"हिंदी कविता (रीतिकालीन) सहायिका": अवतरणों में अंतर
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''' संदर्भ:''' इस पद के द्वारा केशवदास क्षमा मांगते हुए इस पद को लिखने की आज्ञा मांगते हैं
'''व्याख्या:''' केशवदास कहते हैं कि बच्चों को, युवकों और युवतियों को समझने के लिए, यह जो काव्य मार्ग है, काव्य लेखन का मार्ग आघात है इसी का में वर्णन करने जा रहा हूं इसका मार्ग बहुत कठिन है मुझे क्षमा करना कि मुझसे कोई गलती हो जाए तो
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