"समसामयिकी 2020/अंतरराष्ट्रीय संस्थान": अवतरणों में अंतर

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बैठक में UNFCCC, क्योटो प्रोटोकॉल (वर्ष 1997-2012) और पेरिस समझौते के पूर्ण, प्रभावी एवं निरंतर कार्यान्वयन के महत्त्व को भी रेखांकित किया गया
 
===अबुधाबी में 19वें (दिसंबर 2019)इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन का आयोजन (Indian Ocean Rim Association-IORA)===
भारत ने हिंद महासागर से जुड़े तटीय देशों से समुद्री और क्षेत्रीय सुरक्षा हेतु गहरे संबंधों की मांग की है। IORA के इस मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में समुद्री सुरक्षा, व्यापार और निवेश की सुविधा, पर्यटन, सांस्कृतिक आदान -प्रदान, ब्लू इकोनॉमी तथा महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया है। '''संयुक्त अरब अमीरात वर्ष 2021 तक IORA के अध्यक्ष''' पद पर बना रहेगा इससे पहले यह पद दक्षिण अफ्रीका के पास था।
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की अध्यक्षता में इस सम्मेलन में सुझाव दिया गया है कि एक '''IORA विकास कोष (IORA Development Fund)''' की स्थापना की जाएगी। इसके फंड से हिंद महासागर रिम के कम विकसित देशों की आर्थिक क्षमता को सुधारने में मदद मिलेगी।
इस सम्मलेन की थीम- “हिंद महासागर में एक साझी नियति और समृद्धि की राह को प्रोत्साहन (Promoting a Shared Destiny and Path to Prosperity in the Indian Ocean)” है।
भारत पहले ही 20 देशों के साथ व्हाइट शिपिंग समझौतों पर हस्ताक्षर कर चुका है, यह समुद्री सुरक्षा के दृष्टिकोण से बहुत महत्त्वपूर्ण है।
: व्हाइट शिपिंग(White Shipping) का मतलब गैर-सैन्य वाणिज्यिक जहाज़ों की पहचान और आवाजाही के बारे में अग्रिम सूचनाओं को साझा करना और आदान-प्रदान करना है। सफेद रंग का कोड वाणिज्यिक जहाज़ों के लिये है, भूरा रंग कोड सैन्य जहाज़ों के लिये है और अवैध जहाज़ों को काले रंग के कोड से दर्शाया जाता है।व्हाइट शिपिंग समझौते के बाद, सफेद जहाज़ों के बारे में आपसी डेटा साझा किया जाता है। भारतीय नौसेना का सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र (गुरुग्राम) व्हाइट शिपिंग समझौते के लिये मॉडल केंद्र है।
भारत इस क्षेत्र में ब्लू इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिये IORA के सदस्य देशों सहित सोमालिया, ओमान और अन्य वाणिज्यिक मत्स्य क्षेत्र में अपने कौशल को साझा कर रहा है।
भारत मालदीव, श्रीलंका, सेशेल्स और बांग्लादेश आदि देशों के साथ मज़बूत समुद्री संबंधों को बढ़ावा देकर अपने सूचना तंत्र को विकसित कर रहा है।
IORA भारत के लिये बहुत महत्त्वपूर्ण है यही वजह है कि न केवल तटीय देशों बल्कि इस क्षेत्र में अन्य देशों के साथ भी भारत अपने संबंधों को मज़बूत करने के लिये प्रयासरत है।
===23 जून को रूस-भारत-चीन (RIC) समूह की 'आभासी बैठक' (Virtual Meeting) ===
रूस, भारत तथा चीन के मध्य LAC पर उत्पन्न तनाव को कम करने में 'रचनात्मक संवाद’ (Constructive Dialogue) स्थापित करने में प्रमुख भूमिका निभा सकता है। 15 जून को गलवान घाटी (Galwan Valley) में चीनी सैनिकों के साथ मुठभेड़ में कम-से-कम 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। तब से भारत के इस बैठक में भाग लेने को लेकर अनिश्चितता की स्थति बनी हुई थी।
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: भारत के लिये RIC का महत्त्व:-QUAD (भारत, अमेरिका, जापान तथा ऑस्ट्रेलिया) तथा JAI (जापान-अमेरिका-भारत) जैसे समूह भारत को केवल एक समुद्री शक्ति होने तक ही सीमित कर देंगे, जबकि RIC समूह वास्तव में भारत को महसागरीय शक्ति के साथ-साथ महाद्वीपीय शक्ति के रूप में उबरने में मदद कर सकता है।
भारत और चीन दोनों देशों के रूस के साथ बेहतर संबंध है ऐसे में रूस इन दोनों देशों के बीच सेतु का कार्य कर सकता है।
 
===‘गुट निरपेक्ष आंदोलन’ (Non-Aligned Movement- NAM) समूह===
COVID-19 महामारी के प्रबंधन में सहयोग की दिशा में 'NAM संपर्क समूह शिखर सम्मेलन' (NAM Contact Group Summit- NAM CGS) का आयोजन किया गया। इस ‘आभासी सम्मेलन’ की मेज़बानी '''अज़रबैजान''' द्वारा की गई तथा सम्मेलन में 30 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों और अन्य नेताओं ने शिखर सम्मेलन में भाग लिया।