मूत्र-मार्ग का संक्रमण

मूत्र मार्ग संक्रमण, जिसे UTI भी कहा जाता है, मूत्राशय या गुर्दों का संक्रमण है।

UTI निम्नलिखित से कीटाणुओं द्वारा हो सकता है:

  • मूत्र, जो आपके द्वारा मूत्रत्याग करने के बाद आपके मूत्राशय में रह जाता है।
  • गुर्दों में कोई अवरोध या गुर्दे की पथरी।
  • तंग स्लैक्सों, नाईलोन के अंडरवियरों या सम्भोग से जलन।
  • कम हाइजीन (सफाई) बरतना।
  • मूत्र को निकालने के लिए डाली गई ट्यूब।
  • मल।
  • मूत्रत्याग करते समय जलन या दर्द।
  • अचानक या बार-बार मूत्रत्याग करने की ज़रूरत।
  • मूत्र में रक्त होना, इसका धुँधला होना या इसमें से तीखी गंध आना।
  • पीठ के निचले हिस्से में दर्द।
  • थकान या अस्वस्थ अनुभव करना।


आपकी देखभाल

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अपने चिकित्सक को अपने लक्षणों के बारे में बताएँ। आपके उपचार में निम्नलिखित सम्मिलित हो सकते हैं:

  • प्रतिदिन कम से कम 8 गिलास पानी पीना।
  • कैफीन वाले पेय पदार्थों जैसे कॉफी, चाय और सॉफ्ट ड्रिंक्स का सेवन न करना।
  • एंटीबायोटिक लेना। सभी प्रतिजैविक आदेश के अनुसार तब तक लें, जब तक बोतल खाली न हो जाए। यदि आप पूरी दवा नहीं लेते, तो आपका संक्रमण लौट सकता है या तीव्र हो सकता है।


UTI रोकने के उपाय

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  • अपने जननांग क्षेत्र को साफ रखें।
  • टब के स्नान की जगह शॉवरों का उपयोग करें।
  • अपने मूत्राशय को प्रत्येक कुछ घण्टों के बाद खाली करें, चाहे आपको ऐसा लगता हो कि यह भरा हुआ नहीं है।
  • महिलाओं को शौचालय जाने के बाद हमेशा आगे से पीछे की ओर पोंछना चाहिए।
  • सम्भोग से पहले और बाद अपना मूत्राशय खाली करें।
  • सूती अंडरवियर और ढीली पेंटें पहनें।
  • दिन में 8-10 गिलास तरल पदार्थ पिएँ। वे तरल पदार्थ सम्मिलित करें जिनमें विटामिन C अधिक मात्रा में है, जैसे संतरे या करौंदे का रस।
  • अल्कोहल और कैफीन वाले खाद्यों और पेयों का सेवन न करें।
यदि आपको निम्नलिखित हो तो अपने चिकित्सक को तुरन्त फोन करें
  • आपमें UTI के लक्षण हों।
  • आपको मतली या उलटी हो।
  • आपकी पीठ में दर्द हो।
  • आपको अपनी दवाओं से समस्याएँ हों।
  • उपचार से 48 घण्टे में सुधार न होता हो या आपके लक्षण 24 घण्टों में और तीव्र हो जाएँ।


यदि आपका कोई प्रश्न या शंका हो, तो अपने चिकित्सक या नर्स से पूछें।