"हिंदी कविता (रीतिकालीन) सहायिका/भूषण": अवतरणों में अंतर

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<center><big>शिवभूषण तथा प्रकीर्ण रचना</big><br>भूषण</center>
 
'''इंद्र जिमि जंभ पर बाड़व ज्यौं अंभ पर,'''
 
'''रावन सदंभ पर, रघुकुल राज हैं।'''
 
'''पौन बारिबाह पर, संभु रतिनाह पर,'''
 
'''ज्यौं सहस्रबाह पर राम-द्विजराज हैं।'''
 
'''दावा द्रुम दंड पर, चीता मृगझुंड पर,'''
 
''''भूषन वितुंड पर, जैसे मृगराज हैं।'''
 
'''तेज तम अंस पर, कान्ह जिमि कंस पर,'''
 
'''त्यौं मलिच्छ बंस पर, सेर सिवराज हैं।।'''