"समसामयिकी 2020/पर्यावरण और भारत": अवतरणों में अंतर
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COP-13 सम्मेलन में पूर्वी अफ्रीका के देश इथिओपिया (Ethiopia) ने CMS द्वारा प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिये स्थापित ‘CMS एमओयू ऑन कंजर्वेशन ऑफ माइग्रेटरी बर्ड्स ऑफ प्रे इन अफ्रीका एंड यूरेशिया’ नामक समझौते पर हस्ताक्षर किये गए, इस समझौते को ‘रैप्टर समझौता-ज्ञापन (Raptor MOU)’ के नाम से भी जाना जाता है। यह समझौता अफ्रीका और यूरेशिया क्षेत्र में प्रवासी पक्षियों के शिकार पर प्रतिबंध और उनके संरक्षण को बढ़ावा देता है। भारत ने मार्च 2016 में इस समझौते पर हस्ताक्षर किये थे।
COP-13 में भारत की भूमिका
COP-13 समेलन में CMS के ‘चैंपियन प्रोग्राम’(Champion Programme) के तहत भारत को ‘स्माल ग्रांट्स प्रोग्राम’ (Small Grants Program) के लिये अवार्ड से सम्मानित किया गया।
इस सम्मेलन के बाद भारत को अगले तीन वर्षों के लिये COP का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
भारत सेंट्रल एशियाई फ्लाईवे (CAF) के मुद्दे का नेतृत्व करते हुए CAF के लिये एक फ्रेमवर्क का निर्माण करेगा।
== पर्यावरण प्रभाव आकलन ==
NGT) ने असम के ‘डिब्रू-सैखोवा राष्टीय उद्यान’ में प्रस्तावित सात उत्खनन ड्रिलिंग साइटों को पर्यावरणीय मंज़ूरी दिये जाने पर संबंधित संस्थाओं/इकाइयों से जवाब तलब किया है।
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