"राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त": अवतरणों में अंतर
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जयद्रथ वध के बाद मैथिलीशरण गुप्त लोकप्रियता के शिखर पर थे लेकिन 1914 में भारत भारती ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहली जमात में बैठा दिया। भारत भारती गुप्त जी ने 1912 में ही पूरी कर ली थी लेकिन वो प्रकाशित हुई थी 1914 में। इस कविता में वो हिंदुस्तान के कठिन हालात के प्रति लोगों को कुछ इस तरह सावधान करते हैं।
<Poem>हम कौन थे, क्या हो गये हैं, और क्या होंगे अभी
आओ विचारें आज मिल कर, यह समस्याएं सभी
भू लोक का गौरव, प्रकृति का पुण्य लीला स्थल कहां
फैला मनोहर गिरि हिमालय, और गंगाजल कहां
संपूर्ण देशों से अधिक, किस देश का उत्कर्ष है
उसका कि जो ऋषि भूमि है, वह कौन, भारतवर्ष है</poem>
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