"हिंदी कविता (रीतिकालीन) सहायिका/केशवदास": अवतरणों में अंतर

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'''विशेष १.''' भक्ति को पद है संसार में सब कुछ व्यर्थ है क्षीणकता का प्रभाव डाला है क्षीणकता के साथ-साथ ईश्वर की महामाया पर प्रभाव डाला है मृत्यु अंतिम सत्य है
 
'''२''' मार्मिक पद है