"हिंदी कविता (रीतिकालीन) सहायिका/भूषण": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति ४५:
'''भूषण असीसै तोहिं करत कसीसैं पुनि बाननिके साथ छूटे प्रान तुरकन के।'''
'''संदर्भ :''' यह पद हिंदी साहित्य के रीतिकाल के वीरकाव्य परंपरा के श्रेष्ठ कवि भूषण द्वारा रचित शिवभूषण से संकलित किया गया है।
'''प्रसंग :''' भूषण ने इस पद में शिवाजी महाराज की सेना की वीरता का वर्णन किया है
|