"हिन्दी साहित्य का इतिहास (आधुनिक काल )/भारतेन्दु हरिश्चंद्र एवं उनका मण्डल: साहित्यिक योगदान": अवतरणों में अंतर
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{{संचरण|पिछला=राष्ट्रीय नवजागरण की परंपरा और 1857 की राज्य क्रांति|अगला=महावीर प्रसाद द्विवेदी और हिन्दी नवजागरण}}
=== भारतेन्दु हरिश्चंद्र एवं उनका मण्डल: साहित्यिक योगदान===
भारतेंदु को हिन्दी में नवजागरण का अग्रदूत माना जाता है। वह एक व्यक्ति से बढ़कर संस्था थे। उन्होंने अपने समानधर्मा लेखकों का मंडल तैयार किया जिसे 'भारतेंदु मंडल' के नाम से जाना जाता है। अपने समय के रचनाकारों के साथ मिलकर उन्होंने हिन्दी साहित्य में एक नवीन युग का सूत्रपात किया। यह नवीन युग काल, प्रवृत्ति, चेतना, विधा हर दृष्टि से नया था। यह नयी चेतना आधुनिकता से सम्पृक्त थी।
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