मध्यप्रदेश लोक सेवा सहायक पुस्तिका/मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम-1993
- भारत गणतंत्र राज्य के 44 में वर्ष 8 जनवरी 1994 में संसद द्वारा अधिनियमित।
- कुल अध्याय-8 और कुल धाराएं-43
अध्याय 1 प्रारंभिक[धारा-1&2]
सम्पादन- धारा-1(i)संक्षिप्त नाम,विस्तार और प्रारंभ
- धारा-1(ii)संपूर्ण भारत में लागू।
- धारा-1(iii)28 सितंबर 1993 से प्रवृत।[M.P.PSC-2018,16]
धारा 2 अधिनियम में वर्णित शब्दों की परिभाषाएँ
सम्पादन- ट्रिक-आर्मी ने मारा अध्यक्ष पास गए अध्यक्ष ने आयोग को मानवाधिकारों के लिए केस किया जो न्यायालय में पहुंचा न्यायालय ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय को आधार मानते हुए कार्यवाही की।
- M,SC,ST,W[M-Minority,..W_women commission]
- GPS-[G-गजट या अधिसूचना/विहित/P-लोकसेवक/S-राज्य आयोग]
- धारा 2A-सशस्त्र बल- [M.P.PSC-2018]
- धारा 2B-अध्यक्ष
- Cआयोग-धारा 3 के अंतर्गत गठित राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
- D-मानव अधिकार
- E-मानव अधिकार न्यायालय-धारा 30 के अधीन विनिर्दिष्ट
- F-अंतरराष्ट्रीय प्रसंविदा,16 दिसंबर1966 को संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा अंगीकृत।
- G-सदस्य
- H-राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग-राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम 1992 की धारा 3 के अधीन गठित।
- I-राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग अनुच्छेद 338
- IA-राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग 338क
- J-राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम 1990 की धारा 3 से गठित
- K-अधिसूचना
- L-विहित
- M-लोक सेवक IPC की धारा 1860 की धारा 21 में वर्णित।[M.P.PSC-2016]
- N-राज्य आयोग धारा 21 के अधिन गठित
अध्याय-2 राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग[धारा-3से11]/अध्याय-5 राज्य मानवाधिकार आयोग[धारा-21से29]
सम्पादन- धारा-3-राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन=धारा-21
- धारा 4 अध्यक्ष तथा अन्य सदस्यों की नियुक्त=धारा-22
- धारा 5 अध्यक्ष और सदस्यों का त्यागपत्र और हटाया जाना=धारा-23
- धारा-6-अध्यक्ष एवं सदस्यों की पदावधि[5वर्ष या 70वर्ष]=धारा-24[M.P.PSC-2018,17]
- धारा 7 कतिपय परिस्थितियों में सदस्य का अध्यक्ष के रूप में कार्य करना।=धारा-25
- धारा 8 अध्यक्ष और सदस्यों की सेवा के निबंधन और शर्तें।=धारा-26
- धारा 9 रिक्तियों आदि से आयोग की कार्यवाहिओं का अविधिमान्य न होना=धारा-27
- धारा 10 प्रक्रिया का आयोग द्वारा विनियमित किया जाना।
- धारा 11-आयोग के अधिकारी और अन्य कर्मचारी।
- धारा 28 राज्य आयोग की वार्षिक और विशेष रिपोर्ट-राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगा। [M.P.PSC-2018]
- धारा 29 राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से संबंधित कतिपय बंधुओं का राज्य आयोग ऊपर लागू होना।
धारा-3-राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन
सम्पादन- आयोग का गठन पांच सदस्यों से मिलकर होगी इसमें
- एक अध्यक्ष जो उच्चतम न्यायालय का मुख्य न्यायमूर्ति रहा है
- एक सदस्य उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश है या रहा है।
- 1 सदस्य जो किसी उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायमूर्ति है या रहा है।
- 2 सदस्य जो ऐसे व्यक्तियों में से नियुक्त किए जाएंगे जिन्हें मानव अधिकारों से संबंधित विषयों का ज्ञान या व्यवहारिक अनुभव है।
- राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग,राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग,राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष धारा 12 के खंड(ख/B) से खंडवाी से खंड(J) तक में विनिर्दिष्ट कार्यों के निर्वहन के लिए आयोग के सदस्य समझे जाएंगे।[M.P.PSC-2018]
- आयोग का मुख्यालय दिल्ली में होगा एक महासचिव होगा आयोग का मुख्य कार्यपालक अधिकारी होगा।
- अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति ऐसी समिति से होगी जिसमें
- प्रधानमंत्री अध्यक्ष तथा अन्य सदस्य जैसे
- लोकसभा का अध्यक्ष
- भारत सरकार के गृह मंत्रालय का मंत्री
- लोकसभा के विपक्ष का नेता
- राज्यसभा में विपक्ष का नेता
- राज्यसभा का उपसभापति।[M.P.PSC-2014]
- आयोग के अधिवेशन का स्थान व समय अध्यक्ष तय करेगा।
सचिव लेवल का अधिकारी महासचिव इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर डीजीपी रैंक का
अध्याय 3 मानवाधिकार आयोग के कार्य और शक्तियां
सम्पादन- धारा 12 आयोग के कार्य
- धारा 13 जांच से संबंधित शक्तियां
- धारा 14 अन्वेषण।
- धारा 15 आयोग को किसी व्यक्ति द्वारा किया गया अभी कथन।
- धारा 16 प्रतिकूल प्रभाव डालने की संभावना पर व्यक्तियों की सुनवाई।
अध्याय 4-प्रक्रिया [धारा 17से 20]
सम्पादन- धारा 17 शिकायतों की जांच ।
- धारा 18 जांच के दौरान उठाए गए कदम।
- धारा 19 सशस्त्र बलों के संबंध में प्रक्रिया।
- धारा-20 आयोग की विशेष एवं वार्षिक रिपोर्ट
प्रथम अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री रंगनाथ मिश्रा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला उपसभापति राज्यसभा श्री हरिवंश नारायण सिंह।
अध्याय 6 मानवाधिकार न्यायालय[धारा-30&31]
सम्पादन- धारा-30- मानव अधिकार न्यायालय[प्रत्येक जिले में एक सत्र न्यायालय होगा]
- धारा 31-विशेष लोक अभियोजक
अध्याय 7-वित्त,लेखा एवं परीक्षा[धारा-32से 35]
सम्पादन- धारा-32 केंद्रीय सरकार द्वारा अनुदान
- धारा-33 राज्य सरकार द्वारा अनुदान
- धारा 34 लेखा और संपरीक्षा
- धारा 35 राज्य आयोग के लेखा और संपरीक्षा।
अध्याय 8 विविध[MISCELLANEOUS/धारा 36से43 ]
सम्पादन- धारा 36 आयोग की अधिकारिता के अधीन न आने वाले विषय
- धारा 37 विशेष अन्वेषण दलों का गठन।
- धारा 38 सद्भावपूर्वक की गई कार्रवाई के लिए संरक्षण
- धारा 39 सदस्य एवं अधिकारी लोकसेवक होंगे।[M.P.PSC-2018]
- धारा 40 नियम बनाने की केंद्र सरकार की शक्ति।
- धारा 40(क)पूर्ववर्ती रूप से नियम बनाने की शक्ति
- धारा 40 ख आयोग की विनिमय बनाने की शक्ति
- धारा 41 राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति
- धारा 42 कठिनाइयों को दूर करने की शक्ति
- धारा 43 निरसन और व्यावृति।
मध्यप्रदेश लोक सेवा में इस अधिनियम से पूछे गए प्रश्नोत्तर
सम्पादन[M.P.PSC-2018]
- भारतीय दंड संहिता की धारा 175,धारा 178,धारा 179,धारा 180 या धारा 228 में वर्णित अपराध के संदर्भ में मानव अधिकार आयोग को समझा जाता है:-सिविल न्यायालय।
- सशस्त्र बलों के सदस्यों द्वारा मानव अधिकारों के अतिक्रमण की शिकायतों के बारे में आयोग व प्रेरणा से या किसी अर्जी की प्राप्ति कर-
केंद्र सरकार से रिपोर्ट मांग सकेगा।
- राज्य मानव अधिकार आयोग में सदस्य के रूप में उच्च न्यायालय का कोई आसीन न्यायाधीश या कोई आसीन जिला न्यायाधीश किसके परामर्श के पश्चात नियुक्त किया जा सकता है-संबंधित राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश।
- राज्य आयोग के अध्यक्ष के पद पर हुई व्यक्ति की दशा में किसी एक सदस्य को अध्यक्ष के रूप में कार्य करने के लिए प्राधिकृत करने की शक्ति किसे है;-राज्यपाल को
- आयोग राज्य आयोग का प्रत्येक सदस्य एवं मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम के अधीन कृतियों का प्रयोग करने के लिए आयोग या राज्य आयोग द्वारा नियुक्त या प्राधिकृत प्रत्येक अधिकारी समझा जाता है:-लोक सेवक।
- संरक्षण अधिनियम में सशस्त्र बल की परिभाषा में राज्य के सशस्त्र बल शामिल नहीं है।
[M.P.PSC-2015]
- मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 का उद्देश्य था:-
मानव अधिकारों का बेहतर संरक्षण मानव अधिकार सुरक्षा आयोग का गठन राज्य में मानव अधिकार सुरक्षा आयोग का गठन उपयुक्त सभी।
- अनुच्छेद-123 के अंतर्गत राष्ट्रपति अध्यादेश जारी करने की शक्ति रखता है।
[M.P.PSC-2014] राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है।
[M.P.PSC-2013] 10दिसंबर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है।
स्मरणीय तथ्य
सम्पादन- 13 दिसंबर 1995 को मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग का गठन किया गया इसका मुख्यालय भोपाल में है।
- पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन 1993 में हुआ और इसे 29 जून 1995 को मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम के माध्यम से वैधानिक स्वरूप प्रदान किया गया
- मध्य प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग स्थापना 1995 में हुई।
- मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग का गठन 23 मार्च 1998 को हुआ।