"समसामयिकी 2020/सीमावर्ती सुरक्षा": अवतरणों में अंतर
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शीतल सिन्हा (वार्ता | योगदान) |
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== सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation- BRO) ==
* BRO ने अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी ज़िले में '''सुबनसिरी नदी के ऊपर दापोरीजो (Daporijo) में 430 फीट लंबे बेली/बैली पुल''' का उन्नयन किया। अभी तक इस पुल का वज़न 24 टन था जिसे अपग्रेड करके 40 टन किया गया है, जिससे भारी वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित हो सकेगी।
* हाल ही में सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation- BRO) ने देश के बाकी हिस्सों से पंजाब के कासोवाल एन्क्लेव (Kasowal Enclave) को जोड़ने के लिये रावी नदी पर 484 मीटर लंबे एक नए स्थायी पुल का निर्माण किया है।▼
सीमा सड़क संगठन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में निर्मित इस रणनीतिक पुल के माध्यम से भारत- चीन के मध्य वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात लगभग 3,000 सैनिकों को पर्याप्त मात्रा में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति हो सकेगी और विवादित क्षेत्रों में आकस्मिकता के दौरान त्वरित सैन्य मदद सुनिश्चित कराई जा सकेगी।
यह पुल आसपास के लगभग 451 गाँवों में वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति की उपलब्धता को भी सुनिश्चित करने में मदद करेगा और ऊपरी सुबनसिरी ज़िले में बुनियादी ढाँचे के विकास में सहायक होगा।
यह पुल भारी तोपों का भार सहन करने में सक्षम है जिन्हें वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control- LAC) तक आसानी से पहुँचाया जा सकता है।
इस पुल का निर्माण सीमा सड़क संगठन, रक्षा मंत्रालय और अरुणाचल प्रदेश सरकार के बीच समन्वय एवं सहयोग से पूरा किया गया है।
रणनीतिक महत्त्व:-यह पुल सुबनसिरी नदी पर बने दो पुलों में से एक है जो अरुणाचल प्रदेश के दापोरीजो (Daporijo) क्षेत्र को शेष राज्य से जोड़ता है।
यह पुल और अरुणाचल प्रदेश के तामिन (Tamin) के पास निर्मित अन्य पुल इस क्षेत्र के 600 से अधिक गाँवों तथा वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के आसपास के 3000 सैन्य कर्मियों को मदद पहुँचाने में सक्षम है जिसमें '''असफिला (Asaphila) और माज़ा (Maza) विवादित क्षेत्र''' भी शामिल हैं। भारत-चीन के मध्य वर्ष 2017 में डोकलाम विवाद ने इस क्षेत्र में भी संवेदनशीलता बढ़ा दी थी। भारत और चीन के मध्य वास्तविक नियंत्रण रेखा की लंबाई 3488 किलोमीटर है जिसमें 1126 किलोमीटर अकेले अरुणाचल प्रदेश के साथ संबद्ध है।
: सुबनसिरी नदी का उद्गम तिब्बत के हिमालयी क्षेत्र से होता है। यह भारत में अरुणाचल प्रदेश से होती हुई दक्षिण में असम घाटी तक बहती है जहाँ यह लखीमपुर ज़िले में ब्रह्मपुत्र नदी में मिलती है। इसे ‘स्वर्ण नदी’ भी कहा जाता है और यह अरुणाचल प्रदेश में '''ब्रह्मपुत्र की सबसे बड़ी सहायक नदी''' है। सुबनसिरी नदी को ‘व्हाइट वॉटर राफ्टिंग’ (White Water Rafting) के लिये भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण नदियों में से एक माना जाता है।
इसकी सहायक नदियाँ सिए (Sie) और कमला (Kamla) हैं।
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इस पुल की निर्माण लागत 17.89 करोड़ रुपए (आवागमन मार्ग को छोड़कर) है।
इस पुल के निर्माण से पहले लगभग 35 वर्ग किलोमीटर का यह क्षेत्र (कासोवाल एन्क्लेव) सीमित भार क्षमता के पंटून पुल के माध्यम से जुड़ा था।
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