विज्ञापन और हिंदी भाषा/विज्ञापन के उद्देश्य

विज्ञापन हमेशा ही ‘लाभ’ के उद्देश्य को लेकर चलते हैं। यों तो अधिकांशत: यह लाभ प्रस्तुतकर्ता को वस्तु के बेचने से होने वाला मुनाफा ही होता है पर कभी-कभी जनजागरण, माहौल, सेवा के बारे में विचारधारा, सामाजिक बदलाव, वैचारिक उत्थान, सरकारी रीति-नीति का प्रचार, राजनीतिक लाभ आदि वृहद् उद्देश्यों के आधार पर भी विज्ञापन जारी किए जाते हैं। सार रूप में आकलित करें तो विज्ञापन के उद्देश्य इस प्रकार हो सकते हैं :

  1. उन सभी संदेशो का एक अंश प्रस्तुत करना जो उपभोक्ता पर प्रभाव डालें।
  2. वस्तुओं, कम्पनियों व संस्थाओं के प्रतिनिधि के रूप में प्रस्तुत होना।
  3. समाज की एक प्रतिनिधि संस्था के रूप में उद्यम प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग होना।
  4. वस्तु की बिक्री बढ़ाने में प्रभावशाली भूमिका निभाना।
  5. एक प्रभावी विपणन औजार के तौर पर लाभकारी संगठनों और प्रबन्धकों को अपना उद्देश्य पूरा करने में सहायता करना।
  6. समाज की उभरती व्यावसायिक आवश्यकताओं को पूरा करना।
  7. व्यावसायिक तौर पर जारी संदेशो के जरिए उपभोक्ताओं को लाभप्रद, सम्बन्धित व निश्चित सूचना प्रदान कराना।
  8. आर्थिक क्रिया को विभिन्न नियमों कानूनों के अनुसार चलाना।
  9. न वस्तुओं और सेवाओं की सूचना देना।
  10. विषेश छूट और मूल्य परिवर्तन की जानकारी देना, उपभोक्ता मांग में वृद्धि करना।
  11. खरीदने और अपनाने की प्रेरणा देना।


वस्तुओं और सेवाओं के विज्ञापन – ये विज्ञापन किसी वस्तु या सेवा की प्रतिष्ठा या विक्री बढ़ाने के लिए बनाये और जरी किये जाते हैं। आज बाज़ार में जो विज्ञापन देखने को मिलते हैं, उनमे अधिकांश इस श्रेणी में आते हैं इन विज्ञापनों में वस्तु या सेवा के आकर, गुणों, मूल्य,विक्रेताओ आदि के बारे में न केवल जानकारी दी जाती हैं वरन ग्राहकों को उसकी खरीद के लिए प्रेरित और उत्साहित भी किया जाता हैं। इन विज्ञापनों का उद्देश्य ब्रांड नाम की पहचान काराता हैं और ग्राहकों को अपनी ओर मोड़ने का प्रयास भी करता हैं।

संस्थानीय विज्ञापन – इन विज्ञापनों का उद्देश्य किसी वस्तु अथवा सेवा की बजाये कम्पनी के लिए प्रतिष्ठा और सद्भावना अर्जित करना होता हैं। इन विज्ञापनों का उद्देश्य ऐसा वातावरण और ऐसी भावनाए उत्पन्न करता हैं जिनसे लोग कम्पनी के मित्र बन जाए और कम्पनी तथा जनता के बीच सोहार्द पैदा हो और उनमे समीपता आ जाये। ऐसे विज्ञापनों का उदेश्य आर्थिक लाभ कमाना नहीं होता हैं

इन उपर्युक्त उद्देश्यों को लेकर चलने वाली प्रक्रिया ‘विज्ञापन’ उपभोक्ता व निर्माता के मध्य की प्रक्रिया है। विज्ञापन का उद्देश्य हर स्थिति में अपने ‘संदेश’ को उपभोक्ता के मानस पटल पर अंकित करना ही होता है

विज्ञापन का उद्देश्य बोहोत ही महत्वपूर्ण है आपके जिंदगी के लिए। जी हां अगर विज्ञापन बंद हो जाए तो ये आपके जिंदगी को प्रभावित कर सकता है। क्योंकि विज्ञापन के मदद से ही हमारी जरूरत का सामान एक अलग तरीके से पता चलता है। हालांकि ये बिजनेस का प्रोमोशन है,फिर भी अगर सारी बिजनेस अपनी प्रोडक्ट के लिए विज्ञापन देना बंद कर दे तो आपको अपनी जरूरत का बस्तुएं के बारे में जानकारी नहीं मिलेगा,तथा आप बेहतर सामान का पता नहीं लगा सकते हैं।

चलिए एक उदाहरण से समझ ते हैं मान लीजे टीवी पे आपने एक प्रोडक्ट का विज्ञापन देखे ओर कुछ समय बाद आपको उसी प्रोडक्ट का विज्ञापन देखने को मिलता है लिकिन अन्य कंपनी का। अब आप आसानी से समझ जाएंगे की आपको कोन सी कंपनी का प्रोडक्ट लेना है। इसलिए जानकारी देने के साथ साथ विज्ञापन के जरिए आप अपने मुताबिक प्रोडक्ट को आसानी से खरीद सकते हैं। विज्ञापन के जरिए इंफॉर्मेशन को लाखों लोगों तक पहुंचाने को भी एक उद्देश्य की तर पर गिना जा सकता है।

आप देखेंगे की Government भी आज कल जरूरी पब्लिक के लिए इंफॉर्मेशन टीवी पर विज्ञापन के जरिए ही लाखो करोड़ों लोगो तक ले जा रहा है। तथा ये Advertisement सिर्फ टीवी पर सीमित नहीं है,सोशल मीडिया ऐप्स,वेबसाइट ओ में भी ये कंधो से कंधा मिलाकर आगे बढ रहा है।