"सिविल सेवा मुख्य परीक्षा विषयवार अध्ययन/बौद्ध धर्म &जैन धर्म": अवतरणों में अंतर
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C. महामात्र 3. उच्च कोटि के अधिकारी
D. भांडागारिक 4. भंडारगृह का अध्यक्ष
गहपति’ एक पालि शब्द है जो धनी किसान के लिये प्रयोग होता था। ये लोग वैश्यों की श्रेणी में आते थे।
छठी सदी ईसा-पूर्व अधिकारी वर्ग इस काल में ‘महामात्र’ उच्च कोटि के अधिकारी कहलाते थे। वे कई तरह के कार्य करते थे, जैसे-मंत्री, सेनानायक, न्यायाधिकारी आदि।
शौल्किक या शुल्काध्यक्ष चुंगी वसूल करने वाला अधिकारी होता था वह व्यापारियों से उनके माल पर चुंगी वसूल करता था, अतः कथन (2) असत्य है।
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