"अस्मितामूलक विमर्श और हिंदी साहित्य/दलित कविता": अवतरणों में अंतर

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तुम्हीं बताओ वह कैसे जीवित औ लहलहाते हरे रहेंगे?
जो चाहते हो कि शक्तिशाली हो एक दुनिया का देश भारत।
तो रोटी-बेटी से फिर 'हरिहर' कहो तो कब तक फिरे रहेंगे?}}</poem>