भाषाविज्ञान/भाषा की परिभाषा एवं अभिलक्षण, भाषा के प्रकार

भाषा की उत्पत्ति चाहे जब भी जिस प्रक्रिया से भी हुई हो, व्यावहारिक तौर पर वह जिन दो प्रतीकात्मक रूपों में प्रकट होती है उन्हें हम ध्वनि प्रतीक या लिपि प्रतीक कह सकते हैं। इनमें ध्वनि प्रतीकों की उत्पत्ति और उनके प्रत्यक्ष होने में मानव-वागीन्द्रिय द्वारा उत्पत्ति, वायु के भौतिक गुण-धर्म द्वारा संवहन तथा कान के द्वारा ग्रहण की प्रक्रिया संपन्न होती है। ध्वनि प्रतीकों पर ही आश्रित लिपि प्रतीकों का किसी आधार (फलक, काग़ज़ आदि) पर अंकित विशेष चिह्नों के साथ हमारी आँखों के संयोग से प्रत्यक्षीकरण होता है।कुछ प्रमुख भाषाविज्ञानियों की परिभाषाओं को निम्नलिखित रूप मे देखा जा सकता है -