प्रश्नसमुच्चय--२४
- झारखण्ड का गठन एवं विधेयक - 15 नवंबर 2000 बिहार पुनर्गठन विधेयक 2000 बिहार का 46% भू-भाग
- भारतीय संघ में राज्य का स्थान - 28 वां
- राज्य की राजधानी - रांची
- राज्य की उपराजधानी - दुमका
- औद्योगिक राजधानी - जमशेदपुर
- उच्च न्यायलय - रांची
- राजकीय भाषा - हिंदी
- द्वितीय राजकीय भाषा - उर्दू
- अन्य भाषाएँ - संथाली, मुण्डारी, कुड़ुख, उर्दू, हो, खोरठा, पंचपरगनिया, कुरमाली, नागपुरिया
- राजकीय चिन्ह - चार जे अक्षर
- राजकीय पशु- हाथी
- राजकीय पक्षी - कोयल
- राजकीय वृक्ष - साल
- राजकीय पुष्प - पलाश
- राजकीय दिवस - 15 नवंबर
- झारखण्ड 21°58’10” उत्तरी अक्षांश से 25°19’15” उत्तरी अक्षांश तथा 83°19’50” पूर्वी देशांतर से 87°57’00” पूर्वी देशांतर के मध्य विस्तृत है।
- इस राज्य की लम्बाई (उत्तर से दक्षिण) 380 किमी. और चौड़ाई (पूर्व से पश्चिम) 463 किमी. है।
- राज्य का कुल क्षेत्रफल 79, 714 वर्ग किमी. है, जो भारत के कुल क्षेत्रफल का 2.42 प्रतिशत है।
- वर्तमान झारखण्ड राज्य में ज़िलों की संख्या - 24
- झारखण्ड राज्य के प्रमण्डलों की संख्या - 5
- झारखण्ड राज्य में अनुमण्डलों की संख्या - 43
- झारखण्ड राज्य के प्रखण्डों की संख्या - 264
- भौगोलिक अवस्थिति- भारत के उत्तर-पूर्वी भाग में
- गोलार्द्ध - उत्तरी गोलार्द्ध में
- राज्य का ज्यिमितिया आकार - चतुर्भुजाकार
- जलवायु कटिबन्ध - उष्ण कटिबन्ध
- जलवायु - मानसूनी
- राज्य से गुजरने वाली अक्षांश रेखा - 23.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश (कर्क रेखा)
- प्रांत की सीमाएं एवं विस्तार - उत्तर में बिहार, दक्षिण में उड़ीसा, पूर्व में पश्चिम बंगाल, तथा पश्चिम में छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश
- झारखण्ड राज्य की सीमा को छुने वाले राज्य - बिहार, छत्तीसगढ़, बंगाल, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा
- सबसे ज्यादा क्षेत्रल वाला जिला- पश्चिम सिंहभूम
- सबसे कम क्षेत्रफ़ल वाला जिला- रामगढ
- अधिसूचित प्रखंडो की संख्या- 132
- गाँव की संख्या- 32615
- पंचायतों की संख्या- 4423
- जिला परिषदों की संख्या-24
- जिला परिषदों के सदस्यों की संख्या- 445
- राज्य की कुल जनसंख्या - 32988134
- पुरुष जनसंख्या - 16930315
- महिला जनसंख्या- 16057819
- भारत की कुल जनसंख्या का प्रतिशत- 2 .72 प्रतिशत
- जनसंख्या की दृष्टि से देश में स्थान - 13 वां
- क्षेत्रफ़ल की दृष्टि से देश में स्थान- 16 वां
- जनसंख्या घनत्व की दृष्टि से देश में स्थान - 14 वां
- 2001 - 2011 के दशक में जनसंख्या वृद्धि दर- 22.34 प्रतिशत
- सर्वाधिक जनसंख्या वाला जिला- रांची
- न्यूनतम जनसंख्या वाला जिला- लोहरदग्गा
- जनसंख्या घनत्व - 414 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी
- सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाला जिला - धनबाद
- न्यूनतम जनसंख्या घनत्व वाला जिला - सिमडेगा
- लिंगानुपात - 949 महिलायें प्रति हजार पुरुषों पर
- सर्वाधिक लिंगानुपात वाला जिला - पश्चिम सिंहभूम
- न्यूनतम लिंगानुपात वाला जिला - धनबाद
- साक्षारता दर - 66.40 प्रतिशत
- पुरुष साक्षारता दर - 76.80 प्रतिशत
- महिला साक्षारता दर - 55.40 प्रतिशत
- सवाधिक साक्षारता दर वाला जिला - रांची (77.13%)
- न्यूनतम साक्षारता दर वाला जिला - पाकुड़ (48.82%)
- अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या - 8645042 (26.20%)
- अनुसूचित जाति की जनसंख्या - 3985644 (12.10%)
- अनुसूचित जनजाति के कुल समुदाय - 32
- अनुसूचित जाति के कुल समुदाय - 22
- थानो की संख्या - 326
- वन क्षेत्र की स्थिति - 23473 वर्ग किमी
- कुल क्षेत्रफ़ल में वन का प्रतिशत - 29.95%
- सर्वाधिक वन क्षेत्रफ़ल वाला जिला (प्रतिशत में) - चतरा
- न्यूनतम वन क्षेत्रफ़ल वाला जिला (प्रतिशत में) - धनबाद
- प्रति व्यक्ति वन का क्षेत्रफ़ल - 0 .079 हेक्टेयर
- सामान्य सघन वन क्षेत्र - 9667 वर्ग किमी
- अति सघन वन क्षेत्र - 2587 वर्ग किमी
- कुल खुला वन क्षेत्र - 11219 वर्ग किमी
- कुल कृषि योग्य भूमि - 38 लाख हेक्टेयर
- शुद्ध बोया गया क्षेत्र - 18.07 लाख हेक्टेयर
- कुल सिंचित क्षेत्र - 1.95 लाख हेक्टेयर
- झारखण्ड की मुख्य फसल - धान
- विद्युत उत्तपादन क्षमता - 2590 मेगावाट
- राज्य का सर्वोच्च शिखर - पारसनाथ (1365 मी.)
- राज्य का द्वितीय सर्वोच्च शिखर - सरुअत पहाड़ी (गुलगुल पाट)
- राज्य की विधायिका - एक सदनीय (विधान सभा)
- विधान सभा के सदस्यों की संख्या - 82 (81 +1)
- विधान सभा में आरक्षण की स्थिति ST-28, SC-9, GENERAL-44
- लोक सभा सदस्यों की संख्या - 14
- लोक सभा में आरक्षण की स्थिति ST-5, SC-1, GENERAL-8
- राज्य सभा के सदस्यों की संख्या - 06
- सबसे बड़ा संसदीय क्षेत्र - पश्चिम सिंहभूम (सुरक्षित ST)
- SC के लिए सुरक्षित एक मात्र संसदीय क्षेत्र - पलामू
- सबसे छोटा संसदीय क्षेत्र - चतरा
- प्रति व्यक्ति आय - 57144 (2013-14 के चालु मूल्य पर)
- जन्म दर -35.7 प्रति हजार
- मृत्यु दर - 13.12 प्रति हजार
- शिशु मृत्यु दर - 92 प्रति हजार
- राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लम्बाई - 1859.16 किमी
- राजकीय राजमार्गों की कुल लम्बाई - 6886.40 किमी
- सर्वाधिक क्षेत्रफ़ल वाला जिला - पश्चिम सिहं भूम
- न्यूनतम क्षेत्रफ़ल वाला जिला - रामगढ़
- प्रथम राज्यपाल - श्री प्रभात कुमार
- प्रथम मुख्य मंत्री - श्री बाबूलाल मरांडी
- प्रथम विधान सभा अध्यक्ष - श्री इन्दर सिंह नामधारी
- प्रथम मुख्य न्यायधीश - श्री विनोद कुमार गुप्ता
- प्रथम मुख्य सचिव - श्री वी.एस.दुबे
- प्रथम महिला राज्यपाल - द्रौपदी मुर्मू
- ब्रिटिश पार्लियामेंट ने अधिकृत रूप से छोटानागपुर नाम कब दिया -- 1872 में
- प्राचीन काल में छोटानागपुर का क्या नाम था -- पुण्ड्र, पुंडरीक प्रदेश, मुण्ड, खोखरा
- पूर्व मध्य कालीन संस्कृत साहित्य में इसे क्या कहा गया है -- कलिंद देश
- झारखण्ड का कौन सा जिला किसी भी राज्य को नहीं छूता है -- लोहरदग्गा
- जैन साहित्य में लोहरदग्गा को क्या कहा गया है -- लोहारगंज
- झारखण्ड शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या है -- वन-प्रदेश
- जमशेदपुर का पुराण नाम क्या है -- साकची
- आईने अकबरी में लोहरदग्गा का उल्लेख किस रूप में हुआ है -- किस्मते लोहदग्गा
- गढ़वा किस भाषा का शब्द माना जाता है -- मराठी भाषा का
- झारखण्ड में रामकृष्ण मिशन की पहली शाखा कहाँ खोली गयी -- जमशेदपुर में
- छोटानागपुर की रानी किसे कहा जाता है -- नेतरहाट
- झारखण्ड के किस जिले को मध्य प्रदेश और उड़ीसा का प्रवेश द्धार कहते हैं -- गुमला
- झारखण्ड के आय का मुख्य श्रोत -- खनिज, लोहा इस्पात उद्योग एवम वन
- झारखण्ड की भाषाएँ एवम बोलियां -- हिंदी, मुण्डारी, संथाली,उर्दू, मगही, उरांव, हो, खड़िया
- मुस्लिम काल में बंगाल की राजधांनी -- राजमहल
- झारखण्ड का एक मात्र जिला जहां गंगा नदी बहती है -- साहेबगंज
- नागवंशी राजाओं की राजधानी कहाँ थी -- पालकोट
- 1834 में दछिणी पशिचमी सीमांत एजेंसी का मुख्यालय कहाँ बना -- रांची
- 1833 में कौन कौन जिला बना -- लोहरदग्गा, हजारीबाग, और मानभूम
- रांची जिला कब बना -- 1899 में
- संथाल परगना जिला कब बना था --1855 में
- हजारीबाग जेल का निर्माण कब हुआ -- 1856 में
- कुंडे रियासत झारखण्ड के किस जिले में है -- हजारीबाग
- छोटानागपुर का प्रवेश द्धार किसे कहा जाता है -- चतरा
- कोल्हान क्षेत्र में विल्किंसन रूल कब लागु किया गया -- 1837 में
- अंग्रेज सरकार ने सेना के ईस्टर्न कमांड का मुख्यालय कलकता से रांची स्थानांतरित कब किया -- अप्रैल 1942 में
- 1771 से 1780 तक छोटानागपुर कमिश्नरी का मुख्यालय कहाँ था -- चतरा
- बिरसा मुंडा के पिता का नाम क्या था -- सुगना मुंडा
- 'मरांग गोमके ' के नाम से किसे जाना जाता है -- जयपाल सिंह
- प्रथम नागवंशी राजा कौन थे -- फणी मुकुट राय
- बिरसा पेशे से क्या थे -- बुनकर
- बिरसा मुंडा ने किस वर्ष अपने आपको ईश्वर का दूत घोषित किया -- 1895 में
- बिरसा मुंडा ने किसकी पूजा करने को कहा -- 'सिंगबोंगा' की
- धरती आबा (धरती के पिता) किसे कहा जाता था -- बिरसा मुंडा को
- बिरसा मुंडा को सबसे पहले भगवान् किसने कहा -- थानेदार मृत्युंजय नाथ लाल ने
- सा थाल विद्रोह का नेतृत्व किसने किया था -- सिधु और कान्हू ने
- टाना भगत आंदोलन के मुख्य सूत्रधार कौन थे -- जतरा भगत
- तिलक मांझी का वास्तविक नाम क्या था -- जबरा पहड़िया
- जयपाल सिंह के गुरु कौन थे -- कानन कोस ग्रोव
- 1937 में जयपाल सिंह किस कॉलेज के प्राध्यापक थे -- राजकुमार कॉलेज रायपुर
- जयपाल सिंह की पत्नी का क्या नाम था -- जहाँ आरा
- जहाँ आरा को कौन सा विभाग मिला था -- परिवहन एवं विमानन विभाग में उपमंत्री
- ईशाई धर्म ग्रहण करते समय बिरसा का क्या नाम रखा गया था -- दाऊद
- झारखण्ड आंदोलन का जन्मदाता किसे मन जाता है -- जे बर्थोमान
झारखण्ड आंदोलन
सम्पादन- 1950 ई को जयपाल सिंह के नेतृत्व में 'झारखण्ड पार्टी' का जमशेदपुर में गठन हुआ |
- 1956 ई में झारखण्ड पार्टी के द्धारा राज्य पुनर्गठन आयोग के पास एक वृहत झारखण्ड राज्य की निर्माण की मांग में एक स्मरण पत्र प्रस्तुत किया गया, मांग आयोग द्धारा अस्वीकृत कर दिया गया
- 1958 ई में फाटल सिंह के नेतृत्व में खरवार वन आंदोलन हुआ
- 1963 ई. सितंबर में झारखण्ड पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया
- 1964 ई. में क्षेत्रीय योजना तथा विकास बोर्ड का गठन हुआ
- 1967 ई. के दिसंबर में अखिल भारती झारखण्ड पार्टी का गठन हुआ
- 1967 ई. को ही मध्यावधि चुनाव के पूर्व जस्टिन रिचर्ड द्धारा 'हुल झारखण्ड पार्टी' का गठन संथाल परगना में हुआ
- 1968 ई को हूल झारखण्ड पार्टी का गठन हुआ
- 1969 ई को 'अखिल भारतीय झारखण्ड पार्टी' का विभाजन -- बागुन सुम्ब्रई द्धारा मूल पार्टी पर कब्ज़ा एवम इन.ई.होरो द्धारा 'झारखण्ड पार्टी' का गठन हुआ
- 1969-70 को शिबू सोरेन द्धारा सोनत संथाल समाज की स्थापना - नशाबंदी, साहूकारी तथा जमीन से बेदखली के खिलाफ आंदोलन
- 1969 ई में कुर्मियों ने शिवजी समाज की स्थापना की
- 1970 ई. में हूल झारखण्ड पार्टी का विभाजन - शिबू सोरेन के नेतृत्व में 'प्रोग्रेसिव हूल झारखण्ड पार्टी' का गठन
- 1971 ई. को श्री ए. के. राय के द्धारा 'मार्क्सवादी समन्वय पार्टी' का गठन एवम पृथक झारखण्ड राज्य की मांग - बिहार सरकार द्धारा 'छोटानागपुर - संथाल परगना स्वशासी विकाश परिषद्' का गठन
- 4 फरवरी 1973 को शिबू सोरेन एवम शिवाजी समाज के स्व. विनोद बिहारी महतो के नेतृत्व में धनबाद में 'झारखण्ड मुक्ति मोर्चा' का गठन हुआ
- 22 जून 1986 को जमशेदपुर में 'ऑल झारखण्ड स्टूडेंट यूनियन' (आजसू) का गठन अध्यक्ष - प्रभाकर तिर्की तथा महासचिव - सूर्यसिंह बेसरा बने
- 1990 में श्री बी.एस.लाली ने 'जैक' के गठन की अनुशंसा की
- 1991 में 'झारखण्ड पीपुल्स पार्टी' का गठन हुआ
- 17 अप्रैल 1995 ई. को 'जैक' विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिली 9 जून को 'जैक' का गठन शिबू सोरेन अध्यक्ष एवम सूरज मंडल उपाध्यक्ष घोषित
- 22 जुलाई 1997 ई. को बिहार विधान सभा द्धारा झारखण्ड राज्य गठन का संकल्प पारित
- 1998 ई. में केंद्र की वाजपेयी सरकार ने इसी संकल्प के आधार पर बिहार राज्य पुनर्गठन विधेयक बिहार विधान सभा में स्वीकृति के लिए भेजा लेकिन विधेयक अपारित रहा
- 25 अप्रैल 2000 ई. को कांग्रेस के दबाव में बिहार राज्य पुनर्गठन विधेयक बिहार विधान सभा से पारित हुआ
- 02-08-2000 ई. को बिहार राज्य पुनर्गठन विधेयक 2000 लोक सभा से पारित
- 11-08-2000 ई. को बिहार राज्य पुनर्गठन विधेयक2000 राज्य सभा में पारित
- 28-08-2000 ई. को बिहार राज्य पुनर्गठन विधेयक 2000 राष्ट्रपति द्धारा हस्ताक्षरित
- 15-11-2000 ई. को झारखण्ड देश का 28 वां राज्य घोषित और झारखण्ड राज्य क्षेत्र के अन्तर्गत विद्यमान कोल्हान प्राधिकार विल्किंसन कानुन बनाम मानकी,मुण्डा भी अब ग्रामीण के मुख्य संरचना में जुड़ जाएगा जबकि राज्य सरकार को इसका निस्पादन झारखण्ड राज्य गठन के साथ मानकी और मुण्डा को विकास के मुख्य संरचना से जोड़ा जाना चाहिए था लेकिन अब इसका रास्ता खुल चुका है मानकी और मुण्डा को विकास के मुख्य धारा से जोड़कर कार्यवारी आरंभ करेगी मामला उच्च न्यायलय राँची में अंतिम प्रक्रिया पर है राज्य सरकार के बीच यह भी पाया जा रह है कि आदिवासी समुदाय के लोगों को दमानात्माक कार्रवाई पर सत्यनाश करना चाहती है जिसका आदिवासी समुदाय की ओर से मुँह तोड़ जबाब दिया जा रह है कोल्हान के इतिहास में रामो बिरुवा का नाम भी स्वर्ण अक्षरो में जुड़ जाएगा जिन्होने विद्यमान विधी पर बात रखने के खिलाफ उनको जिला प्रशासन द्वारा देशद्रोह का अरोफी बनाया गया है १जून २०१८ को उनका गिराप्तरी किया गया है और २१ जून २०१८ को उनका देहान्त मंडल कारा चाईबासा में हुआ है जिसके प्रति जिला प्रशासन मुख्यता जिम्मेदार है आदिवासी समुदाय का मार्यादा को मिटाने के लिए रामो बिरुवा को जेल में मारा गया है मात्र २१ दिन के अन्दर उनका मृत्यू होना जिला प्रशासन के अनियमितता फर्दा खोलता है जिस पर आरोफ है कि रामो बिरुवा को जिला प्रशासन द्वारा मारा गया है कही व्यक्ति इसके लिए उच्चस्तरीय जाँच के लिए तात्परशील है जिनको सम्मान करने की आवश्यकता है। जब राज्य व केन्द्र सरकार आदिवासी समुदाय का बुनियाद को सुरक्षित करने में विफल है दुनिया के मनचित्र में ऐसा सरकार की कोई जरुरत नही राज्य और केन्द्र सरकार आदिवासियों का हत्या के लिए जिम्मेदार है झारखण्ड के खँटी जिला में आदिवासियों पर हो रही दमनात्माक कार्रवाई का साफ झलक है जो अपने संसाधनों की रक्षा हेतु आवाज को बुलंद रखा उन्हे देशद्रोह के मामले पर आरोफित बनाया जा रह है खुँटी लोकसभा सांसद कड़िया मुण्डा मुख्यता जिम्मेदार है जिन आदिवासियों के प्रति वो जिम्मेदार बनकर सत्ता के समीफ चला आया अगर वह व्यक्ति उन आदिवासियों के जीवन शैली का विकास हेतु उचित विचार सामने नही कर सकता है तो वह किसी का गुलामी काट रह है यह माना जा सकता है।स्वतंत्र राष्ट में आदिवासियों पर गुलामी पन का प्रवेश कराया जाए ये कोई न्याय नही है जबकि दुनिया के मनचित्र में आदिवासी व्यवस्था से और महान् क्या हो सकता है कोल्हान उसी उपलब्धीकरण का पहला नामकरण है जहाँ के आदिवासी समुदाय के लोगों को विभिन्न दृष्टिकोण से प्रताड़ित किया जा रह है जिसके कारण घटनाक्रम के बढ़ते दौर में इसे दुनिया के लोगों के सामने मामला को सामने रखा जा रह है कि इस पर न्याय किया जाए। और इसे झारखण्ड और देश के लिए सरकार की उपलब्धी को काला अध्याय के रुप में पहचान किया जाएगा।
झारखण्ड जनगणना 2011
सम्पादन- सर्वाधिक जनसंख्या के अनुसार जिलों का क्रम -- १. रांची २. धनबाद ३. गिरिडीह
- न्यूनतन जनसंख्या के अनुसार जिलों का क्रम -- १. लोहरदग्गा २. खूंटी ३. सिमडेगा
- सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व के अनुसार जिलों का क्रम -- १. धनबाद २. साहेबगंज ३. बोकारो
- न्यूनतम जनसंख्या घनत्व के अनुसार जिलों का क्रम -- १. सिमडेगा २.गुमला ३. लातेहार
- सर्वाधिक क्षेत्रफल के अनुसार जिलों का क्रम -- १. पश्चिमी सिंहभूम २. गुमला ३.रांची
- न्यूनतम क्षेत्रफल के अनुसार जिलों का क्रम -- १. रामगढ २. लोहरदग्गा ३.कोडरमा
- सर्वाधिक लिंगानुपात के अनुसार जिलों का क्रम -- १. पश्चिम सिंहभूम २. खूंटी ३. सिमडेगा
- सर्वाधिक साक्षरता की दृष्टि से जिलों का क्रम -- १. रांची २. पूर्वी सिंहभूम ३. धनबाद
- सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति की दृष्टि से जिलों का क्रम -- १. पश्चिम सिंहभूम २. रांची ३. गुमला
- सर्वाधिक नगरीय जनसँख्या की दृष्टि से जिलों का क्रम प्रतिशत में -- १. धनबाद २. पूर्वी सिंहभूम ३. बोकारो
- जहांगीर के समय १६१६ ई में छोटानागपुर पर किसने आक्रमण किया था -- इब्राहिम खान
- मौलाना आजाद कब से कब तक छोटानागपुर में नजरबन्द रहे -- 1916 से 1919 तक
- अखिल भारतीय कांग्रेस का 53 वां अधिवेशन कहाँ हुआ था -- रामगढ में
- जय प्रकाश नारायण हजारीबाग केंद्रीय कारा से कब फरार हुए -- 9 नवम्बर 1942 को
- झारखण्ड में प्रथम गिरिजाघर का निर्माण कब हुआ -- 1845 ई में
- संथालों का वर्ष किस माह से शुरू होता है -- आषाढ़ से
- मुंडा लोगों का माघे पर्व कब मनाया जाता है -- पूस मास की पूर्णिमा के दिन
- मुंडा लोगों के किस त्यौहार को 'सरहुल' भी कहा जाता है -- बा परब
- हो लोग अपने देवताओं को क्या कहते है -- बोंगा
- झारखण्ड में प्रतिवर्ष लगने वाला सबसे लंबा मेला -- श्रावणी मेला देवघर
- झारखण्ड में सर्वाधिक जनसंख्या किस जनजाति की है -- संथाल
- झारखण्ड की दूसरी प्रमुख जनजाति कौन है -- ओरांव
- सोसा बोंगा लोक कथा का सम्बन्ध किस जनजाति से है -- मुंडा से
- झारखण्ड के किस मंदिर में 15 अगस्त औए 26 जनवरी को तिरंगा फहराया जाता है -- पहाड़ी मंदिर में
- एक ओरांव अपने माता पिता एवम पिता के भाइयों को क्या कहता है -- बा
- संथालों में कितने गोत्र होते हैं -- 12 (बारह)
- मुंडा जनजाति के लोग झारखण्ड के किस जिले में मुख्यतः पाए जाते हैं-- रांची जिले में
- झारखण्ड के किन जिलों के सभी विधान सभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित है -- गुमला, लोहरदग्गा, सराईकेला, सिमडेगा, एवम पश्चिम सिंहभूम
- झारखण्ड का कौन सा लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है -- पलामू
- किस जाति का ईसाईकरण सर्वाधिक हुआ है -- खड़िया
- 64 ई. तक सभी जनजातियों का राजा कौन था -- मदरा मुंडा
- झारखण्ड में किस दो जनजातियों की संख्या सबसे काम है -- बंजारा एवम बिरहोर
- जुबली पार्क कहाँ है -- जमशेदपुर में
- रांची पहाड़ी की ऊंचाई कितनी है -- २४२३ फ़ीट
- झारखण्ड के किस शहर से कर्क रेखा गुजरती है -- रांची
- कलुआ पहाड़ की चोटी को क्या कहते है -- आकाश लोचन
- शेर की पहली गणना कहाँ हुई थी -- बेतला अभ्यारण्य में
- झारखण्ड का पहला निर्मित राष्ट्रीय उद्यान कौन है -- बेतला पार्क
- खेरवार आंदोलन का नेतृत्व किसने किया -- भगीरथ मांझी ने
झारखण्ड का भौगोलिक परिचय
सम्पादन- झारखण्ड भारत के 28 वे राज्य के रूप में 15 नवंबर 2000 को अस्तित्व मे आया
- इस राज्य का भौगोलिक विस्तार 21°58’10” उत्तरी अक्षांश से 25°19’15” उत्तरी अक्षांश तथा 83°19’50” पूर्वी देशांतर से 87°57’00” पूर्वी देशांतर के मध्य है
- कर्क रेखा इसकी राजधानी रांची से होकर गुजरती है
- राज्य की लम्बाई उतर से दक्षिण 380 किलोमीटर एवं चौड़ाई पूर्व से पश्चिम 463 किलोमीटर है प्रदेश का कुल क्षेत्रफल 79714 वर्ग किलोमीटर यह प्रान्त अपने खनिज सम्पदा के लिए विश्व विख्यात है
- झारखण्ड का निर्माण आर्कियन युग की प्राचीनतम चट्टानों से हुआ है जिसमे ग्रेनाइट निस की प्रधानता है
- इसका उत्तर पश्चिमी भाग अपेक्षाकृत उंचा है जिसे पाट प्रदेश कहते है
- झारखण्ड की सबसे ऊंची चोटी पारसनाथ है जिसकी ऊंचाई 1365 मीटर है
- खनिज संसाधनों की बहुलता के कारण इसे भारत के रुर प्रदेश कहते है
- यहाँ की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है
झारखण्ड के भूगर्भिक संरचना :- झारखण्ड में निम्न क्रम की चट्टाने पाई जाती है 1 आर्कियन 2 विंधयन 3 कार्बोनीफेरस 4 पर्मियन - ट्रियासिक 5 गोंडवाना -धरवाड़ 6 सिनोजोइक 7 नविन निक्षेप
आर्कियन क्रम की चट्टानों में जीवाश्म नहीं पाया जाता है धरवाड़ क्रम धात्विक खनिजों के लिए प्रसिद्ध है विंध्यन क्रम की चट्टाने चुना पत्थर के लिए प्रसिद्ध है गोंडवान क्रम की चट्टाने कोयले के लिए प्रसिद्ध है
- झारखण्ड की भौतिक विभाजन
- 1 पाट क्षेत्र 2 रांची एवं हज़ारीबाग का पठार 3 बाह्रा पठार 4 चाईबासा का मैदान 5 राजमहल की पहाड़ियां
- झारखण्ड की जलवायु
- झारखण्ड उष्णकटिबंधीय जलवायु क्षेत्र में आता है
- यहाँ की जलवायु मॉनसूनी है और यहाँ लगभग 140 से.मी. वर्षा होती है
- यहाँ उष्णकटिबंधीय मानसून पतझड़ वन पाए जाते है
- कर्क रेखा इसके बीचो -बीच से गुजरती है
- यहाँ तीन प्रकार के मौसम पाई जाती है 1 गर्मी [मार्च-जून ], 2 वर्षा ऋतु [मध्य जून -अक्टूबर ] 3 शीत ऋतु [नवंबर - फरवरी ]
- गर्मी यहाँ औसत तापमान 25डिग्री सेंटीग्रेट है
- पलामू सबसे गर्म और नेतरहाट सबसे ठंढा प्रदेश है
- यहाँ अधिकतर वर्षा दक्षिणी -पश्चिमी मौनसून से होती है यहाँ की औसत वर्षा 140 सेमी है
- यहाँ अरब सागर की मॉनसूनी शाखा से भी वर्षा होती है
- दिसम्बर-जनवरी में बंगाल की खाड़ी से उठने वाली नॉर्वेस्टर तुफान से भी थोड़ी वर्षा होती है जिसे काल वैशाखी या आम्र वर्षा कहते है
- झारखण्ड की मिट्टी
मिट्टी / क्षेत्र / विशेषताएं
- १.बलथर मिट्टी /राजमहल श्रेणी के निकट /पीलापन लिए हुए , लाल रंग , अम्लीय , रेत व कंकड़ युक्त्त कम उर्वर
- २.लाल मिट्टी/ छोटानागपुर पठार रांची , पूर्वी तथा पश्चिमी सिंहभूम, गिरिडीह / लाल रंग , लौहयुक्त , नाइट्रोजन , फॉस्फोरस और ह्यूमस की कमी व कंकड़युक्त्त
- ३.काली मिट्टी / राजमहल श्रेणी [संथाल - परगना ] / लावायुक्त्त , लोहा , चूना , मैग्नेशियम अल्युमिनियम युक्त्त , उर्वर इत्यादि
- ४.लैटेराइट मिट्टी / रांची , पलामू , एवं संथाल परगना / लाल रंग , कंकड़ीली , अम्लीय , अल्युमिनियम , आयरन ऑक्साइड , मैंगनीज़ ऑक्साइडयुक्त्त
- नॉट -1. मिट्टी के अन्य वर्गीकरण के आधार पर इसकी भूमि को रूगड़ी टांड , ललमटिया टांड और डिहारी टांड में भी बाँटा गया है
- दोनभूमि धान की खेती के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है
- 2. झारखण्ड की मुख्य मिट्टी लाल मिट्टी है
- 3. पिली मिट्टी पलामू में मिलती है
- 4. जलोढ़ मिट्टी साहेबगंज एवं पाकुड़ में मिलती है
- झारखण्ड आंदोलन विगत कितने वर्षों से चल रही थी -- 72 वर्षों से
- बिहार राज्य हुल झारखण्ड का गठन कब हुआ -- दिसम्बर 1968 ई में
- 'बिरसा सेवा दल' की स्थापना कल है -- 1968 ई. में
- आदिवासी उन्नति समाज की स्थापना कब हुई -- 1915 ई. में
- 'झारखण्ड पार्टी' की स्थापना कब हुई -- 1950 ई. में
- जंगल काटो अभियान कब चलाया गया -- 1978 ई. में
- 'छोटानागपुर विकास प्राधिकरण' की स्थापना कब हुई -- 1971 ई. में
- "संथाल परगना विकास" प्राधिकरण की स्थापना कब हुई -- 1971 ई. में
- 'छोटानागपुर और संथाल परगना विकास प्राधिकरण' के अध्यक्ष -- मुख्यमंत्री होते है
- 'अजसु' का गठन किस छात्र संघ के तर्ज पर किया गया -- 'आसु'
- अखिल झारखण्ड छात्र एवम बुद्धिजीवी सम्मलेन 1986 में कहाँ हुआ -- जमशेदपुर में
- 'खून के बदले खून' का नारा किस झारखंडी नेता ने दिया -- सूर्य सिंह बेसरा ने
- भाजपा ने 'वनांचल' की मांग प्रथम बार कब उठाई थी -- 1988 ई. को
- 1986 में किसने कहा "झारखण्ड आंदोलन में विदेशियों का हाथ" है -- बूटा सिंह ने
- "बिहार का बंटवारा किसी भी हाल में नहीं होने दिया जायेगा" -- भगवत झा आज़ाद
- 'केंद्रशासित राज्य की' मांग किस झारखंडी नेता ने की -- एन.ई.होरो. ने
- केंद्र ने झारखण्ड की समसस्याओं के लिए किस समिति का गठन किया -- बी.एल.लाली. समिति का
- किस समिति ने झारखण्ड स्वशासी परिषद् के गठन की अनुशंसा की -- बी.एल.लाली. समिति ने
- 'बिहार का बंटवारा मेरी लाश पर होगी' किसने कहा था -- लालू प्रसाद यादव ने
- झारखण्ड स्वशासी परिषद् के प्रथम अध्यक्ष कौन थे -- शिबू सोरेन
- झारखण्ड के प्रमुख नदी घाटी परियोजना एवं बांध
नदी घाटी परियोजना / बांध / वर्ष / नदी
1. दामोदर घाटी परियोजना का निर्माण
अमेरिका के टेनेंसी वैली के तर्ज पर 1948 में किया गया इसमें आठ बांध तीन जलविद्युत गृह स्थित है ये झारखण्ड एवं पश्चिम बंगाल का संयुक्त उपक्रम है
- तेनुघाट [बोकारो ] - 1973 - दामोदर
- पंचेत [धनबाद ] -1959 -दामोदर, बराकर
- तिलैया [कोडरमा ] -1953 -बराकर
- मैथन [धनबाद ] - 1958 - बराकर
- बालपहाडी [गिरिडीह] -1959 -बराकर , नलकारी
- अययर एवं बेरमो -1959 - दामोदर
- कोनार [बोकारो ] - 1955 -कोनार
2 . स्वर्णरेखा नदी परियोजना
झारखण्ड , उड़ीसा , पश्चिम बंगाल का संयुक्त परियोजना है इसमें 120 मेगा वाट विद्युत उत्पादन की शक्ति है
- चांडिल , सरायकेला - 1982 - स्वर्णरेखा
- गालूडीह - 1983 - .स्वर्णरेखा
- इचा - 1983 -खरकई
- गेतलसूद -1983 - .स्वर्णरेखा
3. मयूराक्षी परियोजना [दुमका ]
- यह झारखण्ड एवं पश्चिम बंगाल का संयुक्त उपक्रम है जो कनाडा के सहायता से निर्मित है
- मसानजोर[कनाडा बांध ] - 1958 - मयूराक्षी
4. कोयलकारो परियोजना
-परियोजना बंद - 1973 - कोयल , कारो
5. उत्तर कोयल परियोजना
- कूटकू - अपूर्ण - उत्तरी कोयल
6. कन्हर परियोजना
[झारखण्ड एवं छत्तीसगढ़ का उपक्रम ]-कन्हर जलाशय-1957 -कन्हर -बराकर
- नॉट -झारखण्ड में तेनुघाट मिट्टी का सबसे ऊँचा बांध है
- प्रमुख विद्युत परियोजना
ताप विद्युत परियोजना संयंत्र - स्थापना वर्ष -उत्पादन छमता
- पतरातू ताप विद्युत संयंत्र - 1952 - 670 मेगावाट
- तेनुघाट ताप विद्युत संयंत्र - 1953 -450 मेगावाट
- बोकारो ताप विद्युत संयंत्र - 1955 -830 मेगावाट
- चंद्रपुरा ताप विद्युत संयंत्र - 1966 - 780 मेगावाट
- दामोदर घाटी जल विद्युत परियोजना - 1948 -104 मेगावाट
- स्वर्णरेखा जल विद्युत केंद्र - 1982 -83 -130 मेगावाट
- कोनार जल विद्युत केंद्र - 1955 -40000 किलोवाट
- बोकारो जल विद्युत शक्ति गृह - 1967 - 385 मेगावाट
- मैथन जल विद्युत केंद्र - 1958 -7600 किलोवाट
- तिलैया जल विद्युत केंद्र - 1953 -60000 किलोवाट
- बाल पहाडी जल विद्युत शक्ति गृह - 1959 -20000 किलोवाट
- बर्मी जल विद्युत शक्ति - 1960 -28000 किलोवाट
- पंचेत जल विद्युत परियोजना - 1959 -40000 किलोवाट
- झारखण्ड के जलप्रपात
जलप्रपात - ऊंचाई -नदी - स्थिति
- बूढ़ा घाघ /लोढ़ा घाघ - 450 फीट-बूढ़ा घाघ -लातेहार - महुआटांड़ से 14 किलोमीटर
- हुंडरू - 243 - स्वर्णरेखा -रांची - रांची से 28 किलोमीटर
- जोन्हा [गौतमधारा ]- 55.6 -राढू- रांची - रांची से 40 किलोमीटर
- दशम - 130 - काँची - रांची - रांची से 36 किलोमीटर
- पांचघाघ - पंचनदी - खूंटी - खूंटी से 15 किलोमीटर
- साधनी घाघ - 200 - शंख -गुमला - नेतरहाट से 35 किलोमीटर
- गौतमघाघ - 120 स्थानीय -लातेहार - महुआडाड से 10 किलोमीटर
- घाघरी - 140 -घाघरी -लातेहार - नेतरहाट के पास
- हिरणी - 165 -स्थानीय -प० सिंहभूम - रांची चाईबासा मार्ग
- मोतीझरा -150 -अजय -स० परगना - राजमहल की पहाड़ी
- रजरप्पा - दामोदर /भेंड़ -रामगढ़ - रामगढ़ से 25 किलोमीटर
- उसरी -80 -उसरी -धनबाद - गोविन्दपुर , गिरिडीह
- गर्म कुंड :- सूरजकुंड , कावा [हजारीबाग ] तेंतुलिया[धनबाद ] तातापानी [लातेहार ], दुआरी [चतरा]
- संगम :- पंचघाघ पांच एवं रजरप्पा दो नदियों [दामोदर एवं भेड़ा]का संगम है
- झारखण्ड के पर्यटन व दर्शनीय स्थल
पर्यटन स्थल का नाम - दर्शनीय स्थल
- बेतला राष्ट्रीय पार्क - राष्ट्रीय पार्क (लातेहार)
- नेतरहाट [लातेहार ] - पहाड़ियों की मल्लिका , पर्यटन स्थल
- हजारीबाग - राष्ट्रीय पार्क , मिट्टी अनुसन्धान केंद्र व पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज
- पारसनाथ [गिरिडीह ] - जैन तीर्थस्थल , सम्मेय शिखर
- जमशेदपुर - जुबली पार्क , टाटा आयरन एंड स्टील कम्पनी
- धनबाद - औधोगिक एवं शोध केंद्र , इंडियन स्कूल ऑफ़ माइन्स [माइनिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ]
- पलामू - चेर राजाओं की राजधानी , गर्म जल स्रोत , जंगल में स्थित सिताबराय का किला[ लातेहार ]
- सिंदरी - उर्वरक कारखाना
- रजरप्पा [रामगढ़ ] - जलप्रपात , जल धाराएं, प्रसिद्ध माँ छिन्नमस्तिका मंदिर
- तोपचांची झील [धनबाद ] - आकर्षक झील
- तिलैया - तिलैया बांध
- कोनार - कोनार बांध
- मैथन [धनबाद ] - मैथन बांध , मैथन में देवी काली का मंदिर
- पंचेत [धनबाद ] - पंचेत बांध
- बोकारो - बोकारो बांध
- वैधनाथ धाम [देवघर ] -बारह ज्योतिर्लिंगो में नवलखा मंदिर , राम लक्ष्मण मंदिर , काली, दुर्गा , सरस्वती आदि के मंदिर
- दुमका - बासुकीनाथ धाम और मसानजोर बांध
- गोड्डा - फरक्का बांध
- रांची - बिरसा जैविक उद्यान , गौतम धारा , हिरनी एवं दशम जलप्रपात , गेतलसूद डैम , रांची झील रांची पहाड़ी के निकट , सती मंदिर ,
मोराबादी पहाड़ी पर स्थित रवीन्द्रनाथ टैगोर का विश्राम गृह , पहाड़ी मंदिर , अमरेश्वरधाम खूंटी
- गुमला -घाघरा जलप्रपात
- झारखण्ड की खनिज सम्पदा
खनिज - भारत में स्थान - उत्पादन क्षेत्र
- तांबा - तृतीय - घाटशिला , राखा , मुसाबनी , बसीडीह , धोबानी, सरायकेला , खरसावां , तथा बहरागोड़ा
- अभरक - चौथा - कोडरमा , हजारीबाग , गिरिडीह , झुमरी तिलैया , ढोरकोला डोमचांच
- क्रायोनाइट -प्रथम - राज खरसावां , लपसाबुरु, सिंहभूम
- लौह अयस्क - तृतीय -सिंहभूम , डाल्टेनगंज , व धनबाद
- बॉक्साइड - तृतीय - लोहरदगा , रांची , पलामू , जादूगोड़ा
- यूरेनियम - प्रथम - जादूगोड़ा
- ग्रेफाइट -द्वितीय - सोकरा खान , डाल्टेनगंज
- मैंगनीज -सातवां - गुआ , नोआमुंडी , जामदा, चाईबासा
- कोयला -प्रथम - झरिया , चंद्रपुरा , बोकारो , रामगढ़ , कर्णपुरा , [दामोदर घाटी क्षेत्र ]गिरिडीह , डाल्टेनगंज , हुटार, [उत्तरी कोयल घाटी कोयला क्षेत्र ]
- क्रोमियम - -जोनुहातु, सरायकेला , कुरु
- चूना पत्थर - -दमोदर घाटी , संथाल परगना , रांची , सिंहभूम
- टिन - -रांची तथा हजारीबाग
- चीनी मिट्टी- - पलामू , रांची एवं सिंहभूम
- खनिज सम्पदा से सम्बंधित मुख्य बिंदु
- झारखण्ड भारत का सर्वाधिक खनिज संपन्न राज्य है
- झारखण्ड को रत्नगर्भा भूमि भी कहा जाता है
- झारखण्ड के दामोदर घाटी क्षेत्रों को खनिज का गोदाम घर भी कहा जाता है
- झारखण्ड कोयला , तांबा , एवं अभ्रक उत्पादन में प्रथम स्थान रखता है
- झारखण्ड में अधिकतर हेमेटाइट अयस्क से लोहा प्राप्त किया जाता है
- मैग्नेटाइट अयस्क सिंहभूम स्थित 'कोल्हान श्रेणी 'में पाया जाता है
- झारखण्ड में टंगस्टन सिंहभूम एवं हजारीबाग जिले में मिलते है
- झारखण्ड में देश के कुल उत्पादन का 33 .85 प्रतिशत ताम्बा उत्पन्न होता है
- तांबा निष्कासन का कार्य सन 1924 ई० से इंडियन कॉपर कॉम्प्लेक्स कर रही है
- सीसा मुख्य तौर पर पलामू, हजारीबाग एवं , दुमका से प्राप्त किया जाता है
- यहाँ पूरे देश का 46 .5 प्रतिशत अभ्रक उत्पादन होता है
- झारखण्ड में डोलोमाइट का मख्य उत्पादक जिला पलामू है
- झारखण्ड Cryonite के भण्डारण में पूरे विश्व में प्रथम स्थान रखता है
- ग्रेफाइड पलामू जिले में प्राप्त होता है इसे काला सीसा भी कहते है
- एपेटाइट के उत्पादन में झारखण्ड का भारत में प्रथम स्थान है
- झारखण्ड में भारत के कुल खनिज भंडार का लगभग 36 प्रतिशत पाया जाता है
- झारखण्ड में देश के कुल कोयला का 32.28 प्रतिशत उत्पादन होता है
- झारखण्ड का मुख्य कोयला उत्पादित क्षेत्र दामोदर घाटी कोयला क्षेत्र है
- दामोदर घाटी क्षेत्र को 'भारत का रुर प्रदेश' माना जाता है
- यूरेनियम का मुख्य अयस्क 'पिच ब्लैंड 'सिंहभूम जिले से प्राप्त होता है
- यूरेनियम का एक कारखाना जादूगोड़ा में स्थापित किया गया है
- धनबाद के निकट टुण्डु में सीसा शोधन का कारखाना स्थापित किया गया है
- बिरसा को शिक्षा किसने दी -- जयपाल नाग ने
- एकमात्र झारखण्डी जिसे मरणोपरांत परमवीर चक्र प्रदान किया गया -- अल्बर्ट एक्का
- चेरो विद्रोह किसके विरुद्ध हुआ था -- पलामू के जनजातीय राजा के विरुद्ध
- टाना भगत आंदोलन किस जनजाति से सम्बंधित था -- उरांव
- संथाल विद्रोह से प्रभावित क्षेत्र कौन सा था -- दामिन-ए-कोह तथा भग्नडीह
- कोल विद्रोह का प्रभाव क्षेत्र कहाँ था -- सिंहभूम
- जे. आर. डी. टाटा का पूरा नाम क्या था -- जहांगीर रतन जी दादा भाई टाटा
- भारत का प्रथम छाया चित्र प्रदर्शक कौन था -- सुब्रतो रॉय
- हो विद्रोह से सम्बंधित सिंहभूम का राजा कौन था -- जगन्नाथ सिंह
- 1857 के आंदोलन के दौरान पलामू में किस कबीलाई ने अंग्रेजों के विरुद्ध सशक्त विद्रोह किया था -- भोक्ता
- संथाल विद्रोह कहाँ हुआ था -- राजमहल
- झारखण्ड का टिस्को कारखाना किसके द्धारा स्थापित हुआ -- जमशेदजी टाटा
- रांची जिला टाना भगत पुनर्वास अधिनियम कब स्थापित हुआ था -- 1948 ई. में
- भारत में वैगन एंड इन्जीनियरिंग कंपनी लिमिटेड कहाँ है -- सिन्दरी में
- शहीद तिलका मांझी को किस वृक्ष पर लटका कर फांसी दी गई थी -- बरगद
- झारखण्ड में सबसे भयंकर अकाल कब हुई थी -- 1990 ई. में
- छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट कब पारित हुआ -- 1908 ई. में
- झारखण्ड राज्य की मांग सर्वप्रथम कब की गई -- 1940 ई. में
- 1929 झरिया अधिवेशन में किसे अगला अध्यक्ष चुना गया -- जवाहर लाल नेहरू को
- 1940 ई. के रामगढ कांग्रेस अधिवेशन किसके नेतृत्व में हुआ था -- अबुल कलम आजाद
- झारखण्ड राजभवन का नक्शा किसने बनाया था -- मि. सैडलो बैलर्ड ने
- पहला राधाकृष्ण पुरस्कार किसे मिला -- डॉ. श्रमण कुमार गोस्वामी को
- व्यंग्य चित्रकार मोनी का वास्तविक नाम क्या है -- तपव्रत चक्रवर्ती
- लंठ आजम गढ़ी का वास्तविक नाम क्या है -- कृष्ण राज गुप्त
- रांची एक्सप्रेस के प्रथम संपादक कौन थे -- बलबीर दत्त
- किस वर्ष झारखण्ड में जमींदारी पुलिस की शुरुआत हुई -- 1806 ई. में
- झारखण्ड किस गोलार्द्ध में स्थित है -- उतरी गोलार्द्ध में
- झारखण्ड क्षेत्र का पहला नागरिक प्रशासक कौन था -- कप्तान विल्किन्सन्स
- बिरसा को गिरफ्तार करनेवाला अंग्रेज अधिकारी कौन था -- डॉ. रोजर्स
- बिरसा मुंडा के धार्मिक गुरु कौन थे -- आनंद पांडेय
- उलगुलान विद्रोह किससे जुड़ा था -- बिरसा मुंडा
- फल्गु नदी को झारखण्ड में किस नाम से जाना जाता है -- निरंजना या लीलाजन
- सबसे अधिक गर्म जल का जलकुंड कहाँ है -- सूरज कुंड (हजारीबाग)
- झारखण्ड का पहला जल विद्युत सयंत्र कौन है -- तिलैया (1953 )
- अजय नदी झारखण्ड में कहाँ से निकलती है -- राजमहल पहाड़ी से
- झारखण्ड उच्च न्यायलय के प्रथम मुख्य न्यायाधीश के रूप में किसे नियुक्त किया गया -- न्यायमूर्ति विनोद कुमार गुप्ता को
- दिशोम गुरु किसे कहा जाता है -- शिबू शोरेन को
- भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद पहली बार रांची आये थे -- मार्च 1953 ई. में
- झारखण्ड प्रदेश का प्रथम मुख्यमंत्री कौन थे -- श्री बाबूलाल मरांडी
- झारखण्ड मुक्ति मोर्चा की स्थापना किसने की -- शिबू सोरेन
- स्वर्ण संघ की स्थापना कहाँ की गई -- देवघर में
- झारखण्ड का सबसे छोटा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र कौन सा है -- चतरा
- सिस्टर निर्मला का वास्तविक नाम क्या है -- कुसुम जोशी
- बिरसा मुंडा पर सबसे पहले हिंदी में लेख किसने लिखा था -- जूलियस तिग्गा ने
- झारखण्ड के किस जिले की मिट्टी चमकती प्रतीत होती है -- कोडरमा
- झारखण्ड के किस नदी के रेत में सोना पाई जाती है -- स्वर्णरेखा नदी में
- ओलचिकी लिपि किसने तैयार की -- रघुनाथ मुर्मू ने
- इस्को गुफा की खोज किसने की -- बुलु-इमाम
- झारखण्ड का कौन सा गांव 'मंदिरों के गांव' के नाम से जाना जाता है -- मलूटी
- मैसूर के वृन्दावन गार्डन की डिजाइन पर झारखण्ड का पार्क बना है -- जुबली पार्क
- झारखण्ड में किस पठार पर सर्वाधिक वर्ष होती है -- नेतरहाट
- झारखण्ड में सोने की प्राप्ति कहाँ होती है -- कुडार-कोछा (सिंहभूम)
- झारखण्ड में किस प्रकार के वन हैं -- अर्ध पर्णपाती वन (शुष्क पतझर वन)
- संत कोलम्बस कॉलेज का पुराण नाम -- डब्लिन यूनिवर्सिटी मिशन कॉलेज
- झारखण्ड का कौन सा महाविदयालय विश्वविद्यालय स्तर का है -- इंडियन स्कूल ऑफ़ माइंस धनबाद
- इंदिरा गाँधी आवासीय बालिका विद्यालय कहाँ है -- हजारीबाग
- झारखण्ड में पूर्व रेलवे का डिवीज़न कार्यालय कहाँ है -- धनबाद
- झारखण्ड दक्षिण - पूर्व रेलवे का डिवीज़न कार्यालय कहाँ है -- चक्रधरपुर में
- किस कॉलेज को पहले डिग्री कॉलेज कहा जाता था -- रांची कॉलेज को
- झारखण्ड में जगन्नाथ मंदिर कहाँ स्थित है-- जगन्नाथपुर रांची में
- किस मंदिर के वंशगत पुजारी हरिजन है -- परशुराम मंदिर
- हिजला मेला कहाँ लगता है -- दुमका में
- रजरप्पा के प्रसिद्ध मंदिर किन दो नदियों के संगम पर है -- दामोदर और भेंड़ा नदी के संगम पर
- कौन सा नृत्य पुरुष प्रधान नृत्य है -- नटुआ
- जादुर नृत्य का सम्बन्ध किससे है -- सरहुल
- झारखण्ड में किस प्रसिद्ध लोकनृत्य में गायन का उपयोग बिलकुल नहीं किया जाता है -- छऊ लोक नृत्य में
- जादोपटिया चित्रकला किस समाज से सम्बंधित है -- संथाल समाज से
- 1928 ई. में एम्स्टरडम ओलिंपिक में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान -- जयपाल सिंह थे
- हेलेन सोय किस खेल से संबंधित है -- हॉकी
- भारतीय महिला हॉकी टीम के प्रथम कप्तान -- सुमराय टेटे
- भारतीय क्रिकेट टीम के प्रथम झारखंडी खिलाडी -- महेंद्र सिंह धोनी
- कीनन स्टेडियम के पुराना नाम क्या था -- टेप्पेल ग्राउंड
- कोल ट्रॉफी के नाम बदलकर अब क्या रखा गया है -- नीरजा कोल ट्रॉफी
- शेखर बोस किस खेल से सम्बंधित है -- वॉली बॉल
- मोहन आहुजा इनडोर स्टेडियम कहाँ है -- जमशेदपुर में
- झारखण्ड में पशुपालन
- झारखण्ड के कृषि अर्थव्यवस्था पशुपालन पर निर्भर करती है
- राज्य में दुधारू पशुओ की कुल संख्या 73 .41 लाख है
- राज्य में दूध का उत्पादन 3 .90 लाख टन प्रति वर्ष है
- राज्य में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 140 ग्राम है जो राष्ट्रिय औसत [225ग्राम ]से कम है
- दुधारू पशु के अतिरिक्त यहाँ मधुपालन , कुकुटपालन , लाह के कीड़े , रेशम के कीड़े , इत्यादि का पालन व्यावसायिक लाभ के लिए किया जाता है
- लाह एवं रेशम उत्पादन में ये भारत में प्रथम स्थान रखता है
- झारखण्ड की प्रमुख नदिया एवं उदगम स्थल
1. स्वर्णरेखा नदी - पिस्कानगड़ी [रांची ]के रानी चुआं से निकलकर हुंडरू जलप्रपात बनाते हुए बंगाल की खाड़ी में स्वतंत्र रूप से गिरती है
- 2. शंख - नेतरहाट पठार [गुमला जिले का चैनपुर प्रखंड ]से उड़ीसा में दक्षिण कोयल में मिलती है
- 3. फल्गु - उत्तरी छोटानागपुर पठार से निकलकर मगध क्षेत्र में निरंजन या नीलजल कहलाती है
- 4. उत्तरी कोयल - रांची पठार के मध्य भाग से निकल कर सोन नदी में मिलती है
- 5. औरंगा नदी - लोहरदगा के किस्को से निकल कर उत्तर कोयल में मिलती है
- 6. दक्षिणी कोयल - रांची के हेमाकोटा [डमसा ]से निकलकर शंख नदी [उड़ीसा ]में मिलती है
- 7. सकरी - उत्तरी छोटानागपुर पठार से निकलकर मगध क्षेत्र जाती है
- 8. बराकर -उत्तरी छोटानागपुर के पहाड़ियों से दामोदर नदी में मिल जाती है
- 9. दामोदर [देव ]-लातेहार [सबसे लम्बी नदी ]से निकलकर हुगली बंगाल में मिलती है
- 10. पंचाने -उत्तरी छोटानागपुर पठार से निकलकर पांच जलधाराओं का निर्माण करती है
- 11. मयूराक्षी -देवघर के विडूर या त्रिकूट पहाड़ी से निकलकर गंगा नदी में मिलती है
- 12. अजय -मुंगेर से निकलकर भगीरथ नदी में मिला जाती है
- 13. गंगा -साहेबगंज से गुजरती है
- झारखण्ड में उद्योग
- बोकारो इस्पात संयंत्र -1967 [पूर्व सोवियन संघ की सहायता से ]
- हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड , घाटशिला -1924
- इंडियन एल्युमिनियम कंपनी , मुरी -1938
- हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड -धनबाद
- इंडियन एक्सप्लोसिब्स फैक्टरी -गोमिया 1955 [ग्रेट ब्रिटेन की सहायता से ]
- हाईटेंसन इंसुलेटर फैक्टरी -1961 [चेकोस्लोवाकिया की सहायता से ]
- नेशनल प्रॉजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड -1956
- माइनिंग एंड एलाइड इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड , रांची -1965
- नॅशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड -1958
- हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड , रांची -1958 [पूर्व यू० एस० एस० आर० ]
- पाइराइट्स फॉस्फेट्स एंड कैमिकल्स लि. सिंदरी -1951
- फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया लि. सिंदरी -1951
- इम्पीरियल कैमिकल्स फैक्टरी [लन्दन की सहायता से ]-1943
- टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी लि. जमशेदपुर -1921
- टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी लि. जमशेदपुर -1907
- यूरेनियम प्रोसेसिंग प्लांट , जादूगोड़ा -1967
- लौह इस्पात उद्योग - टाटा नगर, बोकारो
- अल्युमीनियम उद्योग - मुरी [रांची ]
- तांबा उद्योग - घाटशिला , कारडोबा, जादूगोड़ा
- जस्ता - टूंडू
- कांच उद्योग -कतरासगढ़ , अंबोना, रामगढ़ , खेलारी , कुमार डुब्बी
- चमड़ा उद्योग -रांची
- मोटरगाड़ी उद्योग -जमशेदपुर
- इंजीनियरिंग उद्योग -रांची , बोकारो , चंद्रपुरा , रामगढ़ , डाल्टेनगंज , गिरिडीह , कर्णपुरा , सहजोरी पुचबारा , हुतार
- कुकिंग कोयला उद्योग -जमशेदपुर , सिंदरी बनियाडीह
- कोयला धोबन उद्योग -बोकारो , जामाडोबा , लोदना , करगली , दुग्धा, भोजुडीह , पाथरडीह , कर्णपुरा
- बारूद कारखाना - गोमिया
- शराब - रांची
- रिफैक्ट्री उद्योग - कुमारडुब्बी चिरकुंडा , मुग्गा , झरिया
- हस्तकरघा वस्त्र उद्योग - रांची , हजारीबाग , डाल्टेनगंज
- सूती वस्त्र उद्योग - गिरिडीह , जमशेदपुर , रांची
- तसर रेशम उद्योग - रांची , संथालपरगना , सिंहभूम , पलामू , हजारीबाग
- तम्बाकू उद्योग - सरायकेला , चक्रधरपुर संथालपरगना
- चावल और दाल मिल - साहेबगंज
- लकड़ी के कारखाने - सिंहभूम , रांची , चाईबासा , चक्रधरपुर , हजारीबाग
- कागज और लुगदी उद्योग -संथालपरगना
- प्लाइवुड के कारखाने -चकुलिया, रांची
- लाख उद्योग -रांची , सिंहभूम , हजारीबाग
- जमशेदपुर स्थित टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी लिमिटेड [TISCO]एशिया का प्रथम लौह इस्पात उद्योग केंद्र है
- जमशेदपुर इस्पात के कारखाने को स्वर्णरेखा , खरकई नदी से जलापूर्ति होती है
- जमशेदपुर के कारखाने को लौह अयस्क सिंहभूम एवं क्योझर से प्राप्त होता है
- अल्युमिनियम का मुख्य अयस्क बॉक्साइड लोहरदगा से प्राप्त होता है
- झारखण्ड में कुल छः सीमेंट के कारखाने है
- झारखण्ड में सीसा उद्योग का 12 केंद्र है जिनमे 6 रामगढ़ के इर्द -गिर्द है
- भुरकुंडा स्थित सीसा उद्योग जापान के सहयोग से स्थापित किया गया है
- झारखण्ड पूरे देश का 50 प्रतिशत से अधिक कच्चे तसर 'रेशम' का उत्पादक है
- तम्बाकू उत्पादन एवं कच्चे रेशम का उत्पादन में सिंहभूम क्षेत्र अग्रणी है
- सिंदरी उर्वरक कारखाना एशिया का सबसे बड़ा कारखाना है
- झारखण्ड में राज्य सरकार के औद्योगिक उपक्रम
- सुपर फॉस्फेट लिमिटेड , धनबाद
- बेकन फैक्टरी, रांची -1966
- हिल एरिया लिफ्ट इरिगेशन कॉरपोरेशन, रांची
- इलेक्ट्रिक इक्यूपमेंट फैक्टरी, रांची
- माइका सिंडीकेट लिमिटेड , हजारीबाग
- झारखण्ड राज्य के कृषि
- प्रमुख फसल -धान
- कुल संचित भूमि -1 .95 लाख हेक्टेयर [8 .7 प्रतिशत]
- कुल कृषि योग्य भूमि -38 लाख हेक्टेयर जो कुल भूमि का 22 .7 प्रतिशत है
- कुल भूमि जिसमे खेती की जा रही है -18 .07 लाख हेक्टेयर [29 .8% ]
- सिंचाई के साधन - नहर , कुएं, नलकूप , तालाब आदि
- यहाँ की कुल कृषि क्षेत्र का 29.8 प्रतिशत शुद्ध कृषि क्षेत्र है
- पलामू एवं हजारीबाग में शुद्ध कृषि क्षेत्र का विस्तार क्रमश 17 % एवं 15 % है
- झारखण्ड के कुल कृषि योग्य भूमि के 61 प्रतिशत भू-भाग पर धान की खेती की जाती है
- झारखण्ड में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय एकमात्र कृषि विश्वविद्यालय है
- भदई धान की खेती मुख्यत: रांची , सिंहभूम एवं पलामू जिले में होती है
- झारखण्ड की दूसरी मुख्य फसल मकई है यह राज्य के कुल बोए गए क्षेत्र के 5 .97 प्रतिशत भू भाग पर मक्का की खेती की जाती है
- मक्का के मुख्य उत्पादक जिले - हजारीबाग , रांची , पलामू , एवं संथाल परगना है
- झारखण्ड के अधिकांश जनजातीय आबादी कृषि पर आधारित है
- झारखण्ड में सर्वाधिक सिंचाई नहर से होती है
- झारखण्ड की भूमि उपयोग प्रतिरूप के अंतर्गत ग़ैरकृषिगत भूमि 7.2 प्रतिशत है
- झारखण्ड के वन
- झारखण्ड के कुल क्षेत्र का 29 .95 प्रतिशत भाग में वन है
- यहाँ के वनो में शुष्क पतझड़ वनो की अधिकता है
- राज्य के कुल 23473 वर्ग किमी क्षेत्र में वनो का विस्तार है
- अति संघन वन 2587 वर्ग किमी , सामान्य संघन वन 9667 वर्ग किमी एवं खुले वन 11219 वर्ग किमी में फैले हुए है
- वनो का सर्वाधिक विस्तार क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से पश्चिम सिंहभूम [सारंडा , कोल्हान , पौरहाट और चाईबासा ]में है वनो के प्रतिशत विस्तार में चतरा का प्रथम स्थान है
- मुख्यत: यहाँ पर तीन प्रकार के वन है जिनका विवरण इस प्रकार है -
1. शुष्क पतझड़ वन - पलामू , उत्तरी गढ़वा , चतरा, कोडरमा , गिरिडीह , देवघर , उत्तरी हजारीबाग प्रमुख वृक्ष - सेमल , पलाश , महुआ , आसन, आँवला, खैर , हर्रे इत्यादि
2. आर्द्र प्रायद्वीपीय वन -पूर्व एवं पश्चिम सिंहभूम , संथाल परगना प्रमुख वृक्ष - साल , कुसुम , महुआ इत्यादि
3. शुष्क प्रायद्वीपीय वन -बोकारो , धनबाद , जामताड़ा , सिमडेगा , लोहरदगा , गुमला , हजारीबाग , रांची प्रमुख वृक्ष - साल , आम , कटहल , जामुन , गूलर , अमलतास इत्यादि
- झारखण्ड के अभ्यारण्य एवं राष्ट्रीय उद्यान
- बेतला राष्ट्रीय उद्यान -लातेहार -1986 -बाघ , सांभर, हाथी, चीतल , गौर
- हजारीबाग अभ्यारण्य -हजारीबाग -1976 - तेंदुआ , बाघ , सांभर , नीलगाय
- दलमा अभ्यारण्य -पूर्वी सिंहभूम -1976 -हाथी
- तोपचांची अभ्यारण्य -धनबाद -1978 -भेड़िया , सांभर , चीता, लंगूर , तेंदुआ इत्यादि
- महुआटांड़ वोल्फ अभ्यारण्य -लातेहार -1976 - भेड़िया
- पारसनाथ अभ्यारण्य -गिरिडीह -1981 -तेंदुआ , सांभर , हिरन , गिरिडीह नीलगाय
- कोडरमा अभ्यारण्य -कोडरमा -1985 -सांफर , चीता, हिरण, नीलगाय
- गौतमबुद्ध अभ्यारण्य -कोडरमा -1971 -चीता
- लावालौंग अभ्यारण्य -चतरा -1978 -बाघ , चीता .जंगली सूअर ,
- पालकोट अभ्यारण्य -गुमला , 1990 -चीता , तेंदुआ
- उधवा लेक बर्ड -साहेबगंज -1991 विभिन्न प्रकार के पक्षी
- राजमहल जीवाश्म अभ्यारण्य साहेबगंज - कबूतर , बुलबुल
- बाघ की गणना सर्वप्रथम बेतला में की गई थी
- क्षेत्रफल की दृष्टि से सर्वाधिक वनाच्छादित जिला -पश्चिमी सिंहभूम
- क्षेत्रफल की प्रतिशत की दृष्टि से सर्वाधिक वनाच्छादित जिला -चतरा
- क्षेत्रफल की दृष्टि से न्यूनतम वनाच्छादित जिला -धनबाद
- क्षेत्रफल की प्रतिशत की दृष्टि से न्यूनतम वनाच्छादित जिला -धनबाद
- प्रति व्यक्ति वन का क्षेत्रफल - 0.079 हेक्टेयर