"हिंदी कविता (रीतिकालीन) सहायिका/भूषण": अवतरणों में अंतर
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'''विशेष:-१.''' शिवाजी के रौद्र रुप के वर्णन में रौद्र रस के सभी अंगों की सफल व्यंजना हुई है।
'''२.''' मुहावरों के प्रयोग एवं शब्दावली की सहजता से भाषा में जीवन्तता एवं गतिशीलता का पूर्ण समावेश है।
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