"हिंदी कविता (रीतिकालीन) सहायिका/गिरिधर कविराय": अवतरणों में अंतर

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'''दोनों हाथ उलीचिए, यही सयानो काम॥'''
 
'''यही सयानो काम, राम को सुमिरन कीजै।'''