"हिंदी कविता (रीतिकालीन) सहायिका/भूषण": अवतरणों में अंतर

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'''भूषण असीसै तोहिं करत कसीसैं पुनि बाननिके साथ छूटे प्रान तुरकन के।'''
 
'''संदर्भ :''' यह पद हिंदी साहित्य के रीतिकाल के वीरकाव्य परंपरा के श्रेष्ठ कवि भूषण द्वारा रचित शिवभूषण से संकलित किया गया है।