"छायावादोत्तर हिंदी कविता/नमक": अवतरणों में अंतर
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{{संचरण|पिछला=कूड़ा बीनते बच्चे|अगला=बेजगह}}
<poem>नमक दुःख है धरती का और उसका स्वाद भी!
पृथ्वी का तीन भाग नमकीन पानी है
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