"हिंदी कविता (रीतिकालीन) सहायिका/बिहारी": अवतरणों में अंतर
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इस दोहे में बिहारी लाल जी ने राधा जी से प्रार्थना की है कि मेरी जिंदगी भी सांसारिक बाधाएं हैं उन्हें दूर कर मुझे सुख प्रदान करो | वे कहते हैं राधा जी ऐसी चमत्कारिक स्त्री है जिसके बदन की एक झलक पढ़ने से श्री कृष्ण जी के जीवन में सभी खुशियां आ गई| वे प्रार्थना करते हुए कहते हैं कि हे राधा जी मेरी भी सभी दुख दूर कर कष्टों को हर लो
'''विशेष १.''' राधा की आराधना की गई है
'''२.''' श्लेष अलंकार का प्रयोग
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