"समसामयिकी 2020/अंतरराष्ट्रीय संस्थान": अवतरणों में अंतर

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ईरान, इराक, कुवैत, सऊदी अरब और वेनेज़ुएला इस संगठन के पाँच संस्थापक सदस्य हैं।
OPEC के अनुसार, इस संगठन का उद्देश्य पेट्रोलियम उत्पादकों के लिये उचित और स्थिर कीमतों को सुरक्षित करने, उपभोक्ता राष्ट्रों को पेट्रोलियम की एक कुशल, किफायती तथा नियमित आपूर्ति एवं तेल उद्योग में निवेश करने वालों के लिये एक उचित लाभ को सुनिश्चित करने हेतु सदस्य देशों की पेट्रोलियम नीतियों के समन्वय और एकीकरण को बढ़ावा देना है।
===जिन लिक्यून को पाँच वर्षों के दूसरे कार्यकाल के लिये चीन स्थित ‘एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक’(Asian Infrastructure Investment Bank- AIIB) के अध्यक्ष पद हेतु पुनः निर्वाचित किया गया===
=== भारत और एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक (AIIB)===
जिन लिक्यून के अनुसार, AIIB द्वारा एक 'गैर राजनीतिक संस्था' के रुप में भारत में परियोजनाओं को जारी रखा जाएगा।
चीन स्थित एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक ने भारत को गरीब एवं कमज़ोर परिवारों पर COVID-19 महामारी के प्रतिकूल प्रभाव से निपटने में मदद करने के लिये '''750 मिलियन डॉलर''' के ऋण को मंज़ूरी दी है।
बैंक के प्रबंधन द्वारा राजनीतिक दृष्टि से नहीं बल्कि आर्थिक और वित्तीय दृष्टिकोण से प्रस्तावित परियोजनाओं का निरीक्षण किया जाएगा।
 
=== :भारत और एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक (AIIB)===:-
भारत द्वारा इस ऋण राशि का प्रयोग अनौपचारिक क्षेत्र समेत देश भर के सभी व्यवसायों की वित्तीय स्थिति को मज़बूत करने, ज़रूरतमंदों के लिये सामाजिक सुरक्षा जाल का विस्तार करने और देश की स्वास्थ्य प्रणालियों को मज़बूत करने की दिशा में किया जाएगा।
इसकेचीन पूर्व हाल ही मेंस्थित एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंटइनवेस्टमेंट बैंक (AIIB) ने भारत को गरीब एवं कमज़ोर परिवारों पर COVID-19 महामारी के प्रतिकूल प्रभाव से मुकबलानिपटने में मदद करने के लिये 500'''750 मिलियन डॉलर''' काके ऋण दियाको मंज़ूरी दी है। भारत था।द्वारा नएइस ऋण राशि का प्रयोग अनौपचारिक क्षेत्र समेत देश भर के साथसभी हीव्यवसायों भारतकी वित्तीय स्थिति को दियामज़बूत गयाकरने, AIIBज़रूरतमंदों के लिये सामाजिक सुरक्षा जाल का कुलविस्तार ऋणकरने 3.06और बिलियनदेश डॉलरकी परस्वास्थ्य पहुँचप्रणालियों गयाको है।मज़बूत करने की दिशा में किया जाएगा।
: वर्ष 2016 में स्थापित AIIB के 57 संस्थापक सदस्यों में से भारत एक है।इसका '''मुख्यालय चीन की राजधानी बीजिंग''' में स्थित है।
विश्व बैंक के अनुसार, भारत में 270 मिलियन लोग गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं और लगभग 81 मिलियन लोग घनी आबादी वाली झुगी-बस्तियों में रहते हैं, जिसके कारण ये लोग स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित रहते हैं।
भारत, AIIB में चीन (26.06%) के बाद दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक (7.62% वोटिंग शेयर के साथ) है।
देश में आर्थिक गतिविधियाँ पूरी तरह से रुक गई हैं, जिसके कारण देश भर के अधिकांश गरीब परिवार इस महामारी के प्रति काफी संवेदनशील हो गए हैं, खासकर महिलाएँ, जिनमें से कई अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत हैं।
भारत द्वारा AIIB से 4.35 बिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण प्राप्त किया गया है जो किसी भी देश द्वारा प्राप्त ''सबसे अधिक ऋण राशि ''है।
: एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक एक बहुपक्षीय विकास बैंक है जिसका उद्देश्य एशिया में सामाजिक और आर्थिक परिणामों को बेहतर बनाना है। वर्ष 2016 में इसने अपना परिचालनशुरू किया था और इसका '''मुख्यालय चीन की राजधानी बीजिंग''' में स्थित है। वर्तमान में AIIB के कुल 102 सदस्य हैं। एशिया में स्थायी बुनियादी ढाँचे और अन्य संबंधित क्षेत्रों में निवेश करने से एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक (AIIB) आम लोगों, सेवाओं और बाज़ारों को बेहतर ढंग से जोड़ने का प्रयास करता है।
AIIB द्वारा अब तक 24 देशों में 87 परियोजनाओं को वित्तपोषित करने के लिये 19.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण को मंज़ूरी दी है। तुर्की 1.95 बिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ ऋण प्राप्ति में दूसरे स्थान पर है।
AIIB का वास्तविक लक्ष्य संपूर्ण एशिया में चीन के राजनीतिक कद का विस्तार करना है।
AIIB द्वारा भारत में ऊर्जा, परिवहन एवं पानी जैसे क्षेत्रों के अलावा बंगलुरु मेट्रो रेल परियोजना (USD 335 मिलियन), गुजरात में ग्रामीण सड़क परियोजना (USD 329 मिलियन) तथा मुंबई शहरी परिवहन परियोजना के चरण-3 (500 मिलियन अमेरिकी डॉलर) परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिये मंज़ूरी दी गई है।
हाल ही में एक आभासी बैठक में भारत द्वारा यह कहा गया कि COVID-19 संकट के दौरान AIIB से अपेक्षा की जाती है यह एआईआईबी पुनर्प्राप्ति प्रतिक्रिया (AIIB’s Recovery Response) अर्थात ‘क्राइसिस रिकवरी फैसिलिटी’ द्वारा सामाजिक बुनियादी ढाँचे को विकसित करने तथा जलवायु परिवर्तन एवं सतत् ऊर्जा संबंधी बुनियादी ढाँचे के विकास को एकीकृत करने के लिये नए वित्त संसाधनों को उपलब्ध कराए।
 
===46वें G-7 शिखर सम्मेलन की मेज़बानी संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ===