्ता $ सावय-वय-भर-धुर-संजुत्ता {प॰च॰८४,१२.८} विहि वि करावियाइँ जिण-भवणइँ $ उण्णय-सिहरुल्लङ्घिय-गयणइँ

घत्ता॒

{प॰च॰८४,१२.९} जिह सायर-सिरि मणि-रयणेॅहिॅ $ जिह कुलवहु गुणेहिॅ वरेॅहिॅ जिह सुकह सुहासिय-वयणेॅहिॅ $ तिह महि भूसिय जिणहरेॅहिॅ


कण्ड ५, संधि ८४, कडवक १३॒


{प॰च॰८४,१३.१} वहु-कालें सल्लेहणेॅ मरेवि $ ईसाण-सग्गेॅ सुर जाय वे वि {प॰च॰८४,१३.२} रयणायराइँ तहिॅ दुइ गमेवि $ पउमप्पहु सुरवरु पुणु चवेवि {प॰च॰८४,१३.३} हुउ अवरविदेहेॅ जयइरि-सिहरेॅ $ सु-मणोहरेॅ चन्दावत्त-णयरेॅ {प॰च॰८४,१३.४} णन्दीसरपहु-कणयप्पहाहँ $ सुउ णयणाणन्दणु णामु ताहँ {प॰च॰८४,१३.५} तहिॅ रज्जु अमर-लीलऍ करेवि $ तव-चरणु चरेप्पिणु पुणु मरेवि {प॰च॰८४,१३.६} माहिन्द-सग्गेॅ गिव्वाणु जाउ $ सायरइँ सत्त णिवसेवि आउ {प॰च॰८४,१३.७} मेरुहेॅ पुव्वें खेमाउरीहेॅ $ णिय-विहि-ओहामिय-सुरपुरीहेॅ {प॰च॰८४,१३.८} पउमावइ-गब्भेॅ गुणाहिगुत्तु $ णरवइहेॅ विमलवाहणहेॅ पुत्तु {प॰च॰८४,१३.९} मुहयन्द-रुन्दु सिरिचन्द-णामु $ थिउ माणुस-वेसें णाइँ कामु {प॰च॰८४,१३.१०} वहु-कालु करेवि मणोज्जु रज्जु $ पुणु चिन्तिउ मणेॅ परलोय-कज्जु

घत्ता॒

{प॰च॰८४,१३.११} णिय-पुत्तहेॅ पट्टु णिवन्धेॅवि $ दिहिकन्तहेॅ सुन्दरमइहेॅ तव-चरणु लइउ सिरिचन्देॅण $ पासेॅ समाहिगुत्त-जइहेॅ


कण्ड ५, संधि ८४, कडवक १४॒


{प॰च॰८४,१४.१} सो सिरिचन्द-साहु अ-परिग्गहु $ घण-मलकञ्चुअ-भूसिय-विग्गहु {प॰च॰८४,१४.२} णिरु णिरुवम-रयण-त्तय-मण्डणु $ पञ्चेन्दिय-दुद्दम-दणु-दण्डणु {प॰च॰८४,१४.३} पञ्च-महव्वय-भारुद्धारणु $ मास-पक्ख-छट्ठट्ठम-पारणु {प॰च॰८४,१४.४} कन्दर-पुलिणुज्जाण-णिवासणु $ राग-दोस-भय-मोह-विणासणु {प॰च॰८४,१४.५} एक्कु चित्तु सुह-भावण-भावणु $ किय-सासण-वच्छल्ल-पहावणु {प॰च॰८४,१४.६} वहुकालें अवसाणु पवण्णउ $ गम्पिणु वम्भलोऍ उप्पण्णउ {प॰च॰८४,१४.७} सुरवर-णाहु विमाणेॅ विसालऍ $ मणि-मुत्ताहल-विद्दुम-मालऍ

घत्ता॒

{प॰च॰८४,१४.८} तहिॅ तियसाहिव-सिय माणेॅवि $ दस-सायरेॅहिॅ गएहिॅ चुउ उप्पण्णु एत्थु ऍहु राहउ $ दसरह-रायहेॅ पढम-सुउ


कण्ड ५, संधि ८४, कडवक १५॒


{प॰च॰८४,१५.१} चिर-तव-चरण-पहावें आयहेॅ $ विक्कम-रूव-विहूइ-सहायहेॅ {प॰च॰८४,१५.२} इय-भुवण-त्तऍ को उवमिज्जइ $ जासु सहस-णयणु वि णउ पुज्जइ {प॰च॰८४,१५.३} जो चिरु वसहमहद्धउ होन्तउ $ जो ईसाणेॅ सुरत्तणु पत्तउ {प॰च॰८४,१५.४} दुइ सायरइँ वसेप्पिणु आयउ $ कालें सो तारावइ जायउ {प॰च॰८४,१५.५} सुउ सूररयहेॅ खेयर-णेसरु $ गिरि-किक्किन्ध-णयर-परमेसरु {प॰च॰८४,१५.६} ऍहु सुग्गीवु जगत्तय-पायडु $ वालि-कणिट्ठउ वाणर-धयवडु {प॰च॰८४,१५.७} सिरिकन्तु वि गुरु-दुक्ख-णिवासहिॅ $ परिभमन्तु वहु-जोणि-सहासहिॅ {प॰च॰८४,१५.८} णयरेॅ मुणालकुण्डेॅ रिउ-मद्दहेॅ $ हेमवइहेॅ वइकण्ठ-णरिन्दहेॅ {प॰च॰८४,१५.९} जाउ सम्भु-णामें वर-णन्दणु $ सुरहँ मि दुज्जउ णयणाणन्दणु {प॰च॰८४,१५.१०} वसुदत्तु वि जम्मन्तर-लक्खेॅहिॅ $ उप्पज्जन्तु कमेण असङ्खेॅहिॅ

घत्ता॒

{प॰च॰८४,१५.११} सिरिभूइ-णामु तेत्थु जेॅ पुरेॅ $ णिय-जस-भुवणुज्जालियहेॅ हुउ सम्भुहेॅ परम-पुरोहिउ $ सरसइ-णामें भज्ज तहेॅ


कण्ड ५, संधि ८४, कडवक १६॒


{प॰च॰८४,१६.१} गुणवइ वि अणेय-भवेहिॅ आय $ पुणु करिणि अमरसरि-तीरेॅ जाय {प॰च॰८४,१६.२} एक्कहिॅ दिणेॅ पङ्कुप्पङ्केॅ खुत्त $ पाणाउल मउलीहूअ-णेत्त {प॰च॰८४,१६.३} पेक्खेॅवि तरङ्गजव-खेयरेण $ णवकार पञ्च तहिॅ दिण्ण तेण {प॰च॰८४,१६.४} पुणु सिरिभूइहेॅ उप्पण्ण दुहिय $ वेयवइ णामु छण-यन्द-मुहिय {प॰च॰८४,१६.५} णं का वि देवि पच्छण्ण आय $ सा मग्गिय सम्भुं जणिय-राय {प॰च॰८४,१६.६} सिरिभूइ पजम्पिउ "कणय-वण्ण $ किह मिच्छादिट्ठिहेॅ देमि कण्ण {प॰च॰८४,१६.७} तो तेण वि सुट्ठु विरुद्धएण $ णिट्ठविउ पुरोहिउ कुद्धएण {प॰च॰८४,१६.८} जिण-धम्में सुरवरु सग्गेॅ जाउ $ जरढारुण-छवि सच्छाय-छाउ

घत्ता॒

{प॰च॰८४,१६.९} तो वेयवइहेॅ णरणाहेॅण $ जें सयलुत्तम-मण्डणउ वलिमण्डऍ ण समिच्छन्तिहेॅ $ किउ तहेॅ सीलहेॅ कण्डणउ


कण्ड ५, संधि ८४, कडवक १७॒


{प॰च॰८४,१७.१} जं चारित्तु विणासिउ राएं $ जणणु विवाइउ गरुअ-कसाएं {प॰च॰८४,१७.२} णं सरसइ-सुअ झत्ति पलित्ती $ जलण-तिडिक्क पलालेॅ व घित्ती {प॰च॰८४,१७.३} वेविरङ्गि आयम्विर-णयणी $ पभणइ दर-फुरियाहर-वयणी {प॰च॰८४,१७.४} "रे णिसंस कप्पुरिस अ-लज्जिय $ खल वराय दुग्गइ-गम-सज्जिय {प॰च॰८४,१७.५} जं पइँ महु जणेरु सङ्घारेॅवि $ हũ परिहुत्त वला तहेॅ हारेॅवि {प॰च॰८४,१७.६} तं तउ गरुअ-कम्म-संचरणहेॅ $ होसमि वाहि व कारणु मरणहेॅ" {प॰च॰८४,१७.७} एव भणेॅवि णरवइहेॅ णिलुक्केॅवि $ कह वि कह वि जिण-भवणु पढुक्केॅवि {प॰च॰८४,१७.८} हरिकन्तियहेॅ पासु णिक्खन्ती $ वम्भ-लोउ वहु-कालें पत्ती

घत्ता॒

{प॰च॰८४,१७.९} सम्भु वि सिय-सयण-विमुक्कउ $ जिणवर-वयण-परम्मुहउ मिच्छाहिमाणु मणेॅ मूढउ $ वहु-दिवसेॅहिॅ दुग्गइहेॅ गउ


कण्ड ५, संधि ८४, कडवक १८॒


{प॰च॰८४,१८.१} तहिॅ महन्त-दुक्खइँ पावेप्पिणु $ तिरिय-गइ वि णीसेस भमेप्पिणु {प॰च॰८४,१८.२} पुणु सावित्ति-गब्भेॅ पङ्कय-मुहु $ जाउ कुसद्धय-विप्पहेॅ तणुरुहु {प॰च॰८४,१८.३} णामु पहासकुन्दु सुपसिद्धउ $ दुल्लह-वोहि-रयण-सुसमिद्धउ {प॰च॰८४,१८.४} दिक्खङ्किउ चउ-णाण-सणाहहेॅ $ पासेॅ विचित्तसेण-मुणिणाहहेॅ {प॰च॰८४,१८.५} तवु करन्तु परमागम-जुत्तिऍ $ एक्क-दिवसेॅ गउ वन्दणहत्तिऍ {प॰च॰८४,१८.६} सम्मेइरिहेॅ परायउ जावेॅहिॅ $ कणयप्पहु विज्जाहरु तावेॅहिॅ {प॰च॰८४,१८.७} गयणङ्गणेॅ लक्खिज्जइ जन्तउ $ जो सुरवइहेॅ वि सियऍ महन्तउ {प॰च॰८४,१८.८} तं णिएवि परिचिन्तिउ साहुं $ मयरकेउ-मयलञ्छण-राहुं {प॰च॰८४,१८.९} "होउ ताव महु सासय-सोक्खें $ विहव-विवज्जिएण तें मोक्खें

घत्ता॒

{प॰च॰८४,१८.१०} दूसहहेॅ जिणागम-कहियहेॅ $ अत्थि किं पि जइ तवहेॅ फलु तो एहउ अण्ण-भवन्तरेॅ $ होउ पहुत्तणु महु सयलु"


कण्ड ५, संधि ८४, कडवक १९॒


{प॰च॰८४,१९.१} इय णियाण-दूसिय-तव-चिण्णउ $ परम-समाहिऍ मरणु पवण्णउ {प॰च॰८४,१९.२} सग्गें सणकुमारेॅ उप्पज्जेॅवि $ तहिॅ सायरइँ सत्त सुहु भुञ्जेॅवि {प॰च॰८४,१९.३} चवेॅवि जाउ सुउ जय-सिरि-माणणु $ कइकसि-रयणासवह्ũ दसाणणु {प॰च॰८४,१९.४} णिय-जस-भूसण-भूसिय-तिहुअणु $ कम्पाविय-विसहर-णर-सुरयणु {प॰च॰८४,१९.५} तोयदवाहण-वंसुद्धारणु $ सहसणयण-विणिवन्धण-कारणु {प॰च॰८४,१९.६} जो सम्भुं सिरिभूइ विवाइउ $ पुणु सोहम्म-सग्गु सम्पाइउ {प॰च॰८४,१९.७} चवेॅवि परिट्ठापुरेॅ उप्पज्जेॅवि $ खयरु पुणव्वसु तवु आवज्जेॅवि {प॰च॰८४,१९.८} तइयउ तियसावासु चडेप्पिणु $ सत्त समुद्दोवमइँ गमेप्पिणु

घत्ता॒

{प॰च॰८४,१९.९} सो जायउ गब्भेॅ सुमित्तिहेॅ $ दससन्दण-णरवइहेॅ सुउ ऍउ लक्खणु लक्खणवन्तउ $ चक्काहिवु राहव-अणुउ


कण्ड ५, संधि ८४, कडवक २०॒


{प॰च॰८४,२०.१} जो गुणवइहेॅ आसि गुणवन्तउ $ भायरु लहुउ पगुण-गुण-वन्तउ {प॰च॰८४,२०.२} भवेॅ परिभमेॅवि चारु-मुह-मण्डलु $ सो उप्पण्णु एहु भामण्डलु {प॰च॰८४,२०.३} जो जण्णवलि आसि गुण-भूसणु $ सो तुह्ũ ऍहु संजाउ विहीसणु {प॰च॰८४,२०.४} तें सयल वि रामहेॅ अणुरत्ता $ पुव्व-भवन्तर-णेह-णिउत्ता {प॰च॰८४,२०.५} जा चिरु हुन्ती गुणवइ वणि-सुय $ भवेॅ परिभमेॅवि कमेॅण दियहरेॅ हुय {प॰च॰८४,२०.६} सिरिभूइहेॅ सुअ रूव-रवण्णी $ जा चिरु वम्भ-कप्पेॅ उप्पण्णी {प॰च॰८४,२०.७} तहिॅ तेरह पल्लइँ णिवसेप्पिणु $ पुण्ण-पुञ्जेॅ थिऍ सेसेॅ चवेप्पिणु {प॰च॰८४,२०.८} ऍह सा जाय सीय जणयहेॅ सुय $ णिरु महुरालाविणि णं परहुय {प॰च॰८४,२०.९} चिरु वेयवइ णेह-सम्वन्धें $ हिय दसकन्धरेण कामन्धें {प॰च॰८४,२०.१०} जं मुणि पुव्व-जम्मेॅ णिन्दन्ती $ तं इह दुहइँ महन्तइँ पत्ती

घत्ता॒

{प॰च॰८४,२०.११} सिरिभूइ कालेॅ सुअ-कारणेॅ $ जं हउ सम्भु-णरेसरेॅण तें लङ्केसरु चिरु हिंसणु $ विणिवाइउ लच्छीहरेॅण"


कण्ड ५, संधि ८४, कडवक २१॒


{प॰च॰८४,२१.१} गुरु-वयणेहिॅ तेहिॅ गञ्जोल्लिउ $ पुणु वि विहीसणु एम पवोल्लिउ {प॰च॰८४,२१.२} "कहेॅ कें कम्में जणण-विणीयहेॅ $ सइहेॅ वि लञ्छणु लाइउ सीयहेॅ" {प॰च॰८४,२१.३} तं णिसुणेवि वयणु मुणि-पुङ्गमु $ अक्खइ णाण-महाणइ-सङ्गमु {प॰च॰८४,२१.४} "मुणि सुअरिसणु आसि विहरन्तउ $ मण्डलि-णामु गामु संपत्तउ {प॰च॰८४,२१.५} थिउ णन्दणवणेॅ णिरु णिम्मल-मणु $ तं वन्देप्पिणु गउ सयलु वि जणु {प॰च॰८४,२१.६} मुणिवरो वि लहु-वहिणिऍ सवणऍ $ सइ महसइहेॅ समउ सुअरिसणऍ {प॰च॰८४,२१.७} किं पि चवन्तु णिऍवि वेअवइऍ $ कहिउ असेसहँ लोयहँ कुमइऍ

घत्ता॒

{प॰च॰८४,२१.८} किं चोज्जु एउ जं णाऍहिॅ $ दूसिज्जइ घरु हरिहिॅ वणु राउल-णिहाउ दुग्घरिणिहिॅ $ पिसुण-सहासें साहु-जणु


कण्ड ५, संधि ८४, कडवक २२॒

{प॰च॰८४,२२.१} "तुम्हहिॅ भणहु चारु धम्मद्धउ $ णिज्जिय-पञ्चेन्दिय-मयरद्धउ {प॰च॰८४,२२.२} मइँ पुणु ऍहु सयम् एव परिक्खिउ $ सह्ũ महिलऍ एअन्तेॅ परिट्ठिउ" {प॰च॰८४,२२.३} एम ताऍ तव-णियम-सणाहहेॅ $ लोऍ अणायरु किउ मुणि-णाहहेॅ {प॰च॰८४,२२.४} सो वि करेवि अवग्गहु थक्कउ $ "जा ण फिट्टु संवाउ गुरुक्कउ {प॰च॰८४,२२.५} ता णिवित्ति महु सयलाहारहेॅ" $ जाणवि णिच्छउ हय-संसारहेॅ {प॰च॰८४,२२.६} सासण-देवयाऍ अत्थक्कऍ $ मुहु सूणाविउ गरुआसङ्कऍ {प॰च॰८४,२२.७} ताऍ वि एउ वुत्तु "अहेॅ लोयहेॅ $ णिय-मणु मा सन्देहहेॅ ढोयहेॅ {प॰च॰८४,२२.८} जं मइँ कहिउ सव्वु तं अलियउ $ अज्जु वि पाउ असेसु वि फलियउ"

घत्ता॒

{प॰च॰८४,२२.९} जं भाइ-जुअलु तं णिन्दियउ $ पुव्व-भवन्तरेॅ खल-मइऍ संवाउ एत्थ उवलद्धउ $ जणहेॅ मज्झेॅ तें जाणइऍ"


कण्ड ५, संधि ८४, कडवक २३॒


{प॰च॰८४,२३.१} पडिभणइ विहीसणु विमल-मइ $ "कहि वालि-भवन्तरु परम-जइ" {प॰च॰८४,२३.२} तो कहइ भडारउ गहिर-गिरु $ "विन्दारण्ण-त्थलेॅ विउलेॅ चिरु {प॰च॰८४,२३.३} हीणङ्गु भमन्तु वि एक्कु मउ $ सो रिसि-सज्झाउ सुणेवि मउ {प॰च॰८४,२३.४} पुणु जाउ कणय-धण-कण-पउरेॅ $ अइरावऍ खेत्तेॅ दित्ति-णयरेॅ {प॰च॰८४,२३.५} सावयहेॅ विहिय-णामहेॅ सु-भुउ $ सिवमइहेॅ गब्भेॅ महदत्तु सुउ {प॰च॰८४,२३.६} तहिॅ पालेॅवि पञ्चाणुव्वयइँ $ तिण्णि गुणव्वय (चउ) सिक्खावयइँ {प॰च॰८४,२३.७} जिणवर-पुज्जउ ण्हवणउ करेॅवि $ वहु-कालें सण्णासेॅण मरेॅवि {प॰च॰८४,२३.८} ईसाण-सग्गेॅ वर-देवु हुउ $ विहिॅ रयणायरेॅहिॅ गएहिॅ चुउ {प॰च॰८४,२३.९} इह पुव्व-विदेहब्भन्तरऍ $ विजयावइ-पुरेॅ णियडन्तरऍ {प॰च॰८४,२३.१०} णामेण मत्तकोइलविउलु $ वर-गामु रहङ्गि व धण-वहुलु

घत्ता॒

{प॰च॰८४,२३.११} तहिॅ कन्तसोउ वर-राणउ $ रयणावइ पिय हंस-गइ तह्ũ वीहि मि सुप्पहु णामेॅण $ णन्दणु जाउ (?) विमल-मइ


कण्ड ५, संधि ८४, कडवक २४॒

{प॰च॰८४,२४.१} तेण जुवाण-भाउ पावन्तें $ णिय-मणेॅ जइण-धम्मु भावन्तें {प॰च॰८४,२४.२} सम्मत्तोरु-भारु पवहन्तें $ दिणेॅ दिणेॅ जिणु ति-कालु पणवन्तें {प॰च॰८४,२४.३} णिरु णिरुवम-गुण-गण-संजुत्तें $ कन्तसोय-रयणावइ-पुत्तें {प॰च॰८४,२४.४} ससहर-सण्णिहेण जस-वन्तें $ तणु-तेओहामिय-रइकन्तें {प॰च॰८४,२४.५} दुल्लह-तव-णिहाणु उवलद्धउ $ णाणाविह-लद्धीहिॅ समिद्धउ {प॰च॰८४,२४.६} वहु-संवच्छर-सहसेॅहिॅ विगऍहिॅ $ दुद्धर-विसय-महारिहिॅ णिहऍहिॅ {प॰च॰८४,२४.७} आऊरिउ सुह-झाणु पहाणउ $ किर उप्पज्जइ केवल-णाणउ {प॰च॰८४,२४.८} ता अवसाण-कालु तहेॅ आइउ $ पुणु सव्वत्थ-सिद्धि सम्पाइउ {प॰च॰८४,२४.९} एक्क-रयणि-तणु सुरवरु जायउ $ सूर-कोडि-छाया-संछायउ {प॰च॰८४,२४.१०} तहिॅ तेतीस-जलहि-परिमाणइँ $ भुञ्जेॅवि सोक्खइँ अमिय-समाणइँ घत्ता॒

{प॰च॰८४,२४.११} सो अमरु चवेप्पिणु एत्थहेॅ $ जाउ वालि इह खयर-पहु अखलिय-पयावु सुह-दंसणु $ चरम-सरीरु समरेॅ अइ-दूसहु(?)


कण्ड ५, संधि ८४, कडवक २५॒


{प॰च॰८४,२५.१} जो णिग्गन्थु मुऍवि सामण्णहेॅ $ ण वि जयकारु करइ जगेॅ अण्णहेॅ {प॰च॰८४,२५.२} जो णिविसन्तरेॅ पिहिमि कमेप्पिणु $ एइ सयल-जिणहरइँ णवेप्पिणु {प॰च॰८४,२५.३} जेण समरेॅ सह्ũ पुप्फ-विमाणें $ अण्णु चन्दहासेण किवाणें {प॰च॰८४,२५.४} दाहिण-भुऍण भुवण-सन्तावणु $ हेलाऍ जेॅ उच्चाइउ रावणु {प॰च॰८४,२५.५} पच्छऍ ध्रुव ससिकिरण मुएप्पिणु $ राय-लच्छि सुग्गीवहेॅ देप्पिणु {प॰च॰८४,२५.६} लइय दिक्ख भव-गहण-विरत्तें $ गिरि-कइलासु चडेवि पयत्तें {प॰च॰८४,२५.७} दिण्णु सिलोवरि परमत्तावणु $ णहेॅ जन्तउ रोसाविउ रावणु {प॰च॰८४,२५.८} पुणु वि मडप्फरु भग्गु खणन्तरेॅ $ को उवमिज्जइ तहेॅ भुवणन्तरेॅ

घत्ता॒

{प॰च॰८४,२५.९} उप्पण्ण-णाणु सो मुणिवरु $ अट्ठ-दुट्ठ-कम्मारि-खउ झाएवि स य म् भु भडारउ $ सिद्धि-खेत्त-वर-णयरु गउ"


इय पउमचरिय-सेसे $ सयम्भुएवस्स कहि वि उव्वरिए तिहुयण-सयम्भु-रइए $ सपरियण-हलीस-भव-कहणं इय रामएव-चरिए $ वन्दइआसिय-सयम्भु-सुअ-रइए वुहयण-मण-सुह-जणणो $ चउरासीमो इमो सग्गो



[८५. पंचासीमो संधि] ----------


पुणु विहीसणेॅण $ पुच्छिज्जइ "मयण-वियारा सीया-णन्दणहँ $ कहि जम्मन्तरइँ भडारा"


कण्ड ५, संधि ८५, कडवक १॒

हेला

{प॰च॰८५,१.१} तं णिसुणेवि वयणु जग-भवण-भूसणेणं $ वुच्चइ मुणिवरिन्देणं सयलभूसणेणं {प॰च॰८५,१.२} "सुणि अक्खमि परिओसिय-सुरवरेॅ $ जगेॅ पसिद्धेॅ कायन्दी-पुरवरेॅ {प॰च॰८५,१.३} वामएव-विप्पहेॅ विक्खायहेॅ $ सामलीऍ घरिणीऍ सहायहेॅ {प॰च॰८५,१.४} सुय वसुएव-सुएव वियक्खण $ वियसिय-विमल-जमल-कमलेक्खण {प॰च॰८५,१.५} ताहँ पियउ दुइ णिम्मल-चित्तउ $ विसय-पियङ्गु-णाम-सम्जुत्तउ {प॰च॰८५,१.६} एक्कहिॅ दिणेॅ मयणाय-मइन्दहेॅ $ अण्ण-दाणु सिरितिलय-मुणिन्दहेॅ {प॰च॰८५,१.७} विहि मि जणेहिॅ तेहिॅ गुरुएन्तिए(?) $ दिण्णु समुज्जल-अविचल-भत्तिऍ {प॰च॰८५,१.८} वहु-कालें अवसाणु पवण्णा $ उत्तरकुरुहेॅ गम्पि उप्पण्णा {प॰च॰८५,१.९} तहि मि तिण्णि पल्लइँ णिवसेप्पिणु $ मणेॅ चिन्तविय भोग भुञ्जेप्पिणु {प॰च॰८५,१.१०} पुणु ईसाण-सग्गेॅ हुअ सुरवर $ पलय-समुग्गय णं रवि-ससहर

घत्ता॒

{प॰च॰८५,१.११} विहिॅ रयणायरेॅहिॅ $ अइकन्तेॅहिॅ सम्मय-भरिया चवण करेवि पुणु $ तहेॅ कायन्दिहेॅ अवयरिया


कण्ड ५, संधि ८५, कडवक २॒

हेला

{प॰च॰८५,२.१} रइवद्धण-णरिन्दहो पर-परायणासु ससि-णिम्मल-जसासु सिव-सोक्ख-भायणासु {प॰च॰८५,२.२} जाय वे वि जिणवर-पय-सेविहेॅ $ णन्दण सुअरिसणा-महएविहेॅ {प॰च॰८५,२.३} तहिॅ पहिलारउ णामु पियङ्करु $ तणु तणुअउ पुणु अणुउ हियङ्करु {प॰च॰८५,२.४} सोहइ दित्तिऍ णाइँ दिणेसर $ णाइँ भरह-पहु-वाहुवलीसर {प॰च॰८५,२.५} वहु-कालें तव-चरणु लएप्पिणु $ सण्णासेण सरीरु मुएप्पिणु {प॰च॰८५,२.६} हुव गेवज्ज-णिवासिय सुरवर $ स-मउड दिव्व-कडय-कुण्डल-धर {प॰च॰८५,२.७} दुइ-रयणी-सरीर-उव्वहिया $ अणिमाइहिॅ गुणेहिॅ सइँ सहिया {प॰च॰८५,२.८} सूरप्पहेॅ विमाणेॅ वित्थिण्णऍ $ णाणाविह-मणि-गणहिॅ रवण्णऍ {प॰च॰८५,२.९} तहिॅ इच्छियइँ सुहइँ माणेप्पिणु $ सायराइँ चउवीस गमेप्पिणु {प॰च॰८५,२.१०} चवेॅवि जाय पुणु अरि-करि-अङ्कुस $ सीयहेॅ णन्दण इह लवणङ्कुस"

घत्ता॒

{प॰च॰८५,२.११} तं तेहउ वयणु $ णिसुणेप्पिणु परम-मुणिन्दहेॅ हुउ विम्भउ गरुउ $ विज्जाहर-सुरवर-विन्दहेॅ


कण्ड ५, संधि ८५, कडवक ३॒

हेला {प॰च॰८५,३.१} जाणेॅवि पुव्व-वइर-सम्वन्धु विहि मि ताहं $ सीयहेॅ कारणेण सोमित्ति-रावणाहं {प॰च॰८५,३.२} अण्णु वि वहु-दुक्ख-णिरन्तराइँ $ अ-पमाणइँ सुणेॅवि भवन्तराइँ {प॰च॰८५,३.३} दहमुह-भायर-जाणइ-वलाहँ $ सुग्गीव-वालि-भामण्डलाहँ {प॰च॰८५,३.४} केॅ वि आसङ्किय गय भयहेॅ के वि $ केॅ वि थिय णिय-मणेॅ मच्छरु मुएवि {प॰च॰८५,३.५} केॅ वि थिय चिन्ता-सायरेॅ विसेवि $ केॅ वि हुव मह-दुक्ख विउद्ध के वि {प॰च॰८५,३.६} केॅ वि सयलु परिग्गहु परिहरेवि $ अत्थक्कऍ थिय पावज्ज लेवि {प॰च॰८५,३.७} अण्णेक्क के वि थिय वउ धरेवि $ सम्मत्त-महब्भरेॅ खन्धु देवि {प॰च॰८५,३.८} भूगोयर-खयर-सुरासुरेहिॅ $ सयलेॅहिॅ मि मुणिहिॅ णामिय-सिरेहिॅ {प॰च॰८५,३.९} णीसेस-जीव-मम्भीसणासु $ किउ साहुक्कारु विहीसणासु

घत्ता॒

{प॰च॰८५,३.१०} "भो भो गुण-उवहि $ पइँ होन्तें विणय-सहावें अम्हेॅहिॅ ऍउ चरिउ $ आयण्णिउ मुणिहिॅ पसाएं"


कण्ड ५, संधि ८५, कडवक ४॒

हेला {प॰च॰८५,४.१} तो एत्थन्तरेॅ तिलोयग्ग-पत्त-णामो $ वुत्तु कियन्तवत्तेॅण सरहसेण रामो {प॰च॰८५,४.२} "परमेसर सधर-धरित्ति-पाल $ मइँ तुज्झु पसाएं सामिसाल {प॰च॰८५,४.३} सुपयाम-गाम-पट्टण-णिउत्त $ रयणायर देस अणेय भुत्त {प॰च॰८५,४.४} माणियउ पवर-पीवर-थणाउ $ सुरवहु-रूवोहामिय-धणाउ {प॰च॰८५,४.५} अच्छिउ विउलेॅहिॅ जण-मणहरेहिॅ $ गिव्वाण-विमाणेॅहिॅ वर-घरेहिॅ {प॰च॰८५,४.६} आरूढु तुरय-गय-रहवरेहिॅ $ कीलिउ वण-सरि-सर-लयहरेहिॅ {प॰च॰८५,४.७} देवङ्गइँ वत्थइँ परिहियाइँ $ इच्छऍ अङ्गाइँ पसाहियाइँ {प॰च॰८५,४.८} णिरुवम-णच्चियइँ पलोइयाइँ $ वहु-भेय-गेय-वज्जइँ सुआइँ {प॰च॰८५,४.९} अणुहुत्तु सयलु इहलोय-सोक्खु $ जम्महेॅ वि ण लक्खिउ कहि मि दुक्खु {प॰च॰८५,४.१०} महु पुत्तु विवाइउ देवि जुज्झु $ णिय-सत्तिऍ पेसणु कियउ तुज्झु

घत्ता॒

{प॰च॰८५,४.११} एवहिॅ दासरहि $ उवढुक्कइ जाव ण मरणउ मुक्क-परिग्गहउ $ वरि ताम लेमि तव-चरणउ


कण्ड ५, संधि ८५, कडवक ५॒

हेला

{प॰च॰८५,५.१} लब्भइ जगेॅ असेसु किय-णरवरिन्द-सेव $ दुल्लहु णवर एक्कु पावज्ज-रयणु देव {प॰च॰८५,५.२} तें कज्जें लहु हत्थुत्थल्लहि $ मइँ परलोय-कङ्ख मोक्कल्लहि {प॰च॰८५,५.३} इय-वयणेॅहिॅ जण-जणियाणन्दें $ वुत्तु कियन्तवत्तु वलहद्दें {प॰च॰८५,५.४} "वच्छ वच्छ पावज्ज लएप्पिणु $ सव्व-सङ्ग-परिचाउ करेप्पिणु {प॰च॰८५,५.५} किह चरियऍ पर-हरेॅहिॅ भमेसहि $ पाणि-पत्तेॅ भोयणु भुञ्जेसहि {प॰च॰८५,५.६} किह दूसह परिसह वि सहेसहि $ अङ्गेॅ महा-मल-पडलु धरेसहि {प॰च॰८५,५.७} किह धरणियल-सयणेॅ सोवेसहि $ काणणेॅ वियणेॅ घोरेॅ णिसि णेसहि {प॰च॰८५,५.८} किह दुक्कर-उववास करेसहि $ पक्खु मासु छम्मास गमेसहि {प॰च॰८५,५.९} रुक्ख-मूलेॅ आयावणु देसहि $ तुहिण-कणावलि देहेॅ धरेसहि {प॰च॰८५,५.१०} तो सेणाणि भणइ "सुह-भायणु $ जो छड्डमि तुह णेह-रसायणु {प॰च॰८५,५.११} जो लच्छीहरु उज्झेॅवि सक्कमि $ सो किं अवरइँ सहेॅवि ण सक्कमि

घत्ता॒

{प॰च॰८५,५.१२} मिच्चु-सुराउहेॅण $ देह-इरि जाव णिहम्मइ ताव खणेण वरि $ अजरामर-देसहेॅ गम्मइ


कण्ड ५, संधि ८५, कडवक ६॒

हेला {प॰च॰८५,६.१} कालेण वि णरिन्द वड्ढिय-महन्त-सोउ $ होसइ तुह समाणु अवरेॅहिॅ वि सह्ũ विओउ {प॰च॰८५,६.२} तइयह्ũ दुक्करु जीविउ छुट्टइ $ वहु-दुक्खेॅहिॅ महु हियवउ फुट्टइ {प॰च॰८५,६.३} तें कज्जें ण वि वारिउ थक्कमि $ चउ-गइ-काणणेॅ भमेॅवि ण सक्कमि" {प॰च॰८५,६.४} तं णिसुणेॅवि वलु दुम्मण-वयणउ $ वोल्लइ अंसु-जलोल्लिय-णयणउ {प॰च॰८५,६.५} "तुह्ũ स-कियत्थउ जो इउ वुज्झेॅवि $ महु-सम सिय जर-तिणम् इव उज्झेॅवि {प॰च॰८५,६.६} घोरु वीरु तव-चरणु समिच्छहि $ इय जम्में जइ मोक्खु ण पेच्छहि {प॰च॰८५,६.७} अवसरु परियाणेॅवि संखेवें $ सम्वोहेवउ हũ पइँ देवें {प॰च॰८५,६.८} जइ जाणहि उवयारु णिरुत्तउ $ सम्भरेज्ज तो ऍउ जं वुत्तउ" {प॰च॰८५,६.९} सेॅ वि सरहसु स-विणउ पणवेप्पिणु $ "एम करेमि देव" पभणेप्पिणु

घत्ता॒

{प॰च॰८५,६.१०} वन्देॅवि मुणि-पवरु $ "दिक्खहेॅ पसाउ" पभणन्तउ खणेॅ कियन्तवयणु $ वहु-णरहिॅ समउ णिक्खन्तउ


कण्ड ५, संधि ८५, कडवक ७॒

हेला

{प॰च॰८५,७.१} सहसा हुउ महरिसि भव-भव-सयाहँ भीउ $ सीलाहरण-भूसिओ करयलुत्तरीउ {प॰च॰८५,७.२} तो मुणि अहिणन्देॅवि अमर-सय $ णिय-णिय-भवणहँ सहसत्ति गय {प॰च॰८५,७.३} सीराउहो वि संचल्लु तहिॅ $ सा अच्छइ सीयाएवि जहिॅ {प॰च॰८५,७.४} दीसइ अज्जिय-गण-परियरिय $ ध्रुव-तार व तारालङ्करिय {प॰च॰८५,७.५} णं समय-लच्छि विमलम्वरिय $ णं सासण-देवय अवयरिय {प॰च॰८५,७.६} पेक्खेॅवि पुणु थिउ आसण्णु वलु $ णं सरय-जलय-मालहेॅ अचलु {प॰च॰८५,७.७} चिन्तन्तु परिट्ठिउ एक्कु खणु $ दर-वाह-भरिय-अविचल-णयणु {प॰च॰८५,७.८} "जा चिरु घण-रवहेॅ वि तसइ मणेॅ $ सोवइ हिय-इच्छिय-वर-सयणेॅ {प॰च॰८५,७.९} सा वणयर-सद्द-भयाउलऍ $ वहु-हीर-खुण्ट-कुस-सङ्कुलऍ {प॰च॰८५,७.१०} वर-काणणेॅ पगुण गुणब्भहिय $ किह रयणि गमेसइ भय-रहिय

घत्ता॒

{प॰च॰८५,७.११} जम्पिय-पिय-वयण $ अणुकूल मणोज्ज महासइ सुह-उप्पायणिय $ कहिॅ लब्भइ एरिस तियमइ


कण्ड ५, संधि ८५, कडवक ८॒

हेला {प॰च॰८५,८.१} धि मइँ कियउ असुन्दरं जणह्ũ कारणेणं $ जं घल्लावियासि पिय वणेॅ अकारणेणं" {प॰च॰८५,८.२} चिन्तेॅवि एव सीय अहिणन्दिय $ णं जिण-पडिम सुरिन्दें वन्दिय {प॰च॰८५,८.३} जिह तें तेम सुमित्तिहेॅ जाएं $ तिह वर-विज्जाहर-सङ्घाएं {प॰च॰८५,८.४} "तुह्ũ स-कियत्थ जाऍ सुपसिद्धउ $ जिणवर-वयणामिउ उवलद्धउ {प॰च॰८५,८.५} जा वन्दणिय जाय णीसेसह्ũ $ वाल-जुवाण-जरङ्कियवेसह्ũ {प॰च॰८५,८.६} कन्त-जणेर-कुलइँ अप्पउ जणु $ पइँ उज्जालिउ सयलु वि तिहुयणु" {प॰च॰८५,८.७} पुणु णीसल्लु करेवि महव्वल $ जाणइ अहिणन्देॅवि गय हरि-वल {प॰च॰८५,८.८} लवणङ्कुस-कुमार विच्छाया $ णं रवि-ससहर णिप्पह जाया {प॰च॰८५,८.९} गय णर-णरवरिन्द-विज्जाहर $ सुन्दर-कडय-मउड-कुण्डल-धर

घत्ता॒

{प॰च॰८५,८.१०} दसरह-राय-सुय $ णरवर-लक्खेॅहिॅ परियरिय इन्द-पडिन्द जिह $ तिह उज्झाउरि पइसरिय


कण्ड ५, संधि ८५, कडवक ९॒

हेला {प॰च॰८५,९.१} एत्थन्तरेॅ णिएवि वलएउ पइसरन्तो $ रिसह-जिणिन्द-पढम-णन्दणहेॅ अणुहरन्तो {प॰च॰८५,९.२} णाणा-रस-सम्पुण्ण-णिरन्तरु $ णायरिया-यणु चवइ परोप्परु {प॰च॰८५,९.३} "ऍहु सो वलु णिय-भुअ-वल-वीयउ $ दीसइ गिम्भु जेम णिस्सीयउ {प॰च॰८५,९.४} सोह ण पावइ उत्तम-सत्तउ $ णं जिण-धम्मु दया-परिचत्तउ {प॰च॰८५,९.५} णं जोण्हऍ आमेल्लिउ ससहरु $ णं दित्तिऍ दूरुज्झिउ दिणयरु {प॰च॰८५,९.६} ऍहु सो जें विणिवाइउ रावणु $ लक्खणु लक्खण-लक्खङ्किय-तणु {प॰च॰८५,९.७} इय वेण्णि वि जण ते लवणङ्कुस $ सीया-णन्दण करि व णिरङ्कुस {प॰च॰८५,९.८} तरणि-तेय णिव्वूढ-महाहव $ जेहिॅ परज्जिय लक्खण-राहव {प॰च॰८५,९.९} ऍहु सो वज्जजङ्घु वल-सालउ $ पुण्डरीय-पुरवर-परिपालउ

घत्ता॒

{प॰च॰८५,९.१०} ऍहु सो सत्तुहणु $ सत्तुहणु समरेॅ अणिवारिउ णन्दणु सुप्पहहेॅ $ जें महु महुराहिउ मारिउ


कण्ड ५, संधि ८५, कडवक १०॒

हेला {प॰च॰८५,१०.१} ऍहु सो जणय-णन्दणो जयसिरी-णिवासो $ रहणेउर-पुराहिवो तिहुअणे पयासो {प॰च॰८५,१०.२} ऍहु सो सुग्गीवु वराहिमाणु $ पमयद्धय-विज्जाहर-पहाणु {प॰च॰८५,१०.३} किक्किन्ध-णराहिवु वालि-भाइ $ तारावइ तारा-वइ व भाइ {प॰च॰८५,१०.४} ऍहु सो मारुइ अक्खय-विणासु $ जें दिण्णु पाउ सिरेॅ रावणासु {प॰च॰८५,१०.५} ऍहु सो सुवियड्ढाएवि-कन्तु $ लङ्केसु विहीसणु विणय-वन्तु {प॰च॰८५,१०.६} ऍहु सो णलु घाइउ जेण हत्थु $ ऍहु णीलु विवाइउ जें पहत्थु {प॰च॰८५,१०.७} ऍहु सो अङ्गउ थिर-थोर-वाहु $ जें किउ मन्दोयरि-केस-गाहु {प॰च॰८५,१०.८} ऍहु सो पवणञ्जउ सुहड-पवरु $ परिपालइ जो आइच्च-णयरु {प॰च॰८५,१०.९} ऍहु सो महिन्दु अञ्जणहेॅ ताउ $ मणवेय-महाएविऍ सहाउ {प॰च॰८५,१०.१०} आयउ सहि तिण्णि वि जणिउ ताउ $ अवराइय-कइकय-सुप्पहाउ

घत्ता॒

{प॰च॰८५,१०.११} पुण्णघणहेॅ तणय $ सा एह विसल्ला-सुन्दरि सत्ति-हउ (?) जाऍ रणेॅ $ परिरक्खिउ लक्खण-केसरि"


कण्ड ५, संधि ८५, कडवक ११॒

हेला

{प॰च॰८५,११.१} णायरिया-यणासु आलाव एव जा̃व $ लक्खण-पउमणाह राउलेॅ पइट्ठ ता̃व {प॰च॰८५,११.२} सुरसरि-जउण-पवाह व सायरेॅ $ ससि-दिवसयर व अत्थ-धराहरेॅ {प॰च॰८५,११.३} केसरि व्व गिरि-कुहरब्भन्तरेॅ $ सद्दत्थ व वायरण-कहन्तरेॅ {प॰च॰८५,११.४} चिन्तइ वलु पिय-सोयब्भइयउ $ "पेक्खु केव सीयऍ तवु लइयउ {प॰च॰८५,११.५} हũ भत्तारु जणद्दणु देवरु $ जणउ जणणु भामण्डलु भायरु {प॰च॰८५,११.६} णन्दण दुइ वि एय लवणङ्कुस $ अवराइय सासुव दीहाउस {प॰च॰८५,११.७} इह महि एउ रज्जु ऍउ पट्टणु $ ऍउ घरु ऍहु अवरु वि वन्धव-जणु {प॰च॰८५,११.८} इय पुण्णिम-ससि-सण्णिह-छत्तइँ $ कह सव्वइ मि झत्ति परिचत्तइँ {प॰च॰८५,११.९} सुरवरह मि असक्कु किउ साहसु $ वहु-कालहेॅ वि थविउ महियलेॅ जसु {प॰च॰८५,११.१०} एवहिॅ उब्भासिय-परिवायहेॅ $ होन्तु मणोरह पय-सङ्घायहेॅ"

घत्ता॒

{प॰च॰८५,११.११} लक्खणु चिन्तवइ $ सीया-गुण-गण-मण-रञ्जिउ "हũ विणु जाणइऍ $ हुउ अज्जु जणेरि-विवज्जिउ"


कण्ड ५, संधि ८५, कडवक १२॒

{प॰च॰८५,१२.१} तो एत्तहेॅ वि ताव पइ-पुत्त-मोह-चत्ता $ तिय-संभूइ-णिन्दिया अइ-महन्त-सत्ता {प॰च॰८५,१२.२} जा पाउस-सिरि व्व सु-पओहर $ आसि तियस-जुवइहिॅ व मणोहर {प॰च॰८५,१२.३} सा तवेण परिसोसिय जाणइ $ णं दिवसयरें गिम्भेॅ महा-णइ {प॰च॰८५,१२.४} दुप्परिणाम दूरेॅ परिसेसिय $ घण-मलोह-कञ्चुऍण विहूसिय {प॰च॰८५,१२.५} परमागम-जुत्तिऍ किय पारण $ वसिकिय पञ्चेन्दिय-वर-वारण {प॰च॰८५,१२.६} रुहिर-मंस-परिवज्जिय-देही $ जीविऍ जणहेॅ जणिय-सन्देही {प॰च॰८५,१२.७} पायड-अत्थि-णिवह-सिर-जाली $ फरुसाइण सव्वङ्ग-कराली {प॰च॰८५,१२.८} घोरु वीरु तव-चरणु करेप्पिणु $ हायणाइँ वासट्ठि गमेप्पिणु {प॰च॰८५,१२.९} दिण तेत्तीस समाहि लहेप्पिणु $ थिय इन्दहेॅ इन्दत्तणु लेप्पिणु {प॰च॰८५,१२.१०} तियसावासेॅ गम्पि सोलहमऍ $ वर-विमाणेॅ सूरप्पह-णामऍ {प॰च॰८५,१२.११} कञ्चण-सिहरि-सिहर-सङ्कासऍ $ विविह-रयण-पह-किय-विमलासऍ

घत्ता॒

{प॰च॰८५,१२.१२} हरि-रामुज्झियउ $ अवरु वि जो दिक्ख लएसइ सग्ग-मोक्ख-सुहइँ $ सो सव्वइँ स इँ भु ञ्जेसइ


इय पोमचरिय-सेसे $ सयम्भुएवस्स कह वि उव्वरिए तिहुयण-सयम्भु-रइए $ सीया-सण्णास-पव्वम् इणं वन्दइआसिय-महकइ-सयम्भु- $ लहु-अङ्गजाय-विणिवद्धे सिरि-पोमचरिय-सेसे $ पञ्चासिमो इमो सग्गो



[८६. छायासीमो संधि] ----------


उवलद्धेॅण इन्दत्तणेॅण $ सीय-पहुत्तणु किं वण्णिज्जइ तिहि मि जगेॅहिॅ जं णिरुवमउ $ जइ पर तं जि तासु उवमिज्जइ" ह्रुवकम्


कण्ड ५, संधि ८६, कडवक १॒


{प॰च॰८६,१.१} तो उत्तमङ्गेॅ लाइय-करेण $ पभणिउ गोत्तमु मगहेसरेण {प॰च॰८६,१.२} "परमेसर णिरु थिर-थोर-गत्तेॅ $ णिक्खन्तेॅ सु-सत्तेॅ कियन्तवत्तेॅ {प॰च॰८६,१.३} वोलीणऍ सासऍ सुह-णिहाणेॅ $ वइदेही-सण्णासण-विहाणेॅ {प॰च॰८६,१.४} कन्तुज्झिउ एवहिॅ दणु-विमद्दु $ कहि काइँ करेसइ रामचन्दु {प॰च॰८६,१.५} किं लक्खणु काइँ समीर-तणउ $ किं भामण्डलु किं जणउ कणउ {प॰च॰८६,१.६} किं लवणु काइँ अङ्कुसु कुमारु $ किं लङ्काहिवु सुग्गीउ तारु {प॰च॰८६,१.७} किं पवणञ्जउ दहिमुहु महिन्दु $ चन्दोयरि जम्ववु इन्दु कुन्दु {प॰च॰८६,१.८} किं णलु णीलु वि सत्तुहणु अङ्गु $ पिहुमइ सुसेणु अङ्गउ तरङ्गु {प॰च॰८६,१.९} अट्ठ वि णारायण-तणय काइँ $ अण्णु वि आहुट्ठ वि सुअ-सयाइँ {प॰च॰८६,१.१०} गउ गवउ चन्दकरु दुम्मुहो वि $ अवरु वि किङ्करु जो वलहेॅ को वि

घत्ता॒

{प॰च॰८६,१.११} किं अवराइय विमल-मइ $ किं सुमित्त सुप्पह गुण-सारा काइँ करेसइ दोण-सुय $ ऍउ सयलु वि वज्जरहि भडारा"


कण्ड ५, संधि ८६, कडवक २॒

{प॰च॰८६,२.१} इय वयणेॅहिॅ मुणि-जण-मणहरेण $ वुच्चइ पच्छिम-जिण-गणहरेण {प॰च॰८६,२.२} "आयण्णहि सेणिय दिढ-मणाहँ $ वहु-दिवसेॅहिॅ राहव-लक्खणाहँ {प॰च॰८६,२.३} दस-दिसि-परिभमिय-महाजसाहँ $ अमुणिय-पमाण-कय-साहसाहँ {प॰च॰८६,२.४} सुरवर-जण-णयण-मणोहराहँ $ मुसुमूरिय-अरिवर-पुरवराहँ {प॰च॰८६,२.५} कञ्चणथाणहेॅ कञ्चणरहेण $ पट्ठविउ लेहु कञ्चण-रहेण {प॰च॰८६,२.६} "महु घरिणि जयद्दह जगेॅ पसिद्ध $ सुर-सरि व सुवाणिय कुल-विसुद्ध {प॰च॰८६,२.७} दुइ दुहियउ ताहेॅ वियक्खणाउ $ अहिणव-जोव्वणउ स-लक्खणाउ {प॰च॰८६,२.८} मन्दाइणि-णामें तहिॅ महन्त $ लहु चन्दभाय पुणु रूववन्त

घत्ता॒

{प॰च॰८६,२.९} ताहँ सयम्वर-कारणेॅण $ मिलिय सयल महि-गोयर खेयर तुम्हहिॅ विणु सोहन्ति ण वि $ इन्द-पडिन्द-रहिय णं सुरवर


कण्ड ५, संधि ८६, कडवक ३॒


{प॰च॰८६,३.१} ऍउ परियाणेॅवि सहसत्ति तेहिॅ $ सरहसेॅहिॅ राम-चक्केसरेहिॅ {प॰च॰८६,३.२} परिपेसिय अङ्कुस-लवण वे वि $ हरि-णन्दण अट्ठ कुमार जे वि {प॰च॰८६,३.३} णं पचलिय अट्ठ वि दिस-करिन्द $ णं वसु णं अट्ठ वि विसहरिन्द {प॰च॰८६,३.४} अण्णेक्क तणय साहण-समाण $ पट्ठवियाहुट्ठ-सय-प्पमाण {प॰च॰८६,३.५} अवर वि कुमार दिढ-कढिण-देह $ अवरोप्परु परिवड्ढिय-सणेह {प॰च॰८६,३.६} स-विमाण पयट्ट णहङ्गणेण $ परिवेढिय विज्जाहर-गणेण {प॰च॰८६,३.७} णं जुग-खऍ हुअवहु चन्द-सूर $ सणि-कणय-केउ-गुरु-राहु कूर {प॰च॰८६,३.८} जोयन्त चउद्दिसु महि समत्त $ तं कञ्चणथाणु खणेण पत्त

घत्ता॒

{प॰च॰८६,३.९} छत्त-चिन्ध-सिग्गिरि-णियरु $ दीसइ पुरेॅ कुमार-सङ्घाएं णं विवाह-मण्डवु विउलु $ णिम्मिउ लवणङ्कुसहँ विहाएं


कण्ड ५, संधि ८६, कडवक ४॒


{प॰च॰८६,४.१} तो णहेॅ पेक्खेॅवि आगमणु ताहँ $ दससन्दण-णन्दण-णन्दणाहँ {प॰च॰८६,४.२} वेयड्ढ-णिवासिय साणुराय $ अहिमुह विज्जाहर सयल आय {प॰च॰८६,४.३} सह्ũ तेहिॅ मिलेॅवि कञ्चणरहासु $ गय समुह सयम्वर-मण्डवासु {प॰च॰८६,४.४} जहिॅ गाढ णिविड वहु मञ्च वद्ध $ णावइ सक्कइ-कय कव्व-वन्ध {प॰च॰८६,४.५} जहिॅ णरवर पयडिय-वहु-वियार $ खणेॅ गलेॅ वन्धन्ति मुयन्ति हार {प॰च॰८६,४.६} खणेॅ लेन्ति अणेयइँ भूसणाइँ $ चउ-दिसु जोयन्ति णियंसणाइँ {प॰च॰८६,४.७} जहिॅ सुव्वइ वीणा-वेणु-सद्दु $ पडु-पडह-मुरव-रुञ्जा-णिणद्दु {प॰च॰८६,४.८} जहिॅ मणहरु केॅ वि गायन्ति गेउ $ अइ-सु-सरु सुहावउ विविह-भेउ {प॰च॰८६,४.९} तहिॅ ते कुमार सयल वि पइट्ठ $ णाणा-मणिमय-मञ्चेॅहिॅ णिविट्ठ

घत्ता॒

{प॰च॰८६,४.१०} णिय-रूवोहामिय-मयण $ सोलह-आहरणालङ्करिया माणुस-वेसें धरणि-यलेॅ $ अमर-कुमार णाइँ अवयरिया


कण्ड ५, संधि ८६, कडवक ५॒


{प॰च॰८६,५.१} तो रूव-पसण्णउ $ वेण्णि वि कण्णउ $ गहिय-पसाहणउ णिरुवम-सोहग्गउ $ करिणि-वलग्गउ $ जण-मण-विन्धणउ {प॰च॰८६,५.२} मणि-विमल-कयासहेॅ $ णियय-णिवासहेॅ $ सुह-दिणेॅ णिग्गयउ णव-कमल-दलच्छिउ $ सरसइ-लच्छिउ $ णाइँ समागयउ {प॰च॰८६,५.३} स-विसेसें भल्लिउ $ णं दुइ भल्लिउ $ मयणें मेल्लियउ गुण-गण-पडिहत्थिउ $ वर-वण-लच्छिउ $ णं संचल्लियउ {प॰च॰८६,५.४} थिय चउहु मि पासहिॅ $ मञ्च-सहासहिॅ $ वर जोयन्तियउ मोहण-लय-मायउ $ एक्कहिॅ आयउ $ णं मोहन्तियउ {प॰च॰८६,५.५} णं सुकइ-णिवद्धउ $ कहउ रसड्ढउ $ मणेॅ पइसन्तियउ सोहग्ग-विसेसें $ तें ववएसें $ णं णासन्तियउ {प॰च॰८६,५.६} अइ-विसम-विसाढउ $ विसहर-दाढउ $ णं मारन्तियउ णं रणेॅ ढुक्कन्तिउ $ मग्गण-पन्तिउ $ विरहु करन्तियउ {प॰च॰८६,५.७} णं गिम्भेॅ फुरन्तिउ $ दिणयर-दित्तिउ $ सन्तावन्तियउ णं आउह-धारउ $ दिण्ण-पहारउ $ मुच्छावन्तियउ

घत्ता॒

{प॰च॰८६,५.८} अग्गऍ करिणि समारुहिय $ धाइ सयल दरिसावइ णरवर णावइ चारु वसन्त-सिरि $ विहिॅ फुल्लन्धुअ-पन्तिहिॅ तरुवर


कण्ड ५, संधि ८६, कडवक ६॒


{प॰च॰८६,६.१} जोयवि भू-गोयर चत्त केव $ खम-दऍहिॅ कुगइ-गइ-मग्गु जेव {प॰च॰८६,६.२} पुणु मेल्लिय विज्जाहर-णरिन्द $ णं गङ्गा-जउणेॅहिॅ वहु-गिरिन्द {प॰च॰८६,६.३} अवरेॅ वि परिहरेॅवि गयाउ तेत्थु $ ते सीया-णन्दण वे वि जेत्थु {प॰च॰८६,६.४} जहिॅ छत्त-सण्ड-मण्डवु महन्तु $ सुर-मणि-कर-णियरन्धार-वन्तु {प॰च॰८६,६.५} रविकन्त-पहुज्जोइय-दियन्तु $ अवरेॅहि मि मणिहिॅ मह-सोह दिन्तु {प॰च॰८६,६.६} पेक्खेॅवि लवणङ्कुस तुरिउ सव्वु $ गउ परिगलेवि चिरु रूव-गव्वु {प॰च॰८६,६.७} जेट्ठोवरि पुणु मन्दाइणीऍ $ परिघित्त माल गय-गामिणीऍ {प॰च॰८६,६.८} अङ्कुसहेॅ चन्दभायाऍ तेव $ परिओसिय णहयलेॅ सयल देव {प॰च॰८६,६.९} किउ कलयलु तूरइँ आहयाइँ $ विच्छायइँ जायइँ वर-सआइँ {प॰च॰८६,६.१०} णं णिहि-चुक्कइँ वाइय-कुलाइँ $ चिन्तन्ति गमण-हिययाउलाइँ

घत्ता॒

{प॰च॰८६,६.११} "किं विणिभिन्दह्ũ महि गयणु $ किं सायरेॅ गिरि-विवरेॅ पईसह्ũ धीसोहग्ग-भग्ग-रहिय $ जाह्ũ तेत्थु जहिॅ जणेॅण ण दीसह्ũ"


कण्ड ५, संधि ८६, कडवक ७॒

{प॰च॰८६,७.१} ताव दुण्णिवारारि-मद्दणा $ मणेॅ विरुद्ध सोमित्ति-णन्दणा {प॰च॰८६,७.२} तिसय-तीस-वीस-प्पमाणया $ पलय-काल-रूवाणुमाणया {प॰च॰८६,७.३} मुणेॅवि वाल विक्कम-गुरुक्कया $ सयल अवर वर पासेॅ ढुक्कया {प॰च॰८६,७.४} सण्णियं दुअं तेहिॅ सेण्णयं $ घण-उलं व णह-यलेॅ णिसण्णयं {प॰च॰८६,७.५} फणि-उलं व अच्चन्त-कूरयं $ दिण्ण-घोर-गम्भीर-तूरयं {प॰च॰८६,७.६} समर-रस-दिढावद्ध-परियरं $ पाउसम्वरं णं स-धणुहरं {प॰च॰८६,७.७} रह-विमाण-हय-गय-णिरन्तरं $ विविह-चिन्ध-छाइय-दियन्तरं {प॰च॰८६,७.८} जाव वलइ किर भीसणाउहं $ विहि मि राम-णन्दणहँ सम्मुहं

घत्ता॒

{प॰च॰८६,७.९} ताव तेहिॅ अट्ठहिॅ वि तहिॅ $ लच्छीहर-महएवी-जाऍहिॅ धरिउ णियय-भायरेॅहिॅ सह्ũ $ णं तइलोक्क-चक्कु दिस-णाऍहिॅ


कण्ड ५, संधि ८६, कडवक ८॒


{प॰च॰८६,८.१} "अहेॅ अहेॅ भायरहेॅ म करहेॅ कोहु $ मं वड्ढारहेॅ रहु-कुलेॅ विरोहु {प॰च॰८६,८.२} जो जाय-दिणहेॅ लग्गेॅवि सणेहु $ सो वल-लक्खणहँ म खयहेॅ णेहु {प॰च॰८६,८.३} आयहँ पर कण्णहँ कारणेण $ अवरोप्परु काइँ महा-रणेण {प॰च॰८६,८.४} गुण-विणय-सयण-खम-णासणेण $ तिहुअणेॅ धिक्कार-पगासणेण {प॰च॰८६,८.५} कलहन्ति ए वि पर जेव राय $ कु-पुरिस विण्णाण-कला-अणाय {प॰च॰८६,८.६} तुम्हेॅहिॅ पुणु सयलइँ अइ-समत्थ $ गुणवन्त वियाणिय-अत्थसत्थ {प॰च॰८६,८.७} लज्जिज्जइ अण्णु वि राहवासु $ किह वयणु णिएसह्ũ गम्पि तासु {प॰च॰८६,८.८} सुट्ठु वि मय-मत्तउ मिलिय-भिङ्गु $ किं णिय-करु परिचप्पइ मयङ्गु"

घत्ता॒

{प॰च॰८६,८.९} इय पिय-वयणेॅहिॅ अवरेॅहि मि $ ते उवसामिय माण-समुण्णय णं वर-गुरु-मन्तक्खरेॅहिॅ $ किय गइ-मुह-णिवद्ध वहु पण्णय


कण्ड ५, संधि ८६, कडवक ९॒


{प॰च॰८६,९.१} पुणु ते अवलोऍवि वार-वार $ सह्ũ कण्णहिॅ लवणङ्कुस-कुमार {प॰च॰८६,९.२} वहु-वन्दिण-वन्देॅहिॅ थुव्वमाण $ चउ-दिस-जण-पोमाइज्जमाण {प॰च॰८६,९.३} णिसुणेॅवि गिज्जन्तइँ मङ्गलाइँ $ तूरइँ गहिराइँ स-काहलाइँ {प॰च॰८६,९.४} पेक्खेप्पिणु सिय-सम्पय-विहोउ $ वर-आणवडिच्छिउ सयलु लोउ {प॰च॰८६,९.५} अप्पाणउ परिणिन्दन्ति क्ẽव $ हरि-दंसणेॅ सुर तव-हीण ज्ẽव {प॰च॰८६,९.६} "अम्हइँ तिकण्ड-महिवइहेॅ पुत्त $ लायण्ण-रूव-जोव्वण-णिरुत्त {प॰च॰८६,९.७} वहु-गुण वहु-साहण वहु-सहाय $ सु-पयाव अतुल-भुय-वल-सहाय {प॰च॰८६,९.८} ण वि जाणह्ũ हीण गुणेण केण $ एक्कहेॅ वि ण घत्तिय माल जेण घत्ता॒

{प॰च॰८६,९.९} अहवइ काइँ विसूरिऍण $ लब्भइ सयलु वि चिरु कय-पुण्णेॅहिॅ जीवहेॅ मणेॅण समिच्छियउ $ किं संपडइ किऍहिॅ पइसुण्णेॅहिॅ


कण्ड ५, संधि ८६, कडवक १०॒


{प॰च॰८६,१०.१} वरि तुरिउ गम्पि तव-चरणु लेह्ũ $ जें सिद्धि-वहुअ-करयलु धरेह्ũ" {प॰च॰८६,१०.२} ऍउ चिन्तेॅवि अवहत्थिय-भयासु $ पुणु गय वलेवि लक्खणहेॅ पासु {प॰च॰८६,१०.३} विण्णविउ णवेप्पिणु "णिसुणि ताय $ पज्जत्तउ विसय-सुहेहिॅ राय {प॰च॰८६,१०.४} अम्हइँ संसार-महासमुद्देॅ $ दुट्ठट्ठ-कम्म-जलयर-रउद्देॅ {प॰च॰८६,१०.५} दुग्गइ-गम-खारापार-णीरेॅ $ भय-काम-कोह-इन्दिय-गहीरेॅ {प॰च॰८६,१०.६} मिच्छत्त-गरुय-वायन्त-वाऍ $ जर-मरण-जाइ-वेला-णिहाऍ {प॰च॰८६,१०.७} वर-विविह-वाहि-कल्लोल-जुत्तेॅ $ परिभमणाणन्तावत्तइत्तेॅ {प॰च॰८६,१०.८} मय-माण-विउल-पायाल-विवरेॅ $ अलियागम-सयल-कुदीव-णियरेॅ {प॰च॰८६,१०.९} मह-मोहुब्भड-चल-फेण-सोहेॅ $ सविओय-सोय-वडवाणलोहेॅ {प॰च॰८६,१०.१०} परिभमिय सुइरु अ-लहन्त धम्मु $ कह कह वि लद्धु पुणु मणुअ-जम्मु

घत्ता॒

{प॰च॰८६,१०.११} एवहिॅ एण कलेवरेॅण $ जहिं कहिं वि णत्थि जम-डामरु जिण-पावज्ज-तरण्डऍण $ जाह्ũ देसु जहिॅ जणु अजरामरु"


कण्ड ५, संधि ८६, कडवक ११॒


{प॰च॰८६,११.१} सुय-वयणु सुणेप्पिणु लक्खणेण $ अवलोऍवि पुणु पुणु तक्खणेण {प॰च॰८६,११.२} परिचुम्वेॅवि मत्थऍ वार-वार $ गग्गर-गिरेण पभणिय कुमार {प॰च॰८६,११.३} "इह सिय इह सम्पय एउ रज्जु $ ऍहु सुर-तिय-समु पिय-यणु मणोज्जु {प॰च॰८६,११.४} कुल-जायउ आयउ मायरीउ $ आयउ सव्वह मि महत्तरीउ {प॰च॰८६,११.५} पासाय एय अइ-सोहमाण $ कञ्चण-गिरिवर-सिहराणुमाण {प॰च॰८६,११.६} आयइँ अवराइँ वि परिहरेवि $ किह वणेॅ णिवसेसह्ũ दिक्ख लेवि {प॰च॰८६,११.७} हũ तुम्ह णेह-वन्धणेॅ णिउत्तु $ किं परिसेसेॅवि सव्वहु मि जुत्तु" {प॰च॰८६,११.८} पडिवुत्तु कुमारेॅहिॅ "काइँ एण $ वहुएण णिरत्थें जम्पिएण {प॰च॰८६,११.९} मोक्कल्लि ताय मा होउ विग्घु $ सिज्झउ तव-चरण-णिहाणु सिग्घु"

घत्ता॒

{प॰च॰८६,११.१०} एम भणेप्पिणु स-रहसेॅहिॅ $ गम्पिणु महिन्दोधुय(?)णन्दण-वणेॅ पासेॅ महव्वल-मुणिवरहँ $ लइय दिक्ख णीसेसह्ũ तक्खणेॅ


कण्ड ५, संधि ८६, कडवक १२॒


{प॰च॰८६,१२.१} एत्तहेॅ वि ताम भामण्डलासु $ विहवोहामिय-आकण्डलासु {प॰च॰८६,१२.२} रहणेउर-पुर-परमेसरासु $ णिण्णासिय-सत्तु-णरेसरासु {प॰च॰८६,१२.३} कामिणि-मुह-पङ्कय-महुअरासु $ वर-भोगासत्तहेॅ मणहरासु {प॰च॰८६,१२.४} मन्दर-णियम्व-कीलण-मणासु $ णिविसु वि अ-मुक्कु मुद्धङ्गणासु {प॰च॰८६,१२.५} सिरिमालिणि-भज्जालङ्कियासु $ मयगलहेॅ व सुट्ठु मयङ्कियासु {प॰च॰८६,१२.६} आहरण-विहूसिय-अवयवासु $ अच्छन्तहेॅ सुर-लीलाऍ तासु {प॰च॰८६,१२.७} एक्कहिॅ दिणेॅ सिहि-उल-कय-वमालु $ सम्पाइउ वासारत्तु कालु {प॰च॰८६,१२.८} कसणुज्जल-णव-घण-पिहिय-गयणु $ पयडिय-सुरचाउ अदिट्ठ-तवणु {प॰च॰८६,१२.९} अणवरय-थोर-खर-णीर-धारु $ चल-विज्जुल-कय-ककुहन्धयारु

घत्ता॒

{प॰च॰८६,१२.१०} तेत्थु कालेॅ भामण्डलहेॅ $ मन्दिर-सत्तम-भूमिहेॅ थक्कहेॅ मत्थऍ पडिय तडत्ति तडि $ सेल-सिहरेॅ णं पहरणु सक्कहेॅ


कण्ड ५, संधि ८६, कडवक १३॒

{प॰च॰८६,१३.१} जं उत्तमङ्गेॅ णिवडिउ णिहाउ $ तं पाणहिॅ मेल्लिउ जणय-जाउ {प॰च॰८६,१३.२} गय तुरिय राम-लक्खणहेॅ वत्त $ "भामण्डल-कह कालहेॅ समत्त" {प॰च॰८६,१३.३} तेहि मि पभणिउ "रण-सय-समत्थु $ अम्हहँ णिवडिउ दाहिणउ हत्थु" {प॰च॰८६,१३.४} लवणङ्कुस सत्तुहणेण सहिय $ णिसुणेविणु सोय-ग्गहेॅण गहिय {प॰च॰८६,१३.५} "हा माम माम गुण-रयण-खाणि $ कहिॅ गउ मुएवि गरुआहिमाणि {प॰च॰८६,१३.६} एत्तिय-कालहेॅ सिहि-महुर-वाय $ हा मुय अम्हारिय अज्जु माय" {प॰च॰८६,१३.७} णिसुणाविउ जणउ वि तुरिउ आउ $ लहु-भायरेण कणएं सहाउ {प॰च॰८६,१३.८} तहेॅ पुणु पुच्छिज्जइ दुक्खु काइँ $ तो वण्णिज्जइ जइ वहु-मुहाइँ

घत्ता॒

{प॰च॰८६,१३.९} मे(?मि)लेॅवि असेसहिॅ वन्धवेॅहिॅ $ सोयामणि-संचूरिय-कायहेॅ सहसा लोयाचारु किउ $ दिण्णु सलिलु भामण्डल-रायहेॅ


कण्ड ५, संधि ८६, कडवक १४॒


{प॰च॰८६,१४.१} तो वहु-दिवसेॅहिॅ मारुवि स-जाउ $ स-विमाणु कण्णकुण्डल-पुराउ {प॰च॰८६,१४.२} परियरियउ वहु-खेयर-जणेण $ अन्तेउर-सहिउ णहङ्गणेण {प॰च॰८६,१४.३} गउ वन्दण-हत्तिऍ तुरिउ मेरु $ णं जक्खिणि-जक्खेॅहिॅ सह्ũ कुवेरु {प॰च॰८६,१४.४} पेक्खन्तु देस-देसन्तराइँ $ वेयड्ढ-उभय-सेढिहिॅ पुराइँ {प॰च॰८६,१४.५} कुल-गिरि-सिरि-सरवर-जिणवराइँ $ वाविउ कप्पद्दुम-लयहराइँ {प॰च॰८६,१४.६} गुह-कूडइँ खेत्तइँ काणणाइँ $ विण्णि वि कुरु-भूमिउ उववणाइँ {प॰च॰८६,१४.७} सव्वइँ पिय-घरिणिहिॅ दक्खवन्तु $ विहसन्तु खणे खणेॅ पुणु रमन्तु {प॰च॰८६,१४.८} उरु-रहसुद्धसिय-समत्त-गत्तु $ मणहर-गिरि-मन्दर-सिहरु पत्तु

घत्ता॒

{प॰च॰८६,१४.९} पवर-विमाणहेॅ ओयरेॅवि $ करेॅवि पयाहिण तुरिय स-कन्तें णिम्मल-भत्तिऍ जिण-भवणेॅ $ थुइ पारम्भिय पुणु हणुवन्तें


कण्ड ५, संधि ८६, कडवक १५॒

{प॰च॰८६,१५.१} "जय जय जिणवरिन्द धरणिन्द-णरिन्द-सुरिन्द-वन्दिया $ जय जय चन्द-खन्द-वर-विन्तर-वहु-विन्दाहिणन्दिया {प॰च॰८६,१५.२} जय जय वम्भ-सम्भु-मण-भञ्जण-मयरद्धय-विणासणा $ जय जय सयल-समग्ग-दुब्भेय-पयासिय-चारु-सासणा {प॰च॰८६,१५.३} जय जय सुट्ठु पुट्ठ-दुट्ठट्ठ-कम्म-दिढ-वन्ध-तोडणा $ जय जय कोह-लोह-अण्णाण-माण-दुम-पन्ति-मोडणा {प॰च॰८६,१५.४} जय जय भव्व-जीव संसार-समुद्दहेॅ तुरिउ तारणा $ जय जय हय-तिसल्ल जय जाइ-जरा-मरणइँ णिवारणा {प॰च॰८६,१५.५} जय जय सयल-विमल-केवल-णाणुज्जल-दिव्व-लोयणा $ जय जय भव-भवन्तरावज्जिय-दुरिय-मलोह-चोयणा {प॰च॰८६,१५.६} जय जय तिजय-कमल-वय-दय-णय-णिरुवम-गुण-गणालया $ जय जय विसय-विगय जय जय दस-विह-धम्माणुवालया {प॰च॰८६,१५.७} तुह्ũ सव्वण्हु सव्व-णिरवेक्खु णिरञ्जणु णिक्कलो परो $ तुह्ũ णिरवयवु सुहुमु परमप्पउ परमु लहु परम्परो {प॰च॰८६,१५.८} तुह्ũ णिल्लेउ अ-गुरु परमाणुउ अक्खउ वीयरायओ $ तुह्ũ गइ मइ जणेरु सस मायरि भायरि सुहि सहायओ"

घत्ता॒

{प॰च॰८६,१५.९} ẽव विविह-थोत्तेॅहिॅ थुणेॅवि $ [पुणु] पुणु जिणवरु पुज्जेॅवि अञ्चेॅवि पवण-पुत्तु पल्लट्टु णहेॅ $ मन्दर-गिरि-सिहरइँ परिअञ्चेॅवि


कण्ड ५, संधि ८६, कडवक १६॒


{प॰च॰८६,१६.१} तहेॅ हणुवहेॅ णयणाणन्दणासु $ जिण-वन्दण-अणुराइय-मणासु {प॰च॰८६,१६.२} णिय-लीलऍ एन्तहेॅ भरह-खेत्तु $ परिगलिउ दिवसु अत्थमिउ मित्तु {प॰च॰८६,१६.३} अणुरत्त सञ्झ णं वेस आय $ णं रक्खसि रत्तारत्त जाय {प॰च॰८६,१६.४} वहलन्धयार पुणु ढुक्क राइ $ मसि-खप्परु विहिउ समत्थ (?) णाइँ {प॰च॰८६,१६.५} तहिॅ कालेॅ हणुउ तणु-पह-जियक्कु $ सुरदुन्दुहि-सेलेॅ स-सेण्णु थक्कु {प॰च॰८६,१६.६} जोअइ कसणुज्जलु जाव गयणु $ ससि-विरहिउ णिद्दीवउ व भवणु {प॰च॰८६,१६.७} तहिॅ ताव णियच्छिय णिरु गुरुक्क $ णहयलहेॅ पडन्ति समुज्जलुक्क {प॰च॰८६,१६.८} सव्वहेॅ वि जणहेॅ सज्झसु करन्ति $ णं विज्जुल-लेह परिप्फुरन्ति {प॰च॰८६,१६.९} गह-तारा-रिक्खेॅहिॅ पह हरन्ति $ पलयाणल-जालहेॅ अणुहरन्ति {प॰च॰८६,१६.१०} सा थोवन्तरेॅ अ-मुणिय-पमाण $ अत्थक्कऍ णिऍवि विलीयमाण

घत्ता॒

{प॰च॰८६,१६.११} चिन्तिउ णिय-मणेॅ सुन्दरेॅण $ "धिद्धिगत्थु संसार-णिवासु तं तिल-मित्तु वि किं पि ण वि $ जासु ण दीसइ भुवणेॅ विणासु


कण्ड ५, संधि ८६, कडवक १७॒


{प॰च॰८६,१७.१} दिवसेॅहिॅ मण-मूढह्ũ आरिसाह्ũ $ एह जेॅ अवत्थ अम्हारिसाह्ũ {प॰च॰८६,१७.२} ल्हिक्कन्तहँ गिरि-वर-कन्दरे वि $ मञ्जूसहँ असिवर-पञ्जरे वि {प॰च॰८६,१७.३} चउ-दिसहिॅ भवन्तहँ अम्वरे वि $ लुक्कन्तहँ सायरेॅ मन्दरे वि {प॰च॰८६,१७.४} आऍहिॅ अवरेहिॅ ण मुअइ मित्तु $ तो वरि पर-लोयहेॅ दिण्णु चित्तु {प॰च॰८६,१७.५} जोव्वणु वर-कुञ्जर-कण्ण-चवलु $ जीविउ तणग्ग-जल-विन्दु-तरलु {प॰च॰८६,१७.६} सम्पय दप्पण-छाया-समाण $ सिय मरु-हय-दीव-सिहाणुमाण {प॰च॰८६,१७.७} सरयब्भ-छाहि-सच्छाउ अत्थु $ तिण-जलिय-जलण-समु सयण-सत्थु {प॰च॰८६,१७.८} तुस-मुट्ठि व णिरु णीसारु देहु $ जल-रेह व दिट्ठ-पणट्ठु णेहु

घत्ता॒

{प॰च॰८६,१७.९} ऍउ जाणन्तु वि पेक्खु किह $ अच्छमि छाइउ मोहण-जालें इय गिरिवरेॅ सूरुग्गमणेॅ $ कल्लेॅ जि दिक्ख लेमि किं कालें"


कण्ड ५, संधि ८६, कडवक १८॒


{प॰च॰८६,१८.१} चिन्तन्तहेॅ हियवऍ तासु एव $ गय रयणि कमेण कु-वुद्धि जेव {प॰च॰८६,१८.२} उग्गमिउ दिवायरु णहेॅ विहाइ $ पावज्ज-णिहालउ आउ णाइँ {प॰च॰८६,१८.३} आउच्छेॅवि पिय-महिला-णिहाउ $ सन्ताणेॅ ठवेवि णियङ्गजाउ {प॰च॰८६,१८.४} णीसरेॅवि विमाणहेॅ अणिल-पुत्तु $ णर-जाणु चडिउ मणि-गण-णिउत्तु {प॰च॰८६,१८.५} गउ णरवर-सहिउ जिणिन्द-भवणु $ चारण-रिसि लक्खिउ धम्मरयणु {प॰च॰८६,१८.६} परियञ्चेॅवि जिण-वन्दण करेवि $ पुणु दु-विहु परिग्गहु परिहरेवि {प॰च॰८६,१८.७} पण्णासहिॅ सत्त-सऍहिॅ सहाउ $ खयरहँ दिक्खङ्किउ साणुराउ {प॰च॰८६,१८.८} वन्धुमइहेॅ पासेॅ सु-पउमराय $ दिक्खङ्किय पहु-सुग्गीव-जाय {प॰च॰८६,१८.९} साणङ्गकुसुम तिह खरहेॅ धीय $ तिह सिरिमालिणि णल-सुय विणीय {प॰च॰८६,१८.१०} तिह लङ्कासुन्दरि गुणहँ रासि $ जा परिणिय लङ्काउरिहिॅ आसि {प॰च॰८६,१८.११} अवरउ वि मणोहर तियउ ताव $ णिक्खन्तउ अट्ठ सहास जाव

घत्ता॒

{प॰च॰८६,१८.१२} इय एक्केक्क-पहाणियउ $ सिरिसइलहेॅ अइ-पाण-पियारिउ अण्णउ पुणु किं जाणियउ $ जाउ तेत्थु पव्वइयउ णारिउ


कण्ड ५, संधि ८६, कडवक १९॒


{प॰च॰८६,१९.१} वत्त सुणेॅवि रोवइ मरु-अञ्जण $ "हा हणुवन्त राम-मण-रञ्जण {प॰च॰८६,१९.२} हा हा उहय-वंस-संवद्धण $ हा वरुणाहिव-सुय-सय-वन्धण {प॰च॰८६,१९.३} हा महिन्द-माहिन्दि-परायण $ हा हा आसाली-विणिवायण {प॰च॰८६,१९.४} हा हा वज्जाउह-दरिसिय-वह $ लङ्कासुन्दरि-किय-पाणिग्गह {प॰च॰८६,१९.५} हा गिव्वाणरवण-वण-चूरण $ अक्खकुमार-सवल-मुसुमूरण {प॰च॰८६,१९.६} हा घणवाहण-रण-ओसारण $ हा विज्जा-लङ्गूल-पहारण {प॰च॰८६,१९.७} हा हा णाग-पास-वहु-तोडण $ हा हा रावण-मन्दिर-मोडण {प॰च॰८६,१९.८} हा हा लङ्का-पउलि-णिलोट्टण $ हा हा वज्जोयर-दलवट्टण {प॰च॰८६,१९.९} हा लक्खण-विसल्ल-मेलावण $ सय-वारउ जूराविय-रावण {प॰च॰८६,१९.१०} अम्हह्ũ विहि मि पुत्त ण कहन्तउ $ किह एक्कल्लउ ज्जि णिक्खन्तउ" {प॰च॰८६,१९.११} एव भणेॅवि सुय-सोयब्भइयइँ $ जिणहरु गम्पि ताइँ पव्वइयइँ

घत्ता॒

{प॰च॰८६,१९.१२} सेॅ वि मयरद्धउ वीसमउ $ मारुइ घोर-वीर-तव-तत्तउ वहु-दिवसेॅहिॅ केवलु लहेॅवि $ जेत्थु स य म्भु-देउ तहिॅ पत्तउ


कइरायस्स विजयसेसियस्स $ वित्थारिउ जसो भुवणे तिहुयण-सयम्भुणा $ पोमचरिय-सेसेण णिस्सेसो इय पोमचरिय-सेसे $ सयम्भुएवस्स कह वि उव्वरिए तिहुयण-सयम्भु-रइए $ मारुइ-णिव्वाण-पव्वम् इणं वन्दइआसिय-तिहुयण-सयम्भु- $ परिरइय-रामचरियस्स सेसम्मि जग-पसिद्धे $ छायासीमो इमो सग्गो



[८७. सत्तासीमो संधि] ----------


वहु-दिवसेॅहिॅ ते लक्खण-सुअ वि $ दुद्धरु दूसहु तवु करेॅवि जिह हणुउ तेम धुय-कम्म-रय $ थिय सिव-सासऍ पइसरेॅवि ध्रुवकम्


कण्ड ५, संधि ८७, कडवक १॒


{प॰च॰८७,१.१} तो इय वत्त सुणेॅवि रिउ-मद्दें $ विहसेॅवि वोल्लिज्जइ वलहद्दें {प॰च॰८७,१.२} "लहवि एय वर-भोय मणोहर $ हयवर गयवर रहवर णरवर {प॰च॰८७,१.३} वहु-सीमन्तिणीउ सुहि-सयणइँ $ धण-कलहोय-धण्ण-मणि-रयणइँ {प॰च॰८७,१.४} ण वि माणन्ति कमल-सण्णिह-मुह $ णारायण-पवणञ्जय-तणुरुह {प॰च॰८७,१.५} महु ण मुणन्तहेॅ भव-भय-लइया $ पेक्खु केव सयल वि पव्वइया {प॰च॰८७,१.६} मंछुडु ते वाएं उट्ठद्धा $ अहवइ कहि मि पिसाएं लद्धा {प॰च॰८७,१.७} जिम वामोहिय जिम उम्माहिय $ कुसलु ण अत्थि वेज्जेॅ ण वि वाइय {प॰च॰८७,१.८} तें कज्जें विहोय परिसेसेॅवि $ गय तवेण अप्पाणउ भूसेॅवि"

घत्ता॒

{प॰च॰८७,१.९} धवलङ्गहेॅ सिव-सुह-भायणहेॅ $ जिणवर-वंस-समुब्भवहेॅ राहवहेॅ वि जहिॅ जड-मइ हवइ $ तहिॅ अण्णहेॅ ण वि होइ कहेॅ


कण्ड ५, संधि ८७, कडवक २॒


{प॰च॰८७,२.१} अण्णहिॅ दिणेॅ सुरवरहँ वरिट्ठउ $ सहसणयणु णिय-सहऍ णिविट्ठउ {प॰च॰८७,२.२} णं सुरगिरि सेस-इरि-सहायउ $ दिणयर-कोडि-तेय-सच्छायउ {प॰च॰८७,२.३} वर-सीहासण-सिहरारुहियउ $ णव-तिय-अच्छर-कोडिहिॅ सहियउ {प॰च॰८७,२.४} विविहाहरण-फुरन्त-सरीरउ $ गिरि व धीरु जलहि व गम्भीरउ {प॰च॰८७,२.५} मह-रिद्धिऍ सत्तिऍ सम्पुण्णउ $ उत्तम-वल-रूवेण पसण्णउ {प॰च॰८७,२.६} लोयवाल-पमुहहँ सुह-पवरहँ $ वोल्लइ समउ असेसहँ अमरहँ {प॰च॰८७,२.७} "जासु पसाएं ऍउ इन्दत्तणु $ लब्भइ देवत्तणु सिद्धत्तणु {प॰च॰८७,२.८} जें संसार-घोर-रिवु एक्कें $ विणिहउ णाण-समुज्जल-चक्कें {प॰च॰८७,२.९} जो भव-सायर-दुहइँ णिवारइ $ भविय-लोउ हेलाऍ जि तारइ

घत्ता॒

{प॰च॰८७,२.१०} उप्पण्णहेॅ जसु मन्दर-सिहरेॅ $ तियसेन्देॅहिॅ अहिसेउ किउ तं पणवहेॅ सइँ सव्वायरेॅण $ जइ इच्छहेॅ भव-मरण-खउ


कण्ड ५, संधि ८७, कडवक ३॒

{प॰च॰८७,३.१} जो सयरायर पिहिमि मुएप्पिणु $ थिउ भुवण-त्तय-सिहरेॅ चडेप्पिणु {प॰च॰८७,३.२} जासु णामु सिवु सम्भु जिणेसरु $ देव-देवु महएवु महेसरु {प॰च॰८७,३.३} जिणु जिणिन्दु कालेञ्जरु सङ्करु $ थाणु हिरण्णगब्भु तित्थङ्करु {प॰च॰८७,३.४} विहु सयम्भु सद्धम्मु सयम्पहु $ भयउ अरुहु अरहन्तु जयप्पहु {प॰च॰८७,३.५} सूरि णाण-लोयणु तिहुयण-गुरु $ केवलि रुद्दु विण्हु हरु जग-गुरु {प॰च॰८७,३.६} सुहुमु सोक्खु णिरवेक्खु परम्परु $ परमप्पउ परमाणु परमपरु {प॰च॰८७,३.७} अ-गुरु अ-लहुउ णिरञ्जणु णिक्कलु $ जग-मङ्गलु णिरवयवु सु-णिम्मलु

घत्ता॒

{प॰च॰८७,३.८} इय णामेॅहिॅ सुर-णर-विसहरेॅहिॅ $ जो संथुव्वइ भुवण-यलेॅ तहेॅ अणुदिणु रिसह-भडाराहेॅ $ भत्तिऍ लग्गहेॅ पय-जुवलेॅ


कण्ड ५, संधि ८७, कडवक ४॒

{प॰च॰८७,४.१} जीवु अणाइ-णिहणु भव-सायरेॅ $ कम्म-वसेण भमन्तु दुहायरेॅ {प॰च॰८७,४.२} केम वि मणुय-जम्मेॅ उप्पज्जइ $ धम्महेॅ णवर तहि मि मोहिज्जइ {प॰च॰८७,४.३} मिच्छा-तवेॅण जाउ हीणामरु $ मुज्झइ चवेॅवि होइ वि पडिवउ णरु {प॰च॰८७,४.४} मह-रिद्धियहेॅ वि सुरहेॅ सु-वल्लह $ होइ णरत्तेॅ वोहि अइ-दुल्लह {प॰च॰८७,४.५} दुक्खु दुक्खु सो धम्महेॅ लग्गइ $ अण्णाणिउ पुणु किर कहिॅ लग्गइ {प॰च॰८७,४.६} अह देवो वि होवि पडिवउ णरु $ णरु वि होवि पुणु पडिवउ सुरवरु {प॰च॰८७,४.७} अहेॅ देवहेॅ कइयहँ मणुअत्तणेॅ $ वोहि लहेसह्ũ जिणवर-सासणेॅ {प॰च॰८७,४.८} अट्ठ-दुट्ठ-कम्मारि हणेसह्ũ $ अविचलु सिद्धालउ पावेसह्ũ" {प॰च॰८७,४.९} एक्कें सुरेण वुत्तु तो सुरवइ $ "सग्गेॅ वसन्तहँ अम्हहँ इय मइ {प॰च॰८७,४.१०} मणुअत्तणेॅ पुणु सव्वहँ मुज्झइ $ कोह-लोह-मय-माणेॅहिॅ रुज्झइ {प॰च॰८७,४.११} अहवइ जइ ण वि मणेॅ परिअच्छहि $ तो किं पउमणाहु ण णियच्छहि {प॰च॰८७,४.१२} चवेॅवि वम्ह-णामहेॅ सुर-लोयहेॅ $ किह आसत्तउ मणुअ-विहोयहेॅ

घत्ता॒

{प॰च॰८७,४.१३} विहसेवि वुत्तु सङ्कन्दणेॅण $ "जीव-णिहाय-णिरुन्धणहँ संसारेॅ सणेह-णिवन्धु दिढु $ मज्झेॅ असेसहँ वन्धणहँ


कण्ड ५, संधि ८७, कडवक ५॒


{प॰च॰८७,५.१} लच्छीहरु कसणुज्जल-देहउ $ रामोवरि-परिवड्ढिय-णेहउ {प॰च॰८७,५.२} एक्कु वि णिविसु विओउ ण इच्छइ $ उवगरेह्ũ पाणेहिॅ वि वञ्छइ {प॰च॰८७,५.३} एत्तिउ जाणमि हũ अहेॅ देवहेॅ $ मरणहेॅ णामेण जि वलएवहेॅ {प॰च॰८७,५.४} ण वि जीवइ णिरुत्तु दामोयरु $ रामु मुअउ तें केम सहोयरु {प॰च॰८७,५.५} किह वीसरउ विविह-उवयारा $ जे चिन्तविय-मणोरह-गारा {प॰च॰८७,५.६} किह वीसरउ अउज्झ मुएवउ $ समउ सयलेॅ वण-वासेॅ भमेवउ {प॰च॰८७,५.७} किह वीसरउ रउद्दु महारणु $ स-तिसिर-खर-दूसण-सङ्घारणु {प॰च॰८७,५.८} किह वीसरउ समरेॅ पहरेवउ $ इन्दइ वि-रहु करेवि धरेवउ {प॰च॰८७,५.९} किह वीसरउ स-रोसु भिडेवउ $ लङ्केसर-सिर-कमल खुडेवउ

घत्ता॒

{प॰च॰८७,५.१०} अवर वि उवयार जणद्दणहेॅ $ किह रहुवइ मणेॅ वीसरइ तें अच्छइ पडिउवयार-मइ $ णेह-वसंगउ किं करइ"


कण्ड ५, संधि ८७, कडवक ६॒


{प॰च॰८७,६.१} आयण्णेॅवि इय वयणइँ चवन्तु $ अण्णु वि जाणेॅवि आसण्ण-मित्तु {प॰च॰८७,६.२} जयकारेॅवि वासवु चारु-वेस $ गय णिय-णिय-णिलयहँ सुर असेस {प॰च॰८७,६.३} तहिॅ णवर स-विब्भम विण्णि देव $ पचलिय लक्खणहेॅ विणासु जेव {प॰च॰८७,६.४} "वलु मुयउ सुणेवि सणेहवन्तु $ पेक्खह्ũ सो काइँ करइ अणन्तु {प॰च॰८७,६.५} किह रूअइ पजम्पइ काइँ वयणु $ आरूसइ कहेॅ कहिॅ कुणइ गमणु {प॰च॰८७,६.६} मुहु सोएं केहउ होइ तासु $ केरिसउ दुक्खु अन्तेउरासु" {प॰च॰८७,६.७} एउ वयणु पजम्पेॅवि रयणचूलु $ अण्णेक्कु वि णामें अमियचूलु {प॰च॰८७,६.८} विण्णि वि कय-णिच्छय गय तुरन्त $ णिविसेण अउज्झा-णयरि पत्त

घत्ता॒

{प॰च॰८७,६.९} मायामउ वलएवहेॅ भवणेॅ $ देवहिॅ कलुणु सद्दु गरउ किउ जुवइ-णिवह-धाहा-गहिरु $ "हा हा राहवचन्दु मुउ"


कण्ड ५, संधि ८७, कडवक ७॒


{प॰च॰८७,७.१} जं हलहर-मरण-सद्दु णिसुउ $ तं भणइ विसण्णु सुमित्ति-सुउ {प॰च॰८७,७.२} "हा काइँ जाउ फुडु राहवहेॅ" $ लहु अद्धु चवन्तहेॅ एव तहेॅ {प॰च॰८७,७.३} सह्ũ वायऍ जीविउ णिग्गयउ $ हरि-देहहेॅ णं रूसेॅवि गयउ {प॰च॰८७,७.४} वर-जायरूव-खम्भासियउ $ सीहासणेॅ वित्थिण्णऍ थियउ {प॰च॰८७,७.५} अ-णिमीलिय-लोयणु थड्ढ-तणु $ लेप्पमउ णाइँ थिउ महुमहणु {प॰च॰८७,७.६} तं पेक्खेॅवि सुरवर वे वि जण $ अप्पउ णिन्दन्ति विसण्ण-मण {प॰च॰८७,७.७} अइलज्जिय पच्छाताव-कय $ सोहम्म-सग्गु सहसत्ति गय

घत्ता॒

{प॰च॰८७,७.८} सुरवर-मायऍ विउरुव्वियउ $ परियाणेॅवि हरि-गेहिणिहिॅ आढत्तु पणय-कुवियइँ करेॅवि $ सव्वेॅहिॅ सुट्ठु सणेहिणिहिॅ


कण्ड ५, संधि ८७, कडवक ८॒


{प॰च॰८७,८.१} तो पासेॅ ढुक्क आउल-मणाहँ $ सत्तारह सहस वरङ्गणाहँ {प॰च॰८७,८.२} क वि पणइणि पणएं भणइ एव $ "रोसाविउ कवणें अक्खु देव {प॰च॰८७,८.३} जो कु-मइऍ किउ अवराहु तुज्झु $ सो सयलु वि एक्कसि खमहि मज्झुऽ {प॰च॰८७,८.४} सब्भावें अग्गऍ का वि णडइ $ क वि दइयहेॅ चलण-यलेहिॅ पडइ {प॰च॰८७,८.५} क वि मणहरु वीणा-वज्जु वाइ $ क वि विविह-भेउ गन्धव्वु गाइ {प॰च॰८७,८.६} क वि आलिङ्गइ णिब्भर-सणेह $ चुम्वइ कवोलु सोमाल-देह {प॰च॰८७,८.७} क वि कुसुमइँ सीसेॅ समुद्धरेवि $ तोसावइ सिरेॅ सेहरिकरेवि {प॰च॰८७,८.८} क वि मुहु जोऍवि मलियङ्गवङ्गु $ उट्ठावइ किय-कर-साह-भङ्गु

घत्ता॒

{प॰च॰८७,८.९} अण्णाउ वि चेट्ठउ वहु-विहउ $ जुअइहिॅ जाउ जाउ कियउ जिह किविण-लोऍ सिय-सम्पयउ $ सव्वउ गयउ णिरत्थियउ


कण्ड ५, संधि ८७, कडवक ९॒


{प॰च॰८७,९.१} तो ऍह वत्त णिसुणेप्पिणु रामु $ सहसत्ति आउ जगेॅ णाय-णामु {प॰च॰८७,९.२} लक्खणु कुमारु जहिॅ तहिॅ पइट्ठु $ वहु-पियहँ मज्झेॅ णिय-भाउ दिट्ठु {प॰च॰८७,९.३} सव्वरेॅ (?) विरामेॅ ससि-वयण-छाउ $ णिरु णिच्चलु सिरि-परिहरिय-काउ {प॰च॰८७,९.४} काकुत्थु पचिन्तइ रणेॅ दुसज्झु $ "मंछुडु लच्छीहरु कुइउ मज्झु {प॰च॰८७,९.५} तें कज्जें ण वि आयउ वि गणइ $ ण वि काइँ वि अब्भुत्थाणु कुणइ" {प॰च॰८७,९.६} सिरेॅ चुम्वेॅवि पभणिउ "सुन्दरच्छ $ किं महु आलावु ण देहि वच्छ {प॰च॰८७,९.७} कहेॅ काइँ थियउ कट्ठमउ णाइँ" $ परियाणिउ चिण्हेॅहिॅ मुअउ भाइ {प॰च॰८७,९.८} अवलोइउ पुणु सयलु वि सरीरु $ मुच्छाविउ खणेॅ वलएव-वीरु

घत्ता॒

{प॰च॰८७,९.९} जिह तरुवरु छिण्णउ मूलेॅ तिह $ महिहेॅ पडिउ णिच्चेयणउ मरु-हार-णीर-चन्दण-जलेॅहिॅ $ हुउ कह कह वि स-चेयणउ


कण्ड ५, संधि ८७, कडवक १०॒


{प॰च॰८७,१०.१} उट्ठिउ सोआउरु रहु-तणउ $ वहु-वाह-पिहिय-दीणाणणउ {प॰च॰८७,१०.२} तं भाउ णिएवि स-णेउरेॅण $ धाहाविउ हरि-अन्तेउरेॅण {प॰च॰८७,१०.३} "हा णाह आउ सइँ दासरहि $ किं सीहासणहेॅ ण ओयरहि {प॰च॰८७,१०.४} हा णाहत्थाणु समागयहँ $ सम्माणु करहि णरवर-सयहँ {प॰च॰८७,१०.५} हा णाह पसण्ण-चित्तु हवहि $ णिय-पियउ रुअन्तिउ संथवहि" {प॰च॰८७,१०.६} एत्थन्तरेॅ तिण्णि वि आइयउ $ सुप्पह-सुमित्ति-अवराइयउ {प॰च॰८७,१०.७} "हा लक्खण पुत्त" भणन्तियउ $ अप्पउ करयलेॅहिॅ हणन्तियउ {प॰च॰८७,१०.८} तिह आउ खणद्धें सत्तुहणु $ णिवडिउ हरि-चलणहिॅ विमण-मणु

घत्ता॒

{प॰च॰८७,१०.९} "हा हा भायरि णिय-मायरिउ $ धीरहि सोयाउण्णियउ पइँ विणु धुवु जायउ अज्जु महु $ दिसउ असेसउ सुण्णियउ"


कण्ड ५, संधि ८७, कडवक ११॒


{प॰च॰८७,११.१} तो हरि-मायरि सुमित्ति रुअइ $ गुण सुमरेॅवि गरुअ धाह मुअइ {प॰च॰८७,११.२} " हा पुत्त पुत्त कहिॅ गयउ तुह्ũ $ हा थिउ विच्छायउ काइँ मुहु {प॰च॰८७,११.३} हा मइँ अत्थाणेॅ णिअच्छियउ $ एवहिॅ जेॅ चवन्तउ अच्छियउ {प॰च॰८७,११.४} हा काइँ जाउ ऍउ अच्छरिउ $ जें महु णिल्लक्खण णामु किउ {प॰च॰८७,११.५} हा पुत्त पुत्त सीयाहवहेॅ $ किं मणेॅ णिव्विण्णउ राहवहेॅ {प॰च॰८७,११.६} एक्केल्लउ छड्डेॅवि जेण गउ $ हा पुत्त अजुत्तउ एउ तउ" {प॰च॰८७,११.७} एत्थन्तरेॅ सुणेॅवि महाउसेॅहिॅ $ असहन्तेॅहिॅ दुहु लवणङ्कुसेॅहिॅ {प॰च॰८७,११.८} परियाणेॅवि जीविउ देहु चलु $ जयकारेॅवि रामहेॅ पय-जुअलु

घत्ता॒

{प॰च॰८७,११.९} गम्पिणु जिणहरु जहिॅ अमियसरु $ णिवसइ मुणि भव-भय-हरणु कइवय-कुमार-णरवरेॅहिॅ सह्ũ $ वीहि मि लइयउ तव-चरणु


कण्ड ५, संधि ८७, कडवक १२॒


{प॰च॰८७,१२.१} लच्छीहर-मरणउ एक्कत्तहिॅ $ लवणङ्कुस-विओउ अण्णेत्तहिॅ {प॰च॰८७,१२.२} एक्केण जि खणेण मुच्छिज्जइ $ विहिॅ दुहेहिॅ पुणु किं पुच्छिज्जइ {प॰च॰८७,१२.३} भाइ णिऍवि परियड्ढिय-मलहरु $ पुणु वि पुणु वि धाहावइ हलहरु {प॰च॰८७,१२.४} "हा लक्खण लक्खण-लक्खङ्किय $ पेक्खु केम महु सुअ दिक्खङ्किय {प॰च॰८७,१२.५} पइँ विणु को महु सह्ũ गमु सन्धइ $ को सीहोयरु समरेॅ णिवन्धइ {प॰च॰८७,१२.६} पइँ विणु को महु पेसणु सारइ $ वज्जयण्णु णरवरु साहारइ {प॰च॰८७,१२.७} पइँ विणु वालिखिल्लु को धारइ $ को तं रुद्दभुत्ति विणिवारइ {प॰च॰८७,१२.८} पइँ विणु को भञ्जइ धरणीधरु $ धरइ अणन्तवीरु को दुद्धरु

घत्ता॒

{प॰च॰८७,१२.९} सत्तिउ अरिदमण-णराहिवहेॅ $ पञ्च पडिच्छेॅवि सइँ समरेॅ पइँ विणु लक्खण खेमञ्जलिहेॅ $ कहेॅ लग्गइ जियपउम करेॅ


कण्ड ५, संधि ८७, कडवक १३॒

{प॰च॰८७,१३.१} हा लक्खण पइँ विणु गुणहराहँ $ उवसग्गु हरइ को मुणिवराहँ {प॰च॰८७,१३.२} पइँ विणु अ-किलेसें भुवणेॅ कासु $ करेॅ लग्गइ असिवरु सूरहासु {प॰च॰८७,१३.३} पइँ विणु को हेलऍ गरुअ-धीरु $ विणिवायइ सम्वुकुमारु वीरु {प॰च॰८७,१३.४} पइँ विणु संदरिसिय-वहु-वियारु $ को परियाणइ चन्दणहि-चारु {प॰च॰८७,१३.५} पइँ विणु को जीविउ हरइ ताहँ $ तीहि मि तिसिरय-खर-दूसणाहँ {प॰च॰८७,१३.६} पइँ विणु को धीरइ पमय-सत्थु $ को कोडि-सिलुद्धरणह्ũ समत्थु {प॰च॰८७,१३.७} पइँ विणु लङ्का-णयरिहेॅ समीवेॅ $ को जिणइ हंसरहु हंस-दीवेॅ {प॰च॰८७,१३.८} पइँ विणु को इन्दइ धरइ भाइ $ को रावण-सत्तिऍ समुहु थाइ {प॰च॰८७,१३.९} पइँ विणु कहेॅ आवइ किय-विसल्ल $ दिवसयरेॅ अणुट्ठन्तऍ विसल्ल {प॰च॰८७,१३.१०} पइँ विणु उप्पज्जइ कहेॅ रहङ्गु $ को दरिसइ वहुरूविणिहेॅ भङ्गु {प॰च॰८७,१३.११} पइँ विणु कियन्तु को रावणासु $ को सिय-दायारु विहीसणासु

घत्ता॒

{प॰च॰८७,१३.१२} पइँ विणु मणिट्ठ महु भाइणर $ को मेलावइ पिय-घरिणि पालेसइ णिरु णिरुवद्दविय $ को ति-कण्ड-मण्डिय धरणि


कण्ड ५, संधि ८७, कडवक १४॒

{प॰च॰८७,१४.१} हा तवहेॅ विगय महु पुत्त वे वि $ लच्छीहर गम्पिणु आउ लेवि {प॰च॰८७,१४.२} हा मुऍ मच्छरु लहु पालिएल $ वट्टइ अणगार-मुणिन्द-वेल {प॰च॰८७,१४.३} हा किं महु उवरि पणट्ठु णेहु $ हा जणु संथवहि रुवन्तु एहु {प॰च॰८७,१४.४} इह चक्कें जें हउ वइरि-चक्कु $ सो विसहहि केव कियन्त-चक्कु {प॰च॰८७,१४.५} हा काइँ करमि संचरमि केत्थु $ ण वि तं पएसु सुहु लहमि जेत्थु {प॰च॰८७,१४.६} णिड्डहइ जेम भायर-विओउ $ तिह ण वि विसु विसमु ण पिसुणु लोउ {प॰च॰८७,१४.७} ण वि गिम्ह-यालेॅ खर-दिणयरो वि $ ण वि पज्जालिउ वइसाणरो वि {प॰च॰८७,१४.८} हा उज्झाउरि-पायारु खसिउ $ इक्खुक्क-वंस-मयरहरु सुसिउ"

घत्ता॒

{प॰च॰८७,१४.९} पुणु आलिङ्गइ चुम्वइ पुसइ $ अङ्केॅ थवेप्पिणु पुणु रुवइ जीविऍण वि मुक्कउ महुमहणु $ रामु सणेहें ण वि मुयइ


कण्ड ५, संधि ८७, कडवक १५॒


{प॰च॰८७,१५.१} लक्खण-गुण-गण मणेॅ सुमरन्तें $ दसरह-जेट्ठ-सुएण रुवन्तें {प॰च॰८७,१५.२} रुण्णु अउज्झा-जणेॅण असेसें $ अवराइऍ सुप्पहऍ विसेसें {प॰च॰८७,१५.३} रुण्णु सल्लसुन्दरिऍ विसालऍ $ रुण्णु विसल्लऍ तिह गुणमालऍ {प॰च॰८७,१५.४} रुण्णु रयणचूलऍ वणमालऍ $ तिह कल्लाणमाल-णामालऍ {प॰च॰८७,१५.५} रुण्णु सच्चसिरि-जयसिरि-सोमेॅहिॅ $ दहिमुह-सुअ-गुणवइ-जियपोमेॅहिॅ {प॰च॰८७,१५.६} रुण्णु कमललोयण-ससिमुहियहिॅ $ ससिवद्धण-सीहोयर-दुहियहिॅ {प॰च॰८७,१५.७} रुण्णु अणेयहिॅ वन्धव-सयणेॅहिॅ $ खणेॅ खणेॅ विहिहेॅ दिण्ण-दुव्वयणेॅहिॅ

घत्ता॒

{प॰च॰८७,१५.८} जसु सोएं मुक्कल मुक्क-सर $ सइँ जय-सिरि लच्छि वि रुवइ तहेॅ उज्झाउरिहेॅ कमागऍहिॅ $ को वि ण गरुअ धाह मुअइ


कण्ड ५, संधि ८७, कडवक १६॒


{प॰च॰८७,१६.१} तो दस-दिसु पसरिय एह वत्त $ सहसा विज्जाहरवरहँ पत्त {प॰च॰८७,१६.२} सयल वि स-कलत्त स-पुत्त आय $ सुग्गीव-विहीसण-सीहणाय {प॰च॰८७,१६.३} ससिवद्धण-तार-तरङ्ग-जणय $ स-विराहिय गवय-गवक्ख-कणय {प॰च॰८७,१६.४} कोलाहल-इन्द-महिन्द-कुन्द $ दहिमुह-सुसेण-जम्वव-समुद्द {प॰च॰८७,१६.५} ससिकर-णल-णील-पसण्णकित्ति $ मय-सङ्ख-रम्भ-दिवसयर-जोत्ति {प॰च॰८७,१६.६} सयल वि अंसुअ-जल-भरिय-णयण $ तुहिणाहय-कमल-विवण्ण-वयण {प॰च॰८७,१६.७} वलएवहेॅ चलणेॅहिॅ पडिय क्ẽव $ तइलोक्क-गुरुहेॅ गिव्वाण ज्ẽव

घत्ता॒

{प॰च॰८७,१६.८} अवलोइउ पुणु असहन्तऍहिॅ $ चक्काहिउ सम्पत्तु खउ विगय-प्पहु दर-ओणल्ल-सिरु $ णं किउ केण वि लेप्पमउ


कण्ड ५, संधि ८७, कडवक १७॒


{प॰च॰८७,१७.१} तं णिऍवि सुमित्ता-तणउ तेहिॅ $ धाहाविउ वर-विज्जाहरेहिॅ {प॰च॰८७,१७.२} "हा हा कालहो णिहाण-पाल $ अइ-दूरीहूअउ सामिसाल {प॰च॰८७,१७.३} हा हा कहेॅ पेसणु किं पि णाह $ हा अज्जु जाय अम्हइँ अणाह {प॰च॰८७,१७.४} हा हा जण-मण-जणियाणुराय $ कहेॅ को पेसेसइ वहु-पसाय {प॰च॰८७,१७.५} हा हा सामिय जय-सिरि-णिवास $ पइँ विणु ण वि राहव-जीवियास {प॰च॰८७,१७.६} हा हा सामिय सव्वोवयारि $ हा हा मयरहरावत्त-धारि {प॰च॰८७,१७.७} हा सामिय तुह दय-रिणु इमेण $ परिसुज्झइ ण वि एक्कें भवेण {प॰च॰८७,१७.८} तें कज्जें किं ऍउ जुत्तु तुज्झु $ जें मुऍवि जाहि ण कहन्तु गुज्झु"

घत्ता॒

{प॰च॰८७,१७.९} तें कलुणारावें णरवरहँ $ दस-दिसि कण्णउ सुरवर वि वणसइउ णइउ मह-जलहि गिरि $ रोवाविय वर विसहर वि


कण्ड ५, संधि ८७, कडवक १८॒


{प॰च॰८७,१८.१} अप्पउ सन्थविउ विहीसणेण $ पुणु पभणिउ राहवचन्दु तेण {प॰च॰८७,१८.२} "परिसेसहि देव महन्तु सोउ $ कासु ण भुवणन्तरेॅ हुउ विओउ {प॰च॰८७,१८.३} ण वि एक्कहेॅ एयहेॅ अन्तकरणु $ सव्वहेॅ वि जणहेॅ जर-जम्म-मरणु {प॰च॰८७,१८.४} जीवहेॅ भव-गहणेॅ ण का वि भन्ति $ चञ्चलइँ सरीरइँ होन्ति जन्ति {प॰च॰८७,१८.५} उप्पत्ति जेव तिह धुवु विणासु $ किं रोवहि कारणेॅ लक्खणासु {प॰च॰८७,१८.६} कइउ वि अम्हेहिॅ तुम्हेहिॅ एव $ पहु गमणु करेवउ एण जेव {प॰च॰८७,१८.७} जइ जीव-रासि आवइ ण जाइ $ तो मेइणि-मण्डलेॅ केत्थु माइ {प॰च॰८७,१८.८} जइ मरणु णाहिॅ भो रामयन्द $ तो कहिॅ गय कुलयर जिणवरिन्द {प॰च॰८७,१८.९} कहिॅ भरह-पमुह चक्कवइ पवर $ कहिॅ रुद्द-कण्ह-वलएव अवर

घत्ता॒

{प॰च॰८७,१८.१०} ऍउ जाणेॅवि सयलागम-कुसल $ वयणु महारउ मणेॅ धरहि झायहि स य म्भु तइलोक्क-गुरु $ दुहु दु-कलत्तु व परिहरहि


इय पोमचरिय-सेसे $ सयम्भुएवस्स कह वि उव्वरिए तिहुअण-सयम्भु-रइए $ हरि-मरणं णाम पव्वम् इणं वन्दइआसिय-कइराय- $ तणय-तिहुअण-सयम्भु-णिम्मविए पोमचरियस्स सेसे $ सत्तासीमो इमो सग्गो तिहुअण-सयम्भु णवरं $ एक्को कइराय-चक्किणुप्पण्णो पउमचरियस्स चूलामणि व्व $ सेसं कयं जेण



[८८. अट्ठासीमो संधि] ----------


तहिॅ अवसरेॅ सिरसा पणवन्तेॅहिॅ $ वलु विण्णविउ सयल-सामन्तेॅहिॅ "परमेसर उवसोह समारहेॅ $ लच्छीहर-कुमारु संकारहेॅ" ध्रुवकं


कण्ड ५, संधि ८८, कडवक १॒


{प॰च॰८८,१.१} पभणइ सीराउहु इय वयणेॅहिॅ $ "डज्झहेॅ तुम्हेॅहिॅ सह्ũ णिय-सयणेॅहिॅ {प॰च॰८८,१.२} डज्झउ माय-वप्पु तुम्हारउ $ होउ चिराउसु भाइ महारउ {प॰च॰८८,१.३} उट्ठि जाह्ũ लक्खण लहु तेत्तहेॅ $ खल-वयणइँ सुव्वन्ति ण जेत्तहेॅ {प॰च॰८८,१.४} ẽव चवेॅवि चुम्वेॅवि आलावेॅवि $ वासुएउ णिय-खन्धेॅ चडावेॅवि {प॰च॰८८,१.५} गउ वलएउ अण्णु थाणन्तरु $ पइठु तुरन्तु पवर-मज्जणहरु {प॰च॰८८,१.६} "भाइ विउज्झहि केत्तिउ सोवहि $ ण्हाण-वेल परिल्हसिय ण जोयहि" {प॰च॰८८,१.७} पुणु पीढोवरि थवेॅवि णवम्हेॅहिॅ $ अहिसिञ्चइ वर-कञ्चण-कुम्भेॅहिॅ {प॰च॰८८,१.८} पुणु भूसइ मणि-रयणाहरणेॅहिॅ $ ससहर-तवण-तेय-अवहरणेॅहिॅ {प॰च॰८८,१.९} पुणु वोल्लइ समाणु सूयारहेॅ $ "भोयण-विहि लहु करहेॅ कुमारहेॅ {प॰च॰८८,१.१०} तेण वि वित्थारिउ हरि-परियलु $ देइ पिण्ड मुहेॅ मणेॅ मोहिउ वलु {प॰च॰८८,१.११} ण वि अहिलसइ ण पेक्खइ लक्खणु $ जिण-वयणु व अ-भव्वु अ-वियक्खणु

घत्ता॒

{प॰च॰८८,१.१२} तहेॅ आयइँ अवरइँ वि करन्तहेॅ $ णिय-खन्धें हरि-मडउ वहन्तहेॅ भाइ-विओय-जाय-अइ-खामहेॅ $ अद्धु वरिसु वोलीणउ रामहेॅ


कण्ड ५, संधि ८८, कडवक २॒


{प॰च॰८८,२.१} तो ताव एउ वइयरु सुणेवि $ लच्छीहर-मरणउ मणेॅ मुणेवि {प॰च॰८८,२.२} खर-दूसण-रावण सम्भरेवि $ सम्वुक्क-वइरु णिय-मणेॅ धरेवि {प॰च॰८८,२.३} परियाणेॅवि रहुवइ सोय-गहिउ $ णीसेस-सेण-वावार-रहिउ {प॰च॰८८,२.४} सामरिस-खयर-णरवर-णिउत्त $ आइय वहु इन्दइ-सुन्द-पुत्त {प॰च॰८८,२.५} णहेॅ वज्जमालि-रयणक्ख-पमुह- $ वलइय-कियन्त-धणु-भीम-पमुह {प॰च॰८८,२.६} "मरु छिन्दह्ũ अज्जु कुमार-सीसु $ वहु-कालहेॅ संभाइउ हवीसु {प॰च॰८८,२.७} जं लइउ खग्गु चिरु सूरहासु $ जं सम्वुकुमारहेॅ किउ विणासु {प॰च॰८८,२.८} जं खर-दूसण-तिसरयहँ मरणु $ किउ अक्खय-रावण-पाण-हरणु

घत्ता॒

{प॰च॰८८,२.९} जं वहु-ठाऍहिॅ अम्हहँ अणुदिणु $ दिण्णु अणन्तरु वइरु महा-रिणु तं सयलु वि मेलेॅवि णिय-वुद्धिऍ $ फेडह्ũ अज्जु सव्वु सह्ũ विद्धिऍ"


कण्ड ५, संधि ८८, कडवक ३॒

{प॰च॰८८,३.१} तो सुणेॅवि आय रिवु राहवेण $ आयामिउ वज्जावत्तु तेण {प॰च॰८८,३.२} रहेॅ चडेॅवि थविउ उच्छङ्गेॅ भाइ $ जोइय पडिवक्ख जमेण णाइँ {प॰च॰८८,३.३} एत्थन्तरेॅ जे माहिन्द पत्त $ सुर जाय जडाइ-कियन्तवत्त {प॰च॰८८,३.४} ते तक्खणेॅ आसण-कम्प होवि $ अवहिऍ परियाणेॅवि आय वे वि {प॰च॰८८,३.५} गुण सुमरेॅवि सामिहेॅ भत्ति-वन्त $ सम्पाइय उज्झाउरि तुरन्त {प॰च॰८८,३.६} विउरुव्विउ सुरवर-वलु अणन्तु $ "मरु वलहेॅ वलहेॅ ढुक्कहेॅ" भणन्तु {प॰च॰८८,३.७} तं पेक्खेॅवि हरि-वल-रिवु पणट्ठ $ लङ्घन्ति दिसउ णं हरिण तट्ठ {प॰च॰८८,३.८} वोल्लइ रयणक्खु स-वज्जमालि $ "दुहु को व ण पावइ किय-दुवालि {प॰च॰८८,३.९} अम्हहिॅ सयल वि गलियाहिमाण $ णिल्लज्ज दुट्ठ दुज्जण अयाण {प॰च॰८८,३.१०} किह लङ्क गम्पि सुह-दंसणासु $ पेक्खेसह्ũ वयणु विहीसणासु"

घत्ता॒

{प॰च॰८८,३.११} एम भणेॅवि इन्दिय-दुब्भेयहेॅ $ गम्पिणु पासेॅ मुणिहेॅ रइवेयहेॅ भव-विरत्त णर-णियरालङ्किय $ ते सुन्दिन्दइ-सुय दिक्खङ्किय


कण्ड ५, संधि ८८, कडवक ४॒

{प॰च॰८८,४.१} तो रिवु-भऍ विगयऍ सयलेॅ गुण-रयण-सायरेणं $ सेणाणिय-सुरेॅण राम-वोहण-कियायरेणं {प॰च॰८८,४.२} णिम्मिउ सिञ्चिज्जमाणु सलिलेण सुक्क-रुक्खो $ सम्पत्तेॅ वसन्त-मासेॅ विरहि व्व सुट्ठु सुक्खो {प॰च॰८८,४.३} ओलग्गिउ कु-पहु णाइँ णिप्फलु अदिण्ण-छाओ $ किविणु व सइँ पत्त-फुल्ल-परिचत्तु समल-काओ {प॰च॰८८,४.४} वसह-कलेवर-जुअम्मि हलु थवेॅवि ण-किय-खेवो $ वाहइ पक्खिरइ वीउ सिलवट्टेॅ वीय-देवो {प॰च॰८८,४.५} रोवइ पाहाणे कमल-उप्पल-णिहाउ पवरो $ पविरोलइ मन्थणीऍ पाणिउ कियन्त-अमरो {प॰च॰८८,४.६} पुणु पीलइ वालुआऍ घाणउ जडाइ-णामो $ अत्थ-विरुद्धाइँ ताइँ अवरइ मि णिऍवि रामो {प॰च॰८८,४.७} पभणइ "भो भो अयाण तुह्ũ मूढ णिय-मणेणं $ किं सलिलहेॅ करहि हाणि जर-रुक्ख-सिञ्चणेणं {प॰च॰८८,४.८} मायासहि पियर मडय-जुअले य वीय-सीरे $ ण वि लोणिउ होइ परिमन्थिए वि णीरे (?) {प॰च॰८८,४.९} वालुअ-परिपीलणेण तेल्लोवलद्धि कत्तो $ इच्छिय-फलु किं वि णत्थि आयासु पर महन्तो"

घत्ता॒

{प॰च॰८८,४.१०} तो वुच्चइ कियन्त-गिव्वाणें $ "तुहु मि एउ परिवज्जिउ पाणें वहहि सरीरु जेण अविसिट्ठउ $ कहेॅ फलु काइँ एत्थु पइँ दिट्ठउ"


कण्ड ५, संधि ८८, कडवक ५॒


{प॰च॰८८,५.१} तं णिसुणेवि वयणु णीसामें $ हरि अवरुण्डेॅवि वुच्चइ रामें {प॰च॰८८,५.२} "किं सिरि-णिलउ कुमारु दुगुच्छहि $ जइ ण मुणहि तो सेरउ अच्छहि {प॰च॰८८,५.३} केत्तिउ चवहि अणिट्ठु अमङ्गलु $ दोसु पढुक्कइ तउ पर केवलु" {प॰च॰८८,५.४} जम्पइ जाव वयणु इउ हलहरु $ ताव लएविणु सुहड-कलेवरु {प॰च॰८८,५.५} आउ जडाइ वहन्तउ खन्धें $ वुत्तु वलेण भाइ-सोअन्धें {प॰च॰८८,५.६} णेह-वसेण विवज्जिय-रज्जें $ "ऍहु णर-देहु वहहि किं कज्जें" {प॰च॰८८,५.७} तेण चविउ "मइँ किर किं पुच्छहि $ अप्पाणउ किर काइँ ण पेच्छहि {प॰च॰८८,५.८} जिह हũ तेम तुहु मि मणेॅ मूढउ $ अच्छहि खन्धेॅ कलेवर-वूढउ {प॰च॰८८,५.९} पइँ पेक्खेप्पिणु महु अणुरूवउ $ मणेॅ परिअड्ढिउ णेहु गरूअउ

घत्ता॒

{प॰च॰८८,५.१०} भो भो मइँ-पमुहह्ũ चिरु जायह्ũ $ तुह्ũ राणउ सव्वहु मि पिसायह्ũ आउ दुइ वि मह-मोह-ब्भन्ता $ हिण्डह्ũ गहिलउ लोउ करन्ता"


कण्ड ५, संधि ८८, कडवक ६॒


{प॰च॰८८,६.१} इय वयणेॅहिॅ हलि-वल-पउम-णामु $ अइलज्जिउ सिढिलिय-मोहु रामु {प॰च॰८८,६.२} सहसा हुउ वियसिय-कमल-णयणु $ परिचिन्तह्ũ लग्गु जिणिन्द-वयणु {प॰च॰८८,६.३} जं दुक्किय-कम्मइँ खयहेॅ णेइ $ जं अविचल-सासय-सुहइँ देइ {प॰च॰८८,६.४} "हũ णेह-वसङ्गउ पेक्खु केव $ जाणन्तो वि अच्छमि मुक्खु जेम {प॰च॰८८,६.५} धण्णउ तिहुअणेॅ अणरण्ण-राउ $ जो छिन्देॅवि मोहु मुणिन्दु जाउ {प॰च॰८८,६.६} धण्णउ दसरहु चिरु जासु झत्ति $ कञ्चुइ पेक्खेप्पिणु हुअ विरत्ति {प॰च॰८८,६.७} धण्णउ भरहु वि जें चत्तु रज्जु $ वोद्दहेॅण वि किउ परलोय-कज्जु {प॰च॰८८,६.८} धण्णउ सेणाणि कियन्तवत्तु $ जें मुणेॅवि अणागय (?) लइउ तत्तु {प॰च॰८८,६.९} धण्णी सीय विहय-कुगइ-पन्थ $ ण वि दिट्ठ जाऍ एही अवत्थ {प॰च॰८८,६.१०} धण्णउ हणुवन्तु वि जो गरूवेॅ $ ण वि णिवडिउ इय-मोहन्ध-कूवेॅ {प॰च॰८८,६.११} धण्णा लवणङ्कुस हरि-सुआ वि $ जे दिक्खालङ्किय णव-जुवा वि

घत्ता॒

{प॰च॰८८,६.१२} हũ घइँ पुणु पाएण गएण वि $ अण्णु वि लच्छीहरेॅण मएण वि करमि काइं वि अप्प-हियत्तणु $ कहेॅ णिय-कज्जेॅ ण होइ वढत्तणु"


कण्ड ५, संधि ८८, कडवक ७॒


{प॰च॰८८,७.१} पुणु पुणु रहुकुल-गयणयल-चन्दु $ परिचिन्तइ हियवऍ रामचन्दु {प॰च॰८८,७.२} "लब्भन्ति कलत्तइँ मणहराइँ $ छत्तइँ लब्भन्ति स-चामराइँ {प॰च॰८८,७.३} लब्भइ वहु-वन्धव-सयण-सत्थु $ लब्भइ अणाय-परिमाणु अत्थु {प॰च॰८८,७.४} लब्भन्ति हत्थि रह तुरय पवर $ अइ-दुल्लहु वोहि-णिहाणु णवर" {प॰च॰८८,७.५} परियाणेॅवि वलु पडिबुद्धु एव $ णिय-रिद्धि वे वि दरिसन्ति देव {प॰च॰८८,७.६} सुरवहु-सङ्गीउ सुअन्ध-पवणु $ जम्पाण-विमाणेॅहिॅ छण्णु गयणु {प॰च॰८८,७.७} "अहेॅ रहुवइ किं गय-दिण-सुहेण" $ तेण वि पवुत्तु वियसिय-मुहेण {प॰च॰८८,७.८} "चिरु पुण्ण-विहूणहेॅ मज्झु एत्थु $ मणेॅ मूढहेॅ णिविसु वि सोक्खु केत्थु {प॰च॰८८,७.९} इय मणुय-जम्मेॅ पर कुसलु ताहँ $ जिण-सासणेॅ अविचल भत्ति जाहँ

घत्ता॒

{प॰च॰८८,७.१०} अण्णु वि णिसुणहेॅ कहमि विसेसें $ ताहँ कुसलु ते मुक्क किलेसें चत्त-परिग्गह वयहिॅ अलङ्किय $ जे जिण-पाय-मूलेॅ दिक्खङ्किय"


कण्ड ५, संधि ८८, कडवक ८॒


{प॰च॰८८,८.१} पुणर् अवि एव वुत्तु काकुत्थें $ "के तुम्हे अक्खहेॅ परमत्थें {प॰च॰८८,८.२} कें कज्जें इय रिद्धि पगासिय $ रिवु-साहणहेॅ पयत्ति विणासिय" {प॰च॰८८,८.३} सरहसु एक्कु पजम्पिउ सुरवरु $ "किं सामिय वीसरियउ णहयरु {प॰च॰८८,८.४} तुज्झु पइट्ठहेॅ चिरु दण्डय-वणेॅ $ जो अल्लीणु महारिसि-दंसणेॅ {प॰च॰८८,८.५} तुह घरिणिऍ जो लालिउ तालिउ $ णियय-सरीरुब्भवु जिह पालिउ {प॰च॰८८,८.६} सीयाहरणेॅ समुड्डेॅवि गयणहेॅ $ जो अब्भिडिउ आसि दहवयणहेॅ {प॰च॰८८,८.७} जासु मरन्तहेॅ सुह-वड्ढारिय $ पइँ णवकार पञ्च उच्चारिय {प॰च॰८८,८.८} तुज्झु पसाएं रिद्धि-पसण्णउ $ सुरु माहेन्द-सग्गेॅ उप्पण्णउ

घत्ता॒

{प॰च॰८८,८.९} जो अच्चन्त आसि उवयारिउ $ भव-सायरेॅ पडन्तु उद्धारिउ हũ सो देउ जडाइ महाइउ $ पडिउवयारु करेवऍ आइउ"


कण्ड ५, संधि ८८, कडवक ९॒


{प॰च॰८८,९.१} तो ताव कियन्त-देउ चवइ $ "किं मइँ वीसरिउ णराहिवइ {प॰च॰८८,९.२} जो सेणावइ तउ होन्तु चिरु $ लल्लक्क-महारण-सऍहिॅ थिरु {प॰च॰८८,९.३} जो पेसिउ पइँ सह्ũ भायरहेॅ $ सत्तुहणहेॅ समरेॅ कियायरहेॅ {प॰च॰८८,९.४} जें वेढेॅवि महुर पलम्ब-भुउ $ हउ लवण-महण्णउ महुहेॅ सुउ {प॰च॰८८,९.५} जसु केवलि-पासेॅ णिरन्तरइँ $ आयण्णेॅवि तुम्ह-भवन्तरइँ {प॰च॰८८,९.६} परियाणेॅवि चउ-गइ-भवण-डरु $ सहसा वइराउ जाउ पवरु {प॰च॰८८,९.७} जो पइँ पभणिउ "अवसरु मुणेॅवि $ वोहिज्जहि मइँ आयरु कुणेॅवि" {प॰च॰८८,९.८} सो हũ किय-घोर-तवच्चरणु $ माहिन्देॅ जाउ सुरु दिव्व-तणु {प॰च॰८८,९.९} अवहिऍ परियाणेॅवि हरि-मरणु $ अण्णु वि उद्धाइउ वइरि-गणु {प॰च॰८८,९.१०} इह आयउ अक्खहि किं करमि $ तउ सव्व-पयारें उवगरमि" {प॰च॰८८,९.११} तें वयणु सुणेप्पिणु चवइ वलु $ "हũ वोहिउ भग्गु अराइ-वलु {प॰च॰८८,९.१२} अप्पउ दरिसिउ रिद्धीऍ सह्ũ $ ण पहुच्चइ एण जेॅ काइँ महु" {प॰च॰८८,९.१३} इय वयणेॅहिॅ ते परितुट्ठ मणेॅ $ गय सग्गहेॅ सुरवर वे वि खणेॅ

घत्ता॒

{प॰च॰८८,९.१४} पुणु परिहरेॅवि सोउ सङ्खेवें $ अट्ठमु वासुएउ वलएवें णिय-खन्धहेॅ महियलेॅ ओयारिउ $ सरऊ-सरिहेॅ तीरेॅ संकारिउ


कण्ड ५, संधि ८८, कडवक १०॒

{प॰च॰८८,१०.१} तं डहेॅवि सहत्थें महुमहणु $ पुणु पभणिउ रामें सत्तुहणु {प॰च॰८८,१०.२} "लइ वच्छ सहोयर रज्जु करेॅ $ रहु-कुल-सिरि-णव-वहु धरहि करेॅ {प॰च॰८८,१०.३} हũ सयलु परिग्गहु परिहरेॅवि $ तवु लेमि तवोवणु पइसरेॅवि" {प॰च॰८८,१०.४} तं सुणेॅवि चवइ महुराहिवइ $ "जा तुम्हहँ गइ सा महु वि गइ" {प॰च॰८८,१०.५} परियाणेॅवि णिच्छउ तहेॅ तणउ $ अवलोइउ सुउ लवणहेॅ तणउ {प॰च॰८८,१०.६} तहेॅ सिरेॅ विणिवद्धु पट्टु पवरु $ सहसत्ति समप्पिउ रज्ज-भरु {प॰च॰८८,१०.७} गम्पिणु विणिहय-चउगइ-णिसिहेॅ $ सुव्वयहेॅ पासेॅ चारण-रिसिहेॅ {प॰च॰८८,१०.८} परिसेसेॅवि मोहु गुणब्भइउ $ उप्पण्ण-वोहि वलु पव्वइउ

घत्ता॒

{प॰च॰८८,१०.९} तो गिव्वाणेॅहिॅ दुन्दुहि ताडिय $ कुसुम-विट्ठि गयण-यलहेॅ पाडिय सुरहि-गन्ध-मारुउ खणेॅ आ(?)इउ $ तूर-महारउ जगेॅ जेॅ ण माइउ


कण्ड ५, संधि ८८, कडवक ११॒


{प॰च॰८८,११.१} मेल्लेॅवि राय-लच्छि वियसिय-मुहु $ णिय-सन्ताणेॅ ठवेॅवि णिय-तणुरुहु {प॰च॰८८,११.२} सत्तुहणु वि स-भिच्चु रिसि जायउ $ वज्जजङ्घु णिय-भज्ज-सहायउ {प॰च॰८८,११.३} लङ्कहेॅ णिय-पऍ थवेॅवि सु-भूसणु $ सह्ũ तियडऍ पव्वइउ विहीसणु {प॰च॰८८,११.४} णिय-पउ अङ्गय-तणयहेॅ देप्पिणु $ सुग्गीवु वि थिउ दिक्ख लएप्पिणु {प॰च॰८८,११.५} तिह णल-णील सेउ ससिवद्धणु $ तारु तरङ्गु रम्भु रइवद्धणु {प॰च॰८८,११.६} गवउ गवक्खु सङ्खु गउ दहिमुहु $ इन्दु महिन्दु विराहिउ दुम्मुहु {प॰च॰८८,११.७} जम्वउ रयणकेसि महुसायरु $ अङ्गउ अङ्गु सुवेलु गुणायरु {प॰च॰८८,११.८} जणउ कणउ ससिकिरणु जयन्धरु $ कुन्दु पसण्णकित्ति वेलन्धरु {प॰च॰८८,११.९} इय अवर वि जिण-गुण सुमरन्ता $ सोलह सहस पहुह्ũ णिक्खन्ता

घत्ता॒

{प॰च॰८८,११.१०} हरि-वल-मायरि-सुप्पह-पमुहह्ũ $ सुग्गइ-गमण-परिट्ठिय-समुहह्ũ पव्वइयइँ जगेॅ णाम-पगासइँ $ जुवइहिं सत्ततीस सहासइँ


कण्ड ५, संधि ८८, कडवक १२॒


{प॰च॰८८,१२.१} सो राम-महारिसि विगय-णेहु $ छणदिण-ससहर-कर-धवल-देहु {प॰च॰८८,१२.२} उद्धरिय-महव्वय-गरुअ-भारु $ मय-वइरि-णिवारणु पहय-मारु {प॰च॰८८,१२.३} वारह-विह-दुद्धर-तव-णिउत्तु $ परिसह-परिसहणु ति-गुत्ति-गुत्तु {प॰च॰८८,१२.४} गिरि-सिहरेॅ परिट्ठिउ एक्क-झाणु $ सव्वरि-उप्पाइय-अवहि-णाणु {प॰च॰८८,१२.५} परियाणिय-हरि-उप्पत्ति-थाणु $ सुमरिय-भव-भय-कय-गुण-णिहाणु {प॰च॰८८,१२.६} विहडिय-दिढ-दुक्किय-कम्म-पासु $ अइकन्त-पवर-छट्ठोववासु {प॰च॰८८,१२.७} विहरन्तु पत्तु धण-कणय-पवरु $ सन्दणथलि-णामु पइट्ठु णयरु {प॰च॰८८,१२.८} तहिॅ पाराविउ णामिय-सिरेण $ भत्तिऍ पडिणन्दि-णरेसरेण

घत्ता॒ {प॰च॰८८,१२.९} तहेॅ सुर-दुन्दुहि साहुक्कारउ $ गन्ध-वाउ वसु-वरिसु अपारउ कुसुमञ्जलिऍ समउ वित्थरियइँ $ अत्थक्कऍ पञ्च वि अच्छरियइँ


कण्ड ५, संधि ८८, कडवक १३॒

{प॰च॰८८,१३.१} पुणु पहुहेॅ अणेयइँ वयइँ देवि $ तं सन्दणथलि-पट्टणु एवि (?) {प॰च॰८८,१३.२} विहरइ महियलेॅ वलु मुणिवरिन्दु $ णं आसि पहिल्लउ जिण-वरिन्दु {प॰च॰८८,१३.३} तव-चरणु चरइ अइ-घोरु वीरु $ सहसउणु पवड्ढइ हियऍ धीरु {प॰च॰८८,१३.४} गय-मासाहारिउ मयवइ व्व $ सव्वोवरि सीयलु उडुवइ व्व {प॰च॰८८,१३.५} रस-रहिउ हीण-णट्टावउ व्व $ पर-भवण-णिवासिउ पण्णउ व्व {प॰च॰८८,१३.६} मोक्खहेॅ अइ-उज्जउ लोद्धउ व्व $ पयलिय-मय-विन्दु महागउ व्व {प॰च॰८८,१३.७} वहु-दिणेॅहिॅ भमेॅवि महियलु असेसु $ सम्पाइउ कोडि-सिला-पएसु {प॰च॰८८,१३.८} मुणिवरहँ कोडि जहिॅ आसि सिद्ध $ जा तित्थ-भूमि तिहुअणेॅ पसिद्ध {प॰च॰८८,१३.९} उद्धरिय भुऍहिॅ जा लक्खणेण $ तहेॅ देवि ति-भामरि तक्खणेण

घत्ता॒

{प॰च॰८८,१३.१०} उवरि चडेवि पलम्विय-वाहउ $ णं तरुवरु गिरि-सिहरेॅ स-साहउ सुग्गीवाइ-मुणिन्द-गणेसरु $ थिउ झायन्तु स य म्भु-जिणेसरु


इय पोमचरिय-सेसे $ सयम्भुएवस्स कह वि उव्वरिए तिहुअण-सयम्भु-रइए $ राहव-णिक्खमण-पव्वम् इणं वन्दइआसिय-कइराय- $ चक्कवइ-लहु-अङ्गजाय-वज्जरिए रामायणस्स सेसे $ अट्ठासीमो इमो सग्गो


[८९. णवासीमो संधि] ----------


वायरण-दड्ढ-क्खन्धो $ आगम-अङ्गो पमाण-वियड-पओ तिहुअण-सयम्भु-धवलो $ जिण-तित्थे वहउ कव्व-भरं


तो अवहिऍ जाणेॅवि तेत्थु $ राहउ मुणि थियउ अच्चुय-सग्गहेॅ सीएन्दु $ तक्खणेॅ आइयउ ध्रुवकम्


कण्ड ५, संधि ८९, कडवक १॒


{प॰च॰८९,१.१} णियय-भवन्तराइँ सुमरेप्पिणु $ जिण-धम्महेॅ वि पहाउ मुणेप्पिणु {प॰च॰८९,१.२} चिन्तइ तक्खणेॅ अच्चुअ-सुरवइ $ "ऍहु सो मइँ मणेॅ जाणिउ रहुवइ {प॰च॰८९,१.३} जो मणुअत्तणेॅ कन्तु महारउ $ जसु चक्कवइ भाइ लहुआरउ {प॰च॰८९,१.४} सो गउ णरयहेॅ णेहें छइयउ $ एहु वि तहेॅ विओऍ पव्वइयउ {प॰च॰८९,१.५} खवय-सेढि आरूढहेॅ आयहेॅ $ तिह करेमि इह झाण-सहायहेॅ {प॰च॰८९,१.६} जिह मणु टलइ ण होइ पहाणउ $ धवलुज्जल-वर-केवल-णाणउ {प॰च॰८९,१.७} जिह वइमाणिउ जायइ सुरवरु $ मित्तु मणिट्ठु मज्झु मणि-गण-धरु {प॰च॰८९,१.८} पुणु तें सह्ũ भमेवि अहिणन्देॅवि $ सव्वइँ जिण-भवणइँ जगेॅ वन्देॅवि {प॰च॰८९,१.९} पञ्च वि मन्दर णवेॅवि सुरोहऍ $ जामि दीवु णन्दीसरु सोहऍ {प॰च॰८९,१.१०} पुत्तु सुमित्तहेॅ णरयहेॅ होन्तउ $ आणेॅवि लद्ध-वोहि-सम्मत्तउ {प॰च॰८९,१.११} पुणु तइलोक्क-चक्क-जस-भामें $ जम्पमि सुह-दुक्खइँ सह्ũ रामें"

घत्ता॒

{प॰च॰८९,१.१२} चिन्तन्तु एम सो देउ $ आउ णहन्तरेॅण तं कोडि-सिला-यलु पत्तु $ णिविसब्भन्तरेॅण


कण्ड ५, संधि ८९, कडवक २॒


{प॰च॰८९,२.१} पुणु चउ-पासिउ तहिॅ विणु खेवें $ कउ उज्जाणु सयम्पह-देवें {प॰च॰८९,२.२} जं णवल्ल-पल्लव-सोहिल्लउ $ जं अल्लल्ल-फुल्ल-रिद्धिल्लउ {प॰च॰८९,२.३} जं वहु-कोमल-कोम्पल-फल-दलु $ जं कल-कोइल-कुल-किय-कलयलु {प॰च॰८९,२.४} जं सीयल-मलयाणिल-चालिउ $ जं चल-महुलिह-वलय-वमालिउ {प॰च॰८९,२.५} जं साहार-णियर-मञ्जरियउ $ जं कुसुम-रय-पुञ्ज-पिञ्जरियउ {प॰च॰८९,२.६} जं सुय-सयइँ(?) सु-किंसुअ-भरियउ $ जं वहुविह-विहङ्ग-संचरियउ {प॰च॰८९,२.७} जं दस-दिसि-वह-पसरिय-परिमलु $ तरु-पब्भारन्धारिय-महियलु {प॰च॰८९,२.८} जं सुरपुर-उज्जाण-समाणउ $ मन्दर-णन्दण-वण-अणुमाणउ

घत्ता॒

{प॰च॰८९,२.९} तहिॅ वियणेॅ महावणेॅ रम्मेॅ $ मन्थरु णाइँ गउ सुरु जाणइ-रूवु धरेवि $ रामहेॅ पासु गउ


कण्ड ५, संधि ८९, कडवक ३॒


{प॰च॰८९,३.१} पुणु णियडन्तरेॅ लीलऍ जाऍवि $ ẽव पवोल्लइ अग्गऍ थाऍवि {प॰च॰८९,३.२} "विरह-वसङ्गइयऍ सुमरन्तिऍ $ सग्ग-पएसु असेसु भमन्तिऍ {प॰च॰८९,३.३} णिय-पुण्णेॅहिॅ गरुएहिॅ मणिट्ठउ $ वहु-कालहेॅ केम वि तुह्ũ दिट्ठउ {प॰च॰८९,३.४} णिविसु वि सहेॅवि ण सक्कमि राहव $ दे साइउ णिव्वूढ-महाहव {प॰च॰८९,३.५} पिय-महुरालावेॅहिॅ सम्माणहि $ किं तवेण महु जोव्वणु माणहि {प॰च॰८९,३.६} णिच्चलु पाहाणु व किं अच्छहि $ सवडम्मुहु स-विआरु णियच्छहि {प॰च॰८९,३.७} लइउ पिसाएं जेम अलज्जिउ $ कालु म खेवहि वत्थ-विवज्जिउ

घत्ता॒ {प॰च॰८९,३.८} सो लोयाहाणउ एहु $ सच्चउ पइँ कियउ सुन्दरु णन्दन्तउ जेम $ जो णिय-णिग्गयउ


कण्ड ५, संधि ८९, कडवक ४॒


{प॰च॰८९,४.१} हũ सा सीय तुह्ũ जेॅ सो रहुवइ $ एह जेॅ पिहिमि ते जि इय णरवइ {प॰च॰८९,४.२} सा जि अउज्झा-णयरि पसिद्धी $ धण-कण-जण-मणि-रयण-समिद्धी {प॰च॰८९,४.३} राउलु तं जेॅ ते जि हय-गय-वर $ पुप्फ-विमाणु तं जेॅ ते रहवर {प॰च॰८९,४.४} ऍउ मइँ-पमुहु सव्वु अन्तेउरु $ अवइण्णउ मयरद्धय णं पुरु {प॰च॰८९,४.५} भुञ्जहि काम-भोय हियइच्छिय $ छड्डहि लच्छीहर-दुक्खु च्चिय {प॰च॰८९,४.६} अण्णु वि पउम होन्ति अइ-दूसह $ चउ कसाय वावीस परीसह {प॰च॰८९,४.७} पञ्च वि इन्दिय सत्त महब्भय $ को विसहइ पुणु अट्ठ महा-मय {प॰च॰८९,४.८} जिण-तवचरणु जाइ कहेॅ छेयहेॅ $ भज्जेवउ कालेण वि एयहेॅ

घत्ता॒

{प॰च॰८९,४.९} तो वरि एवहिॅ जेॅ ण लग्गु $ हासउ दिणेॅहिॅ पर सञ्जम-भण्डणेॅ पइसेवि $ भग्ग अणेय णर


कण्ड ५, संधि ८९, कडवक ५॒


{प॰च॰८९,५.१} महु कारणेॅ पइँ आसि चडन्तइँ $ चावइँ सायर-वज्जावत्तइँ {प॰च॰८९,५.२} महु कारणेॅ साहसगइ मारिउ $ किक्किन्धेसरु णिरु उवयारिउ {प॰च॰८९,५.३} महु कारणेॅ मारुइ पट्ठवियउ $ तें वज्जाउहु रणेॅ णिट्ठवियउ {प॰च॰८९,५.४} महु कारणेॅ कोडि-सिलुच्चाइय $ अण्णु वि आसाली विणिवाइय {प॰च॰८९,५.५} महु कारणेॅ भग्गउ णन्दण-वणु $ घाइउ अक्ख-कुमारु स-साहणु {प॰च॰८९,५.६} महु कारणेॅ रयणायरु लङ्घिउ $ जिउ हंसरहु सेउ आसङ्घिउ {प॰च॰८९,५.७} परिपेसिउ अङ्गउ महु कारणेॅ $ मारिय हत्थ-पहत्थ महारणेॅ {प॰च॰८९,५.८} इन्दइ वन्धेॅवि रणेॅ लेवाविउ $ णारायणु सत्तिऍ भिन्दाविउ

घत्ता॒

{प॰च॰८९,५.९} महु कारणेॅ लङ्का-णाहु $ विणिवाइउ समरेॅ तें मइँ सह्ũ राहवचन्द $ अविचलु रज्जु करेॅ


कण्ड ५, संधि ८९, कडवक ६॒


{प॰च॰८९,६.१} तउ पेक्खन्तहेॅ उववणु गइय $ जइयह्ũ सहसा हũ पव्वइय {प॰च॰८९,६.२} तइयह्ũ विहरन्ती गुण-भरिया $ विज्जाहर-कण्णेॅहिॅ अवयरिया {प॰च॰८९,६.३} पुणु तेहिॅ पवोल्लिउ "दय करहि $ दरिसावहि अम्हह्ũ दासरहि {प॰च॰८९,६.४} जें सो भत्तारु तुरिउ वरह्ũ $ पइँ-पमुहउ गम्पि कील करह्ũ" {प॰च॰८९,६.५} तो एत्थन्तरेॅ सुरवइ-कियउ $ णाणालङ्कार-विहूसियउ {प॰च॰८९,६.६} दस-सय-सङ्खउ वर-भामिणिउ $ पत्तउ स-विलासउ कामिणिउ {प॰च॰८९,६.७} अण्णउ मणहरु गायन्तियउ $ अण्णउ वीणउ वायन्तियउ {प॰च॰८९,६.८} अण्णउ चउदिसेॅहिॅ णडन्तियउ $ स-कडक्ख दिट्ठि पयडन्तियउ {प॰च॰८९,६.९} कुङ्कुम-चच्चिक्क करन्तियउ $ अण्णउ थणहरु दरिसन्तियउ

घत्ता॒

{प॰च॰८९,६.१०} तो विअन्ति(?म्भि)उ णिम्मल-झाणु $ हय-परिसह-वइरि थिउ णिच्चलु रामु मुणिन्दु $ णावइ मेरु-गिरि


कण्ड ५, संधि ८९, कडवक ७॒


{प॰च॰८९,७.१} जं केम वि दुरिय-खयङ्करासु $ मणु टलिउ ण राहव-मुणिवरासु {प॰च॰८९,७.२} तं माह-मासेॅ सिय-पक्खेॅ पवरेॅ $ वारसि-दिणेॅ णिसिहेॅ चउत्थ-पहरेॅ {प॰च॰८९,७.३} चउ-घाइ-कम्म-जिणियावसाणु $ उप्पण्णु समुज्जलु परम-णाणु {प॰च॰८९,७.४} खणेॅ केवल-चक्खुहेॅ जाउ सयलु $ गोपय-समु लोयालोय-जुअलु {प॰च॰८९,७.५} सहसा चउ-देव-णिकाउ आउ $ अइ-गरुअ-विहूइऍ अमर-राउ {प॰च॰८९,७.६} किय भत्तिऍ वन्दण जा ऽणवज्ज $ वर केवल-णाणुप्पत्ति-पुज्ज {प॰च॰८९,७.७} तो ताव सयम्पह-णामु एवि $ सीएन्दु केवलच्चण करेवि {प॰च॰८९,७.८} णविउत्तमङ्गु सो भणइ एव $ "मइँ तुम्हहेॅ अण्णाणेण देव

घत्ता॒

{प॰च॰८९,७.९} "जो अविणय-वन्तें सुट्ठु $ गुरु अवराह किय ते सयल खमेज्जहि सिग्घु $ तिहुअण-जण-णमिय"


कण्ड ५, संधि ८९, कडवक ८॒


{प॰च॰८९,८.१} अप्पाणउ गरहेॅवि सय-वारउ $ कह वि खमावेॅवि रामु भडारउ {प॰च॰८९,८.२} पुणु पुणु वन्दण-हत्ति करेप्पिणु $ सोमित्तिहेॅ गुण-गण सुमरेप्पिणु {प॰च॰८९,८.३} पडिवोहणहिॅ पयट्टु सयम्पहु $ लङ्घेॅवि पढम-णरउ रयणप्पहु {प॰च॰८९,८.४} पुणु अइकमेॅवि पुढवि-सक्करपहु $ सम्पाइउ खणेण वालुप्पहु {प॰च॰८९,८.५} तेत्थु को वि कणु जिह कण्डिज्जइ $ केॅ वि पुणु रुक्खु जेव कण्डिज्जइ {प॰च॰८९,८.६} केॅ वि सरसुच्छु जेम पीलिज्जइ $ तिलु तिलु करवत्तेॅहिॅ कप्पिज्जइ {प॰च॰८९,८.७} केॅ वि वलि जिह दस-दिसु घल्लिज्जइ $ केॅ वि मयगल-दन्तेॅहिॅ पेल्लिज्जइ {प॰च॰८९,८.८} केॅ वि पिट्टिज्जइ वज्झइ मुच्चइ $ केॅ वि लोट्टिज्जइ रुज्झइ लुञ्चइ {प॰च॰८९,८.९} केॅ वि पुणु डज्झइ रज्झइ सिज्झइ $ केॅ वि णरु छिज्जइ छज्जइ विज्झइ {प॰च॰८९,८.१०} केॅ वि मारिज्जइ खज्जइ पिज्जइ $ केॅ वि चूरिज्जइ पुणु मूरिज्जइ {प॰च॰८९,८.११} केॅ वि पउलिज्जइ को वि वलि दिज्जइ $ को वि दलिज्जइ को वि मलिज्जइ {प॰च॰८९,८.१२} को वि कणइ कन्दइ धाहावइ $ को वि पुव्व-रिउ णिऍवि पधावइ

घत्ता॒

{प॰च॰८९,८.१३} तहिॅ सम्वुक्कें हम्मन्तु $ घोरारुण-णयणु गय-पाणि-सवन्त-सरीरु $ दीसइ दहवयणु


कण्ड ५, संधि ८९, कडवक ९॒


{प॰च॰८९,९.१} पुणु सम्वुकुमारहेॅ समउ तेण $ वोल्लिज्जइ झत्ति सुराहिवेण {प॰च॰८९,९.२} "रे रे खल-भावण असुर पाव $ आढत्तु काइँ ऍउ दुट्ठ-भाव {प॰च॰८९,९.३} अज्ज वि दुरास उवसमु ण होइ $ दुहु पत्तउ अण्णु जि णाइँ कोइ {प॰च॰८९,९.४} कूरत्तणु मुऍ करेॅ विमल-चित्तु" $ तं णिसुणेॅवि णं अमिएण सित्तु {प॰च॰८९,९.५} उवसम-भावहेॅ सम्वुक्कु ढुक्कु $ पुणु पुणु वि पवोहइ सीय-सक्कु {प॰च॰८९,९.६} तो णवरि विमाणोवरि णिएवि $ लक्खण-रावण पुच्छन्ति वे वि {प॰च॰८९,९.७} "को तुह्ũ कें कज्जें एत्थु आउ" $ विहसेप्पिणु अक्खइ अमर-राउ {प॰च॰८९,९.८} "हũ सा चिरु होन्ती जणय-धीय $ जा रावण पइँ अवहरेॅवि णीय {प॰च॰८९,९.९} जा मत्तेॅ सार रामा-यणासु $ जा जम-दिट्ठि व णिसियर-जणासु {प॰च॰८९,९.१०} तव-चरण-पहावें जाय इन्दु $ अण्णु वि दिक्खङ्किउ रामचन्दु {प॰च॰८९,९.११} तहेॅ कोडि-सिलायलेॅ णाणु जाउ $ हũ पुणु तुम्हहँ वोहणहँ आउ

घत्ता॒

{प॰च॰८९,९.१२} महु कारणेॅ विहि मि जणेहिॅ $ जाइँ महन्ताइँ भव-सायरेॅ कोह-वसेण $ दुक्खइँ पत्ताइँ


कण्ड ५, संधि ८९, कडवक १०॒


{प॰च॰८९,१०.१} कोहु मूलु सव्वह्ũ वि अणत्थह्ũ $ कोहु मूलु संसारावत्थह्ũ {प॰च॰८९,१०.२} कोहु विणास-करणु दय-धम्महेॅ $ कोहु जेॅ मूलु घोर-दुक्कम्महेॅ {प॰च॰८९,१०.३} कोहु जेॅ मूलु जग-त्तय-मरणहेॅ $ कोहु जेॅ मूलु णरय-पइसरणहेॅ {प॰च॰८९,१०.४} कोहु जेॅ वइरिउ सव्वहेॅ जीवहेॅ $ तें कज्जें अहेॅ हरि-दहगीवहेॅ {प॰च॰८९,१०.५} कोहु विसज्जहेॅ विसम-सहावहेॅ $ अवरोप्परु मित्तत्तणु भावहेॅ" {प॰च॰८९,१०.६} तण् णिसुणेॅवि इय वयणाणन्तरेॅ $ तिण्णि वि ते उवसमिय खणन्तरेॅ {प॰च॰८९,१०.७} "किं दय-धम्मेॅ ण किय दिहि तइयह्ũ $ आसि लद्धु मणुअत्तणु जइयह्ũ {प॰च॰८९,१०.८} हा हा काइँ पाउ किउ वड्डउ $ जें सम्पाइय दुहु एवड्डउ

घत्ता॒

{प॰च॰८९,१०.९} तुह्ũ पर धण्णउ जिय-लोयऍ $ जें छण्डिय कु-मइ जिण-वयणामय-परिपीयउ $ जाउ सुराहिवइ"


कण्ड ५, संधि ८९, कडवक ११॒


{प॰च॰८९,११.१} तो परिवड्ढिय मणेॅ कारुण्णें $ वासवेण दुव्वङ्कुर-वण्णें {प॰च॰८९,११.२} सद्द-परम्पराऍ मम्भीसिय $ "एहु एहु" आलाव पभासिय {प॰च॰८९,११.३} "लइ वट्टइ एत्थहेॅ उद्धारमि $ दुग्गइ-दुत्तर-तडिणिहेॅ तारमि {प॰च॰८९,११.४} विण्णि वि जण सहसा सोलहमउ $ सग्गु पराणमि अच्चुअ-णामउ" {प॰च॰८९,११.५} ẽव भणेवि लेइ किर जावहिॅ $ लोणिउ जेम विलेॅवि गय तावहिॅ {प॰च॰८९,११.६} जलणें तुप्पु जेम तिह ताविय $ अइ-दुगेज्झ दप्पण-छाय व थिय {प॰च॰८९,११.७} सव्वोवायहिॅ भग्गाणन्दें $ केम वि लेवि ण सक्किय इन्दें {प॰च॰८९,११.८} अह जहिॅ जेण जेव पावेवउ $ सुहु व दुहु व तिहुअणेॅ भुञ्जेवउ {प॰च॰८९,११.९} तं समत्थु को विणिवारेवऍ $ कासु सत्ति परिरक्ख करेवऍ {प॰च॰८९,११.१०} पुणु वहु-दुक्खाणल-सन्तत्ता $ वे वि चवन्ति एव वेवन्ता

घत्ता॒

{प॰च॰८९,११.११} "उवएसु दयावर किं पि $ कहेॅ गिव्वाण-वइ जें पुणु वि ण पावह्ũ एह $ भीसण णरय-गइ"


कण्ड ५, संधि ८९, कडवक १२॒


{प॰च॰८९,१२.१} तेण वि पवुत्तु "जइ करहेॅ वयणु $ तो लेहु तुरिउ सम्मत्त-रयणु {प॰च॰८९,१२.२} जं परमुत्तमु तिहुअणेॅ पसिद्धु $ अइ-दुल्लहु पुण्ण-पवित्तु सुद्धु {प॰च॰८९,१२.३} जं कम्म-महणु कल्लाण-तत्तु $ दुण्णेउ अभव्वहँ भव-भयन्तु {प॰च॰८९,१२.४} जं कहिउ परम-तित्थङ्करेहिॅ $ परिपुज्जिउ सुर-णर-विसहरेहिॅ {प॰च॰८९,१२.५} जं सुन्दरु कालें वोहि देइ $ सासय-सिव-थाणु पहाणु णेइ" {प॰च॰८९,१२.६} इय-वयणेॅहिॅ दूरुज्झिय-भएहिॅ $ सम्मत्तु विहि मि पडिवण्णु तेहिॅ {प॰च॰८९,१२.७} गउ सीया-हरि वि स-सङ्कु तेत्थु $ वलएउ स-केवल-णाणु जेत्थु {प॰च॰८९,१२.८} समसरणब्भन्तरेॅ पइसरेवि $ भत्तिऍ पुणु पुणु वन्दण करेवि

घत्ता॒

{प॰च॰८९,१२.९} वोल्लणह्ũ लग्गु "महु होहि $ परमेसर-सरणु तिह करेॅ परिछिन्दमि(?) $ जेम जरा-मरणु


कण्ड ५, संधि ८९, कडवक १३॒


{प॰च॰८९,१३.१} तुह्ũ पर एक्कु वियड्ढु वियड्ढह्ũ $ सूरह्ũ सूरु गुणड्ढु गुणड्ढह्ũ {प॰च॰८९,१३.२} णाण-मेसवाहणेॅण भयावणु $ जेण दड्ढु भव-चउगइ-काणणु {प॰च॰८९,१३.३} उत्तम-लेस-तिसूलें दुद्धरु $ जें किउ मोह-वइरि सय-सक्करु {प॰च॰८९,१३.४} दिढ-महन्त-वइरग्गहेॅ पासिउ $ जेण णेह-णामु वि णिण्णासिउ {प॰च॰८९,१३.५} अण्णु वि एउ काइँ तउ जुत्तउ $ सिव-पउ एक्कें जइ वि विढत्तउ {प॰च॰८९,१३.६} तो वि किं मइँ मुऍवि जाइज्जइ $ आवमि जेम हउ मि तह किज्जइ" {प॰च॰८९,१३.७} पभणइ मुणिवरिन्दु "सुणेॅ सुन्दर $ दूरेॅ पमायहि राउ पुरन्दर {प॰च॰८९,१३.८} जिणेॅहिॅ पगासिउ मोक्खु वि-रायहेॅ $ कम्म-वन्धु दिढु होइ स-रायहेॅ"

घत्ता॒

{प॰च॰८९,१३.९} इय-वयणेॅहिॅ विमल-मणेण $ अञ्जलि-उड-जुऍहिॅ सीएन्दें राम-मुणिन्दु $ णमिउ स य म्भु ऍहिॅ


इय-पोमचरिय-सेसे $ सयम्भुएवस्स कह वि उव्वरिए तिहुअण-सयम्भु-रइए $ वल-णाणुप्पत्ति-पव्वम् इणं इय एत्थ महाकव्वे $ वन्दइआसिय-सयम्भु-तणय-कए रामायणस्स सेसे $ एसो सग्गो णवीसमो



[९०. णवइमो संधि] ----------


तिहुअण-सयम्भु-धवलस्स $ को गुणे वण्णिउं जए तरइ वालेण वि जेण सयम्भु-कव्व-भारो समुव्वूढो


पुणर् अवि सुरवइ आहासइ $ "जो तव-सञ्जम-णियम-जुउ परमेसर कहेॅ सङ्खेवेॅण $ दसरह-राणउ केत्थु हुउ ध्रुवकं


कण्ड ५, संधि ९०, कडवक १॒


{प॰च॰९०,१.१} अण्णु वि पइँ लक्खिय सुद्ध-मइ $ कहेॅ लवणङ्कुसह मि कवण गइ {प॰च॰९०,१.२} का जणयहेॅ कणयहेॅ केक्कयहेॅ $ का अवराइयहेॅ सु-सुप्पहहेॅ {प॰च॰९०,१.३} का लक्खण-मायहेॅ केक्कयहेॅ $ का भामण्डलहेॅ चारु-मइहेॅ" {प॰च॰९०,१.४} अक्खइ केवलि सुर-णमिय-पउ $ "दसरहु तेरहमउ सग्गु गउ {प॰च॰९०,१.५} परमाउ वीस सायरइँ जहिॅ $ जणउ वि कणउ वि उप्पण्णु तहिॅ {प॰च॰९०,१.६} परिमाणु जेत्थु आहुट्ठ कर $ अवर वि अणेय तहिॅ जाय णर {प॰च॰९०,१.७} अवराइय-केक्कय-सुप्पहउ $ कइकइ-सहियउ परिसह-सहउ {प॰च॰९०,१.८} अण्णउ वि घोर-तव-तत्तियउ $ सव्वउ देवत्तणु पत्तियउ


घत्ता॒

{प॰च॰९०,१.९} जे पुव्व-जम्मेॅ तउ णन्दण $ विण्णि वि तिहुअणेॅक्क-विजइ लवणङ्कुस-णामालङ्किय $ तह्ũ होसइ पञ्चमिय गइ


कण्ड ५, संधि ९०, कडवक २॒


{प॰च॰९०,२.१} णन्दण-वण-भूसिय-कन्दरहेॅ $ दाहिण-दिसाऍ गिरि-मन्दरहेॅ {प॰च॰९०,२.२} कुरु-भूमिहेॅ भामण्डलु वि हुउ $ पल्ल-त्तय-आउ-पमाण-जुउ {प॰च॰९०,२.३} पुच्छिउ सुरवइण "केण फलेॅण" $ "आयण्णहि" तं पि वुत्तु वलेॅण {प॰च॰९०,२.४} उज्झहेॅ चिरु कुलवइ पवर-भुउ $ मयरिऍ मणिट्ठ-मेहलिय-जुउ {प॰च॰९०,२.५} वज्जय-णामङ्किउ तहु तणउ $ णिय-धण-सम्पत्तिऍ जिय-धणउ {प॰च॰९०,२.६} णिव्वासिय सीय मुणेवि खणेॅ $ सो चिन्तावियउ स-सोउ मणेॅ {प॰च॰९०,२.७} "सा दिव्वेॅहिॅ गुणेॅहिॅ अलङ्करिय $ सोमाल-देह अइ-सुन्दरिय {प॰च॰९०,२.८} वर-रूवें सिरि-देवयहेॅ णिह $ का ऽवत्थ पेक्खु वणेॅ पत्त किह

घत्ता॒

{प॰च॰९०,२.९} वइराउ तं जेॅ तें भावेॅवि $ पुत्त-कलत्तइँ परिहरेॅवि दुइ-मुणिहेॅ पासेॅ तवु लइयउ $ मुणि-सुव्वय-जिणु मणेॅ धरेॅवि


कण्ड ५, संधि ९०, कडवक ३॒


{प॰च॰९०,३.१} तासु असोय-तिलय दुइ णन्दण $ जणण-णेह-किय-गुरु-अक्कन्दण {प॰च॰९०,३.२} सह्ũ कन्तेॅहिॅ वइराएं लइया $ तेॅ वि दुइ-मुणिहेॅ पासेॅ पव्वइया {प॰च॰९०,३.३} वहु-दिवसहिॅ तउ घोरु करन्ता $ परमागम-जुत्तिऍ विहरन्ता {प॰च॰९०,३.४} तम्वचूड-पुरवरु गय अत्तिऍ $ तिण्णि वि गय जिण-वन्दण-हत्तिऍ {प॰च॰९०,३.५} ताव ऽग्गऍ वालुय-रयणायरु $ दीसइ णरउ व दुग्गम-दुत्तरु {प॰च॰९०,३.६} तवण-तत्त-वालुअ-णिवहालउ $ मणु सप्पुरिसहेॅ णाइँ विसालउ {प॰च॰९०,३.७} सो कह कह वि दुक्खु आसङ्घिउ $ सिद्धेॅहिॅ भव-संसारु व लङ्घिउ

घत्ता॒

{प॰च॰९०,३.८} ते तिण्णि वि जण मुणि-पुङ्गव $ णिण्णासिय-दुट्ठट्ठ-मय वज्जय-असोय-तिलएसर $ जोयणाइँ पञ्चास गय


कण्ड ५, संधि ९०, कडवक ४॒

{प॰च॰९०,४.१} तो घण-घण-घोरोरालि दिन्तु $ सुरधणु-पईह-णङ्गूलवन्तु {प॰च॰९०,४.२} अइ-धवल-वलाया-पन्ति-दाढु $ जलधारा-धोरणि-केसराढु {प॰च॰९०,४.३} ओसारिय-सूरायव-कुरङ्गु $ णिद्दारिय-गिम्भ-महा-मयङ्गु {प॰च॰९०,४.४} हरिवर-वरहिण-रव-रुञ्जमाणु $ फुल्लन्त-णीम-णहरेॅहिॅ समाणु {प॰च॰९०,४.५} जल-पूरिय-तडिणि-पवाह-चलणु $ वावी-तलाय-सर-णियर-सवणु {प॰च॰९०,४.६} पचलन्त-महद्दह-रुन्द-वयणु $ दुत्तार-खड्ड-विच्छिड्ड-णयणु {प॰च॰९०,४.७} चल-विज्जु-ललाविय-दीह-जीहु $ सम्पाइउ वासारत्त-सीहु

घत्ता॒

{प॰च॰९०,४.८} तं पेक्खेॅवि णिरु आसण्णउ $ वियणेॅ महा-वणेॅ भय-रहिय वड-पायव-मूलेॅ सु-वित्थऍ $ तिण्णि वि जोगु लएवि थिय


कण्ड ५, संधि ९०, कडवक ५॒


{प॰च॰९०,५.१} तहिॅ अवसरेॅ सिरिमालिणि-कन्तें $ उज्झाउरि गयणङ्गणेॅ जन्तें {प॰च॰९०,५.२} जणयहेॅ णन्दणेण विक्खाएं $ पेक्खेॅवि चिन्तिउ विणय-सहाएं {प॰च॰९०,५.३} ऍउ महन्तु अच्चरिउ मणोहर $ कहिॅ वालुय-समुद्दु कहिॅ मुणिवर {प॰च॰९०,५.४} कहिॅ भव-पहु कहिॅ सिद्ध-भडारा $ कहिॅ अ-णिउणु कहिॅ गुण-गरुआरा {प॰च॰९०,५.५} कहिॅ देसिउ कहिॅ वर-णिहि-रयणइँ $ कहिॅ दुज्जणु कहिॅ सुन्दर-वयणइँ {प॰च॰९०,५.६} कहिॅ दुग्गन्ध-रण्णु कहिॅ महुयर $ कहिॅ मह-णरय-भूमि कहिॅ सुरवर {प॰च॰९०,५.७} दूरभव्वु कहिॅ कहिॅ सु-पहाणइँ $ तव-चरित्त-वय-दंसण-णाणइँ {प॰च॰९०,५.८} अह जाणिय-कङ्कालासण्णा $ महु पुण्णोदएण सम्पण्णा"

घत्ता॒

{प॰च॰९०,५.९} ऍउ भामण्डलेॅण वियप्पेॅवि $ अच्चासण्णउ पय-पउरु वर-विज्जा-वलेॅण स-देसउ $ किउ मायामउ परम-पुरु


कण्ड ५, संधि ९०, कडवक ६॒


{प॰च॰९०,६.१} णिम्मियाइँ विउलइँ अ-पमाणइँ $ थामेॅ थामेॅ मणहर-उज्जाणइँ {प॰च॰९०,६.२} थामेॅ थामेॅ धण-कण-जुअ-णयरइँ $ गोट्ठइँ गोहण-गोरस-पउरइँ {प॰च॰९०,६.३} थामेॅ थामेॅ जिणहर-देवउलइँ $ डिम्भइँ णाइँ महच्छुह-वहुलइँ {प॰च॰९०,६.४} थामेॅ थामेॅ वहु-गाम पुरोवम $ थामेॅ थामेॅ आराम मणोरम {प॰च॰९०,६.५} थामेॅ थामेॅ पोक्खरणिउ सरवर $ वावी-कूव-तलाय लयाहर {प॰च॰९०,६.६} थामेॅ थामेॅ णिम्मल णिरु णीरइँ $ महिय-ससाह-सिसिर-घिय-खीरइँ {प॰च॰९०,६.७} थामेॅ थामेॅ सालिउ फल-सारउ $ इक्खु-महारसु अइ-गुलियारउ {प॰च॰९०,६.८} थामेॅ थामेॅ जण-णयणाणन्दणु $ भविय-लोउ जिणवर-कय-वन्दणु

घत्ता॒

{प॰च॰९०,६.९} तं करेॅवि एव णिविसद्धेॅण $ चरिया-गय खम-दम-दरिसि सद्धाइ-गुणालङ्करिऍण $ तें भुञ्जाविय परम रिसि


कण्ड ५, संधि ९०, कडवक ७॒


{प॰च॰९०,७.१} जिह ते तिह अवर वि वहु-देसहिॅ $ दुग्गम-दीव-समुद्दुद्देसहिॅ {प॰च॰९०,७.२} भरह-पमुह-खेत्तेॅहिॅ गिरि-विवरेॅहिॅ $ काणणेहिॅ जिण-तित्थेॅहिॅ पवरेॅहिॅ {प॰च॰९०,७.३} णिज्जण-णिप्पाणिय-दुपवेसेॅहिॅ $ मुणि पाराविय विसम-पवेसेॅहिॅ {प॰च॰९०,७.४} तेण फलेण मरेवि स-कन्तउ $ उत्तम-भोग-भूमि सम्पत्तउ {प॰च॰९०,७.५} तहिॅ अच्छइ जण-णयण-मणोहरु $ तुह केरउ चिर-पढम-सहोयरु {प॰च॰९०,७.६} दण्ड-सट्ठि-सय-तणु-परिमाणउ $ तिण्णि-पल्ल-परमाउ-समाणउ {प॰च॰९०,७.७} तण् णिसुणेवि वयणु सिय-इन्दें(?) $ पुणु वि पपुच्छिउ गुरु-आणन्दें {प॰च॰९०,७.८} "णारायणु दस-कन्धरु दुम्मइ $ वेण्णि वि जण सम्पाइय दुग्गइ

घत्ता॒

{प॰च॰९०,७.९} दुरियहेॅ अवसाणेॅ विणिग्गेॅवि $ कहेॅ किं होसइ महुमहणु को हउ मि भडारा होसमि $ को होएसइ दहवयणु"


कण्ड ५, संधि ९०, कडवक ८॒


{प॰च॰९०,८.१} तं णिसुणेॅवि केवल-णाण-धरु $ पभणइ सीराउहु मुणि-पवरु {प॰च॰९०,८.२} "आयण्णहि पुव्वें सुरगिरिहेॅ $ जग-पायड-विजयावइ-पुरिहेॅ {प॰च॰९०,८.३} सम्मत्त-धीर-अवलम्वियहेॅ $ होसन्ति सुणन्द-कुडुम्वियहेॅ {प॰च॰९०,८.४} रोहिणिहेॅ गब्भेॅ दिढ-कढिण-भुअ $ तो अरुहदास-रिसिदास सुअ {प॰च॰९०,८.५} वहु-कालें वय-गुण-णियम-धर $ होसन्ति सुरालऍ पुणु अमर {प॰च॰९०,८.६} तेत्थहेॅ चवेवि णिम्मल-विउलेॅ $ होसन्ति पडीवा तहिॅ जेॅ कुलेॅ {प॰च॰९०,८.७} दरिसाविय चउविह-दाण-गुणु $ हरि-खेत्तेॅ वे वि होसन्ति पुणु {प॰च॰९०,८.८} तेत्थहेॅ वि पीय-जिण-धम्म-रस $ होसन्ति सणय-कुमारेॅ तियस

घत्ता॒

{प॰च॰९०,८.९} सायरइँ सत्त सुहु भुञ्जेॅवि $ चवणु करेप्पिणु सुरपुरिहेॅ होसन्ति पडीवा वेण्णि वि $ ताहेॅ जेॅ विजयावइ-पुरिहेॅ


कण्ड ५, संधि ९०, कडवक ९॒


{प॰च॰९०,९.१} जस-धणहेॅ कुमार-कित्ति-पहुहेॅ $ गब्भब्भन्तरेॅ लच्छी-वहुहेॅ {प॰च॰९०,९.२} होसन्ति मणिट्ठ पहाण सुय $ जयकन्त-जयप्पह-णाम-जुअ {प॰च॰९०,९.३} तहिॅ धरेॅवि घोर-तव-भार-धुर $ सत्तमऍ सग्गेॅ होसन्ति सुर {प॰च॰९०,९.४} तहिॅ कालेॅ सयल-णिहि-रयणवइ $ तुह्ũ भरहेॅ हवेसहि चक्कवइ {प॰च॰९०,९.५} लन्तव-सग्गहेॅ चवेवि विवुह $ होसन्ति वे वि तउ अङ्गरुह {प॰च॰९०,९.६} णामें इन्दरहम्भोयरह $ तियसहँ वि रणङ्गणेॅ दुव्विसह {प॰च॰९०,९.७} रयणत्थलेॅ णयरेॅ रज्जु करेॅवि $ पच्छऍ पुणु दुद्धरु तउ चरेॅवि {प॰च॰९०,९.८} पावेॅवि समाहि तुह्ũ विमल-मणु $ होएसहि वेजयन्तेॅ सुमणु {प॰च॰९०,९.९} इन्दरहु वि जो चिरु दहवयणु $ जें वसिकिउ णीसेसु वि भवणु

घत्ता॒

{प॰च॰९०,९.१०} सेॅ मणुअत्तणेॅ देवत्तणेॅहिॅ $ कइहि मि भवेॅहिॅ भवेवि णरु अट्ठविह-कम्म-विणिवारणु $ होसइ कालें तित्थयरु


कण्ड ५, संधि ९०, कडवक १०॒


{प॰च॰९०,१०.१} अहमिन्द-महासुहु अणुहवेॅवि $ वर-वइजयन्त-सग्गहेॅ चवेॅवि {प॰च॰९०,१०.२} पुणु गणहरु होसहि तासु तुह्ũ $ तहिॅ कालेॅ लहेसहि मोक्ख-सुहु {प॰च॰९०,१०.३} अम्भोयरहो वि जेॅ आसि हरि $ णामेण जि जसु कम्पन्ति अरि {प॰च॰९०,१०.४} सो भमेॅवि चारु जम्मन्तरइँ $ भाविय-जिणधम्म-णिरन्तरइँ {प॰च॰९०,१०.५} पुव्वविदेहेॅ पुक्खर-दीवेॅ वरेॅ $ होसइ सयवत्तज्झय-णयरेॅ {प॰च॰९०,१०.६} भरहेसर-सण्णिहु चक्कहरु $ पुणु होसइ तित्थहेॅ तित्थयरु {प॰च॰९०,१०.७} णाण-मरुड्डाविय-कम्म-रउ $ जाएसइ वर-णिव्वाण-पउ

घत्ता॒

{प॰च॰९०,१०.८} वोलीणेॅहिॅ सत्तेॅहिॅ वरिसेॅहिॅ $ गमणु करेसमि हउ मि तहिॅ भरहेस-पमुह वहु-मुणिवर $ अविचल-सुहु णिवसन्ति जहिॅ"


कण्ड ५, संधि ९०, कडवक ११॒


{प॰च॰९०,११.१} सुणेॅवि भविस्स-काल-भव-वइयरु $ पुणु पुणु पणवेॅवि हलहरु मुणिवरु {प॰च॰९०,११.२} अप्पउ सो सीएन्दु पणिन्दइ $ गरहइ मणु जिण-भवणइँ वन्दइ {प॰च॰९०,११.३} तित्थङ्कर-तव-चरणुद्देसइँ $ केवल-णाणुग्गमण-पएसइँ {प॰च॰९०,११.४} दिव्व-ज्झुणि-णिव्वाण-णिवेसइँ $ अञ्चेॅवि पुज्जेॅवि णवेॅवि असेसइँ {प॰च॰९०,११.५} सुट्ठु विसाल तुङ्ग सक्कन्दर $ खणेॅ परिअञ्चेॅवि पञ्च वि मन्दर {प॰च॰९०,११.६} पुणु गम्पिणु णन्दीसर-दीवहेॅ $ थुइ करेवि तइलोक्क-पईवहेॅ {प॰च॰९०,११.७} कुरु-भूमिहेॅ चिरु भाइ गवेसेॅवि $ भामण्डलु स-कन्तु संभासेॅवि {प॰च॰९०,११.८} गउ राहव-गुण-गण-अणुराइउ $ सरहसु अच्चुअ-सग्गु पराइउ

घत्ता॒

{प॰च॰९०,११.९} तहिॅ सुह-भावण-संजुत्तउ $ अमर-सहासेॅहिॅ परियरिउ णिय-लीलऍ सीया-सुरवइ $ सइँ अच्छरहिॅ रमन्तु थिउ


कण्ड ५, संधि ९०, कडवक १२॒


{प॰च॰९०,१२.१} लवणङ्कुस वि वे वि वहु-दिवसेॅहिॅ $ णाणुप्पण्ण णमिय वर-तियसेॅहिॅ {प॰च॰९०,१२.२} कय-कम्म-क्खय णाणा-तरुवरेॅ $ गय णिव्वाणहेॅ पावा-महिहरेॅ {प॰च॰९०,१२.३} वहु-कालें पुणु इन्दइ-मुणिवरु $ णिय-तणु तेओहामिय-दिणयरु {प॰च॰९०,१२.४} देउल-वीढिआऍ वर-सत्तउ $ णाणुप्पाऍवि णिव्वुइ पत्तउ {प॰च॰९०,१२.५} जिह सो तिह अणन्त-सुह-थाणहेॅ $ गउ घणवाहणो वि णिव्वाणहेॅ {प॰च॰९०,१२.६} जसु केरउ अज्ज वि अहिणन्दइ $ लोउ मेहरहु तित्थु पवन्दइ {प॰च॰९०,१२.७} कुम्भयण्णु पुणु सासय-सोक्खहेॅ $ सो वि वडहेॅ खेड्डहेॅ गउ मोक्खहेॅ

घत्ता॒

{प॰च॰९०,१२.८} गउ रहुवइ कइहि मि दिवसेॅहिॅ $ तिहुअण-मङ्गलगाराहेॅ अजरामर-पुर-परिपालहेॅ $ पासु स य म्भु-भडाराहेॅ


इय पोमचरिय-सेसे $ सयम्भुएवस्स कह वि उव्वरिए तिहुअण-सयम्भु-रइए $ राहव-णिव्वाण-पव्वम् इणं वन्दइआसिय-तिहुयण- $ सयम्भु-परिविरइयम्मि मह-कव्वे पोमचरियस्स सेसे $ संपुण्णो णवइमो सग्गो


पोमचरियं समत्तं