"हिंदी कविता (रीतिकालीन) सहायिका/केशवदास": अवतरणों में अंतर

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'''विशेष १.''' दोष की तुलना शराब से की गई है
 
 
{{center|पांचवा प्रभाव}}
 
'''जधपि सुजाति सुलक्षणी, सुबरन सरस सुवृत्त ।'''
'''भूपण बिन न विराजई, कविता वनिता मित्त|1/5||