"हिंदी कविता (रीतिकालीन) सहायिका/गिरिधर कविराय": अवतरणों में अंतर
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'''आगे को सुख समुझि, होइ बीती सो बीती॥'''
'''संदर्भ :-''' यह पद हिंदी साहित्य के रीतिकाल के नीति-विषयक कवि भूषण द्वारा रचित गिरिधर कविराय से संकलित किया गया है।
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