"हिंदी कविता (रीतिकालीन) सहायिका/बिहारी": अवतरणों में अंतर

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'''प्रसंग :''' प्रकृति और बसंत ऋतु के आने का सुंदर वर्णन किस पद के द्वारा किया गया है
 
'''व्याख्या :''' बिहारी ने ऋतु वर्णन मैं बसंत का वर्णन किस प्रकार मंद मस्त हाथी गुजरते हुए झूमते हुए गले में बजती हुई घंटी (खंटावाली) उसकी गर्दन के पास से झढ़ता हुआ (भद्र) हाथी पुष्प उसके सामान मीठा नीर, उसकी मस्तानी चाल से धीरे-धीरे गमन कर रही है आगे की ओर अग्रसर है उसी प्रकार उक्त ऋतु की मंद मस्त पवन की हाथी के अनुरूप धीरे-धीरे अपने मंदमस प्रकृति से प्राप्त सुकृत हवा से सब को सराबोर करते हुए हाथी के समान धीरे धीरे चल रही है
'''व्याख्या :'''