भारत का भूगोल/नकदी फसल
कपास(मालवेसी कुल)
सम्पादन- देशज कपास और अमेरिकन कपास दो प्रजाति भारत में पाई जाती है।
- कपास भारत देशज पौधा है।
- ऋग्वेद एवं मनुस्मृति जैसे प्राचीन ग्रंथों में भी इसका उल्लेख मिलता है।
- भारत विश्व का पहला देश है जहां कपास की संकर किस्म विकसित हुई।
- उपयोगी दशाएं काली मिट्टी
तापमान 25 से 35 डिग्री सेल्सियस एवं ओला रहित अवधि 200 दिन स्वच्छ आकाश तेज व चमकदार धूप । तथा बर्षा 75 से 100 सेंटीमीटर वार्षिक
- 7.52% क्षेत्र पर खेती होती है।
- उत्तर पश्चिम और पश्चिम भारत कपास का प्रमुख उत्पादक क्षेत्र है।
- गुजरात, महाराष्ट्र,तेलंगाना आंध्र प्रदेश प्रमुख उत्पादक क्षेत्र।
- कपास को महाराष्ट्र में श्वेत स्वर्ण के नाम से जाना जाता है।
- मध्य प्रदेश राज्य के पश्चिमी भाग में मालवा पठार एवं नर्मदा घाटी क्षेत्रों में की जाती है।
- मध्य प्रदेश (शाजापुर-उज्जैन) जिलों को कपास की खेती के कारण सफेद सोने का क्षेेत्र भी कहा जाता है।
गन्ना (ग्रेमिनी कुल)
सम्पादन- उष्णकटिबंधीय पौधा है,परंतु उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में भी उगाया जाता है।
- 20 से 26 डिग्री सेल्सियस तापमान एवं आठ माह वर्षा 150 सेंटीमीटर।
- सर्वाधिक भूमि उत्तर प्रदेश>महाराष्ट्र
- भारत में शुद्ध शकल कृषि क्षेत्र में सर्वाधिक सिंचित क्षेत्र गन्ना (95.3%) है।
- 2014-15 गन्ना के चार उत्पादक राज्य
उत्तर प्रदेश>महाराष्ट्र> कर्नाटक >तमिलनाडु।
- गन्ना उत्पादन के एक व्यवहारिक उपागम जिसे 'धारणीय गन्ना उपक्रमण'अर्थात सतत गन्ना पहल पद्धति कहा जाता है।
- 2009 में ICRISAT-WWFकी पहल से प्रारंभ इस उपक्रम में बीज की लागत कम & ड्रिप सिंचाई का प्रयोग।अकार्बनिक एवं कार्बनिक दोनों रसायनों का प्रयोग।
- कोयंबटूर में गन्ने के प्रजनन का कार्य (1912 गन्ना प्रजनन संस्थान की स्थापना) 1 अप्रैल 1969 को आईसीएआर का भाग।
- गन्ने की अडसाली फसल की खेती महाराष्ट्र के कम वर्षा वाले क्षेत्रों में ।
- जुलाई-अगस्त बुवाई/पकने में 18 माह।
- भारत चीन के बाद चीनी का सबसे बड़ा उपभोक्ता है।
- 1903 में प्रथम चीनी मिल उतर प्रदेश के देवरिया जिले के प्रतापपुर में स्थापित की गई थी।
- U.P शक्कर का प्याला
- 1960 में उतर प्रदेश और बिहार प्रमुख उत्पादक।
- दक्षिण भारत के गन्ने में शर्करा की अधिक मात्रा पाई जाती है।
- भारत विश्व में चीनी का दूसरा बड़ा (ब्राजील के बाद) उत्पादक देश है।
- ब्राजील
- भारत
- चीन
राज्यों में उतर प्रदेश> महाराष्ट्र सूती वस्त्र के बाद चीनी उद्योग सबसे बड़ा कृषि आधारित उद्योग है। 2014 में विश्व में चीनी का उत्पादन 17235 मिलियन टन ब्राजील का हिस्सा 35.53 मिलियन टन तथा भारत का हिस्सा 26.03 मिलियन टन था। भारत में विश्व का 15.1% चीनी का उत्पादन होता है।
चाय
सम्पादनचाय की खेती के लिये अनुकूल स्थितियाँ
जलवायु: चाय एक उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय पौधा है। यह गर्म और आर्द्र जलवायु में अच्छी तरह से वृद्धि करता है।
तापमान: इसकी वृद्धि के लिये आदर्श तापमान 20°-30°C है।
वर्षा: इसके लिये वर्ष भर 150-300 सेमी. औसत वर्षा की आवश्यकता होती है।
मृदा: चाय की खेती के लिये सबसे उपयुक्त छिद्रयुक्त अम्लीय मृदा (कैल्शियम के बिना) होती है, जिसमें जल आसानी से प्रवेश कर सके।
कॉफी
सम्पादनइसके पौधों के लिये 15°C से 28°C के बीच तापमान के साथ गर्म एवं आर्द्र जलवायु तथा 150 से 250 सेमी. तक वर्षा होती है। यह उष्णकटिबंधीय से उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाई जाती है। तुषार, बर्फबारी, 30° से अधिक तापमान, तेज़ धूप आदि कॉफी की फसल के लिये अच्छे नहीं माने जाते और आमतौर पर इसे छायादार पेड़ों के नीचे उगाया जाता है। अतः कथन 3 सही है। इसके फलों (Berries) के पकने के समय शुष्क मौसम आवश्यक है। स्थिर पानी इसके हानिकारक है और यह फसल समुद्र तल से 600 से 1,600 मीटर की ऊँचाई पर पहाड़ी ढलानों पर उगाई जाती है।