"हिंदी कहानी/वापसी": अवतरणों में अंतर

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'कभी कुछ जरूरत हो तो लिखना गनेशी। इस अगहन तक बिटिया की शादी कर दो।'
 
गनेशी ने अँगोछे के छोर से आँखें पोंछीं, 'अब आप लोग सहारा न देंगे, तो कौन देगा? आप यहाँ रहते तो शादी में कुछ हौसला रहता।'रहता 65
 
 
गजाधर बाबू चलने को तैयार बैठे थे। रेलवे क्‍वार्टर का यह कमरा, जिसमें उन्‍होंने कितने वर्ष बिताए थे, उनका सामान हट जाने से कुरूप और नग्‍न लग रहा था। आँगनमें रोपे पौधे भी जान-पहचान के लोग ले गए थे और जगह-जगह मिट्टी बिखरी हुई थी। पर पत्‍नी, बाल-बच्‍चों के साथ रहने की कल्‍पना में यह बिछोह एक दुर्बल लहर की तरहउठ कर वि‍लीन हो गया।