"हिंदी कविता (रीतिकालीन) सहायिका/रहीम": अवतरणों में अंतर
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पंक्ति १२५:
'''व्याख्या-'''
पंक्ति १३४:
'''सैंजन अति फूलै तऊ, डार पात की हानि॥'''
'''संदर्भ-''' रीतिकालीन नीतिश्रेष्ठ कवि रहीमदास की दोहावली पुस्तक के नीति के दोहे से अवतरित है।
'''प्रसंग-'''
'''व्याख्या-'''
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