"अस्मितामूलक विमर्श और हिंदी साहित्य/आदिवासी कविता": अवतरणों में अंतर

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इन शुष्क सुमन-नयनों में।
आवेगा मिलने धीरे,
क्या सौरभ फिर सपने में?<ref>प्रलाप, संपादन - वंदना टेटे, प्यारा केरकेट्टा फाउंडेशन, राँची, प्रथम संस्करण - जनवरी 2017, आई॰एस॰बी॰एन॰ : 978-93-81056-68-4, पृष्ठ-134-35</ref></poem>
 
=== अनुज लुगुन ===