"सिविल सेवा मुख्य परीक्षा विषयवार अध्ययन/बौद्ध धर्म &जैन धर्म": अवतरणों में अंतर
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उल्लेखनीय है कि तृतीय कोटि में सीमांत ग्राम आते हैं, जो जंगल से संलग्न देहातों की सीमा पर बसे होते थे।
राजा किसानों की उपज का छठा हिस्सा कर के रूप में लेता था। इसका निर्धारण और वसूली गाँव के मुखिया की सहायता से राजा के कर्मचारी करते थे।
गणतंत्र में राजस्व पाने का अधिकार गण या गोत्र का प्रत्येक प्रधान का होता था जो राजन् कहलाता था। राजतंत्र में एकमात्र राजा राजस्व पाने का अधिकारी होता था।
पालि ग्रंथों में गाँव के तीन भेद किये गए हैं। अतः कथन (1) सत्य है।
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