"हिंदी कविता (रीतिकालीन) सहायिका/भूषण": अवतरणों में अंतर

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'''प्रसंग :''' भूषण ने इस पद में शिवाजी महाराज की सेना की वीरता का वर्णन किया है
 
 
'''व्याख्या :''' भूषण कहते हैं कि शिवाजी की सेना के युद्ध की रणभेरीयों की भयंकर आवाज को सुनकर शत्रुओं के बच्चे समुद्र लांग जाते हैं | चतुरंगी सेना में घोड़ों के शरीर से उड़ने वाली धूल से भयभीत होकर शत्रुओं के होस उड़ जाते हैं| हे दक्षिण के स्वामी शिवाजी जब आप अपने हाथ में धनुष उठाते हो तो शत्रु अपने दुर्ग और किले छोड़ कर भाग जाते हैं| भूषण कहते हैं की मैं तुम्हें आशीर्वाद देता हूं कि जब तुम अपने धनुष से बाण खींचते हैं तो उसके साथ तुर्कों के प्राण भी निकल जाते हैं