"हिंदी कविता (रीतिकालीन) सहायिका/गिरिधर कविराय": अवतरणों में अंतर

No edit summary
No edit summary
पंक्ति १२४:
 
'''आगे को सुख समुझि, होइ बीती सो बीती॥'''
 
 
 
'''संदर्भ :-''' यह पद हिंदी साहित्य के रीतिकाल के नीति-विषयक कवि भूषण द्वारा रचित गिरिधर कविराय से संकलित किया गया है।