"हिंदी कविता (रीतिकालीन) सहायिका/भूषण": अवतरणों में अंतर

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पंक्ति ५०:
 
 
'''प्रसंग :''' भूषण ने इस पद में शिवाजी महाराज की सेना की वीरता का वर्णन किया है |
 
 
पंक्ति ७४:
 
'''थारा पर पारा पारावार यों हलत है'''
 
 
'''संदर्भ :''' यह पद हिंदी साहित्य के रीतिकाल के वीरकाव्य परंपरा के श्रेष्ठ कवि भूषण द्वारा रचित शिवभूषण से संकलित किया गया है।
 
 
'''प्रसंग :''' इन पंक्तियों में कवि भूषण ने शिवाजी की चतुरंगिणी सेना का युद्ध के लिए प्रस्थान का वर्णन किया है। वे कहते हैं कि---
 
 
'''व्याख्या :'''