कृष्ण काव्य में माधुर्य भक्ति के कवि/बिहारिन देव की रचनाएँ


विहारिनदेव की वाणी निम्न दो भागो में विभक्त है:

  • सिद्धान्त के दोहे ( लगभग ८०० )
  • शृंगार के पद (लगभग ३०० )