"सिविल सेवा मुख्य परीक्षा विषयवार अध्ययन/महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन": अवतरणों में अंतर
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समिति ने अपनी रिपोर्ट में 44 पृष्ठों का एक अध्याय भी लिखा जिसका शीर्षक है-चुनाव सुधार उसमें लिखा है कि महिलाओं के विरुद्ध अपराध रोकने के लिए चुनावी प्रक्रिया में सुधार करना अत्यंत आवश्यक है दूसरे शब्दों में कहें तो चुनावी प्रक्रिया में सुधार किए बिना महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में कमी करना असंभव है।
समिति ने यह भी कहा था कि
1.जब तक संसद में ऐसे लोग बैठे होंगे जो आपराधिक मामलों में आरोपी हैं तब तक देश की कानून बनाने की शैली और तौर-तरीके पर भी विश्वास करना बहुत कठिन है। 2.उस समय छह विधायक ऐसे थे जिन्होंने स्वयं शपथ लेकर लिखा था कि उनके विरुद्ध दुष्कर्म के मुकदमे चल रहे हैं।
3.पिछले 5 वर्षों में विभिन्न राजनीतिक दलों ने विधानसभा चुनावों में 27 ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिए जिनके विरुद्ध दुष्कर्म के मुकदमे चल रहे थे।समिति ने उच्च न्यायालय के विचारों का जिक्र करते हुए कहा था कि स्वाधीनता के 50 वर्ष पूरे होने पर संसद ने अगस्त 1997 में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें राजनीति के अपराधीकरण पर घोर चिंता जाहिर की गई थी तथा भरसक
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