"हिंदी कविता (रीतिकालीन) सहायिका/बिहारी": अवतरणों में अंतर
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पंक्ति १०१:
'''प्रसंग :''' नायिका के रूप का बड़े ही सुंदर और सूक्ष्म रूप से वर्णन किया गया है
'''व्याख्या :''' नायिका के मुख पर चंदन की बिंदी बहुत ही सुंदर लग रही है और वह ऐसी प्रतीत हो रही है जैसे मदिरापान के बाद जो लाली चढ़ती है उससे वह प्रत्यक्ष नजर आने लगती है
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