"हिंदी भाषा और साहित्य ख/पदावली": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति ३१:
णाच्याँ गावाँ ताल बजावाँ, पावाँ आणंद हाँसी।
णन्द जसोदा पुत्र री, प्रगटयाँ प्रभु अविनासी।
पीताम्बर
मीराँ रे प्रभु गिरधर नागर, दरसण दीज्यो दासी।।6।।
</poem>
|