"हिंदी कविता (रीतिकालीन) सहायिका/बिहारी": अवतरणों में अंतर
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'''नैना मिले मन मिल गए, दोउ मिलवत गाइ'''
'''संदर्भ :''' यह पद हिंदी साहित्य के रीतिकाल के रीतिसिद्ध कवि बिहारी लाल द्वारा रचित बिहारी सत्साई से लिया गया है
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