"हिंदी कविता (रीतिकालीन) सहायिका/रहीम": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति १८५:
'''विशेष-.'''
'''११''' '''रहिमन पैंडा प्रेम को निपट सिलसिली गैल।'''
'''बिछलत पाॅव पिपीलिका लोग लदावत बैल।।'''
|