"सिविल सेवा मुख्य परीक्षा विषयवार अध्ययन/विज्ञान एवं प्रौद्दोगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ": अवतरणों में अंतर

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=== नई प्रौद्योगिकी का विकास ===
एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम को पहली बार 1988 में पेश किया गया था, इसे अक्सर मोटरसाइकिल में सबसे अनिवार्य सुविधाओं में से एक माना जाता है।
वाहन की गति के संबंध में लगाए गए ब्रेक फोर्स को विनियमित करते हुए, जिस पर ब्रेक कार्य कर रहा है, यह “प्रेशर मॉड्यूलेशन” के सिद्धांत पर काम करता है। सेंसर की मदद से यह बहुत तीव्र गति की आवृत्ति से इन दो गतियों पर स्वतंत्र रूप से नज़र रखता है। अतः कथन 1 गलत है।
इसके बाद यह एक्चुएटर, रिले और बाईपास वाल्व का उपयोग करके कैलिपर में ब्रेक पिस्टन तक जाने वाले ब्रेक फ्लूइड के दबाव को व्यवस्थित करता है।
हालाँकि सैद्धांतिक रूप से एबीएस हर परिस्थिति के तहत पहिये को लॉक होने से रोकने में सफल होना चाहिये, लेकिन असल में यह सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये अधिकतम ब्रेकिंग दक्षता प्राप्त करने हेतु कुछ हद तक पहिये को फिसलने देता है।
==== जीन एडिटिंग (CRISPR Cas-9) ====
* वर्ष 2012 में विकसित इस तकनीक का उपयोग किसी जीव के जीनों में परिवर्तन करने या उसके आनुवंशिक गठन में फेरबदल करने में किया जा सकता है।