बिहार का परिचय/बिहार की विभूतियाँ

कौटिल्य के अर्थशास्त्र में 15 ग्रंथ हैं। विलियम जोंस ने चंद्रगुप्त की पहचान सैंड्रोकॉटोस के रूप में की है।

  • शिवनाथ शास्त्री को प्रेरक शक्ति और बिहार में ब्रह्म आंदोलन के मार्गदर्शक भावना के रुप में माना जाता है। 1858 में ब्रह्म समाजी बनकर केशव चंद्र सेन के विचारों का प्रचार प्रसार किया। मुंगेर शहर उनकी गतिविधि का पहला केंद्र बना।
  • केशव राम भट्ट बिहार के शेरिफ परिवार से थे। इन्होंने 1872 में बिहार बंधु नामक पहला हिंदी साप्ताहिक की शुरु्आत की।
  • डॉ.सैयद महमूद ने अपने कैरियर की शुरुआत पटना उच्च न्यायालय में 1913 में एक बैरिस्टर के रूप में की और प्रसिद्ध मस्जिद कानपुर केस 1913 में मजहरुल हक की सहायता की। वह कट्टर राष्ट्रवादी मुस्लिम थे और स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाई थी।उन्होंने दिसंबर 1905 में कांग्रेस के बनारस सत्र में भाग लिया। 1917 में होमरूल लीग,1920 में असहयोग और खिलाफत आंदोलन में भाग लिया और अप्रैल 1922 में एक दौरे में भाषण के दौरान कैद कर लिए गए।
  • बनारसी सिंह मुंगेर जिला बिहार के गांव इंदुपुर के निवासी थे।उनके पिता का नाम जमुना सिंह था। उन्होंने अगस्त 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्हें 28 सितंबर 1942 को बरही में पुलिस की गोलीबारी में गोलियां लगीं। दो दिन बाद एक अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई।