"हिंदी कविता (रीतिकालीन) सहायिका/बिहारी": अवतरणों में अंतर

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'''व्याख्या :''' नायिका कहती है जमुना के किनारे मालती कुंज पर मैं आपके पास मिलने के लिए आऊंगी और थोड़ी देर वहीं पर विश्राम करूंगी तुम मेरे से वहां पर मिलने आ जाना मैं वही तुम्हारी प्रतीक्षा करूंगी
 
'''विशेष १.''' शृंगार रस है
 
'''२.''' श्लेष के बहाने से वर्णन किया गया है
 
'''३.''' नायिका की चतुराई का वर्णन किया गया है
 
'''४.''' व्यंजना लक्ष्मण शक्ति है
 
'''५.''' प्रसंगों की उटा करने में इनमें स्वागत विशेषता अवश्य दिखाई देती है