"समसामयिकी 2020/अंतरराष्ट्रीय संस्थान": अवतरणों में अंतर

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- 20 समूह के राष्ट्रीय नेताओं द्वारा COVID-19 महामारी से निपटने की दिशा में एक वीडियो सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।
बेसिक (BASIC) देशों (ब्राज़ील, दक्षिण अफ्रीका, भारत और चीन) के पर्यावरण मंत्रियों का सम्मेलन बीजिंग (चीन) में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन के बाद पेरिस समझौते (वर्ष 2015) के व्यापक कार्यान्वयन के लिये एक बयान जारी किया गया।
 
प्रमुखमुख्य बिंदु:
इस आभासी सम्मेलन (Virtual Summit) का नेतृत्त्व सऊदी अरब, जो वर्तमान में (वर्ष 2020 के लिये) इस आर्थिक समूह के अध्यक्ष हैं, कर रहा है ।
किसी एक देश को प्रतिवर्ष इसके अध्यक्ष के रूप में चुना जाता है, जिसे 'G- 20 प्रेसीडेंसी' के रूप में जाना जाता है। अर्जेंटीना द्वारा वर्ष 2018 में तथा जापान द्वारा वर्ष 2019 में G- 20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की गई थी।
वर्ष 2020 के सम्मेलन में स्पेन, जॉर्डन सिंगापुर एवं स्विट्ज़रलैंड आमंत्रित देश के रूप में शामिल हो रहे हैं।
शामिल होने वाले प्रमुख समूह व देश:
इस G- 20 सम्मेलन में सदस्य राष्ट्रों के अलावा आमंत्रित देश-स्पेन, जॉर्डन, सिंगापुर एवं स्विट्जरलैंड, के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय संगठन- संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations), विश्व बैंक समूह (World Bank Group), विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation), विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation), खाद्य एवं कृषि संगठन (Food and Agriculture Organisation), अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) और आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (Organisation for Economic Cooperation and Development) के नेता शामिल होंगे।
वियतनाम दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ का, दक्षिण अफ्रीका अफ्रीकी संघ का, संयुक्त अरब अमीरात खाड़ी सहयोग परिषद तथा रवांडा अफ्रीका के विकास के लिये नई साझेदारी (New Partnership for Africa’s Development) का प्रतिनिधित्व करेगा।
भारत सरकार द्वारा नेतृत्त्व:
भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा प्रारंभ, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (South Asian Association for Regional Cooperation- SAARC) वीडियो शिखर सम्मेलन के बाद यह दूसरा आभासी नेतृत्त्व शिखर सम्मेलन (Virtual Leadership Summit) होगा।
15 मार्च 2020 को ‘सार्क आभासी शिखर सम्मेलन’ का आयोजन ‘सार्क COVID-19 आपातकालीन फंड’ के निर्माण हेतु किया गया था।
G- 20 आभासी शिखर सम्मेलन का आयोजन COVID-19 का सामना करने के लिये विस्तृत योजना बनाने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।
G- 20 समूह:
वर्ष 1997 के वित्तीय संकट के पश्चात् यह निर्णय लिया गया कि दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एक मंच पर एकत्रित होना चाहिये।
G-20 समूह की स्थापना वर्ष 1999 में 7 देशों-अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, फ्राँस और इटली के विदेश मंत्रियों द्वारा की गई थी।
G-20 का उद्देश्य:
G-20 का उद्देश्य वैश्विक वित्त को प्रबंधित करना है।
शामिल देश:
इस फोरम में भारत समेत 19 देश तथा यूरोपीय संघ भी शामिल है। जिनमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्राँस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।
'''G- 20 एक मंच के रूप में कार्य करता है न कि एक संगठन के रूप में, अत: इसका कोई स्थायी सचिवालय और प्रशासनिक संरचना नहीं है।'''
===बेसिक (BASIC) देशों (ब्राज़ील, दक्षिण अफ्रीका, भारत और चीन) के पर्यावरण मंत्रियों का सम्मेलन <u>बीजिंग (चीन)</u> में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन के बाद पेरिस समझौते (वर्ष 2015) के व्यापक कार्यान्वयन के लिये एक बयान जारी किया गया।===
इस सम्मेलन के बाद पेरिस समझौते (वर्ष 2015) के व्यापक कार्यान्वयन के लिये एक बयान जारी किया गया।
पेरिस समझौते पर प्रतिबद्धता व्यक्त करने के साथ ही मंत्रियों के समूह ने विकसित देशों से विकासशील देशों को 100 बिलियन डॉलर, जलवायु वित्त (Climate Finance) के रूप में प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने का भी आह्वान किया।
'''कोपेनहेगन समझौते- Copenhagen Accord {संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP-15) 2009 के दौरान स्थापित} के तहत विकसित देशों ने वर्ष 2012 से वर्ष 2020 तक प्रति वर्ष 100 बिलियन डॉलर देने का वादा किया था।'''इस फंड को हरित जलवायु कोष (Green Climate Fund- GCF) के रूप में जाना जाता है।
GCF का उद्देश्य विकासशील और अल्प विकसित देशों (Least Developing Countries) को जलवायु परिवर्तन के मुद्दों से समाधान में सहायता करना है।
इस फंड को हरित जलवायु कोष (Green Climate Fund- GCF) के रूप में जाना जाता है।
हालाँकि वर्तमान में विकसित देशों द्वारा '''केवल 10-20 बिलियन डॉलर''' की सहायता राशि प्रदान की जा रही है ।
GCF का उद्देश्य विकासशील और अल्प विकसित देशों (Least Developing Countries) को जलवायु परिवर्तन के मुद्दों से समाधान में सहायता करना है।
बैठक का आयोजन समान लेकिन विभेदित जिम्मेदारियाँ और संबंधित क्षमताएँ (Common but Differentiated Responsibilities and Respective Capabilities: CBDR-RC) के सिद्धांतों के आधार पर किया गया। बैठक में UNFCCC, क्योटो प्रोटोकॉल (वर्ष 1997-2012) और पेरिस समझौते के पूर्ण, प्रभावी एवं निरंतर कार्यान्वयन के महत्त्व को भी रेखांकित किया गया
हालाँकि वर्तमान में विकसित देशों द्वारा केवल 10-20 बिलियन डॉलर की सहायता राशि प्रदान की जा रही है ।
बैठक का आयोजन समान लेकिन विभेदित जिम्मेदारियाँ और संबंधित क्षमताएँ (Common but Differentiated Responsibilities and Respective Capabilities: CBDR-RC) के सिद्धांतों के आधार पर किया गया।
CBDR-RC संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (United Nations Framework Convention on Climate Change- UNFCCC) के तहत एक सिद्धांत है जो जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने में अलग-अलग देशों की विभिन्न क्षमताओं और अलग-अलग ज़िम्मेदारियों का आह्वान करता है।
बैठक में UNFCCC, क्योटो प्रोटोकॉल (वर्ष 1997-2012) और पेरिस समझौते के पूर्ण, प्रभावी एवं निरंतर कार्यान्वयन के महत्त्व को भी रेखांकित किया गया
 
===अबुधाबी में 19वें (दिसंबर 2019)इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन का आयोजन (Indian Ocean Rim Association-IORA)===
भारत ने हिंद महासागर से जुड़े तटीय देशों से समुद्री और क्षेत्रीय सुरक्षा हेतु गहरे संबंधों की मांग की है। IORA के इस मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में समुद्री सुरक्षा, व्यापार और निवेश की सुविधा, पर्यटन, सांस्कृतिक आदान -प्रदान, ब्लू इकोनॉमी तथा महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया है। '''संयुक्त अरब अमीरात वर्ष 2021 तक IORA के अध्यक्ष''' पद पर बना रहेगा इससे पहले यह पद दक्षिण अफ्रीका के पास था।