रसायन विज्ञान तथ्यसमुच्चय--१
- रसायन विज्ञान के महत्वपूर्ण तत्थ्य
1. एन्थ्रासाइट कोयले में सर्वाधिक कार्बन की मात्रा होती है। बिटुमिनस कोयला विश्व में सर्वाधिक पाया जाता है। पीट कोयला सबसे निम्न कोटि का कोयला है।
2. मोनोजाइट थोरियम का अयस्क है। भारत में थोरियम सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है। थोरियम पर आधारित फास्ट ब्रिडर रियक्टर कलपक्कम में स्थापित किया गया है।
3. पारा, पारदित समिश्रित में अनिवार्य रूप से सम्मलित होता है।
4. कार्नेलाइट मैग्निशियम का खनिज है।
5. गन मैटल , ताँबा, टिन और जिंक का मिश्रधातु है।
6. हेमेटाइट लौह अयस्क होता है।
7. चुना और कोयले का प्रयोग लौह अयस्क को प्रगलित करने में होता है।
8. चीटियां काटती है तो वे फोर्मिक अम्ल अन्तःक्षेपित करती है।
9. मिथाइल एल्कोहल पीने से अन्धता आती है।
10. फोटो ग्राफी में ‘‘स्थायीकर‘‘ के रूप में सोडियम थायोसल्फेट प्रयोग होता है।
11. पानी आयनिक लवण का सुविलायक है क्योकि उसका द्विध्रुव आघुर्ण अधिक है।
12. सिरका एसिटिक अम्ल का जलीय विलयन है।
13. सोडियम क्लोराइड लवणो का सागरीय जल की लवणता में अधिकतम योगदान होता है।
14. लैक्टिक अम्ल, दूध में पाया जाता है।
15. साइट्रिक अम्ल , नीबू में पाया जाता है।
16. ब्यूटाइरिक अम्ल, खराब मक्खन में पाया जाता है।
17. जल में अमोनिया आसानी से घुल जाता है।
18. भारी जल एक प्रकार का मन्दक है।
19. कठोर जल साबून से कपडे धोने और बॉयलर्स में प्रयोग के लिये उपयुक्त नही होता है।
20. फोटोग्राफी रंगीन फोटो फिल्म को साफ करने में आक्जैलिक अम्ल प्रयोग किया जाता है।
21. पानी का भारीपन सोडियम और मैग्निशियम के सिलिकेटो के कारण होता है।
22. लहसुन और प्याज में आने वाली तीक्ष्ण गन्ध उनमे पौटैशियम की उपस्थिति के कारण आती है।
23. पनीर एक जेल (Gel) का उदाहरण है।
24. फलों के रस में मैलिक अम्ल पाया जाता है।
25. अम्लीय स्त्रवण जठर की विशिष्ठता है।
26. ऑक्जैलिक अम्ल का प्रयोग दाग निकालने में किया जाता है।
27. रासानियक तत्व के अणु के सन्दर्भ में चुम्बकिय क्वाण्टम संख्या का सम्बंध अभिविन्यास से है।
28. जर्मन सिल्वर में निकिल , क्रोमियम और तॉबे का मिश्रण होता है।
29. वाहनों से निकलने वाले धुऐं में सीसा एक प्रमुख हानिकारक तत्व है इससे मानसिक रोग होता है।
30. ब्लीचिंग पाउडर में क्लोरीन तथा हाइपो में सोडियम होता है।
31. लोहे के साथ क्राे मयम मिलाने पर उसमें उच्चताप का प्रतिरोध करने की क्षमता और उच्च कठोरता एवं अपघर्षण प्रतिरोधकता आ जाती है।
32. पैट्रोल इंजन में अपस्फोटन या नोदन को कम करने के लिए पैट्रोल में टैट्रा एथिल लेड (TEL) को मिलाया जाता है।
33. प्राकृतिक रबड़ आइसोप्रीन का बहुलक है। प्राकृतिक रबड़ लैटेक्स ( दूध ) के रूप में पेड़ों से निकाली जाती है।
34. स्टेनलेस स्टील बनाने के लिए निकिल और क्रोमियम को प्रयोग किया जाता है।
35. कच्चा लोहा, मृदुइस्पात, ढलवा लोहा में कार्बन तत्व अवरोही क्रम (बढते क्रम्) में उपस्थित होते हैं।
36. कांसा, तांबा एवं टिन का मिश्रण है।
37. अमोनिया एक रासायनिक यौगिक है।
38. टैफलॉन तथा डेक्रॅान, प्लास्टिक के वहुलक है
39. नियोप्रीन संश्लेषित रबड़़ है।
40. पॉलिथीन , एथिलीन का बहुलक है
41. कोयला तथा हाइड्रोकार्बन को दहन करने पर उत्पन्न प्रदुषण कार्बनमोनोऑक्साइड तथा कार्बनडाईऑक्साइड के मिश्रण होता है।
42. प्राकृतिक रबड़ को अधिक मजबूत तथा प्रत्यास्थ बनाने के लिए उसमें सल्फर मिलाया जाता है।
43. कैल्शियम सल्फेट उर्वरक नहीं है।
44. लोहा पारे के साथ मिलकर अमलगम (मिश्रधातु) नही बनाता है इसलिए पारे को लोहे के पात्र में रखा जाता है। शेष सभी धातुएं पारे के साथ अमलगम (मिश्रधातु) बनाती है।
45. हैलोजन गैसों में सबसे अभिक्रियाशील गैस फ्लोरीन होती है।
46. ऑक्सीजन एक अनुचुम्बकीय तत्व है।
47. हाइड्रोजन का ईधनमान सर्वाधिक होता है।
48. स्ट्रीट लाइट के बल्ब में सोडियम का प्रयोग होता है।
49. हीमोग्लोबीन में आयरन, क्लोरोफिल में मैग्निशियम, पीतल में ताँबा एवं विटामिन बी12 में कोबाल्ट उपस्थित होता है।
50. प्लेटिनम सबसे कठोर धातु होती है।
51. हीरा स्वयं में एक मूल तत्व होता है (अर्थात, कार्बन)।
52. पेंसिल में लिखने में प्रयोग होने वाला लेड, ग्रेफाइट का बना होता है।
53. फ्यूज में प्रयोग होने वाला तार उच्च प्रतिरोध शक्ति तथा निम्न गलनांक का होता है।
54. जस्ता एक विद्युत अचुम्बकीय पदार्थ है।
55. हीलियम गैस ऑक्सीजन से प्रतिक्रिया नही करती है।
56. अग्निशमन यन्त्र में कार्वनडाई ऑक्साइड गैस का प्रयोग किया जाता है।
57. लोहे पर कलई चढाने के लिए जस्ते का प्रयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया को यशदलेपन (गैल्वनाइजेशन) कहते हैं।
58. आयनिक यौगिक एल्कोहल में अविलेय होते है।
59. एल्युमिनियम चुम्बक के द्वारा आकर्षित नही होती है।
60. पृथ्वी पर लगभग 100 प्रकार के रासायनिक तत्व पाये जाते है।
61. सर्वाधिक स्थायी तत्व ऑक्सीजन है।
62. सोडियम तत्व जल से हल्का होता है।
63. नाइक्रोम एक ऐसा पदार्थ है जो बहुत कठोर तथा बहुत तन्य है।
64. एसिटिलीन का प्रयोग बैल्डिंग उद्योग तथा प्लास्टिक निर्माण करने में प्रयुक्त की जाती है (इसका प्रयोग फलों को सुरक्षित रखने में किया जाता है)
65. एथिलीन का प्रयोग कृत्रिम रूप से फलों को पकाने के लिए किया जाता है।
66. टॉर्चलाइट , विद्युत क्षुरक (शेवर) आदि साधनों में प्रयुक्त बैटरी में सीसा परऑक्साइड और सीसा इलैक्ट्रोड के रूप में प्रयुक्त होता है।
67. कार्बनडाइऑक्साइड को 'शुष्क बर्फ' (ड्राई आइस) भी कहा जाता है।
68. कैंसर के उपचार में कोबाल्ट-60 का प्रयोग किया जाता है।
69. रक्त रोगों के उपचार को ‘‘जीन थैरपी ‘‘ कहा जाता है।
70. क्रायोजेनिक्स, अतिनिम्नताप का विज्ञान है। -273 डिग्री सेल्सियस को परमशून्य ताप भी कहा जाता है।
71. आर0डी0एक्स0 एक विस्फोटक है।
72. खाद्य पदार्थ के परिरक्षण हेतु बेंजोइक अम्ल प्रयोग किया जाता है।
73. फ्लोरोसेन्ट ट्यूब (प्रतिदिप्ति बल्ब या ट्यूब लाइट ) में नियॉन गैस भरी जाती है।
74. सामान्य ट्यूब लाइटों में नियॉन के साथ सोडियम वाष्प होती है।
75. एल0 पी0 जी0 में मुख्यतः ब्यूटेन गैस होती है।
76. नाइट्रोक्लोरोफॉर्म विस्फोटक नही है।
77. आर्सेनिक-74 ट्यूमर, केबाल्ट-60 कैंसर , आयेडिन-131 थायरॉयड ग्रन्थि की सक्रियता, सोडियम-24 रक्त व्यतिक्रम में प्रयोग किया जाता है।
78. बोरोन कार्बाइड व्यापक रूप से हीरे के पश्चात् सबसे कठोर पदार्थ के रूप में प्रयुक्त होता है।
79. एसिटिक एसिड (सिरका) बनाने के लिए शीरा अति उत्तम कच्चा माल है।
80. फ्लिन्ट कॉच का उपयोग कैमरा एवं दूरबीन के लैंस व विधुत बल्ब, पाइरेक्स कॉच का उपयोग प्रयोगशाला के उपकरण आदि, क्रुक्स कॉच का उपयोग धूप चश्मों के लेंस तथा पोटाश कॉच का उपयोग ट्यूब लाइट, बोतलें व दैनिक प्रयोग के बर्तन में किया जाता है।
81. ब्लीचिंग चूर्ण का प्रयोग मुख्य रूप से जल को विसंक्रमित करने के लिए होता है।
82. अम्ल अथवा क्षार के परीक्षण के लिए लिटमस पेपर का प्रयोग किया जाता है। जब लिटमस पेपर लाल से नीला हो जाता है तो क्षार होता है एवं नीले से लाल हो जाता है तो अम्ल होता है।
83. एप्सम लवण का प्रयोग सारक (शोधक) के रूप में होता है।
84. नीला थोथा को कॉपर सल्फेट कहते हैं।
85. एप्सम सॉल्ट को मैग्निशियम सल्फेट कहते हैं।
86. बेकिंग सोडा को सोडियम बाईकार्बोनेट कहते हैं।
87. कास्टिक सोडा को सोडियम हाइड्राक्सॉइड कहते हैं।
88. चूना पत्थर का रासायनिक नाम कैल्सियम कार्बोनेट है।
89. ऑक्सीजन तथा भारी हाइड्रोजन के यौगिक को गुरूजल कहते हैं।
90. हाइपो का रासायनिक नाम है सोडियम थायोसल्फेट है, यह जो फोटोग्राफी में प्रयोग किया जाता है।
91. मैग्निशियम हाइड्रोक्साइड को मिल्क ऑफ मैग्निशिया कहते हैं।
92. चेचक की खोज एडवर्ड जेनर ने की थी।
93. पेनिसिलीन की खोज अलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने की थी।
94. एक्स रे की खोज डब्ल्यू के0 रोन्टजन ने की थी।
95. माणिक्य तथा कोरन्डम एल्यूमिनियम के अयस्क होते है।
96. बालू सिलिकन का अयस्क होता है।
97. संगमरमर कैल्सियम से प्राप्त होता है।
98. टाइटेनियम डाईऑक्साइड का प्रयोग सफेद पेंट बनाने के लिए किया जाता है।
99. सोडियम सिलिकेट का प्रयोग शीशा बनाने में किया जाता है।
100. पोटेशियम सल्फेट का प्रयोग क्रत्रिम उर्वरक बनाने मे किया जाता है।
101. पैट्रोलियम परिशोधन के पश्चात् पैराफिन प्राप्त होता है जिसे 'ब्यापारिक वैसलीन' भी कहा जाता है।
102. हाइड्रोकार्बन का प्राकृतिक स्त्रोत कच्चा तेल है।
103. तड़ितचालक लोहे से निर्मित होते हैं।
105. रम नामक शराब शीरा से बनायी जाती है।
106. कैप्सूल का आवरण स्टार्च का बना होता है।
107. भारत में विकसित स्टेनलैस स्टील में मैंगनीज और क्रोमियम होता है।
108. क्वार्ट्ज कैल्सियम सिलिकेट का बना होता है इसमें सिलिकॉन और ऑक्सीजन भी पाये जाते है।
109. प्रथम विश्व युद्व में मस्टर्ड गैस का प्रयोग एक रासायनिक आयुध के रूप में किया गया था।
110. हाइड्रोजन सबसे अच्छा ईधन है क्याकि इसका उष्मीय मान सर्वाधिक होता है एवं इसका अवशेष भी सबसे कम होता है परिणामस्वरूप ये सबसे कम पर्यावरणीय प्रदूषण करता है।
111. क्लोरोपिक्रिन को अश्रु गैस कहते हैं।
112. अम्लीय बर्षा के लिए सल्फर डाईऑक्साइड गैस उत्तरदायी होती है।
113. वायु को सबसे अधिक प्रदूषित कार्बनमोनोक्साइड करता है कार्बनमोनोक्साइड हीमोग्लोबिन के साथ मिलकर उसे ऑक्सीजन अवशोषण के अयोग्य बनाती है। इसलिये इसका वातावरण में इसका पाया जाना खतरनाक होता है।
114. सभी गैसें निम्न दाब और उच्च ताप पर आदर्श गैस के रूप में व्यवहार करती है।
115. अधूरे प्रज्वलन के कारण मोटर कार एवं सिगरेट से निकलने वाली रंगहीन गैस कार्बनमोनोआक्साइड होती है।
116. सेप्टिक टैंक से निकलने वाली गैसों के मिश्रण में मुख्यतः अमोनिया गैस होती है।
117. तापमान बढाने से द्रवों की श्यानता (विस्कासिटी) घटती है एवं तापमान बढाने से गैसों की श्यानता बढती है।
118. ग्लोबल वार्मिंग के लिए कार्बनडाइऑक्साइड गैस अधिक जिम्मेदार है।
119. शीतल पेयों , जैसे कोला में , पर्याप्त मात्रा कैफीन की होती है।
120. ध्वनि के पुनरूत्पाद (रिप्ले) के लिए सीडी आडियो प्लेयर में लेजर बीम को प्रयोग किया जाता है।
121. साधारण बिजली के बल्ब का अपेक्षाकृत अल्पजीवन होता है क्योंकि फिलामेंट का तार एकसमान नही होता तथा बल्ब पूर्ण रूप से निर्वातित नही किया जा सकता।
122. एट्रोपीन औषधि का उपयोग हृदय की तकलीफ कम करने में किया जाता है। ईथर का प्रयोग स्थानीयसंज्ञाहरण (लोकल एनेस्थेसिया) में प्रयोग होता है। नाइटोग्लिसीरीन तार विस्फोटन में प्रयोग की जाती है। पाइरेथ्रियन का उपयोग मच्छरों के नियन्त्रण के लिए किया जाता है।
123. काँच पर हीरे तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से खरोंचा या लिखा जा सकता है।
124. बुलेट प्रूफ पदार्थ बनाने के लिए पॉलिकार्बोनेटस के बहुलक प्रयुक्त होते है।
125. बादलों के वायुमण्डल में तैरने का कारण उनका कम घनत्व का होना है।
126. ठण्डे देशों में पारे के स्थान पर एल्कोहल को तापमापी द्रव के रूप में वरियता दी जाती है क्योकि एल्कोहल का हिमांक पारे से कम होता है।
127. कैल्सियम कार्बोनेट दन्त पेस्ट का एक अवयव होता है।
128. प्रकाश-रसायनी धूम-कोहरे के बनने के समय नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्पन्न होती है।
129. कैल्सियम सल्फेट की उपस्थिति जल को कठोर बना देती है और यह पीने योग्य नही होता है।
130. क्लोरोफोर्म गैस प्रकाश की उपस्थिति में जहरीली फॉस्जीन गैस बन जाती है।
131. रक्त का पी0एच0 मान 7.4 होता है।
132. रसायन प्रयोगशाला में उपयोग में लाया जाने वाला लिटमस शैक से प्राप्त होता है।
133. यूरिया - अमोनियम नाइट्रेट - अमोनियम क्लोराइड - अमोनियम सल्फेट में नाइट्रोजन की मात्रा घटते क्रम (अवरोही क्रम) में है।
134. पोर्टलैण्ड सीमेंट का अविष्कार जोसफ अस्पडीन ने किया था।
135. रबड़ को कठोर बनाने के लिए उसमें कार्बन मिलाया जाता है। इससे ट्यूब टायर बनाये जाते है।
136. बेरियम तथा स्ट्रांशियम प्रकृति में मुक्त रूप में नही पाए जाते हैं।
137. सोडियम क्लोराइड की उपस्थिति में प्लास्टर ऑफ पेरिस की स्थापन दर में वृद्वि होती है।
138. सीमेंट में जिप्सम का योग उसकी स्थापन दर को मंद करने के लिए किया जाता है।
139. नियोप्रीन जोकि एक संश्लिष्ट रबड़ है, टू-क्लोरोब्यूटाडीन से बनती है।
140. सिलिकन चतुः-संयोजकता रखता है।
141. लाल फास्फोरस एक मोमी ठोस है जबकि सफेद फास्फोरस अक्रिस्टलीय है। लाल फास्फोरस गन्धहीन होता है जबकि सफेद फास्फोरस लहसुन गंध देता है।
142. अमोनियम सल्फेट एक उर्वरक है, सोडियम परआयोडेट एक आक्सीकारक है, मैग्नीज डाइआक्सॉइड शुष्क सेल में प्रयुक्त होता है।
143. सिंदूर में पारा मिला होता है , चिली साल्टपीटर सोडियम से सम्बधित है, फ्लोरस्पार कैल्सियम से सम्बधित है, कैलामाइन जिंक से सम्बधित है।
144. हाइड्रोजन ब्रम्हाण्ड में प्रचुरता से पाया जाने वाला तत्व है , ऑक्सीजन पृथ्वी में प्रचुरता से पाया जाने वाला तत्व है, नाइट्रोजन वायुमण्डल में प्रचुरता से पाया जाने वाला तत्व है।
145. नाइट्रोजन वनस्पति एवं जन्तु प्रोटीन का मुख्य घटक है।
146. क्रिस्टलीकरण के द्वारा ठोस का शुद्वीकरण करके पुनः ठोस बना लिया जाता है। उर्ध्वपातन के द्वारा कपूर को अलग किया जाता है। आसवन विधि के द्वारा द्रव का शुद्वीकरण किया जाता है। क्रोमैटोग्राफी में अधिशोषण प्रक्रिया बनायी जाती है।
147. मैग्निशियम का अयस्क डोलोमाइट है तथा कैल्सियम का अयस्क लाइमस्टोन है।
148. ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होने वाली क्रिया को 'पायरोलाइसिस' कहते हैं।
149. ठोस ईंधन का गैसीय ऊर्जा संवाहक में स्थानान्तरण को गैसीकरण कहते हैं।
150. ठोस कार्बनिक वर्ज्य का द्रव ईंधन में सीधा स्थानान्तरण बायोगैस कहलाता है।
151. ऑक्सीजन की उपस्थिति में होने वाली क्रिया दहन कहलाती है।
152. वायुमण्डल में नाइट्रोजन - आक्सीजन - आर्गन - कार्बनडाईआक्साइड गैसें इस क्रम में पायी जाती है।
153. नोबल गैसें एक परमाणवीय, रंगहीन एवं गन्धहीन तथा रासायनिक रूप से अत्यन्त अक्रियाशील होती हैं।
154. कपड़े धोने की प्रक्रिया में साबुन जल की धुलाई क्षमता में वृद्वि करता है (जल का पृष्ट तनाव कम करके)।
155. जॉन डाल्टन ने परमाणु सिद्वान्त का प्रतिपादन किया था।
156. गंधक अम्ल का प्रयोग उर्वरकों के निमार्ण में, रंग बनाने वाले पदार्थो के निमार्ण में, वर्णक एवं पेंटस के निमार्ण में, बैटरियों के निमार्ण में होता है।
157. शरीर में सोडियम तथा पोटैशियम आयनों की भूमिका परासरण दाब को संतुलित करना है।
158. ग्रेफाइट, विद्युत का सुचालक एवं कार्बन का अपररूप है। यह (परमाणु रिएक्टरों में) मन्दक के रूप में भी प्रयुक्त होता है।
159. यूरेनियम-235 विखण्डनीय पदार्थ के रूप में प्रयुक्त होता है।
160. एन्जाइम, कार्बोहाइड्रेट होते है एवं जैव रासायनिक उत्प्रेरक हैं।
161. लाइपेस एन्जाइम, ट्रांसग्लिसराइडों को वसा अम्लों तथा ग्लिसरोल में अपघटित कर देता है।
162. बिटामिन बी-12 में परमाणु धातु उपस्थित होती है, जिसे कोबाल्ट कहते हैं।
163. साबुन को बनाने के लिए कास्टिक सोडा को अलसी के तेल के साथ गर्म किया जाता है।
164. साधारण नमक एक ऐसा पदार्थ है जो पिघली हुई अवस्था में विद्युत धारा का चालन कर सकता है। अर्थात पिघला हुआ नमक विद्युत का सुचालक होता है।
165. फास्फोरस का सबसे अधिक अभिक्रियाशील रूप पीला फास्फोरस है जो हवा में स्वतः ही जल उठता है। इसलिए इसे जल में डुबो कर रखते हैं।
166. अक्रिय गैसों की संयोजकता शून्य होती है, ये एक-परमाणुक होती हैं।
167. सोडियम तथा एल्यूमीनिय के जलयोजित सिलिकेटों का रासायनिक नाम परम्यूटिट होता है।
168. सोना सबसे अधिक आघातवर्धनीय धातु है।
169. प्रयोगशाला में प्रथम संश्लेषित कार्बनिक यौगिक यूरिया है।
170. साडियम पामीटेड एक साबुन है, गैलने एक अयस्क है, एन0पी0के0 एक उर्वरक है, सेलूलोज एक प्राकृतिक पॉलीमर है।
171. जल का क्वथनांक उसके समान आकार तथा अणुभार के अन्य द्रवों की अपेक्षा अधिक होता है क्योकि वह अन्तरा-आणविक हाइड्रोजन बन्ध उपस्थित होता है।
172. रबड़ के टायरों में पूरक (फिलर) के रूप में कार्बन ब्लैक प्रयुक्त होता है।
173. हमारे पृथ्वी का भू-भाग ग्रीन हाउस के नाभिकीय परिक्षण के प्रभाव से गर्म होता है।
174. क्रैकिंग, पैट्राेलियम से सम्बन्धित हैं, प्रगलन कॉपर से सम्बन्धित है। हाइड्रोजनीकरण खाद्य वसा से सम्बन्धित है।
175. दूध पायस होता है।
176. केन्द्रिय औषधि शोध संस्थान, लखनऊ में स्थित है।
177. रासायनिक रूप से इक्षु शर्करा सुक्रोज को कहते हैं। शर्करा विलयन के किण्वन में कार्बनडाइऑक्साइड गैस उत्पन्न होती है।
178. ग्लूकोज के किण्वन में अन्त में कार्बनडाइऑक्साइड तथा जल प्राप्त होता है।
179. उर्वरकों में क्लोरीन उपस्थित नही होता है।
180. सोने के आभूषण बनाने के लिए उसमें कॉपर (ताँबा) मिलायी जाती है।
181. हाइड्रोजन तत्व, सबसे अधिक संख्या में यौगिक बनाता है।
182. वाटरवर्क्स के द्वारा जिस जल की आपूर्ति होती है उसे क्लोरीनीकरण के द्वारा शुद्व करते है।
183. इमली में टार्टरिक अम्ल होता है।
184. सोलर कुकर को गर्म करने वाली सूर्य की किरण को इन्फ्रारेड किरण कहते हैं।
185. आयरन पायराइटस को 'झूठा सोना' कहते हैं।
186. पेट्रोल, ऐल्केन का मिश्रण होता है।
187. सिलिका जैल, नमी को सोख लेता है। इसलिए दवाओं की बोतलों में एक छोटे पैक में सिलिका जैल भरकर रखा जाता है।
188. वह प्रक्रम जिसमें ऊष्मा का स्थानान्तरण (ट्रान्सफर) नही होता, रूद्वोष्म प्रक्रम कहलाता है।
189. किसी आदर्श गैस की आन्तरिक ऊर्जा उसके आयतन पर निर्भर करती है।
190. आवर्तसारणी में तत्वों को बढती हुयी परमाणु संख्या के क्रम में रखा गया है।
191. आधुनिक आवर्तसारणी में अधातुओं को दाहिनी ओर रखा गया है।
192. ‘ग्रीन हाउस प्रभाव‘ यह नाम स्वाण्टे आरहीनियस ने दिया था
193. कैथोड किरणें, इलैक्ट्रानों की किरण पुंज है।
194. आरयन का सबसे शुद्व रूप पिटवाँ आयरन होता है।
195. क्लोरोफिल की संरचना में मैग्नीशियम सम्मिलित होता है।
196. फलों के परिरक्षण के लिए चीनी का घोल प्रयोग में लाया जाता है क्योकि इससे नमी अवशोषित हो जाती है जिससे सूक्ष्म जीवों की वृद्वि रूक जाती है।
197. आर्सेनिक एक उपधातु है।
198. जिर्कोनियम एवं सिलिकन अर्धचालक हैं।
199. तत्वों के किसी वर्ग में जैसे-जैसे परमाणु भार बढता है इलैक्ट्रान बन्धुता कम होती है।
200. मेथेन , ऐथेन , प्रोपेन एवं ब्यूटेन हाइड्रोकार्बन हैं जो अणुभार बढ़ते क्रम में अवस्थित हैं।
201. सबसे हल्की धातु लीथियम है।
202. किसी तत्व के दो इलैक्ट्रोनो के लिए सभी क्वाण्टम संख्याऐं समान नही हो सकतीं।
203. गुणात्मक समानुपात का नियम जॉन डाल्टन द्वारा खोजा गया था।
204. अनिश्चितता के सिद्वान्त का प्रतिपादन हाइजेनबर्ग ने किया था।
205. इलैक्ट्रान तब तक युग्मित नही होते, जबतक कि उनके लिए प्राप्त रिक्त कक्ष समाप्त ना हो जायें - यह सिद्वान्त हुण्ड का नियम कहलाता हैं।
206. इलैक्ट्रान की तरंग प्रकृति सर्वप्रथम डी0 ब्रॉग्ली ने दी थी।
207. एक इलैक्ट्रान की सही स्थिति तथा ऊर्जा का एकसाथ निर्धारण असम्भव है, इसे ही 'हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता का सिद्वान्त' कहते हैं।
208. हाइड्रोजन का परमाणु क्रमांक व परमाणुभार समान होता है।
209. 180 ग्राम जल में जल के 10 मोल होते है।
210. आइसोटोन में न्यूट्रानों की संख्या समान होती हैं।
211. जल का शुद्वतम रूप आसुत जल है।
212. क्लोरोमाइसिटिन एक ऐन्टीबायोटिक है।
213. हडिड्यों और दाँतों में कल्सियम फॉस्फेट होता है।
214. थैलियम को Tl थोरियम को Th थूलियम को Tm एवं टर्बियम को Tb कहते हैं।
215. ठोस में ठोस के विलयन को मिश्रधातु कहते हैं।
216. वे विलयन जिन्हे अर्धपारगम्य झिल्ली द्वारा पृथक रखने पर उनके मध्य परासरण की क्रिया नही होती उन्हे समपरासरी विलयन कहते हैं।
217. अलवाय में मोनोजाइट को संसाधित करने वाली फैक्ट्री है।
218. शर्करा कार्बोहाइड्रेट होते हैं। राइबोफ्लेविन को बिटामिन बी2 कहते हैं काइटिन प्रोटीन होते हैं। कैफीन एल्केलॉइड होते है।
219. मक्खन वह कोलाइड है जिसमें जल वसा में प्ररिक्षिप्त होता है।
220. ड्यूटीरियम के नाभिक में एक न्यूट्रॉन तथा एक प्रोटॉन होता है।
221. वे अभिक्रियाऐं जो केवल एक दिशा में होती हैं, अनुत्क्रमणीय अभिक्रियाएं (इर्रिवर्सिबल रिएक्शन्स) कहलातीं हैं।
222. वह जलीय विलयन जिसके पी0एच0 का मान शून्य होता है, अम्लीय होता है।
223. शुद्व जल का पी0एच0 मान 7 होता है। 7 पी एच वाले विलयन न अम्लीय होते हैं न क्षारीय (अर्थात न्युट्रल होते हैं।)
224. द्रव के वाष्पन के प्रक्रण के साथ एन्ट्रॉपी में वृद्वि होती है। विलयन से सुक्रोज का क्रिस्टलन करने पर एन्ट्रॉपी घटती है।
225. ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम, 'ऊर्जा संरक्षण का नियम' भी कहलाता है।
226. ऊष्माक्षेपी वह क्रिया है जिसमें अभिकारक पदार्थो की ऊर्जा उत्पादकों से अधिक होती है।
227. हेस के नियम के अनुसार किसी अभिक्रिया का उष्मीय प्रभाव क्रियाकारक पदार्थो की अन्तिम तथा प्रारम्भिक अवस्था पर निर्भर करता है।
228. 2, 2, 2 ट्राइक्लोरो ऐसीटेल्डिहाइड की क्लोरोबेंजीन से अभिक्रिया के फलस्वरूप डी0डी0टी0 प्राप्त होता है।
229. पिक्रिक अम्ल का रासायनिक नाम 2, 3, 6 ट्राइनाइट्रोफिनोल है।
230. धातुओं में मुक्त इलैक्ट्रॉनों के दबाव के कारण प्रकाश का परावर्तन होने से चमक आती है।
231. नायलॉन, पॉलिऐमाइड है।
232. बेकेलाइट, थर्मोसेटिंग प्लास्टिक का बहुलक है।
233. एल्कोहल, बेन्जीन एवं पेट्रोल के मिश्रण को पावर एल्कोहल कहते हैं।
234. सीमेन्ट के उत्पादन में काम आने वाले कच्चे पदार्थ बिना बुझा चूना एवं जिप्सम हैं। सीमेन्ट का जमना (क्योरिंग) एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया (एक्सोथर्मिक रिएक्शन) है।
235. प्रोटॉन के भेदन-क्षमता इलैक्ट्रॉन से कम होती है।
236. उदासीन परमाणु का धनायन इलैक्ट्रॉन के निकलने से उत्पन्न होता है।
237. न्यूट्रॉन आवेश रहित होते हैं।
238. सबसे हल्का कण इलैक्ट्रॉन है।
239. पौधो में पुष्पन के लिए उपयोगी तत्व फास्फोरस है।
240. सेडीमेण्टेशन एवं फिल्ट्रेशन जल को शुद्व करने की तकनीक है।
241. मेक्स प्लांक जर्मनी के थे जिन्हे क्वाण्टम सिद्वान्त की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार मिला था।
242. आण्विक हाइड्रोजन के आर्थो एवं पैरा रूपों के नाभिकिय चक्रण के द्वारा विभेदित करते है।
243. यूरिया के निर्माण में आमोनिया तथा कार्बनडाइक्साइड प्रयुक्त होता है।
244. फिनॉल से प्राप्त विस्फोटक के पिक्रिक अम्ल कहते हैं।
245. मार्बल एक यौगिक का उदाहरण है।
246. पंचम समूह के तत्वों में बिस्मथ का आक्सॉइड अधिक क्षारीय होता है।
247. जब हाइड्रोजन परमाणुओं के नाभिक का चक्रण एक ही दिशा में होता है तो वह आर्थो हाइड्रोजन कहलाता है।
248. किसी गैस का वाष्पधनत्व उसके अणुभार का आधा होता है। (M = 2 VD)
249. अम्ल में प्रोटॉन प्रदान करने की प्रवृति होती है।
250. किसी परमाणु के गुण उसकी इलैक्ऱोनिक संरचना पर निर्भर करता है।
251. दूध में उपस्थित सैकेराइड को लैक्टोज कहते हैं।
252. पॉलिथीन, एथिलीन के बहुलीकरण से प्राप्त होता है।
253. तनु आयोडिन विलयन की एक बूँद के साथ स्टार्च नीला रंग देता हैं।
254. उर्ध्वपातन विधि द्वारा अमोनियम क्लोराइड व सोडियम क्लोराइड के मिश्रण के पृथक किया जाता है।
255. प्राकृतिक हाइड्रोकार्बन के घटक के रूप में प्राप्त होने वाली निष्क्रिय गैस हीलियम है।
256. पौटेशियम, कक्ष ताप (रूम टेम्परेचर) पर जल के साथ तीव्र क्रिया करती है।
257. ट्रिशियम (ट्राइटियम) में इलैक्ट्रॉन, प्रोटॉन व न्यूट्रॉन 1 : 1 : 2 के अनुपात में होते है।
258. क्लेरोफार्म, हवा एवं प्रकाश से क्रिया कर फॉस्जीन गैस बनाती है। इसलिये क्लोरोफॉर्म को रंगीन बोतलो में ऊपर तक भरा जाता है।
259. हीलियम एक ऐसी गैस है जो परमाणु अवस्था में पायी जाती है।
260. हवाई जहाज के टायरों में भरने के लिए हीलियम गैस का प्रयोग किया जाता है।
261. चैल्कोपाइराइट कॉपर का अयस्क है।
262. मरकरी को आयरन धातु के पात्र में रखा जाता है।
263. नाभिकीय भट्ठी में ग्रेफाइट का प्रयोग न्यूट्रॉनों का वेग घटाने (अर्थात मन्दन) के लिए किया जाता है।
264. शुष्क अग्निशामकों में रेत तथा बेकिंग सोडा भरा जाता है।
265. जो उत्प्रेरक अभिक्रिया के वेग को कम करते है उन्हें ऋणात्मक उत्प्रेरक कहते हैं।
266. वैद्युत संयोजक यौगिक में इलैक्ट्रॉन एक परमाणु से दूसरे परमाणु में स्थानान्तरित हो जाते है।
267. विखण्डन अभिक्रिया में तत्व का एक भारी नाभिक टूटकर दो छोटे नाभिक बनाता है तथा कुछ मौलिक नाभिकीय कणों के घटा देता है।
268. एक तत्व का परमाणु क्रमांक 34 है उसकी संयोजकता 6 होगी।
269. जल एक यौगिक है चूंकि यह रासायनिक बन्धनों से जुड़े दो भिन्न तत्व रखता है। जल तत्व (एलिमेण्ट) नहीं है।
270. हाइड्रोजनपरॉक्साइड एक अपचायक , आक्सीकारक एवं विरजंक के रूप में कार्य कर सकता है परन्तु वह निर्जलीकारक की तरह व्यवहार नही कर सकता है।
271. उत्प्रेरक विष, उत्प्रेरक सतह पर मुक्त संयोजकताओं से संयोग करके कार्य करता है।
272. किसी विलयन का जिसमें वैद्युत-अनपघट्य विलय है उसका क्वथनांक बढता है।
273. तत्वों के रासायनिक वर्गीकरण का आधुनिक नियम तत्वों के परमाणु क्रमांक पर आधारित है।
274. काँच को लाल रंग गोल्डक्लोराइड प्रदान करता है।
275. तेलों के हाइड्रोजनीकरण में उत्प्रेरक के रूप में निकिल का प्रयोग किया जाता है। हाइड्रोजनीकरण द्वारा खाद्य तेलों के वनस्पति घी में बदला जाता है।
276. सोडियम नाइट्रेट एक ऐसा पदार्थ है जो ऑक्सीकारक तथा अपचायक दोनों की तरह प्रयोग में लाया जा सकता है।
277. पारे में बहुच उच्च आयनन ऊर्जा तथा क्षीण धात्विक बन्ध होता है इसलिए पारा शून्य डिग्री सेल्सियस पर भी द्रव बना रहता है।
278. किसी अम्ल का तुल्यांकी भार उसके अणुभार को क्षारकता से विभाजित कर प्राप्त करते हैं।
279. लैड नाइट्रेट को गर्म करने पर रासायनिक परिवर्तन होता है।
280. कॉच, Hf में विलेय होता है।
281. जस्ता (जिंक) में तनु सल्फ्यूरिक अम्ल मिलाकर हाइड्रोजन गैस प्राप्त की जाती है।
282. संगमरमर के टुकड़ों पर हाइड्रोक्लोरिक अम्ल डालकर कार्बनडाईऑक्साइड गैस प्राप्त की जाती है।
283. कार्बनडाइऑक्साइड गैस एक एनहाइड्राइड है।