मध्यप्रदेश लोक सेवा सहायक पुस्तिका/सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम-1955

  • 8 मई 1955 में पारित
  • 1 जून 1955 से
धारा-1संक्षिप्तनाम,विस्तार और प्रारंभ
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  • धारा-1(i)-सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम-1955
  • धारा-1(ii)-संपूर्ण भारत में लागू।
  • धारा-1(iii)-1 जून 1955 से लागू।
धारा-2 अधिनियम में वर्णित शब्दों की परिभाषाएं
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ट्रिक-CHOPE की Worship विहित है SC की SHOP में।

  • धारा 2 क सिविल अधिकार
  • धारा 2 कक होटल
  • धारा 2B-स्थान
  • धारा 2C-लोक मनोरंजन स्थल
  • धारा 2D-लोक पूजा स्थल
  • धारा 2DI(घक)विहित
  • धारा 2DII(घख)अनुसूचित जाति
  • धारा 2Eदुकान
सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम में दंड के उपबंध
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3-12तक का ट्रिक-DSAMAAL ने अनुदान का दुष्प्रेरण किया तो सरकार ने सामूहिक जुर्माना लगाकर पश्चातवर्ती दोषसिद्धि हेतु उपधारणा बनाई।

  • धारा-3 धार्मिक निर्योग्यताएँ लागू करने के लिए दंड।कारावास-न्यूनतम 1 माह और अधिकतम 6 माह तक।जुर्माना न्यूनतम ₹100 और अधिकतम ₹500
  • धारा 4 सामाजिक निर्योग्यताएँ लागू करने के लिए दंड।कारावास न्यूनतम 1 माह और अधिकतम 6 माह जुर्माना न्यूनतम ₹100 और अधिकतम ₹500
  • धारा 5 अस्पतालों आदि में व्यक्तियों को प्रवेश करने देने से इनकार करने के लिए दंड।(अस्पृश्यता के आधार पर)
  • धारा 6 माल बेचने या सेवा करने से इनकार के लिए दंड।(अस्पृश्यता के आधार पर)
  • धारा 7 अस्पृश्यता उद्भूत अन्य अपराधों के लिए दण्ड। कारावास 1 माह और अधिकतम 6 माह।
  • धारा 7क-विधिविरुद्ध अनिवार्य श्रम कब'अस्पृश्यता' का आचरण समझा जाएगा।
  • धारा 8 कुछ दशकों में अनुज्ञप्तियों(लाइसेंस) का रद्द या निलंबित किया जाना।
  • धारा 9 सरकार द्वारा किए गए अनुदानों का पुनर्ग्रहण या निलंबन।
  • धारा 10 अपराध का दुष्प्रेरण।
  • धारा 10 A सामूहिक जुर्माना आरोपित करने की राज्य की शक्ति।[M.P.Psc-2018]
  • धारा 11 पश्चातवर्ती दोषसिद्धि पर वर्धित जुर्माना (दोबारा)।
  • धारा 12 कुछ मामलों में न्यायालय द्वारा उपधारणा।

13-16-ट्रिक-JCB को चलाने के लिए CDOP का Rule।

  • धारा 13 सिविल न्यायालय की अधिकारिता की परिसीमा।
  • धारा 14 कंपनियों द्वारा अपराध।[M.P.Psc-2018]
  • धारा 14 क के अंतर्गत सद्भावनापूर्वक की गई कार्यवाही के लिए संरक्षण का उपबंध किया गया है।[M.P.Psc-2018]
  • धारा 15 अपराध संज्ञेय या संक्षेपत: विचारणीय होंगे।
  • 15 क अस्पृश्यता का अंत करने से प्रोद्भूत अधिकारों का संबंधित व्यक्तियों द्वारा फायदा उठाना सुनिश्चित करने का राज्य सरकार का कर्तव्य।
  • धारा 16 अधिनियम अन्य विधियों का अध्यारोहण करेगा।
  • धारा 16Aअपराधी परिवीक्षा अधिनियम,1958 का 14 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों पर लागू ना होना।
  • धारा 16B नियम बनाने की शक्ति.
  • धारा 17 निरसन।