"समसामयिकी 2020/अंतरराष्ट्रीय संस्थान": अवतरणों में अंतर

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रूस, भारत तथा चीन के मध्य LAC पर उत्पन्न तनाव को कम करने में 'रचनात्मक संवाद’ (Constructive Dialogue) स्थापित करने में प्रमुख भूमिका निभा सकता है।
यहाँ ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि 15 जून को गलवान घाटी (Galwan Valley) में चीनी सैनिकों के साथ मुठभेड़ में कम-से-कम 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।
: RIC समूह के निर्माण का विचार BRICS समूह से बहुत पहले '''वर्ष 1998 में तत्कालीन रूसी विदेश मंत्री द्वारा दिया''' गया था। हालाँकि RIC समूह को उतना महत्त्व नहीं दिया गया जितना BRICS समूह को दिया गया है।
पृष्ठभूमि:
 
RIC समूह के निर्माण का विचार BRICS समूह से बहुत पहले वर्ष 1998 में तत्कालीन रूसी विदेश मंत्री द्वारा दिया गया था। हालाँकि RIC समूह को उतना महत्त्व नहीं दिया गया जितना BRICS समूह को दिया गया है।
यद्यपि तीनों देशों के नेताओं द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा जैसे बहुपक्षीय सम्मेलनों के दौरान बैठक का आयोजन किया जाता रहा है।
RIC का महत्त्व:-तीनों देश बहुपक्षीय संस्थानों जैसे संयुक्त राष्ट्र, विश्व व्यापार संगठन, वैश्विक वित्तीय संस्थानों में सुधार का समर्थन करते हैं। तीनों देश अंतर्राष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता को बढ़ावा देने के लिये सभी स्तरों पर नियमित रूप से वार्ता का समर्थन करते हैं।
तीनों देश BRICS, शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation- SCO), पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (East Asia Summit- EAS), एशिया-यूरोप बैठक (Asia-Europe Meeting- ASEM) जैसे साझा समूहों के माध्यम से आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने पर सहमत हैं।
तीनों देश यूरेशिया तथा एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक अवस्थिति के आधार पर वैश्विक शक्तियाँ हैं।
: भारत के लिये RIC का महत्त्व:-QUAD (भारत, अमेरिका, जापान तथा ऑस्ट्रेलिया) तथा JAI (जापान-अमेरिका-भारत) जैसे समूह भारत को केवल एक समुद्री शक्ति होने तक ही सीमित कर देंगे, जबकि RIC समूह वास्तव में भारत को महसागरीय शक्ति के साथ-साथ महाद्वीपीय शक्ति के रूप में उबरने में मदद कर सकता है।
भारत और चीन दोनों देशों के रूस के साथ बेहतर संबंध है ऐसे में रूस इन दोनों देशों के बीच सेतु का कार्य कर सकता है।
===‘गुट निरपेक्ष आंदोलन’ (Non-Aligned Movement- NAM) समूह===
COVID-19 महामारी के प्रबंधन में सहयोग की दिशा में 'NAM संपर्क समूह शिखर सम्मेलन' (NAM Contact Group Summit- NAM CGS) का आयोजन किया गया। इस ‘आभासी सम्मेलन’ की मेज़बानी '''अज़रबैजान''' द्वारा की गई तथा सम्मेलन में 30 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों और अन्य नेताओं ने शिखर सम्मेलन में भाग लिया।